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Maa bete ki chudai sex story:- सभी रीडर्स को मेरा नमस्कार….आप सब के लिए एक हॉट स्टोरी लेके आया हूँ….ये स्टोरी मेरे और मेरी माँ के बीच हुई माँ बेटे की चुदाई की है..यह स्टोरी कुछ सच्ची और कुछ काल्पनिक हैं.. यह स्टोरी थोड़ी लम्बी हो सकती है.. आप लोग फील लेके पढ़ना.. मैं आपको मेरी फ़ैमिली के बारे में बता दूँ, हम लोग गुवाहाटी में रहते हैं फ़ैमिली में सिर्फ मैं और मेरी माँ हैं.. मेरे पापा की कोविड में डेथ हो गयी थी और अब हम सिर्फ मैं और मेरी माँ ही घर में रहते हैं। मैं अब आपको मेरे और मेरी माँ के बारे में बताता हूँ.. मैं अविनाश शर्मा हूँ और मेरी उम्र 25 साल है, हाइट 5 फुट 8 इंच हैं और रंग गोरा है.. मेरी माँ का नाम सुमित्रा शर्मा है और मेरी माँ की उम्र करीब 43 साल हैं.. लेकिन 35 की लगती है और हाइट 5 फुट 5 इंच हैं और उनका फिगर 36-32-38 हैं। वो एक सिंपल हाउसवाइफ है वो ज्यादातर साड़ी और कुर्ती पहनती है। वो बहुत ज्यादा सुन्दर हैं कोई भी उन्हें देख के चोदना चाहेगा.. जब वो चलती है तो उनके बूब्स और चौड़ी फैली हुई गांड हिलती है।
Maa bete ki chudai sex story
हम लोग का फ़ैमिली रिच हैं, मेरे पापा और माँ का लव मैरिज हुआ था। माँ जब 18 साल की थी बरहवीं की पढाई कर रही थी, तब पापा के साथ भाग के शादी की थी. इसी वजह से पापा और माँ असम आके सेटल हो गए.. मेरे मन में मेरी माँ के लिए सिर्फ रेस्पेक्ट और प्यार था. जब मैंने बारहवीं कम्पलीट किया तो पापा ने मुझे अब्रॉड इंजीनियरिंग करने भेज दिया. पापा एक बिज़नेसमैन थे. हमारा फेब्रिकेशन शॉप और एक शॉपिंग मॉल था. अक्सर पापा ज्यादा टाइम फेब्रिकेशन शॉप पर रहा करते थे और घर पे अकेली माँ ही रहती थी. जब मै इंजीनियरिंग करने बाहर चला गया तब मै घर पे एक सिक्योरिटी स्पाई कैमरा लगा के आ गया था ताकि घर का सिक्योरिटी बना रहे. कॉलेज आया तो पहले कोई मेरा दोस्त नहीं था इसीलिए जब भी टाइम मिलता मै माँ के साथ फ़ोन पे बातें करता रहता था। वहां का हाल चाल पूछ लेता था. मेरे दोस्त न होने के कारण मैं मेरे रूम पे अकेले इंटरनेट से एडल्ट स्टोरी और पोर्न वीडियो देखा करता था. मुझे मज़ा आने लगा धीरे धीरे मेरा ध्यान मैच्योर लेडीज की तरफ गया और मुझे वो बहुत अच्छी लगने लगी जैसे मॉम सन टाइप की.. मै सेकंड ईयर कम्पलीट कर चुका था.. तब कोरोना की महामारी शुरू हो चुकी थी. मेरा क्लास वगैरह सब ऑनलाइन चल रहा था. बाहर लॉकडाउन भी लग चुका था.
इसी बीच घर में पापा और माँ दोनों कोविड का शिकार हो चुके थे. अचानक माँ का कॉल आया. जैसे ही मैंने कॉल रिसीव किया. माँ की रोने की आवाज़ आने लगी.
माँ- बेटा.. तेरे पापा अब नहीं रहे!
ये सुनते ही मेरा दिमाग सुन्न हो गया.. मेरा सर चकरा गया.. ये मुझे उम्मीद नहीं थी.. मैंने जैसे तैसे कर के माँ को संभाला.. वह टाइम ऐसा था की अगर किसी की कोविड में डेथ हो जाए तो उसकी बॉडी को फ़ैमिली वालों को नहीं दिया जाता था.. डेथ पर्सन का सारा क्रिया क्रम सोशल वर्कर/मेडिकल की टीम के लोग कर देते थे और उनकी अस्थियां घर वालों को सौंप देते थे. लॉकडाउन के वजह से फ्लाइट भी बंद हो चुका था.. मुझे भी बहुत दुःख हुआ.. घर भी जा नहीं पाया.. मै ये सोच में पड़ गया की पापा का बिज़नेस कैसे चलाया जाएगा.. मेरी पढाई भी कम्पलीट नहीं थी, उधर माँ भी घर पे पूरी अकेली पड गयी थी. मुझे इतनी पढाई कर के घर लौटने का मन कर रहा था, ताकि घर के हालात संभाल सकू. लेकिन माँ ने अपनी पढाई खत्म कर के आने को बोला.. मुझे माँ के बारे में चिंता हो रही थी. Maa bete ki chudai sex story
माँ- बेटा तू मेरी चिंता मत कर, मेरी किस्मत ही ख़राब लिखी गयी थी इसीलिए आज ये दिन देखना पड रहा है.
जैसे तैसे थर्ड ईयर ख़तम हुआ, लॉकडाउन कुछ कम कर दिया गया था फिर भी फ्लाइट की शुरुवात हुयी नहीं थी. पापा की मौत को 1 साल भी हो चुका था. .पापा के जाने के दुःख से माँ कुछ नार्मल सी होने लगी थी. मैंने माँ से पूछा वहां घर पे कोई प्रॉब्लम तो नहीं है, तो वह बोली–
माँ – नहीं बेटा तेरे पापा कुछ पैसे घर पे रखे थे उसी से घर चला लेती हूँ बाकी बिज़नेस का पैसा अभी कुछ घाटा हो चुका है लॉकडाउन की वजह से..
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शॉपिंग मॉल बंद हो चुका था और फेब्रिकेशन शॉप भी..
माँ मुझसे बोली की वो बस अकेली घर पे रह कर बोर हो रही है..
मैंने बोला माँ बस और 1 साल इंतज़ार कर लो, मेरा पढाई खत्म हो जाएगा तो मै इंडिया वापस लौट आऊँगा।
इसी बीच मेरा क्या मन हुआ मै एक दिन मेरे घर में लगा के आया कैमरा को चेक करने लैपटॉप खोला, तो नज़ारा देख के हैरान हो गया. माँ सोफे पे बैठ के टीवी देख रही थी शायद कोई गाना चल रहा था(टिप टिप बरसा पानी ). माँ की नाइटी कमर तक ऊपर उठी हुयी थी. माँ वो सांग देख के एन्जॉय कर रही थी. अचानक माँ अपना हाथ अपने बूब्स पे रख कर मसलने लगी. मै ये सब देख के हैरान हो गया की एक सिंपल औरत की यह हरकतें. अब मैंने सोच लिया की इस सीन का मजा लिया जाए और वह भी लाइव फुटेज और इस सीन की हेरोइन कोई और नहीं खुद मेरी माँ थी.. जैसे ही गाना खत्म हुआ…माँ टीवी ऑफ कर दी और उनके बैडरूम की और जाने लगी. तो मैंने दूसरी डायरेक्शन वाला कैमरा ऑन कर दिया जिससे मै माँ के रूम का नज़ारा देख सकू.. माँ रूम में आके अपने बेड पे लेट गयी, तो मैंने कैमरा की वॉइस भी ऑन कर दी ताकि माँ की आवाज़ भी सुन सकू. माँ ने अपनी नाइटी उतार दी. अब सिर्फ उनकी बॉडी पे ब्रा और पैंटी थी वो भी पुराने वाले सिंपल टाइप की.. इधर मैंने भी अपनी टी-शर्ट और शॉर्ट्स उतार दी.. मै माँ को पहली बार सेमि न्यूड देख रहा था. जितनी सुन्दर वो चेहरे से दिखती थी, उनका बदन भी उससे कुछ ज्यादा सुन्दर था. बड़ी गांड और बड़े बड़े बूब्स.
