रेखा को केशव ने चोदा और निशा को मैंने

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दोस्तों, मैं फिर से हाजिर हूँ एक ताजा तरीन कहानी लेकर। मेरा नाम गोपाल है और मैं सुल्तानपुर का रहने वाला हूँ। मेरी शादी के 7 साल हो गए थे और 1 बच्चा हो गया था। मेरी सेक्स लाइफ थोड़ी बोर हो गयी थी। इसका कारन था वही बुर और वही मेरा लण्ड। ऐसा लगता था की शादी के 50 साल हो गए है। मैं अभी 30 का हूँ और मेरी बीबी एकदम जवान 26 साल की हसीन लौण्डिया है।

मेरी जिंदगी से सारा मजा खत्म हो गया था। मेरी सेक्स लाइफ बोरिंग हो गयी थी। फिर मुझे कहीं से वाइफ स्वपिंग के बारे में पता चला। अपनी बीबी को किसी दूसरे मर्द को चोदने के लिए दे देना और उसके बदले उस मर्द की औरत को कस के चोदने को ही वाइफ स्वपिंग कहते है। मुझे ये नई बात पता चली।

मैंने अपनी बीबी रेखा से इस बारे में बात की तो वो बिगड़ गयी। पर वो लगातार ये बात सोचती रही। वो भी एक लण्ड खा 2 के बोर हो गयी थी और मैं भी एक ही चूत मार मरके बोर हो गया था। मेरे दिल में ये बात हमेशा चलती रहती थी की मेरी मदमस्त बीबी अगर किसी पराये मर्द से चुदने को तैयार हो जाए तो बदले में मुझे एक नयी औरत चोदने को मिल जाए।

धीरे 2 मेरी मदमस्त बीबी किसी गैर मर्द से चुदने के बारे में सोचने लगी और मुझे अच्छा फील होने लगा।

अगर तुम कहते हो तो मैं इसके लिये तैयार हूँ मेरी मस्मस्त जवान बीबी रेखा बोली आई लव यू बेबी मैंने ख़ुशी 2 कहा और किसी पराये मर्द को मैं ढुंगणे लगा तो मेरी बीवी के बदले में अपनी बीबी मुझे चोदने के लिए दे दे। मैं रोज टैम्पो से अपने कचेहरी वाले ऑफिस जाता था। इस तरह आते जाते मेरी एक अनजान आदमी से दोस्तों हो गयी। वो वोडाफ़ोन कंपनी में एग्जीक्यूटिव था। हर रोज मुझसे ठीक 9 बजे सुबह बस अड्डे से कचेहरी रोड वाले टैम्पो पर मिलता था।

उनका नाम केशव था। वो देखने में बहुत हैंडसम था। केशव होर रोज फॉर्मल शर्ट पैंट पहनकर टाई लगाकर ब्लैक लेदर शूज में अपने वोडाफ़ोन के ऑफिस जाता था। बातों की बातों में केशव ने बताया की उसकी शादी के 4 साल हो गए है। उसके भी एक बच्चा है।

अपनों जवान खूबसूरत बीबी को मैं किसी खूबसूरत मर्द से ही चुदवाना चाहता था। मैं बिलकुल नही चाहता था की किसी सड़कछाप आदमी से अपनी कमसिन बीबी को चुदवाऊँ।
एक दिन केशव से फिर से सुबह 9 बजे टैम्पो में ही मुलाकात हो गयी। साथ में उसकी बीबी निशा भी थी।
माँ कसम, क्या मॉल थी। लगता था बिलकुल रसगुल्ला है। उसने अच्छे से साड़ी पहन राखी थी, हाथों में लाल हरी चूड़िया थी। काले बाल थे, उसे देखते ही मेरा लण्ड क़ुतुब मीनार की तरह खड़ा होने लगा। मुझे ये नही पता है की सुल्तानपुर जैसे बड़े शहर में कितने मर्द अपनी बीबियों को चुदवाने के लिए दूसरे मर्दों को दे देते है और बदले में उनकी बीबियाँ चोदते है, पर मैंने अपना मन बना लिया था।

