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Village Aunty Sex Story : हेल्लो दोस्तों मैं आप सभी का नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम में बहुत बहुत स्वागत करता हूँ. मैं पिछले कई सालों से इसका नियमित पाठक रहा हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती जब मैं इसकी रसीली चुदाई कहानियाँ नही पढ़ता हूँ. आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रहा हूँ. मैं उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी. ये मेरी जिन्दगी की सच्ची घटना है.
हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम मनीष है। मेरी उम्र 25 साल की है। मेरा कद 5 फ़ीट 7 इंच है। मै देखने में ज्यादा खूबसूरत तो नहीं हूँ। लेकिन फिर भी लड़कियों को पटा कर चोदने के लिए काफी है। लडकियां मुझपे नहीं मेरे लंड पर मरती हैं मेरा लंड 8 इंच का है। मुझे सेक्स में बहुत मजा आता है। अब तक मैंने कई लड़कियों की सील अपने इस 8 इंच के लंड से तोड़ी है। मैं एक कंपनी में जॉब मैं मुंबई में रहता हूँ। वहाँ पर कंपनी में भी एक गर्लफ्रेंड है जिसे मैं रोज चोदता हूँ। दोस्तों मै अब अपनी कहानी पर आता हूँ।
गर्मियों के दिन में मै और मेरे पापा अपने गाँव राम पुर में आया था। वहाँ पर मेरे चाचा और उनकी पूरी फैमली रहती है। दादा दादी भी उन्ही के साथ वहीँ पर रहते है। पापा और हम दादा जी से मिलने आये हुए थे। कुछ दिन कंपनी में काम बंद था। तो सोचा गाँव ही घूम आया जाये। मै घर पर आया तो जो मैंने देखा तो देखता ही रह गया। क्या मस्त सूरत की बला खड़ी थी। मुझे नहीं पता ही नहीं चला की वो मेरी चाची हैं। जो अभी 2 साल पहले आयी थी। इतना बदल गई वो की मैं समझ ही नहीं पाया। चाची क्या मस्त माल लग रही थी। देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया।
उनकी बॉडी 36,30,38 रही होगी। उनके बूब्स सनी लियॉन की तरह बड़े बड़े दिख रहे थे। उनका ब्लाउज खूब टाइट था। चाची का बदन बहुत ही खूबसूरत और चिकना लग रहा था। मैं देखते ही फ़िदा हो गया। उनके गोरे बदन पर उनके काले रंग ब्रा बहुत ही खूबसूरत लग रहा था। सब लोग बैठे थे। लेकिन मैं चाची को ताड़ रहा था। चाची भी जान गई थी की मैं उन्हें घूर रहा हूँ। रात को हम लोग खाना खाए और लेट गए। मै भी लेट गया लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी। मेरा लंड खड़ा था। गिरने का नाम नहीं ले रहा था। चाचा का घर खेत के बगल में था। मैं बाहर खेत की तरफ गया और मुठ मार के लंड को शांत कर के वापस आ गया। चाची भी उठी थी। उन्होंने पूंछा कहाँ गए थे। अभी तुम सोये नहीं। मैंने कहा नींद नहीं आ रही थी। लेकिन तुम अभी तक क्या कर रही थी। रात के लगभग 12 बज रहे थे। वो बोली वैसे ही हमे भी आज सब लोग आये हो। इतने दिन बाद तो नींद नहीं आ रही है। मैंने कुछ देर चाची को घूरते हुए बात की। मैंने कहा शादी से ज्यादा खूबसूरत लग रही हो। पहले इतनी सेक्सी नही लग रही थी। अब कुछ ज्यादा ही लग रही हो।
उन्होंने थैंक्स बोला और चली गई। बोली अब तुम भी जाके सो जाओ। अब तो मेरा लंड फिर से खड़ा हो चुका था। जी करता था अभी ही इनका बलात्कार कर डालूँ। किसी तरह से अपने आप को संभाला और जाके रूम में सो गया। दुसरे दिन सुबह सुबह सब लोग उठे। बॉथरूम से होकर सब लोग चाय पानी पिए। मै सो उठ के बॉथरूम में गया। वहां चाची नहाने जा रही थी। उनका ब्रा और पैंटी वही बॉथरूम में टंगी थी। मैंने उसे उठाकर सामने करके मुठ मारने लगा। मैंने अपना सारा माल उनको ब्रा और पैंटी पर गिरा दिया। वो सारा माल उनकी ब्रा और पैंटी पर बिखरा था। मैंने उसे पोंछ दिया। चाची आ रही थी तो सही से नहीं पोंछ पाया। मेरा कुछ माल उनकी पैंटी पर लगा रह गया। वो बॉथरूम से जब बाहर निकली तो मुझे कुछ अजीब तरह से देख रही थी। मुझे लग रहा था कि वो जान गई है। लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा।