माँ ने पापा के फोटो की तरफ फेस कर रखी थी. उनके फेस पे उदासी आ चुकी थी और पापा के फोटो को देख के इमोशनल होते हुए बोलने लगी।
माँ- मेरी ही किस्मत ख़राब लिखी हुई थी जो मै अकेली इस घर मे रह गयी, आप तो बहुत जल्दी मुझे छोड़के चले गए, मेरे इस बदन की गर्मी को कौन मिटाएगा? मुझे तो आप कब का प्यासी बना चुके थे. जब से आपको डायबिटीज हुआ, बस मेरे दूध के साथ खेल के आप संतुस्ट हो जाते थे. आप को पता भी है मै 10 साल से कितनी प्यासी हूँ, आप से अच्छी सी चुदाई का सुख भी नहीं मिला, मन कर रहा है किसी तगड़े मर्दानी लंड से अपनी चूत की प्यास बुझा लूँ।
माँ की जुबां से यह बातें सुन कर मै हैरान रह गया.
माँ- आप मुझे इस दुनिया में प्यासी छोड़ के चले गए, मन तो कर रहा है किसी से चुदवा लूँ. वैसे भी घर पे मै अकेली ही रहती हूँ, बेटे को तो आपने भेज दिया है बाहर. अगर मै किसी से चुदवा लूँ तो किसी को फर्क भी नहीं पड़ेगा।
इसी बीच माँ ने अपनी ब्रा खोल के फ़ेंक दी. ओह क्या नज़ारा था ऐसा लग रहा था जैसे माँ के बड़े बड़े बूब्स कब से इंतज़ार में थे ब्रा से बाहर आने के लिए. इधर मेरे लंड में भी हलचल चालू हो चुकी थी. मै भी सोचने लगा की माँ अगर किसी दूसरे बाहरी आदमी से चुद गयी तो मेरी फ़ैमिली की बदनामी होगी. इसी बीच वहां से आवाज़ आने लगी आहह! आहह! तो मैंने देखा माँ अपने दोनों बड़े बूब्स को मसल रही थी और बोलने लगी.. Maa bete ki chudai sex story
माँ – आप तो इनको रोज़ दबा दबा के कितने बड़े कर गए लेकिन अब कौन इन्हे मसलेगा”!
यह कह के वह अपने बूब्स को और जोर जोर से मसलने लगी।
माँ-किसी बाहरी आदमी से चुदवाउंगी तो सब मुझे रंडी समझने लगेंगे, हमारी घर की बदनामी होगी. इससे ये अच्छा है की मै अपने हाथ से ही काम चला लेती हूँ.
अब माँ ने अपनी पैंटी निकालके फ़ेंक दी. उनका एक हाथ एक बूब्स पे और एक हाथ उनकी चूत पे था. अब माँ पूरी नंगी बेड पे टाँगे फैला के लेटी थी. माँ के गोरे नंगे जिस्म को देख के मेरा भी बुरा हाल हो गया था. पहली बार मै माँ को न्यूड देख रहा था. मेरा तो मन कर रहा था अगर मै घर पे रहता तो तुरंत माँ को चोद देता. मुझे बस और 1 साल का इंतज़ार था। मै अब चूत पे ऊँगली चला रही थी और एक हाथ से बूब्स को मसल रही थी. इधर मै अपना लंड हाथ से हिला रहा था. अब माँ ने 2 ऊँगली चूत में घुसा दी. उनकी चूत थोड़ी गीली हो चुकी थी. वो ऊँगली निकालके कुछ देर चूत रगड़ रही थी और बूब्स मसल रही थी. मै यह सब लाइव देख रहा था. यह बात माँ को नहीं पता थी। अब माँ 2 उँगलियों से जोर जोर से अंदर बाहर करने लगी थी, इधर मै माँ का सीन देख के हिला रहा था. कुछ 10-15 मिनट के बाद माँ की चूत से पानी निकल गया। मै भी जोर जोर लंड हिला के मेरा पानी झाड़ लिया. माँ का पानी निकलने के बाद वो बाथरूम की ओर भागी. साफ़ होक नाइटी पहनने लगी और सो गई। मेरे मन में जो माँ के लिए प्यार था वो अब बदलने लगा, वो अब मुझे एक सेक्सी प्यासी औरत लगने लगी. मुझे अब यह तो पता चला की माँ कितनी प्यासी है, जो 15-16 साल से वो ठीक से चुदी नही। मैंने मन ही मन सोच लिया कि कैसे भी माँ को पटा के सेक्स करूँगा.
Man bete ki chudai ki kahani
मैं उनकी हर चीज को बड़े गौर से नोटिस करने लगा. मैं आपको एक बात बताना भूल गया की मुझे पोर्न देखते देखते फैंसी ब्रा पैंटी और हाई हील्स मॉडर्न ड्रेसेस का बड़ा शौक हो गया था. मुझे वो बहुत अच्छे लगते और हाँ लॉन्ग नेल्स पेंट के साथ. मगर मेरी माँ तो सिंपल सी रहती थी. वो तो सिंपल साड़ी और कुर्ती रात को जब मन करे नाइटी पहनती थी और पूरा दिन भी। अगले दिन उसी टाइम पे मै फिर कैमरा चेक करने लगा तो फिर वही नज़ारा देखा, माँ अपने बेड पे लेटके डोगी पोज़ में पीछे से गाजर लेके अंदर बाहर कर रही थी. तो मैंने सोचा क्यों न इसी बीच माँ को फ़ोन कॉल कर दूँ. मै अपना फ़ोन लेके कॉल करने लगा. उधर माँ के फ़ोन पे रिंग होने लगी. तब जाके माँ को होश आया और उन्होने आखें खोली और कॉल रिसीव करने लगी। लेकिन वो अब लाउडस्पीकर ऑन कर के बात करने लगी और एक हाथ से पीछे से गाजर को अंदर बाहर चालू रखी थी.
मै-हेलो माँ! कैसी हो आप?
माँ – हेलो! बेटा! इतनी रात को कैसे कॉल किया? सब ठीक तो हैं?
मै-हाँ माँ सब ठीक है बस तुम्हारी याद आ रही थी.
माँ- हाँ बेटा मुझे भी तेरी बहुत याद आ रही हैं।
मै- तो माँ क्या मै घर वापस आ जाऊ?
माँ-आ जाने से मेरी मदत कर लेगा क्या? चल छोड़..तू पढाई ख़तम कर के ही वापस आना. यह तेरे पापा की इच्छा थी।
मै सोचने लगा जरूर मदद कर लेता चूत का ख्याल रखने में।
मै- हाँ माँ क्यों नहीं, जैसे ही फ्लाइट सेवा शुरू होगी मै तुम्हे लेने आ जाऊंगा.
माँ-क्या सच में?
मै- हाँ माँ!
उधर माँ गाजर से चूत मरवाते हुए मेरे साथ बात कर रही थी. तो बीच बीच में जब जोर से अंदर ले जाती तो मुंह से आवाज़ आ जाती थी. आह्ह्ह! आह्ह्ह! मै माँ का रिएक्शन देखना चाहता था. तो मैंने पूछ लिया. Maa bete ki chudai sex story
मै- क्या हुआ माँ? क्या कर रही हो इतनी रात को?
माँ- वो..बेटा..वो मेरी कमर मे दर्द कर रहा था ना इसीलिए
(मै मन ही मन में हँसते हुए) साली की चूत दर्द कर रही है और मुझे बोल रही है कमर में दर्द है।
मै- तो माँ! मेडिसिन ली की नहीं?