मैं केशव से वाइफ स्वैप करना चाहता था। केशव ने मुझे बताया था की वो अपनी जवानी के दिनों में बड़ा इश्कबाज था। बस मुझे अपना रासता मिल गया था। एक दिन शनिवार की शाम मैंने केशव को अपनों खूबसूरत बीबी की कुछ फोटोज नाईट गाउन में सेंड कर दिए।
वांट टू हैवे इट?? मैंने मैसेज करके पूछा।

केशव का लण्ड खड़ा हो गया। उसने तुरंत जवाब दिया यस
मैंने अपनी बीबी रेखा को केशव का फ़ोटो दिखाया देख कैसा मर्द है? तुझे पसंद है? इससे चुदवाएगी?? मैंने बड़े प्यार से अपनी बीबी से पूछा। रेखा शरमा गयी इस सवाल पर। उसको केशव बड़ा पसंद आया। उसने हा कर दी।आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है

मैंने तुरंत केशव को मैसेज किया डु यू वांट 2 स्वैप??
वो तुरन्त समझ गया की बदले में मैं भी उसकी बीबी को जमकर चोदना चाहता हूँ। दोसतों, वो एक कहावत है ना की दूसरे की बीबी और अपने बच्चे हमेशा अच्छे लगते है। मैंने जब से केशव की बीबी निशा को देखा था मैं उसे बस अपनी बाँहों में भरना चहता था। केशव ने जब अपनी बीबी से बात की तो वो बोली की क्या उसका दिमाग ख़राब हो गया है। अगर केशव ने दोबारा ऐसी बात की तो वो अपने मायके चली जाएगी।

केशव की फट गयी और उसने दोबारा ऐसी बात अपनों रसगुल्ले जैसी बीबी से नही छेड़ी। एक दिन कचेहरी रोड पर जहाँ हजारों टैम्पो चलते थे वहां एक भिसड़ एक्सीडेंट हो गया था। एक बड़े चीनी का ट्रक एक टैम्पो पर जा पलटा था। मैं देखने गया तो पता चला को ये केशव था जो अन्य 6 लोग के साथ टैम्पो में बैठा था।

मेरी आँखों में तुरन्त आशु आ गए। मैंने तुरन्त एम्बुलेंस को फ़ोन मिलाया। केशव को लेकर मैं सलतानपुर के जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में पहुँच। मैं बहुत डर गया था। केशव के मोबाइल से मैंने निशा को फ़ोन लगाया और बताया की क्या हुआ है। खबर सुनते ही निशा फफक फफक कर रोने लगी। 30 मिनट बाद निशा आई।

केशव के सर पर गम्भीर चोट लगी थी। 1 लीटर खून बह गया था। बस उसकी साँस चल रही थी। बस वो जिन्दा था। निशा आते ही केशव से चिपक गयी और रोने लगी। डॉक्टर्स ने मुझसे उसे बाहर ले जाने को कहा। मैं निशा को बाहर ले गया। वो मेरे खंधों पर सर रखकर रोने लगी। मैंने 20000 रुपए हॉस्पिटल में जमा कर दिये थे। मैंने निशा को बताया।

केशव को ठीक होने में 6 महीने लगे। उसके बाद मेरा उससे और निशा ने बहुत सुंदर रिश्ता बन गया। मेरी बीबी माया भी 6 महीनो तक केशव की सेवा करती रही। केशव और निशा कानपूर के रहने वाले थे, पर वोडाफ़ोन कंपनी से उसे सुल्तानपुर भेज दिया था। हम लोगों के सिवा केसव के परिवार को कोई नही जानता था।

मेरी बीबी रेखा हर रोज केशव और उसकी बीबी के लिये खाना बनाकर हॉस्टिल जाती थी। मैं हर रोज सुबह उसे मिलने जाता था, फिल साम को 6 बजे अपने ऑफिस बन्द होने के बाद उससे मिलने जाता था। इस तरह निशा मेरा अहसान मैंने लगी। केशव के ऊपर कुल 1 लाख का खर्च आया जो मैंने चूका दिया। मैंने निशा के कहा की जब उसके पास पैसे हो वो वापिस कर दे।