पापा के आते ही दादा और दादी पापा के मामा के यहाँ चले गए। वो अकेले चाचा को छोड़कर नही जाते था कभी। तो मौका पाते ही वो चले गए। रात को पापा और चाचा खेत को सांडो को चरने से बचने के लिए चाचा के साथ खेत पर जाकर लेट गए। अब हम और चाची ही घर पर थे। चाची को देख देख कर मेरे लंड का बुरा हाल हो रहा था। कुछ रात बिताने के बाद मैं छत पर चला गया। छत पर जाते वक्त मेरी आवाज चाची ने सुनी तो उन्हें लगा कोई छत पीकर है। वो मनीष.. मनीष बुलाई। मैंने हाँ बोला और छत पर बैठ गया। कुछ देर बाद चाची आयी और कहने लगी यहाँ क्या कर रहे हो? मैंने कहा.नींद नहीं आ रही थी। तो यही आकर बैठ गया।
उन्होंने कहा. किसी की याद आ रही है। मैंने कहा. किसी की नही, कोई है ही नही। बोली झूठ न बोलो। सुना है मुम्बई में सब खुले आम होता है। सही है ये बात क्या? मैंने कहा. हाँ लेकिन मैंने कुछ नही किया। पूँछी क्यों. मैंने कहा तुम्हारी तरह कोई सुन्दर और इतनी हॉट कोई मिली ही नहीं। वो खुश हो गयी। मुझे चिपक गई। बोली सच में मई इतनी सुन्दर हूँ। मैंने कहा बिल्कुल सनी लियॉन लग रही हो। बोली वो कौन है। मैंने बताया की वो पोर्न स्टार है। उन्होंने उनके बारे में पूंछा तो सब कुछ बताया। चाची बोली छी..छी ..छी कैसी है वो। मैंने उन्हें एक ब्लू फिल्म दिखाई।
चाची दुसरे तरफ फ़ोन करके फिल्म देखी। तो वो कहने लगी दिखते हो वैसे हो नहीं। मैंने उन्हें अपने हाथ को उनके ऊपर रख कर उन्हें पकड़ लिया। मैं. चाची जैसा तुम सोचती हो वैसा कुछ नहीं हैं। फिर चाची ने जो कहा मै तो हैरान हो गया। मेरे मुठ मारने की बात उन्हें पता थी। मैंने सब कुछ सच सच बता दिया। अब वो कुछ नहीं बोली मैंने हिम्मत करके उनके बूब्स पर हाथ रख दिया। उन्होंने मुझे कुछ नहीं कहा। उन्होंने कहा अपनी चाची के साथ ही सेक्स करेगा। मैंने कहा. हाँ।
मैंने उनके होंठो पर अपने होठ टिका दिए। अब मै उन्हें किस करने लगा। चाची ने ना कोई विरोध किया और कुछ नहीं बोली। मैं उनके गुलाबी होंठो को चूस रहा था। चाची की गुलाबी होंठ मुझे बहुत ही मीठे लग रहे थे। मैं चाची के कभी ऊपर के होठ तो कभी नीचे के होंठ को चूस रहा था। अब वो भी मेरा साथ दे रही थी। चाची भी मुझे किस करने लगी। मैंने अब उन्हें और जोर जोर से किस करने लगा। उनके होंठो को चूस चूस कर गुलाबी से लाल कर दिया। उनकी सारी लिपस्टिक मेरे होंठो पर लग गई थी। मैंने उनके खरबूजे जैसे बड़े बड़े चूचियों को अपने हाथों में पकड़ कर दबाने लगा। चाची की बूब्स बहुत ही सॉफ्ट और बड़ा था। चाची की बूब्स को दबाते हुए मैंने उन्हें किस करता रहा। मैंने चाची की साड़ी को उतार दिया। साडी उतार कर मैंने उन्हें ब्लाउज और पेटीकोट में कर दिया।