माँ- हाँ बेटा! मेडिसिन तो नहीं ली बस ऑइंटमेंट लगा रही हूँ..ओह्ह.. आह!
मै- फिर भी दर्द कम नहीं हो रही क्या?
माँ- काश तू यहाँ पर होता तो मेरी कमर पे मालिश कर देता, मेरा हाथ उस जगह पे पूरा भी पहुँच नहीं पा रहा है।
(मै अपने अंदर सोचने लगा क्यों नहीं तेरी कमर क्या, तेरी पूरे जिस्म को अच्छे से रगड़ रगड़ के मालिश करता)।
मै- क्यों नहीं माँ बस 3 महीने इंतज़ार कर लो माँ, मै आप को यहाँ ले आऊंगा, जब तक मेरी पढाई ख़तम न हो, फिर हम साथ अपने घर वापस लौट जाएंगे, पापा का बिज़नेस भी तो संभालना है मुझे.
ये सुनते ही मेरी माँ बहुत खुश हुई और सोचने लगी कितना प्यारा जिम्मेदार बेटा मिला है और इसी बीच माँ जोर जोर से गाजर को अंदर बाहर करते हुए झड़ गयी।
माँ-आहह..आह्ह्ह..अब जाके आराम मिला बेटा।
(मै सोच रहा था माँ मेरे साथ बातें करते करते झड़ी है)
मै- माँ मैं थोड़े दिनों के बाद आपको यही लेके आऊँगा और हम साथ रहेंगे।
(माँ राज़ी हो गयी मेरे लिए माँ का और भी प्यार बढ़ने लगा ऐसे ही देखते देखते 3 महीने बीत गए और पता भी नहीं चला। माँ रोज़ रात को सोने से पहले अपनी उँगलियों से अपनी चूत को शांत करके सोती थी और मै उसी नज़ारे को अपने लैपटॉप में देख के हिला हिला के सोता हूँ। अब मुझे पोर्न देखने की जरुरत ही नहीं पड़ती थी क्योंकी मेरी पोर्न स्टार कोई और नहीं मेरी अपनी माँ थी. जैसे ही 2 महीने गए तो फ्लाइट चालू हो गयी थी। मैंने देर ना करते हुए इंडिया का टिकट बुक करवा ली और रिटर्न में 2 टिकट बुक कर दी, मै घर वापस कब आऊँगा ये मैंने माँ को बताया नहीं था। मै माँ को सरप्राइस देना चाहता था। एयरपोर्ट से उतरते ही मैं कैब बुक करके अपने घर की ओर चल पड़ा। डोर बेल बजाया और माँ ने दरवाजा खोला। माँ ने जैसे ही मुझे देखा तो मुझे गले लगा लिया। Maa bete ki chudai sex story
माँ-अवि..बेटा..तू! बताया नहीं की तू आ रहा है।
मै- मैं आप को सरप्राइज देना चाहता था, इसीलिए बताया नहीं.
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(माँ मुझे ऐसे गले लगा के मेरे साथ चिपकी हुयी थी मानो उनके बूब्स मेरी छाती के अंदर हो, मैं अपनी पोर्नस्टार को सामने से देख कर खुश था और माँ के बालों से क्या खुशबू आ रही थी। इसी हग की वजह से मेरा लंड टाइट हो के जीन्स के अंदर खड़ा हो चुका था। शायद ये माँ की टांगों पे मेरा लंड फील दे रहा था। माँ 5 मिनट टाइट हग करने के बाद मेरे से अलग हुयी और मुझे अंदर हाथ पकड़ के ले जाकर सोफे पे बिठा दिया. मुझे कोल्ड ड्रिंक पिलाया. माँ उस दिन एक येलो कलर की साड़ी और रेड कलर की ब्लाउज पहनी हुई थी. क्या क़यामत लग रही थी, बस ये कमी थी की हाथ मे चूड़ी, माथे पे सिन्दूर और गले में मंगलसूत्र नहीं था. माँ मुझे खाना खिलाया, मेरे वहां के हालात पूछे. बस कुछ देर बात चीत हुयी और मुझे सोने के लिए कहा. तो मैंने पूछा। Maa bete ki chudai sex story
मै- माँ तुम्हारी कमर का दर्द ठीक हुआ क्या?
माँ- हाँ बेटा अभी थोड़ा कम हुआ है।
मुझे पता था मै जो यहाँ हूँ तो कैसे अपने खिलौना से खेल पाएगी वरना पकड़ी जायेगी। खिलौना यानी डिलडो।
मै- अगर कमर दर्द करे तो बुला लेना मुझे।
माँ-ओके बेटा! बुला लुंगी! पहले तू थोड़ी देर रेस्ट कर ले।
मै – ओके गुड नाईट माँ!
और मै सोने चला गया। अगले दिन सुबह जब मै उठा तो सोचने लगा की माँ को सेड्यूस करके उनको अपनी ओर खीचू. तो मैंने देखा मॉर्निंग इरेक्शन और माँ के बारे में सोचने की वजह से मेरा लंड खड़ा है. माँ को मेरे रूम मे आते देख कर मैंने सीधा होके सोने का नाटक किया जिससे मेरा लंड पेण्ट के अंदर खड़ा होक पूरा स्ट्रैट ऊपर की ओर सीधा खड़ा रहा. माँ मुझे उठाने से पहले कुछ देर चुप चाप खड़ी रही. मैने हलकी सी आंखे खोल के देखा तो माँ मेरी पैंट में बने क़ुतुब मीनार को देख रही थी. माँ मेरे साइड टेबल पे कॉफ़ी रख के मुझे बिना उठाए अपने रूम में चली गयी और उनके रूम का डोर लॉक होने की आवाज़ आयी तो मैंने उठके अपना लैपटॉप ऑन किया. तो देखा माँ अपने बेड पे फिर लेटी पड़ी थी, इस बार वो ब्लू कलर साड़ी और ब्लैक कलर के ब्लाउज में थी। उन्होने अपनी साड़ी कमर तक उठायी तो मैं उनकी ब्लैक कलर की पैंटी देख पाया. मैंने सोचा वो आज भी पैंटी निकाल के चूत मे ऊँगली करेगी, पर वैसा हुआ नहीं, वो सिर्फ पैंटी के अंदर हाथ डालकर चूत को रब कर रही थी और एक हाथ ब्लाउज के ऊपर से पल्लू हटाये बिना ब्लाउज खोले बूब्स दबा रही थी. माँ कुछ फुसफुसाती हुई दिख रही थी. मैंने माइक ऑन किया तो सुना.
माँ- हे भगवान ये मुझे आपने किस मोड़ पे लाके खड़ा कर दिया। एक तो 10 साल का बिना चुदाई का जीवन और पति की मौत और अब ये बेटे का लंड.
फिर पापा के फोटो को देखते हुए–
माँ- सब परेशानी की जड़ आप हो, अगर आप मुझे ठीक से चुदाई का सुख देते तो आज मेरी यह हालत नहीं होती. क्या करू मै..
(माँ चूत रगड़ रगड़ के बहुत गरम हो चुकी थी)
माँ- आप जाते जाते मुझे एक तोहफा जरूर देके चले गए. आप जो काम आप कर नहीं पाए वो काम आपका बेटा पूरा करेगा। मन तो कर रहा है उसका लंड अभी ले लूँ, पर उसको कैसे मनाऊँ? Maa bete ki chudai sex story
(ये सुनते ही मेरा दिमाग घूम गया, अब मुझे पता चला की माँ भी मुझ से छुड़वाने के लिए बेक़रार थी। अब तो मै माँ को चोदने के लिए फुल्ली रेडी हो गया, लेकिन मै चाहता था कि शुरुवात माँ की तरफ से हो। आज मै बिना लंड हिलाये अपने कमरे से बाहर आया। फिर भी मेरा लंड तना हुआ था। मैं फ्रेश हो कर सीधा किचन मे गया. देखा माँ नाश्ता बना चुकी थी और बर्तन साफ़ कर रही थी. तो मैंने उनके पीछे जाके उनको हग कर लिया. इसी बीच मेरा खड़ा हुआ लंड माँ की गांड के पीछे फंसा दिया. माँ चौंक गयी, मेरा खड़ा लंड उनकी गांड में फील दे रहा था. माँ सिहर उठी और वो अपनी गांड को थोड़ा पीछे करके ऊपर उठा के मुझसे और चिपकने की कोशिश कर रही थी।
मै-माँ आज क्या बनाया है ?