केशब के ठीक होने के बाद निशा ने हम हसबंड वाइफ को डिनर पर बुलाया। वो हम लोगों को अपना मानने लगी थी। वो मुझे अपना देवर मैंने लगी थी और मेरी बीबी रेखा को देवरानी पुकारती थी। मैं मन ही मन सपने देखता था की कास निशा जी मुझसे चोदने को मिल जाए।
एक शाम जब मैं केशव के लिये कुछ फल ले गया तो लिफाफा मैंने निशा के हाथ में दिया। मैंने उसने एक लव लैटर भी रख दिया।

मैंने साफ 2 लिखा की मैं आपको बहुत पसंद करता हूँ। एक बार प्यार करने का मौका दे। निशा ने जब मेरा लव लट्टर पढ़ा तो वो बिलकुल नही गुस्सा हुई। और 3 महीने बीत गए। केशब पूरी तरह से ठीक हो गया। एक दिन निशा ने केशव से बात छेड़ी की वो मेरे साथ सोने हो तैयार है।

एक शाम केशव ने मुझसे मैसेज किया की निशा इस रेडी फॉर स्वैप उसने बताया।
मेरा तो दिल गार्डन 2 करने लगा। मैंने रेखा को ये बताया तो वो भी बड़ी खुश हुई।
हाय निशा, तुझे में नए साइयां मिलने वाले है मैं खुसी से उछलकर बोला।
और तुम्हे नई प्रेमिका निशा भी उछलकर बोली

प्लान के मुताबिक हम शनिवार रात को केशव के भर पहुच गए। हम दोनों मियां बीबी खूब सज धजकर गए। मैंने अपना शादी वाला कोट पैन्ट पहना। रेखा ने अपनी हरी बनारसी साड़ी पहनी। रेखा निशा के साथ किचेन में चली गयी डिनर बनांने के लिए। मैं केसव से बात करने लगा।
भाई, तू नही होता तो मैं आज जिन्दा नही होता केशव बोला
अरे छोड़ यार पुरानी बातों को और चिल मार मैंने कहा

एक्सीडेंट की घटना के बाद हम दोनों का रिश्ता सगे भाइयों जैसा मजबूत हो गया था। अब जब भी मैं केशव के घर आता था मुझसे लगता ही नही था की ये दूसरे का घर है। मैं केशव का हाल चाल पूछने लगा। कुछ देर में भाभी जी मस्त गुलाबी साडी पहनकर हाजिर हुई। मेरी बीबी रेखा उनके साथ थी। ये कहानी आप पढ़ रहे है

मैंने भाभीजी को नमस्कार किया। मेरी नजरें उनसे हट ही नही रही थी। कितना गजब का माल आज चोदने को मिलेगा मैंने सोचा। मैंने रेखा की इसारा किया की केशव के साथ डाइनिंग टेबल पर बैठकर खाना खाये। वहीँ केशव ने भी निशा यानि मेरी खूबसूरत भाभीजी को मेरे बगल में बैठने को कहा।

शूरु 2 में हम चारों चुप रहे, पर फिर धिरे 2 हम बोलने लगे। भाभी जी, मुझमे खो गयी, और रेखा केशव से बात करने में मस्त हो गयी। 12 कब बज गया, हम लोगों को खबर ना हुई। हम चारों की आपस में खूब पट रही थी। खाना हो गया। 5 मिनट के लिए हम खामोश हुए..

