भैया की तेल मालिश – छोटी बहन की चुदाई की कहानी

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Bhai Bahan ki Real Sex Story – दोस्तों मेरा नाम कविता है, मैं 18 साल की हु, मैं अभी कॉलेज में पढ़ती हु, मेरे घर में मैं मेरा भाई, पापा और मम्मी है. ये कहानी परसों की ही है. उसी दिन मेरे भैया मुझे रात भर चोदा, मैं मालिश करने लगी भैया के गठीले बदन को और पता भी नहीं चला कब उनके जिस्म के आगोस में आ गई और अपना चूत दे बैठी, और वो भी बहनचोद निकला मुझे रात भर चोदा, मैं आपको पूरी कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे बता रही हु.

ये परसों की बात है, मेरे मम्मी और पापा दोनों नानी घर गए थे, घर में मैं और मेरा भाई सुमित था, सुमित भैया २१ साल के है. वो क्रिकेट खिलाडी है. वो ज्यादा समय मैच खेलने में ही लगाते है. वो डिस्ट्रिक्ट लेबेल पर खेलते है. उस दिन क्रिकेट के मैच में कैच लेने के चक्कर में एक दूसरे खिलाड़ी से टकरा गए थे.

इसलिए उनके पीठ में चनक आ गया था. घर में मम्मी थी नहीं इसलिए मैंने कहा भैया आप डॉक्टर दिखा लो. अभी तो तीन भी बजे है. भैया बोले नहीं नहीं कोई बात नहीं, ठीक हो जायेगा. तुम सरसों का तेल गरम के के उसमे लहसून डाल कर मेरे पीठ पर मालिश कर दो, दर्द से आराम हो जायेगा, पिछले महीने भी तो लगा था मम्मी मालिश कर दी थी एक घंटे में ही ठीक हो गया था. मैंने कहा ठीक है और तेल गरम कर के ले आई.

भैया अपना बनियान खोल कर पलंग पर लेट गए, मैं पलंग पर बैठ गई और उनके पीठ पर मालिश करने लगी. दोस्तों क्या बताऊँ, गठीला बदन, और जवान लड़के को पहली बार ऐसा मालिश कर रही थी. तो मेरी चूत गीली होने लगी. मैं ध्यान भटकाने की कोशिश करने लगी. क्यों की मैं अपने रिश्ते की अहमियत को समझती थी.

इसलिए मैंने फिर इधर उधर की बात करने लगी. भैया भी हां में हां मिला रहे थे. उसके बाद वो वापस सीधा हो गए. दोस्तों आप विस्वास नहीं करेगे, उनका पजामा तम्बू बना हुआ था. उनका मोटा लंड खड़ा हो गया था. वो मेरी बड़ी बड़ी गोल गोल चूचियों को निहार रहे थे. और मेरे होठो को घूर रहे थे. मुझे लगा की इनको भी मेरे जैसा ही वासना का परवान चढ़ गया है.

उसके बाद भैया बोले कविता एक चिज बताओ. क्या गर्ल फ्रेंड होना जरुरी है? मैंने बोली आज कल का ज़माना ऐसा है की जिसके पास गर्ल फ्रेंड या बॉय फ्रेंड नहीं है उसकी कोई इज्जत उसके दोस्तों में नहीं है. आज कल तो ये होना स्टेटस की बात हो गई है. उसके बाद भैया बोले . एक बात बता आज मैं तुमसे एक बात पूछना चाहता था. तुम मम्मी पापा को नहीं बताना. मैंने कहा नहीं बताऊगी. तो वो बोले चन्दन को जानती है.

मैंने कहा कौन चन्दन जीना मोड़ के पास घर है. वो लंबा लड़का. भैया बोले हां वो मेरा दोस्त चन्दन, मैंने कहा हां मैं समझ गई. तो भैया बोले उसकी बहन पुष्पा को देखा है तुमने. मैंने कहा हां उसको मैं बहूत ही अछि तरह से जानती हु, वो रीमा की बेस्ट फ्रेंड है. तो भैया बोले, आजकल पुष्पा मुझे लाइन दे रही है.

मैं अवाक् रही गई. मैं नहीं चाहती थी की पुष्पा के चक्कर में भैया रहे, मैंने कहा भैया आप बिल्कुल भी पुष्पा के साथ कोई भी दोस्ती नहीं करेंगे. मैंने कहा मैं अछि तरह से जानती हु, वो ठीक लड़की नहीं है. वो चार चार लड़के से बहूत कुछ करवा चुकी है. दोस्तों मेरे से ये बात फिसल गई.

भैया बोले तुम क्या कह रही हो? करवा चुकी है? मैंने कहा हां भैया मेरी दोस्त रीमा मुझे सब कुछ बताते रहती है उसके कैरेक्टर के बारे में., वो पहले भी रवि के साथ सम्बन्ध में थी और वो प्रेग्नेंट हो गई थी. गुप्ता नरसिंग होम में उसका एबॉर्शन हुआ है.