माँ- बेटा क्या कर रहा है? मुझे काम करने दे, तेरा खाना रेडी है, तू बस नहा ले फिर मिल के नास्ता करेंगे।
मै नहाने चला गया, नहाने के बाद आते वक़्त में, मैंने अपना टॉवल थोड़ा ढीला बांधा ताकि जब मै माँ के सामने जाऊ तो टॉवल गिर जाए। मैंने अपने लंड के हेयर को भी उस दिन क्लीन शेव कर लिया था।
मै- माँ! मै नहाके आ ग़या।
माँ- ठीक है बेटा!
उसके बाद जैसे ही मैं माँ के पास जाने लगा तो मेरा टॉवल ढीला होने की वजह से नीचे गिर गया. माँ मुझे देख के चौंक गयी, वह अपने सामने अपने बेटे को देख रही थी, जोकी पूरा नंगा था. फिर उनकी नज़र मेरे लंड पे गयी जोकी अभी भी खड़ा था, क्लीन शेव किया हुआ था, जिससे मेरे लंड का हर हिस्सा दिखाई दिया. माँ कुछ देर मुझे देखने के बाद, मेरे से नज़र हटाते हुए बोली.
माँ- अरे बेटा! टॉवल को तो अच्छे से बांधा कर।
मै- हाँ माँ! अभी आगे से ठीक से कस के बांधूंगा।
(मैंने मासूम बनते हुए कहा)।
माँ- पैंट शर्ट पहनके टेबल पे आजा, तेरा नाश्ता तैयार है.
मै पैंट शर्ट पहन के आया और हम मिलके खाने लगे।
माँ- बेटा! कितने दिन यहाँ रहने का प्लान है तेरा?
मै- बस माँ एक हफ्ता ही रहूँगा, फिर हम दोनों जाएंगे सिंगापुर
मै आप लोगों को कहना भूल गया था की मै सिंगापुर में इंजीनियरिंग कर रह था।
माँ- मै तो तेरे साथ जाउंगी, लेकिन इधर एक काम रह गया था, सोच रही थी हम वो काम खत्म कर के निकल जाएंगे।
मै- कौन सा काम..माँ ??
माँ- वो तेरे पापा की अस्थियां घर पे ही है. उनको नदी में विसर्जन करना पड़ेगा। उनकी आत्मा के लिए एक पूजा भी करेंग। उसके बाद हम चले जाएंगे.
मै- ठीक है माँ! जैसे आप चाहो।
मै- सिर्फ एक हफ्ता मेरे पास है, इस बीच ये काम हो पायेगा क्या?
माँ- हाँ बेटा हमारे पास बहुत कम दिन ही बचे है, क्यों ना हम कल सुबह ही निकल जाएँ?
मै- ठीक है माँ! लेकिन कहाँ पे करेंगे विसर्जन?
माँ- महाबली घाट का नाम सुना हैं?
मै- नहीं माँ! मै पहली बार सुन रहा हूँ।
माँ- कोई बात नहीं! ब्रम्हपुत्र नदी के किनारे है यहाँ से करीब 35 किलोमीटर।
मै- माँ आस पास कोई जगह नहीं है क्या?
माँ- नहीं बेटा! विसर्जन किसी पवित्र नदी में किया जाता है। वहां पानी की गहराई कम है, हम आराम से विसर्जन कर पाएंगे।
मै- ठीक है माँ कल सुबह वहीँ चलते है।
मैंने खाना खत्म किया, माँ घर के काम पे लग गयी। अपने रूम में मै अपना लैपटॉप लेके ऑनलाइन असाइनमेंट पे काम कर रहा था। दोपहर के टाइम मुझे माँ ने बुलाया. हमने साथ में लंच किया और अपने अपने कमरे में चले गए. मै रूम में आके मेरी माँ को कैसे सेड्यूस करूँगा, ये सोचने लगा. इसी सोच के बीच कब नींद लग गयी पता नहीं चला. शाम होने को जा रही थी तब माँ ने मुझे नींद से जगाया. Maa bete ki chudai sex story
माँ- अरे बेटा कितना सोयेगा, जा थोड़ा मार्किट जा मेरे लिए कमर दर्द की दवा लेके आ. मार्किट 7 बजे बंद हो जाएगी।
मै- ठीक है माँ जाता हूँ।
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मुझे पता था माँ को कोई कमर दर्द नहीं था बस ड्रामा कर रही थी. कैसे मै उनके बदन को टच करूँ. यही तो मौका है। मै तुरंत बाइक लेके निकल गया. मेडिसिन स्टोर पे जाके एक मूव बाम ले आया. घर पहुँचते ही डोर बेल बजाया। माँ ने डोर खोला. माँ को देख के मुझे कुछ अजीब लगा. माँ ने अपनी साड़ी का पल्लू बहुत ढीला कर रखा था और साड़ी को नाभि के नीचे पहना हुआ था।
माँ- आ गया बेटा?
मै- हाँ मॉम!
माँ- तू फ्रेश हो के आ, मै तेरे लिए खाना लगा देती हूँ.
मै- ओके मॉम!
मै अपने रूम में फ्रेश होके डाइनिंग टेबल पे बैठ गया. माँ डाइनिंग टेबल पे प्लेट लगा रही थी. तो उस वक़्त उन्होंने चम्मच गिरा दिया. चम्मच उठाने के बहाने वो नीचे झुकी तो उनका पल्लू नीचे गिर गया. वो बिना पल्लू उठाये खड़ी हो गयी. तो टाइट ब्लाउज से उनके बूब्स का साइज और क्लीवेज. डीप नैवेल सब दिखने लग गयी. मै उनको देखता रहा. कुछ सेकंड बाद उनको जब पता चला पल्लू नीचे गिरा हुआ है तो उन्होने मेरा चेहरा को देखके अपना पल्लू ऊपर उठाके ठीक किया. मै सोचने लग गया कि माँ ये जान बूझ के कर रही है। मॉम और मै खाना खाके सोने की तैयारी कर रहे थे, तो माँ बोली..
माँ- बेटा! जरा मेरे रूम पे आना, मेरी कमर दर्द कर रही है, तू थोड़ा मालिश कर देना, मेरा हाथ पीछे कमर तक नहीं पहुंचता हैं।
मै- हाँ माँ आता हूँ बस.
ये कहते हुए माँ अपने रूम मे जाके बेड पे लेट गयी. मै अपने रूम मे जाके अपना इनर खोल के सिर्फ शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहन के आ गया. माँ के रूम का डोर नॉक किया। माँ बोली।
माँ- आजा बेटा, डोर खुला है। अंदर जाते ही देखा माँ डिम लाइट ऑन करके अपने बेड पे साड़ी पहन के लेटी थी.
माँ- बेटा! टेबल पे क्रीम रखी है।
मै- ओके मॉम!
माँ- हम्म जा बेटा!
मै क्रीम लेकर आया और माँ की कमर पे मालिश करने लग गया. कमर के जिस हिस्से पे साड़ी नहीं थी उस जगह पे मालिश करता रहा. माँ ने मूव क्रीम की ठंडक और मेरे हाथ से मालिश को आँखें बंद करते हुए मजे ले रही थी. कुछ देर मालिश के बाद मैंने उनसे पूछा।
मै- माँ दर्द कम हुआ क्या?