चाची बिलकुल ही सनी लियॉन की तरह लग रही थी। मेरा लंड खड़ा होकर पैजामे को तंबू बना दिया। मैंने उनसे चिपक के उनकी पीछे चाची की गांड में अपनी लंड को चुभा रहा था। चाची. हाय! राम! इतना बड़ा लंड। मेरा लंड चाची की गांड के बीच में अटकी हुई थी। चाची की पेटीकोट को लपेटे मेरा लंड उनकी गांड की छेद पर लगा दिया। चाची की ब्लाउज उतार कर मैंने ब्रा में उनके चुच्चो को कर दिया। चाची की कोमल और मुलायम चूचियों को देखते ही मैं पागल सा हो गया। उनकी चूंचियों को मैं ब्रा में हाथ डालकर दबाने लगा। मुझे औरतों के ब्रा के ऊपर से किस करने में बहुत मजा आता है। चाची की पीठ पर मैं किस करते हुए उनके गले तक पंहुचा। मैंने चाची की ब्रा को उतार कर फेंक दिया। रात भी थी और गाँव में सबके घर दूर दूर होते हैं। मैं वही छत पर ही चाची की चूचियों को दबा रहा था। चाची सिसकारियां लेती हुई गर्म गर्म साँसें छोड़ रही थी।
मैने पीछे से चाची की ब्रा को उतार कर उनके बूब्स के छू रहा था। लाइट आ गयी थी तो छत पर सब दिखाई देने लगा। मैं चाची को नीचे लेकर आ गया। चाची की चूंची को मैं अब देख रहा था। चाची की बूब्स का निप्पल काला काला दिख रहा था। मैंने जो छू के नही मजा पाया वो मै चाची की बूब्स को देखकर मिलगया। मैंने एक पल में चाची के दोनों निप्पलों को मुह में भर लिया। चाची की बूब्स को दबा दबा कर मैं छोटे बच्चो की तरह पी रहा था। चाची अपनी चूत में ऊँगली कर रही थी। मै चाची की दूध को पी रहा था। चाची अब बहुत ही जोश में आ गई। चाची की साँसें तेज होने लगी।
चाची और हम दोनों पसीने से भीग गए। मैंने अपनी टी शर्ट और बनियान उतार दी। मैंने चाची के पेटीकोट का नाड़ा खोला और नीचे सरका दी। चाची पैंटी में मेरे सामने शरमा रही थी। मैंने उनके पैंटी पर हाथ मारते हुए। चाची की चूत में ऊँगली करने लगा। उनकी पैंटी को भी उतार दिया। चाची अब बिलकुल नंगी मेरे सामने खड़ी थी। मैंने चाची की चूत के दर्शन किया । चाची की चिकनी चूत देखकर मैं दंग रह गया। इतनी चिकनी चूत मैंने पहली बार देखी थी। चाची की चूत पर अंगुलियां रूक ही नहीं रही थी। चाची की चूत में मैंने अपनी एक अंगुली डाल कर चाची की चूत को गर्म करने लगा।
चाची की चूत को मै बैठ के चाटने लगा। चाची की चिकनी चूत को मैं बहुत ही मजे से चाट रहा था। चाची की चूत रसभरी थी। मैं उसका रसपान कर रहा था। चाची का चिकनी चूत अभी किसी 18 साल की लड़की की चूत की तरह थी। मैंने चाची की दोनों चूत के टुकड़ो को मुँह में भर के चूस रहा था। मेरा लंड चाची की चूत में घुसने को बेकरार हो रहा था। चाची की चूत को चूस चाट कर लाल कर दिया। चाची की चूत ने अब पानी छोड़ दिया। मैंने चाची की चूत के रस को पी लिया।
अंदर तक जीभ डालकर मैने चाची की चूत को साफ़ किया। मैंने अपना पैजामा निकाल दिया। चाची मेरे लंड को देखकर चौंक गई। मैंने अपने लंड को चाची के हाथ में देकर चूसने को कहा। चाची ने मना किया। चाची को मैंने समझाया बॉम्बे में ऐसे ही चुदाई होती हैं। चाची डरते डरते मेरे लंड को चूसने लगी। मेरा लंड और भी मोटा और बड़ा हो गया। चाची ने कुछ देर तक मेरे लंड को चुसा। और उठ गई। मैंने चाची को जमीन में ही लिटा दिया।
चाची के ऊपर मै लेट गया। अपना लौड़ा चाची की चिकनी चूत में डालने लगा। चाची की चूत में मेरा लंड घुस ही नही रहा था। मेरा लंड चाची की चूत अंदर ही नही ले पा रही थी। मैंने धक्का लगाकर चाची की चूत में अपना लौंडा आधा घुसा दिया। चाची की चीखे निकलवा दी मैंने। चाची जोर जोर से चिल्लाने लगी।“……अई…अई….अई……अई….इसस्स्स्स्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” मैंने चाची के होंठो पर अपने होंठ को रख़ दिया। किस करने लगा। चाची को चीखे कुछ कम हुई थी। मैंने फिर से एकबार जोर का धक्का मारा। मेरा पूरर लंड चाची की चूत में घुस गया।