गोपाल! तुम अपनी भाभी को लेकर ऊपर वाले रम में चले जाओ केशव बोला। वो खुद मेरी बीबी को चोदने के लिए निचे वाले कमरे में रुक गया। मैंने निशा भाभी को गोद में उठा लिया। और ऊपर की सीढियाँ चढ़ने लगा। आज निशा जी को चोदने को मिलेगा। कितनी बड़ी बात है। कहाँ निशा जी ने किसी गैर मर्द से चुदवाने को मना कर दिया था। वही निशाजी आज मुझसे अपनी मस्त गुलाबी रसीली चूत देने को खुसी 2 तैयार हो गयी है।

मैंने सोचा। कितनी बड़ी बात है। मैं निशा जी को यानि अपनी मुँहबोली भाभी को ऊपर वाले बेडरूम में ले गया और बिस्तर पर पटक दिया। भाभी मुझसे चिपट गयी गोपाल ई लव यू!…..गोपाल ई लव यू! वो रम्भाने लगी। मैंने रसगुल्ले जैसे नरम भाभी को बाहों में भर लिया। मैंने उनके पिर बदन गाल, गाल, गले, ओंठ, नाक हर जगह मैंने चुम्बनो की बरसात कर दी। निशा भाभी मस्त हो गयी। वो मुझसे बार 2 कहने लगी की मैंने उसके सुहाग को बचाया है।

मैंने दरवाजे को बन्द भी नही किया। क्योंकी केशव को तो पता ही था की मैं आज पूरी रात उसकी रसगुल्ले जैसी बीबी को चोदूंगा। वहीँ मैं भी जानता था की केशव मेरी बीबी की नथ उतरने वाला है। मेरे हाथ निशा भाभी के बड़े 2 रसीले छातियों पर जाने लगे। उनके हाथ मेरी पीठ को सहलाने लगे।

गुलाबी साडी में निशा भाभी कयामत लग रही थी। उनकी गोल 2 भुँडीया ब्लाऊज़ के ऊपर से ही चमक रही थी। मैं ब्लाऊज़ के ऊपर से ही उनकी उठी हुई भुँडीयों को मसलने लगा। निशा भाभी को मजा आने लगा। मैंने बिना किसी संकोच के उनकी बड़ी 2 चूचियों को मसलने लगा क्योंकि निशा भाभी कोई गैर नही थी। मैं तो अपनी ही भाभी को चोद रहा था।

फिर मैने भाभी को पलट कर पीछे कर दिया। देखा तो बड़ी खूबसूरत गोरी चिकनी पीठ थी। मक्खन सी मुलायम। मैंने अपना हाथ उनकी चिकनी पीठ पर फेरा और चुम्बन लिया। भाभी चिहुक उठी। मैंने बड़े प्यार से अपने होठों की मदद से निशा भाभी के गुलाबी ब्लाऊज़ के एक एक हुक को खोल दिया। और जैसे ही मैंने ब्लाऊज़ हटाया मेरो जिंदगी बदल गयी।

निशा भाभी ने सफ़ेद जालीदार ब्रा पहन रखी थी। वो कयामत लग रही थी। मुझे निशा भाभी से प्यार हो गया। मैं उनके रसीले गुलाबी ओंठों का रस चूसने लगा। भाभी इतना गरम हो गयी की उनकी छातियों ने दूध रिसने लगा। उनकी सफ़ेद रंग की जालीदार ब्रा भीग गयी। भाभी का प्यार का रस देखकर मुझे उनसे और भी प्यार हो गया। मैं फिर से निशा भाभी की चिकनी नंगी पीठ में हाथ डाल दिया और उनकी ब्रा के हुक को खोल दिया।

ब्रा हटाते ही मेरी जिंदगी हमेशा 2 के लिए बदल गयी। भाभी के मादक गोल भरी हुई छाती को देखकर मुझसे रहा ना गया और मैंने उसे मुँह में भर लिया। मैंने अपनी आँखें बन्द कर ली और एक बच्चे की तरह अपनी प्यारी भाभी के की छाती पिने लगा। यारों, मैं बयां नहीं कर सकता की 6 साल बाद किसी परायी औरत की छाती पिने में कितना सुख मिलता है। कितना मजा मिलता है।