माँ- नहीं बेटा! तू जिस जगह पे मालिश कर रहा है, दर्द थोड़ा नीचे है।
मै- लेकिन माँ वहां कैसे मालिश करू? तुम तो साड़ी पहनी हुई हो।
माँ- तो, क्या हुआ? थोड़ा नीचे कर के मालिश कर..
मै-ओके! मॉम। मैने उनकी साड़ी को थोड़ा नीचे सरका दिया. जब मैने साड़ी नीचे की तो उनकी गांड की दरारें दिखाई दी. उनकी सेक्सी गांड देख के मेरा लंड फिर खड़ा हो गया. सोचा क्यों ना माँ को भी मजा चखाया जाए. मै उनकी गांड और कमर के सेक्शन को मालिश करता रहा. मै बीच बीच में उनकी गांड भी मसल देता था. मैंने अपनी पोजीशन चेंज कर ली, तो अचानक माँ बोल पड़ी.
माँ- क्या हुआ बेटा? रुक क्यों गया?
दरअसल मै माँ के पैर के साइड बैठा था।
मै- मुझे इस पोजीशन में मालिश करते टाइम प्रॉब्लम हो रही है, आपने ऊपर से साड़ी भी पहन रखी है. इसीलिए, अपना पोजीशन बदल रहा हूँ।
माँ- तू जिस पोजीशन में कम्फर्टेबल है, वैसे ही कर।
मै अपनी पोजीशन चेंज करके माँ के सर के साइड आके बेड से उतर के खड़ा हो गया. ताकि मेरे खड़ा लंड माँ को दिखे।
मै- माँ आप थोड़ा बेड के साइड कोने पे आओ.
माँ- ओके बाबा, आती हूँ रुको।
माँ तुरंत बेड के कोने में सर रख के लेट गयी। मैने खड़े होके अब मालिश शुरू किया. इधर मेरा खड़ा लंड अब माँ के सर के माथे के ऊपर था. जब मैने साड़ी के अंदर हाथ डाल के मालिश की तो माँ की बॉडी पे हलचल हुयी और माँ अपनी गांड ऊपर करके टाइट कर ली।
मै- क्या हुआ माँ?
माँ- कुछ नहीं बेटा! बस तू मालिश करते जा.
मैने फिर से मालिश जारी रखी, मै धीरे धीरे उनकी साड़ी को गांड के नीचे सरका सरका के ले गया. वो कुछ बोले बिना मालिश का मज़ा ले रही थी. अब उनकी आधी गांड दिखाई दे रही थी. मै बीच बीच में गांड की दरार पर मालिश करते करते उनकी गांड के छेद के पास हाथ ले जाता था. माँ के मुहं से हलकी सिसकारियां आने लग गयी थी। मालिश के दौरान इधर मेरा खड़ा हुआ लंड माँ के माथे पे, कभी माँ के गालों पे तो कभी माँ की आँखों पे टकरा रहा था. माँ भी उस खड़े लंड को महसूस कर रही थी. मै कस कस के उनकी कमर और आधी गांड, मालिश के साथ मसल रहा था. इसी बीच मैंने पूछ लिया। Maa bete ki chudai sex story
मै-माँ दर्द कम हुआ क्या??
माँ- हाँ बेटा..अभी थोड़ा कम हुआ है.
माँ-बेटा! तू जा, थक चुका होगा, अपने रूम में, सो जा, कल सुबह हमें जल्दी भी निकलना है.
मै-हाँ माँ! मुझे भी जल्दी उठा देना.
मै माँ के रूम से निकल के अपने रूम में आके लैपटॉप ऑन करके माँ के रूम की नज़ारा देखने को एक्ससाईटेड था. क्योंकी आज माँ को कुछ ज्यादा ही गरम कर दिया था. जब लैपटॉप ऑन करके कैमरा चेक की तो रोज़ की तरह माँ आज भी ऊँगली चला रही थी. मैने उनके बातें सुनने के लिए मैक भी ऑन किया.
माँ-आह! बेटा आअज तो तूने मुझे पूरा गर्म कर दिया, मुझे दुविधा में डाल दिया तूने, मालिश की वजह से तूने मुझे गीली कर दी. मन तो करता है तेरा लंड लेने का. बस बहुत इंतज़ार हुआ. अब बिना लंड के ज़िन्दगी अच्छी नहीं लग रही है। यह कहके माँ ऊँगली चला रही थी चूत पे.
इधर मै माँ की बातें सुनके शॉक़ड हो गया था. सोचने लगा देखते जाओ माँ आगे आगे तुमको कैसे मजा देता हूँ, बस कुछ ही मिनट में माँ का पानी निकल गया और वो सो गयी. मै भी सो गया उसके बाद. सुबह मुझे नींद से जगाने के लिए माँ मेरे रूम में आयी. माँ को देख के मेरा होश ही उड़ गया. माँ ने एक वाइट कलर की कुर्ती पहन रखी थी. वाइट कलर की कुर्ती के साथ माँ का गोरा गोरा जिस्म कितना खूबसूरत लग रहा था मानो की कोई अप्सरा धरती पे उतर आयी हो. कोई अंदाज़ भी लगा पायेगा की वो एक 45 साल की औरत है. मैं उनको देखते ही रह गया.
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माँ-क्या देख रहा हैं?
मै-कुछ नहीं माँ!
माँ-कभी मुझे देखा नहीं है क्या?
मै-देखा है, लेकिन आज आप बहुत खूबसूरत दिख रही हो, आपको कभी कुर्ती पहनते नहीं देखा था।
माँ-मुझे और ऊपर मत चढ़ा, जा जल्दी जल्दी फ्रेश हो जा।
मै-अररे सच में, रुको न माँ, देखने भी दो न.
माँ-सिर्फ देखता ही रहेगा क्या, अपना काम नहीं करेगा? (मुस्कुराते हुए) मुझे देखने के चक्कर में कहीं लेट न हो जाए।
उन्होने मुझे उठा के फ्रेश होने के लिए बाथरूम भेज दिया।
माँ-बेटा थोड़ा जल्दी जल्दी नहा ले, हम एक घंटा लेट कर चुके हैं.
तो मैंने घडी के तरफ देखा तो 6:30 बज चुके थे. मै 30 मिनट में फ्रेश होकर आया. माँ बाहर मेरा इंतज़ार कर रही थी. मैने खाने के लिए पूछा तो वो बोली..
माँ – जो भी खाना है विसर्जन के बाद खाएंगे.
फिर हम कार लेके निकल पड़े घाट की तरफ. करीब 1 घन्टे में हम वहां पहुँच गए. हम कार से निकल के नदी किनारे की ओर गए. माँ मेरे आगे आगे गांड मटकाते हुए चल रही थी और मै उनके पीछे पीछे उनकी मटकती गांड को देखते हुए चल रहा था. माँ-आ..बेटा तू भी इसे हाथ में ले. दोनों मिल के इसे बहा देते है। मैने माँ के पीछे से जाके माँ के हाथ पे अपने हाथ रख दिये। मेरा लंड माँ की गांड में टच हो रहा था. हम दोनों ने मिल के पापा के अस्थि कलश को पानी में बहा दिया. माँ थोड़ी इमोशनल हो गयी, साथ में पीछे से मेरा लंड भी महसूस कर रही थी. इसी दौरान बारिश भी शुरू हो गयी.
माँ-देख रहा है बेटा, कितनी जोर से बारिश आ गयी. मैं तो हड़बड़ी में छाता भी लाना भूल गयी. सुबह काम के दौरान अगर बारिश आये तो ये बहुत ही शुभ संकेत माना जाता है. बस तेरे पापा जहाँ भी है खुश रहे.