चाची की आँखों में आंसू आ गया। मैंने चाची की चुदाई को धीरे कर दिया। चाची सिस्कारियां ले लेकर रो रही थी। चाची की मुह से यही आवाज निकल रही थी। फाड दी मेरी चुद्दी फाड़ डाली। हाय मेरी चूत कह कर “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” की आवाज निकाल रही थी। मैंने चाची कि आवाज धीरे होते ही धीरे धीरे चोदने लगा। मैंने चाची के ऊपर उछल उछल कर चाची को चोद रहा था। चाची कक दर्द फिर से शुरू हो गया।
मेरे लौंडे ने उनकी चिकनी चूत को फाड़ डाला। मेरा लंड बहुत ही तेजी से चाची की चिकनी चूत में अंदर बाहर हो रहा था। चाची भी कब मेरा साथ दे रही थी। चाची भी उछल उछल कर चुदवाने लगी। मैंने चाची को कुतिया बनने को कहा। चाची कुतिया बन गई। मैं भी कुत्ते की तरह चाची के ऊपर चढ़ कर चाची कोचोदने लगा। चाची की चूत को मैं जल्दी जल्दी चोद रहा था। चाची भी “ हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” करती रही क़ुर मुझसे चुदवाती रही। मैंने चाची को चोदते हुए उनके बूब्स को दबा रहा था। मेरे चोदने के धक्के से चाची की दोनों चूंचियां नीचे की तरफ झूले की तरह झूल रही थी। मैं चाची को लगातार चोदता रहा एक ही स्पीड में। चाची ने अपना पानी छोड़ दिया। मैंने चाची की चूत की पानी में अपने लंड को तैराये रखा। मेरा लंड चाची की चूत में घच्च पच्छ की आवांजो के साथ चोदता रहा।
मैंने चाची की चूत को जोर जोर से चोदने लगा। चाची की चीखने की आवाज तेज हो गई। चाची आराम से चोदो मनीष “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” आ आ भी तो पूरी रात बाक़ी है। मैंने चाची की एक ना सुनी और अपनी रक़्फ्तार में चाची की चूत को चीरता रहा। चाची को मै लेट कर अपने लंड पर बिठाया। चाची अब ऊपर नीचे होकर खुद ही चुदवाने लगी। मैं उनके मम्मे को दबा रहा था।
चाची ने भी बहुत तेज तेज अपनी चुदाई करवा रही थी। मैंने अपने लंड को चाची की चूत से निकाल कर बाहर किया। चाची की गांड मारने को कहा। चाची मेरे लंड को देखकर डर रही थी। मैंने बहुत मनाया की मै धीरे धीरे मारूंगा। बहुत मनाने पर चाची मकान गई। मैंने चाची को झुकाया और अपना लंडचाची की गांड में डालने लगा। चाची की गांड बहुत टाइट थी। लग रहा था चाचा ने कभी नहीं मारी थी। चाची की गांड में थोड़ा सा पास ही रखे तेल को लगाया। मैंने जोर का धक्का मारा। चाची की गांड में मेरा आधा लंड घुस गया।
चाची ने गांड सिकोड़ कर चिल्लाने लगी। “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….”उई माँ गांड फट गई मेरी। मेरा लंड भी चाची की गांड में जाके फंस गया। मेरा लंड भी बहुत दर्द कर रहा था। मैंने हिम्मत करके एक और झटका मारा। इस बार मेरा पूरा लंड घुस गया। चाची इस बार और जोर जोर से चिल्लाने लगी। “ हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….”। मैंने चाची की गांड मारने की स्पीड बढ़ा दी।
मैं भी कब झड़ने वाला हो गया था। चाची की गांड से लंड को निकाल कर चाची के चेहरे पर मुठ मारने लगा। कुछ देर बाद मैंने अपना पूरा माल चाची की मुँह पीकर गिरा दिया। चाची ने मेरे लंड के माल को पोंछ दिया। पसीने से भीगे हम लोग बॉथरूम में नहाया। पूरी रात में हमने कई बार चुदाई की। अब मैं जब भी मुम्बई से आता हूँ। हम लोग मौका पाते ही चुदाई करते हैं। मैंने अब तक कई बार चाची की चुदाई की हैं। कहानी आपको कैसे लगी, अपनी कमेंट्स नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर जरुर दे।