निशा भाभी भी पराये मर्द यानि मुझसे चुदने को तैयार थी। मैं उनकी छातियों को बिना आँख खोले पिए जा रहा था जैसे हजारों सालों से मैं भुखा था। निशा भाभी की योनि तर होने लगी। उनकी योनि भीगकर गीली हो गयी। वो जल्द से जल्द मेरा लण्ड खाना चाहती थी। मैं निशा भाभी की दूसरी छाती को मुँह में ले लिया। इस छाति से भी दूध रिस रहा था। मैं मजे से पिने लगा।

दोस्तों, निशा भाभी की छातियाँ मेरी 26 साल की बीबी रेखा से भी बड़ी थी। केशब मेरी बीबी को कैसे चोद रहा होगा मैंने एक बार भी नही सोचा। मैं तो बस निशा भाभी में ही डूबना चाहता था। मैं भाभी की रसीली छातियाँ पिये जा रहा था और उनकी काली 2 खड़ी भुँडीयों को भी बिच बीच में मसल देता था। भाभी कराह उठती थी।

यारों, मेरा लण्ड बिलकुल ठोस हो गया था। बिलकुल क़ुतुब मीनार जैसा खड़ा हो गया था। मैंने तुरन्त अपना पैंट खोला। सारे कपड़े निकले। फिर मैंने अपना कैल्विन केन का सफ़ेद अंडरवेर निकाला। मेरा बड़ा सा लण्ड किसी भी चूत को मारने को रेडी था। मैं निशा भाभी की छातियों को दोनों हाथों से पकड़ा, उन्हें फैलाया और अपने हॉट डॉग जैसे लम्बे लण्ड को निशा भाभी की छातियों के बिठा रखा। मैं मैंने सैंडविच बना दिया। भाभी की छातियों को दोनों ओर से कस के पकड़ लिया।

और उनकी छातियों को चोदने लगा। निशा भाभी को नया सुख मिलने लगा। आज पहली बार कोई पराया मर्द उनकी दुधभरी मदमस्त छातियों को चोद रहा था। वो मस्त हो गयी। मैं उनकी छातियों को दनादन चोदने लगा।

निशा भाभी की चूत बिलकुल गीली 2 होंगी। वो गर्म सांसे छोड़ने लगी और अपनी टांगे उठाने लगी। मैं जान गया की भाभी पूरी तरह गर्म हो चुकी है। अब उनको चोदना चाहिये। मैंने अपना लण्ड निशा भाभी की छातियों से निकाला, मैं उनके मुँह पर बैठ गया और मैंने अपने बड़े से लण्ड को उनके रसीले मुँह में पेल दिया। ऐशा करने से निशा भाभी का मुँह भर गया। लगा जैसे वो बर्गर खा रही हो।

मैंने उनकी छातियो को हाथों में लिया और दनादन उनके मुँह को चोदने लगा। मुझसे ये जरा भी पता नही है की केशव निशा भाभी के मुँह को चोदता होगा की नही पर मैं तो उनको खूब बजारूँ रण्डियों की तरह चोद रहा था। निशा भाभी की रसीली चूत से पानी निकलकर उनकी चिकनी गोरी जांघों पर बहने लगा।
गोपाल! अब मुझे चोदो…..वरना मैं मर जाउंगी!
गोपाल अब मुझसे चोदो….अब मुझे और मत तड़पाओ निशा भाभी चीख उठी।
भाभी तुझे मैं आज कसके चोदूंगा, बस एक सेकंड रुको मैंने जवाब दिया।

खूब अच्ची तरह निशा भाभी के मुँह को चोदने के बाद मैंने अपना लण्ड बाहर निकाला। मेरा लण्ड गुलाबी रंग का हो गया था, फूलकर कुप्पा हो गया था। अब मैं भी अपनी जान से प्यारी निशा भाभी को और तड़पाना नही चाहता था। अब मैं जल्द से जल्द चोदकर उनके बदन की प्यास बुझाना चाहता था।

भाभी ने बिजली की रफ़्तार से अपनी साडी उतार फेकी और पेटीकोट का नारा खोलने लगी। बहनचोद! नारा पता नही कैसै फस गया। निशा भाभी चुदासी थी और यहाँ नारा फस गया। मैं ताकत लगाकर नारा खीचा और नारा खट की आवाज करता टूट गया।
लो भाभी! हो गया तुम्हारे चुदने का इंतजाम! मैंने कहा और हस पड़ा