उस बारिश की वजह से हम दोनों भीग चुके थे. बारिश का पानी हमें पूरा अंदर तक भीगा चुका था. माँ की वाइट कुर्ती भीगने के कारण थोड़ी ट्रांसपेरेंट हो गयी थी. और नीचे पहनी हुयी ब्लैक ब्रा साफ़ दिखाई पड़ रही थी. हम दौड़ के कार की तरफ भागे।
माँ-यह बारिश को आज ही होना था क्या? पूरा भीगा दिया सब कुछ. चल बेटा घर चलते है।
मै- ओके माँ! लेकिन तुम कुछ पूजा करने वाली थी.
माँ- हाँ लेकिन इस बारिश में कौन पंडित यहाँ आएगा. वो पूजा हम घर में करवा लेंगे।
मै-जैसे आप चाहें!
मै कार स्टार्ट करके घर की ओर निकल पड़ा. बीच बीच में मिरर से माँ को देख रहा था. मिरर थोड़ा नीचे किया और माँ के सुडोल बूब्स को देखने लगा। कुछ 10 मिनट ड्राइव के बाद कार अचानक बंद हो गयी.
माँ- क्या हुआ बेटा इस कार को?
मै- मै देखता हूँ मॉम!
बाहर बारिश भी हो रही थी और मै कार से बाहर आया और देखा की रोड के उस पार एक गेराज है. मै गेराज की और भागा, गेराज वाले को साथ आने को बोला तो उसने एक छाता निकाला और मेरे साथ कार की तरफ आया. बोनट खोल के चेक किया, उसको भी कुछ मालूम नहीं पड़ा, प्रॉब्लम कहाँ पे है. मेरे हिसाब से अल्टरनेटर की प्रॉब्लम लगा. तो मैंने उसको अल्टरनेटर चेक करने की बोला. जब वो चेक किया तो पता चला की अल्टरनेटर ख़राब हो चुका है. मैकेनिक बोला की उसके पास अभी पार्ट्स नहीं है. आप कल आ जाना, मै आपकी कार पूरा रेडी कर के रखूँगा.
मै – थोड़ा जल्दी हो नहीं पायेगा क्या?
तो उसने बोला कार का इंजन खोल के फिटिंग करना पड़ेगा. टाइम तो लगेगा ही ना. मैंने ये बात माँ को बोली तो वो भी परेशान हो गयी। क्योंकी उस रोड पे कोई पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा भी नहीं थी. Maa bete ki chudai sex story
मैकेनिक ने बोला – आप लोग एक काम करो, कुछ ही दुरी पे एक रिसोर्ट है वहां पे आप लोग रुक सकते है, कल सुबह 10 बजे आके कार ले जाना।
मुझे मैकेनिक का आईडिया सही लगा, मेरे पास छाता नहीं था. मैंने मैकेनिक से छाता मांगा. कल आने के टाइम छाता वापस कर देने को बोला। उसने मुझे छाता दे दिया। मैंने माँ को कार से बाहर आने को कहा. माँ बाहर आयी और हम दोनों उसी छाते की मदद से रिसोर्ट की तरफ पैदल जाने लगे। वो छाता भी किसी काम का नहीं था, फिर भी सर के बचाव के लिए काफी था. बीच बीच में बिजलियाँ भी चमक रही थी। माँ को बिजली से बहुत डर लगता था. जब भी बिजली चमकती थी, माँ डर के मारे मेरे से चिपक जाती थी. तो मैं भी मौके का फ़ायदा लेते हुए कभी उनके कंधे पे, कभी कमर पे, कभी गांड पे हाथ लेके टच कर रहा था। ऐसा लग रहा था मानो जैसे बारिश में एक कपल छाता के नीचे रोमांस कर रहे हो. वो भी मेरी कमर को अपने हाथ से पकड़ रखी थी. कुछ दूर जाने के बाद हम उस रिसोर्ट पे पहुँच गए. रिसोर्ट मे रिसेप्शनिस्ट ने हमारा वेलकम किया. वहां का पालिसी था कि अन मैरिड कपल्स की एंट्री नहीं है. मैने ये बात माँ के कान मे बताई. रिसेप्शनिस्ट ने हमारा नाम, एड्रेस, रिलेशन सब पूछा तो माँ ने बताया हम दोनों पति पत्नी है, न्यूली मैरिड है. मै और माँ हम एक दूसरे का चेहरे देख रहे थे और माँ ने हलकी सी स्माइल कर रही थी.
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मै सोच में पड़ गया काश माँ सच में मेरी वाइफ होती तो रोज़ उनकी चुदाई करता. एक अटेंडर आया हमें अपने रूम की तरफ लेके जाने लगा और मुझे रूम की चाबी पकड़ा दी। अगर कुछ जरुरत हो तो रिसेप्शन में कॉल कर के आर्डर कर देने को कहा. जैसे ही मै डोर ओपन कर के अंदर गया. रूम का नज़ारा देखके खुश हुआ. एक किंग साइज बेड एक ब्लैंकेट के साथ। टॉयलेट बाथरूम अटैच्ड था. एक आउट टीवी भी था और दो बड़े टॉवल भी थे। मैने तुरंत जाके एसी चला दी तो रूम ठंडा हो गया। बारिश में भीगने के कारण हमें और भी ठण्ड लगने लगा। माँ तो ठण्ड से कांप रही थी.
माँ- बेटा! जरा एसी बंद कर दे, ठण्ड लग रही है बहुत।
मै-हाँ माँ, बंद कर देता हूँ. माँ हम पूरे भीग चुके है. ऐसे भीगे कपड़ों में कैसे ज्यादा टाइम रह पाएंगे. मेरा क्या है, मै तो टॉवल पहन के भी रह जाऊंगा.
माँ- (थोड़ी स्माइल कर के) तो क्या हुआ, मै भी ऐसे ही रह लूँगी। वैसे हमें एक जोड़ा कपडा साथ ले आना था, लेकिन किसको पता था आज बारिश हो जाएगी।
मै-हाँ माँ.
माँ-तू रुक मै थोड़ी ही देर में कपडे बदल के आती हूँ.
माँ बेड से एक टॉवल लेकर बाथरूम में चली गयी. मै चेयर पे बैठ के टीवी ऑन कर के एक मूवी देख रहा था. माँ कपडे उतार के सिर्फ टॉवल लपेट के आयी. मै तो माँ को ऐसे देखता ही रह ग़या।
माँ-क्या घूर रहा है मुझे! ऐसे मत देख! मुझे शर्म आ रही है! कभी मुझे ऐसे देखा नहीं क्या!
इसी बीच मेरा लंड खड़ा हो गया था.
मै-नहीं माँ! आपको कभी इस रूप में नहीं देखा.
माँ-क्या करे हड़बड़ी में निकलने की वजह से गड़बड़ी कर दी. अब तो इसी को पहनके रहना पड़ेगा। (माँ अंदर ही अंदर मुस्कुराते हुए) तू भी क्या बैठा है! तू भी जा कपडे बदल के आ वरना सर्दी लग जायेगी.
मै- हाँ माँ जाता हूँ।
मै भी बाथरूम जाके अपने कपडे बदल के टॉवल लपेट के आ गया। आके देखा तो माँ ब्लैंकेट को अपने ऊपर ओढ़ लेटे हुए टीवी देख रही थी.
मै-क्या हुआ माँ? आपको ठण्ड लग रही है क्या?
माँ- हाँ बेटा! इसीलिए ब्लैंकेट ओढ़ ली, तू भी आजा, देख इस ब्लैंकेट की वजह से कितनी गर्मी मिल रही है.
मै- अच्छा क्या सच में?
माँ-तू आके तो देख! (स्माइल करते हुए) ये वाला ब्लैंकेट हमारे घर के ब्लैंकेट से काफी बेहतर है.
मै-हाँ माँ आता हूँ, बस हमारे ये गीले कपडे लांड्री वाले को दे देता हूँ,वो लोग इसे ड्राई कर के हमें दे देंगे.