भैया बोले अच्छा हुआ तुमने मुझे उस चुड़ैल की चंगुल से बचा ली, और भैया मुझे अपने गले से लगा लिए. मैंने उनके सीने से चिपकी हुई थी. मेरी चूचियां दबाब से बाहर आ गई थी. आपको तो पता है. मैं पहले ही पानी पानी थी. उसके बाद वो मेरे पीठ को सहलाने लगे. और फिर क्या हुआ दोस्तों क्या बताऊँ.

मुझे तो जरा भी शर्म नहीं आ रही है आप लोगो के सामने अपनी इस चुदाई की कहानी सुनाने में नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे . दोस्तों उनोने मेरे होठ को अपने होठ से लॉक कर लिया और मेरे निचले होठ को चूसने लगे. मैं अब कुछ भी नहीं कर पा रही थी. मुझे लग रहा था की इससे बढ़िया कुछ हो नहीं सकता. और फिर मैंने भी भैया के होठ को चूमने लगी.

बात बढ़ गई और धीरे धीरे वो मेरी चूचियों को दबाने लगे. और और फिर मेरे सारे कपडे उतार दिए, दोस्तों मेरी चूचियां जो की 34 के साइज की है. वो मसलने लगे. और मैं सिसकियाँ भरती हुई, उनके अपने जिस्म से सटा रही थी. अब कमरे में आह आह की आवाज गूंजने लगी.

और वो मुझे निचे लिटा दिए और खुद ऊपर होक, मेरे पैरो को अलग अलग कर दिया, मैंने उसकी दिन अपने चूत के सारे बाल को काटे थे. इसलिए चूत मेरी एक डैम साफ़ सुथरी थी. वो देखते ही बोले, आह क्या माल है तू, ओह्ह्ह्ह और वो मेरे चूत को चाटने लगे. मुझे सिहरन सी होने लगी, जब वो जीभ चूत में बिच में रखते तो मैं पानी पानी हो जाती और चूत से गरम गरम पानी छोड़ देती. उसके बाद ऊपर आये और मेरी चूचियों के निप्पल को पिने लगे.

मैं होशो हवास खो चुकी थी. मेरी आँखे लाल हो गई थी. मेरी चूची के निप्पल एक दम कड़े हो गए थे. मुझे लगा रहा था, की क्या करूँ भैया के लंड के साथ, और मैं तुरंत ही भैया को ऊपर और की और उनके लंड को अपने मुह में ले ली. और चूसने लगी. भैया के लंड से थोड़ा सा वीर्य निकल गया था.

वो मुझे नमकीन लगा और बहूत मजा आया. और फिर करीब पांच मिनट चूसने के बाद. भाया बोले अब मुझे चोदने दे. मैंने कहा तो रोका मैंने कब था आपको. ये आपकी चीज है आप जो करें, और फिर उन्होंने मेरे दोनों पैर को अलग अलग किया, और अपने चूत के बिच में अपने लंड को सेट किया और जोर से धक्का मारा दोस्तों पूरा का पूरा लंड मेरी गीली चूत के अंदर प्रवेश कर गया.

मैं दर्द से छटपटा गई, मेरी चूत फट चुकी थी. वो अब मेरी चूत में अपने मोटे लंड से पेलने लगा. और मैं चिल्लाने लगी. वो आह आह करता और जोर से मेरी चूत में अपना मोटा लंड घुसेड़ देता. मैं कराह रही थी और वो मुझे चोद रहा था. करीब १० मिनट के बाद ही मेरा सारा दर्द ख़तम हो गया और मैं भी अपना गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी. फिर क्या था कभी मैं निचे कभी वो निचे, जितने भी पोजीशन होते है बेस्ट चुदाई का सब आज माँ ली. और करीब दो घंटे चुदने के बाद हम दोनों निढाल हो गए. और एक दूसरे के पकड़ कर सो गए.

करीब शाम को सात बजे उठे. भैया फिर से मेरे होठ को चूमा और मेरी चूचियों को सहलाया, और बोले की मैं अभी मार्किट से आ रहा हु, खाना बाहर का खायँगे, भैया बाहर चले गए. खाना लेके आये. और दोनों मिल कर खाना खाया, तभी मेरी नजर टेबल पे पड़ी एक पैकेट पे पड़ी, मैंने पूछा ये क्या है तो वो बोले की ये, वियाग्रा है.

मैं समझ गई की आज रात मुझे खूब पेलने बाला है वियाग्रा खा कर. मैंने भी खुश हो गई और फिर क्या था दोस्तों, उहोने वो टेबलेट खाई, और फिर से वो लगे मुझे चोदने, अब तो वो टेबलेट खा कर रुक ही नहीं रहे थे वो बिलकुल पोर्न मूवी में जैसे चोदता है वैसे ही वो मुझे चोदने लगे. और फिर रात बार चुदी,

खूब चोदा मेरे भाई ने मुझे, सुबह मैं ठीक से चल भी नहीं पा रही थी क्यों की मेरी चूत काफी सूज चुकी थी. पर मजा बहूत आया था.

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