निशा भाभी तो अपने देवर का यानि मेरा लण्ड खाने को आतुर थी। उन्होंने झट से अपना पेटीकोट उतार फेका। इतना ही नही एक ही सेकंड में अपनी सफ़ेद पैन्टी भी उतार फेकी। वो मेरे सामने बिलकुल नंगी लेट गयी। उन्होने मुझसे चुदवाने के लिए अपने पैर खोल दिए।
गोपाल! अब मैं बर्दास्त नही कर सकती! मुझसे कस के चोद डालो!
दिखा दो गोपाल की तुम एक असली मर्द हो! निशा भाभी जिनकी मैं बहुत इज़्ज़त करता था वो चिल्ला चिल्लाकर कहने लगी।

मैं भी जोश में आ गया। मैंने अपना सीधा हाथ निशा भाभी के बड़े से गुलाबी भोसड़े में पेल दिया। कलाईयों तक जहाँ मैं हाथ घड़ी पहनता था, मैं निशा भाभी के भोसड़े में पेल दिया। ये चमत्कार की था की जहाँ जादातर औरते 2 उँगलियाँ उनके भोसड़े में डालने पर चिल्लाने लगती है भाभी मेरा पूरा हाथ ही खा गयी थी।

बड़ी गरम औरत है मादरचोद! इसको तो बाजारू रण्डियों की तरह चोदना पड़ेगा , तब इसकी आग शांत होगी! मेरे मुँह से निकल गया।
मेरा हाथ निशा भाभी के भोसड़े में किसी मशीन की तरह अंदर बाहर होने लगा। भाभी जन्नत के मजे लूटने लगी। साली खूब चुदवाई थी, तभी तो भोंसडा इतना बड़ा हो गया था। निशा भाभी को अपने हाथों से खूब चोदने के बाद मैंने अपना हाथ निकाला।

मेरा हाथ, पाचों उँगलियाँ निशा भाभी के प्रेम रस से तर थी। मैंने उनको उन्ही का रस चटाया। वो शहद की तरह अपना रस चाटने लगी। मैंने उनके चेरहरे पर हर जगह उनका प्रेम रस मल दिया। निशा भाभी मस्त हो गयी। मैंने अपना बड़ा सा गधे जैसा लण्ड निशा भाभी के बड़े से भोसड़े पर रखा और धच्च से पेल दिया उनकी गहरी चूत में।

और उनको चोदना शूरु किया। चुदाई सुरु होते ही भाभी को शांति मिलने लगी। जैसे दवा खाने पर मरीज को आराम मिल जाता है। मैं दनदन उनको चोदता ही रहा। भाभी के बदन की आग खत्म होने लगी। उन्होने मुझसे बाँहों में कस लिया। अपने चिकने गुलाबी गोर पैर मेरे पीठ पर कस दिए। उन्होंने मुझसे गले से लगा लिया।

मैंने भी उनको गले में कस लिया और घण्टों चोदा। उस रात निशा भाभी को मैंने 5 बार चोदा। उनको मैंने तृप्ति दी। मैंने उनको चरम सुख दिया। दोस्तों, एक साल पहले मैंने जो रसगुल्ला देखा था आखिर मैंने उसको पूरी रात 5 बार खाया था। यक़ीनन मैं सुल्तानपुर का सबसे किस्मतवाला मर्द था। अगले दिन जब मैं अपनी बीबी रेखा को घर ले गया तो उसने बताया की केशव का तो कल रात खड़ा ही नही हो रहा था। बड़ी मुश्किल से केशव ने मेरी बीबी को बस एक बार चोदा था।

दोस्तों, मैं हैरान था। क्योंकि मैंने निशा भाभी को अपनी बीबी रेखा के बदले लिया था। और मैंने उनको 5 बार चोदा था। अगले दिन भी मेरा लण्ड सुजा था और उसमे दर्द हो रहा था।

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