मैंने रिसेप्शन को कॉल लगाया. हमारे गीले कपडे सूखा के देने के लिए बोल दिया. लांड्री वाला तुरंत कपडे लेने आ गया. मैं अपने और माँ के कपडे उसको देके डोर बंद कर के आया और मै भी ब्लैंकेट के अंदर टॉवल लपेटते हुए चला गया. सच में अंदर जाते ही मुझे गर्मी महसूस हुआ. बहुत ही कम्फर्टेबल था.
माँ- बेटा बहुत भूख लग रही है मुझे, तुझे नहीं लग रही है क्या?
मै-लग तो रही है माँ, रुको मै खाना रूम पे आर्डर कर लेता हूँ.
मैंने रिसेप्शन पे कॉल करके बता दिया और फिर ब्लैंकेट के अंदर आ गया.
मै-अब कैसा लग रहा है?
माँ-बस ठीक लग रहा है, तो बता वहाँ पे मुझे कब लेके जाएगा? मुझे भी घर पे अकेले रह कर अच्छा नहीं लग रहा है, मै भी थोड़ा फॉरेन घूमना चाहती हूँ.
मै-हाँ ले जाऊंगा, लेकिन वहां के लोग मॉडर्न ड्रेस सब पहनते हैं, सब सज धज के रहते है, इंग्लिश बोलना भी पड़ता है।
माँ- तो इसमें कौन सी बड़ी बात है, मै भी मॉडर्न ड्रेस पहनूंगी और रही बात इंग्लिश बोलने की, वो धीरे धीरे सीख जाउंगी, मै अनपढ़ थोड़ी ना हूँ, मैंने भी अंडर ग्रेजुएट तक पढाई की है.
मै-वहां कोई साड़ी या कुर्ती पहनते ही नहीं और सब हील्स या बूट पहनते हैं.
माँ-तो मै भी पहन लूँगी, बरसो से मेरी भी यही इच्छा थी, लेकिन तेरे पापा की वजह से नहीं पहन पा रही थी और वहां हमारा कौन जो अपना है मुझे देखेगा मै भी मॉडर्न लाइफ स्टाइल आज़माउंगी, मुझे भी पसंद है मॉडर्न लाइफ स्टाइल। Maa bete ki chudai sex story
मै-क्या सच में..??
माँ-हाँ! सच में! क्यों! क्या हुआ??
मै- मेरी भी यही इच्छा थी कब से, लेकिन कह नहीं पा रहा था।
माँ-ओके बाबा, अब तो मै हूँ ही, तेरे लिए सब कुछ कर लुंगी.
इसी बीच हमारे रूम पे कोई नॉक किया. तो मैंने देखा हमारा खाना आ चुका है.
मै- माँ खाना आ गया, जल्दी टेबल पे आओ नहीं तो खाना ठंडा ही जाएगा।
माँ- हाँ बस आती हूँ.
माँ उसी हालत मे टॉवल लपेटे हुए आके मेरे बगल मे बैठ गयी और हम खाना खाने लगे. बीच बीच में मेरा ध्यान उनके क्लीवेज पे चला जाता था। इसे देखकर माँ अपने अंदर ही अंदर मुस्कुरा रही थी. हमने खाना खत्म करके प्लेट रूम के बाहर रख दी. साफ़ होके फिर बेड की और जाने लगे, लेकिन बारिश अब तक रुकी नहीं थी. मै और माँ ब्लैंकेट के अंदर आ गए. बस बीच में कुछ ही फुट की दूरी थी और हम दोनों ने टॉवल पहना हुआ था.
मै- माँ आज आपकी कमर मे दर्द नहीं है क्या ??
माँ- नहीं बेटा आज ज्यादा नहीं है।
मुझे पता था की माँ बिना ब्रा पैंटी के थी, इसीलिए मना कर रही थी, लेकिन मै कहाँ सुनने वाला था. माँ लेफ्ट साइड करवट लेके आराम कर रही थी. मै तुरंत जाके माँ के पीछे चिपक गया और उनको लेटे लेटे ही हग करने लगा. मेरा खड़ा हुआ लंड भी उनकी गांड पे चिपक गया था.
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माँ- ये क्या कर रहा है बेटा? जब से तू घर आया है! मेरे साथ बहोत चिपक रहा है.
मै-आप हो ही इतनी सुन्दर! कोई भी चिपक जाएगा.
माँ- अच्छाजी ! मै- अरे यह तो मेरा प्यार था.
माँ-चल झूठे!
मै-सच कह रहा हूँ माँ!
माँ-अच्छा बाबा! चिपका रह! मुझे भी अच्छा लगता है, कोई तो है मेरे साथ, वरना अकेले रह कर मै बोर हो जाती थी.
माँ ने भी थोड़ा पीछे एडजस्ट होकर मेरे खड़े लंड को अपनी गांड मे फंसा के टांगों मे जकड दिया. बस मेरा टॉवल ही उनकी गांड और मेरे खड़े लंड के बीच रुकावट थी.
माँ- आज कल तू बड़ा शरारती हो गया है.
मै-वो कैसे? (मै मासूम बनने का नाटक करते हुए)।
माँ-तू अपने आप को काबू नहीं कर पा रहा है.
मै-कैसे! काबू करू! अगर उसके सामने एक मस्त चीज हो ?
इसी बीच में मैंने माँ को पीछे से कस के हग करते हुए अपनी तरफ खींच लिया. इसी खिचाई से मेरा हाथ उनके बूब्स पे चला गया. मै उनके बूब्स को बहुत हल्के से दबाने लगा.
माँ- तू अपने हथियार पर काबू नहीं कर पा रहा है, ये हमेशा वार करने के लिए तैयार रहता है.
मै- कौन सा हथियार माँ?? मेरे पास तो कोई हथियार नहीं है, आप किस हथियार की बात कर रही हो?
माँ- अरे वो..जो मेरे पीछे चिपका हुआ हैं।
मै-(हँसते हुए) ओह! ये! क्या करू माँ, इसके सामने अगर कोई मस्त चीज़ दिखे तो यह अपने आप तैयार हो जाता है.
माँ- चल हट! बदमाश कहीं का।
माँ ने हाथ को पीछे करते हुए मेरे खड़े लंड पे एक प्यारा सा थप्पड़ मारा और मुझे पीछे धकेलके उनसे दूर जाने को इशारा दिया। ज्यादा छेड़ना मुझे ठीक नहीं लगा क्यूंकी मै चाहता था की माँ खुद मेरे प्यार में पड़े, इसलिए थोड़ा शांत हो गया. माँ से दूर होके मै थोड़ा रेस्ट करने लगा. कब मुझे नींद आई पता ही नहीं चला। जब मै गहरी नींद में था, मुझे कुछ अजीब सा महसूस हुआ. मै नींद मे बिना आँखें खोले लेटा रहा, पता चला कि माँ अपने हाथ से मेरी जांघों को टच कर रही थी। धीरे धीरे वो अपने हाथ को मेरे लंड की ओर ले जाने लगी. तो मैं अपने सोने का पोजीशन चेंज करके सीधा होके लेट गया, जिससे मेरा लंड ऊपर की ओर खंबे की तरह खड़ा हो गया. इसी बीच माँ ने अपना हाथ वापस खींच लिया. कुछ देर बाद माँ ने मुझे थोड़ा हिलाके चेक किया कि मै सोया हूँ कि नहीं. मै नहीं उठा तो वो फिर से अपना हाथ मेरी जांघो से होते हुए मेरे लंड के पास ले गयी। अब तो वह मेरे टॉवल के अंदर हाथ डालके मेरे लंड की जांच कर रही थी। कुछ टाइम के लिए माँ ने एक ऊँगली से धीरे धीरे मेरे खड़े लंड को हर कोने से जांच किया। ऊपर से नीचे तक नाप लिया। मेरे दो बॉल्स को भी चारो तरफ से जांच किया. अब वो मेरे लंड को अपनी मुट्ठी में लेने लगी। मोटाई नापने लगी, उसी दौरान मै थोड़ा हिला तो माँ ने फिर से अपना हाथ वापस खींच लिया. Maa bete ki chudai sex story
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अब मै उठा बाथरूम की ओर जाके आया तो देखा कि माँ साइड मे होके सोने का नाटक कर रही थी। मैंने क्लॉक देखा तो दोपहर के 3:30 बज रहे थे. मै बाथरूम से आके ब्लैंकेट के अंदर चला गया और धीरे धीरे करके माँ के साथ चिपकके सोने लगा. अब मैंने अपना लंड टॉवल से निकालके उनकी गांड से चिपका दिया. मैने अपना हाथ धीरे से उनके पेट के ऊपर रखा. माँ ने कुछ रिएक्शन नहीं दिया. मै धीरे धीरे मेरा हाथ को ऊपर की और ले जाने लगा बूब्स के पास. टॉवल के ऊपर से ही मै उनके बूब्स एक एक करके हलके हलके दबाने लगा. वो थोड़ी हिली और हिलके अपनी गांड को मेरे लंड के साथ सेट किया. कुछ देर मै थोड़ा शांत रहा, फिर मैंने हाथ निकलकर, उनके बूब्स के ऊपर से हाथ लेते हुए, उनके लिप्स को छूने लगा. माँ की सासें गरम चल रही थी। मुझे पता चल गया था कि माँ अब गरम हो चुकी है. मैने अब हाथ को उनकी जांघों पे रख दिया और हलकी हलकी जांघों को रब करने लगा. क्या सेक्सी जांघें है माँ की. रब करते करते मै अपना हाथ उनकी चूत के पास ले गया. पता चला कि माँ का टॉवल थोड़ा ऊपर हो चुका है, जिससे मुझे उनकी चूत को टच करने में कोई दिक्कत नहीं हुई.
हाथ चूत के पास लेने के टाइम मैंने महसूस किया कि उनकी चूत पे बहुत सारे बाल थे. चूत थोड़ी गीली भी हो चुकी थी. मै उनकी चूत को टच करने में कामयाब रहा. मै चूत को हलके हाथों से टच कर रहा था। अब माँ की चूत थोड़ी अकड़ने लगी, जैसे हमारा लंड खड़ा होने के टाइम टाइट हो जाता है तो माँ ने हलकी सी सिसकारी ली..ससस.. लेकिन अभी भी उनकी आँखें बंद थी. कुछ 5 मिनट रब करने के बाद, मैंने मेरी एक ऊँगली उनकी गहरी नाभि में घुसा दी और उनकी नाभि को छेड़ने लगा. मैं अपनी ऊँगली सर्किल के आकार में नाभि के अंदर घुसा के घुमा रहा था तो माँ मदहोशी में उनकी गांड को मेरे लंड पे एक दम धीरे धीरे घुमा रही थी. मै फिर से अपना हाथ वापस ऊपर ले जाके उनके बूब्स के पास रखा. टॉवल के अंदर से उनके बूब्स को हलके हाथों से दबाने लगा. क्या मस्त सॉफ्ट बूब्स थे. हाथ से उनके बूब्स के हर हिस्से को टच करते हुए मै एक ऊँगली से बूब्स के निप्पल को छेड़ने लगा. अब माँ थोड़ा हिल के कराहने लगी. सससस… बस इतना करके मैंने अपना हाथ वापस खींच लिया और मै ब्लैंकेट से बाहर आ गया.
इसी दौरान..रूम की बेल बजी, तो मैंने उठ के देखा. लांड्री वाला, हमारे कपडे ड्राई करके मुझे सौंप दिया. मैने वो कपडे सब वॉर्डरोब मे रख दिये. मेरा तो काम हो गया था, माँ के जिस्म पे आग लगाने का, अब मै और नहीं सोया. चेयर पे आके फ़ोन पे पोर्न देखना चालू किया. अब मै थोड़ा लंड हिलाने के लिए मन बनाया. तो मैं लंड बाहर निकालके, माँ के फेस को देखके लंड हिलाने लगा। जब मेरा पनि निकलने वाल था तो मैंने अपना माल माँ की बगल में ही पिचकारी की तरह फेक दिया. शुक्र है, माँ ने ब्लैंकेट ओढ़ रखी थी, वरना मेरा सारा माल उनकी बॉडी पे गिरता. मै लंड साफ़ करने के लिए बाथरूम चला गया. लंड साफ़ कर रहा था तब मुझे याद आया कि मैंने फ़ोन पे पोर्न मूवी को चला रखा था और वो वैसा ही चलता रह गयी थी. जैसे ही मैं बाथरूम से बाहर आया तो देखा माँ भी अपना नाटक बंद करके उठ चुकी थी. लेकिन मेरा फ़ोन माँ अपने हाथ में लेके वो पोर्न मूवी देख रही थी. मै शरमाते हुए चेयर पे बैठ गया.
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माँ- तो बेटा तू फॉरेन जाके ये सब देखता है? बेशरम!! इसीलिए तेरे पापा ने वहां भेजा था.(माँ थोड़े गुस्से का नाटक करते हुए)
मै- वो..वो..माँ..नही!
माँ-क्या???नहीं नहीं लगा रखा हैं?
मै-मेरे वहां पे कोई दोस्त नहीं है, इसीलिए अकेला पड़ जा रहा था तो ये सब देख लेटा था.
माँ (मुस्कुराते हुए)-अच्छा!।
इसी बीच रूम मे लगे इण्टरकॉम पे रिंग होता है. माँ ने कॉल रिसीव किया. कुछ बातें करि और रिसीवर रख दिया.
मै- कौन था माँ?
माँ- रिसेप्शन से कॉल था..आज रात को इस रिसोर्ट पे कपल नाईट इवेंट है. हमें भी इनवाइट किया गया है. कुछ 2000 रुपये पर कपल चार्जेज है, कुछ गेम्स भी रखा गया है. विनर को प्राइज भी दिया जायेगा. Maa bete ki chudai sex story
मै-तो….आपने क्या बोला.
माँ- मैंने हाँ कह दी.
मै-पर माँ?
माँ-क्या हुआ?
मै-हम कैसे जाएंगे, पार्टी में?
माँ-अरे बेवकूफ! तूने देखा नहीं था क्या? चेक-इन के टाइम रजिस्टर में हम पति पत्नी लिखके आएं हैं.
मै-अरे मै तो भूल ही गया था, कितने बजे पार्टी है?
माँ-करीब 7 बजे पार्टी स्टार्ट होगी.
मैंने घडी मे देखा तो 6:30 हो चुके थे।
माँ- वो लांड्री वाला हमारे कपडे सूखा के दिया क्या?
मै- हाँ वो दे के गया है.
माँ-ओके! अभी तू पहले फ्रेश हो जा!
मै-माँ..वो..
माँ-क्या??
मै-मेरा फ़ोन दो ना!
माँ-नहीं दूंगी! पहले तू नहाके आ, उसके बाद ले जाना।
मै- ठीक है माँ, मै यूं गया और यूं आया.
मै नाहा धो कर आया. माँ अभी भी मेर फ़ोन में वो पोर्न वीडियो देख रही थी। वो बहुत एक्साइट होते हुए वीडियो देख रही थी.
माँ- आ गया बेटा! नहा के?
मै-हाँ.. माँ..आप..भी नहा के आओ.
माँ-हाँ जाती हूँ, तू तैयार हो जा.
और वो बाथरूम चली गयी, जाते वक़्त मेरा फ़ोन मुझे पकड़ा दी.
माँ- ले तेरा फ़ोन, यह देखता रह बस, बाद में काम आएगा. (आँख मारते हुए वो बाथरूम चली गयी)।
कहानी जारी रहेगी…. आगे क्या होगा माँ बेटे के बीच पढ़िये इस कहानी का दूसरा पार्ट जल्दी ही…
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