माँ की चूत की गर्मी भाग-2

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Maa Bete Ki Chudai kahani Hindi:- आज सुबह माँ उठाने नहीं आई थी, इसलिए मै उठके फ्रेश हो गया और नाश्ता करने बैठ गया। इस दौरान माँ ने मुझसे कोई बात नहीं की, मैंने दीदी के रूम की ओर देखा तो अभी भी उसका रूम बंद था। माँ का चेहरा झुका हुआ था। मै भी चुपचाप नाश्ता करके कॉलेज निकल गया और पूरे दिन किसी से भी बात नहीं की क्यूकी कल रात मेरे साथ जो हुआ मुझे अभी भी उसपे विश्वास नहीं हो रहा था और एक गिलटी फील कर रहा था। की मुझसे ये क्या हो गयापर दूसरी ओर सोचा इसमें मेरी गलती थोड़ी थी ये तो सारा दीदी के कारण हुआसाली इसे तो मै नहीं छोड़ूँगा। इतना तो कभी मुझे, ना पापा ने मारा, ना ही माँ ने और कमीनी ने मेरे को कुत्ते की तरह मारा और मैंने तभी सोच लिया के मै इसका बदला लूंगा। वो भी सूद समेत और उसे पूरी ज़िंदगी याद रहेगा के मै भी उसका बाप हूँ। मेरे अंदर का मर्द अब जाग चुका था, दोपहर को मै घर आ कर सीधा अपने कमरे में चला गया और पैर नीचे लटकाये हुए बेड पर सो गया। तभी मैंने किसी के आने की आहट सुनी और आँखे खोली तो देखा माँ सामने खड़ी थी पर मै उनसे आँखे नहीं मिला रहा था।

इस कहानी का पहला भाग यदि आपने नहीं पढ़ा है तो पहले इसका फ़र्स्ट पार्ट ज़रूर पढे तभी आपको पूरा मज़ा आएगा =>> माँ की चूत की गर्मी भाग-1

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Maa Bete Ki Chudai kahani Hindi

माँ- बेटा मुझे पता है तुम क्या सोच रहे..हो देखो कल रात जो हुआ वो अच्छा नहीं था, बहुत बहुत गलत था लेकिन ये तुम भी जानते हो के तुम्हारी दीदी को बहुत गुस्सा आता है।

अब माँ बोलती हुई मेरे पैरो के पास बैठ गईऔर मै बेड पर बैठ गया ऐसे बैठने से माँ के आधे बूब्स दिखने लगे।

माँ- देखो बेटा कल रात जो भी हुआ तुम अपने पापा को मत बताना!

मै- नहीं माँ मै कुछ नहीं बताऊंगा!

माँ- (हँसते हुए) मुझे डर लग रहा था के तुम अपने पापा को बता दोगे..

मै- डरो मत माँ ये बाते बोलने की थोड़े होती है!

माँ- मेरा समझदार बेटा अगर बता देता के तुझे तेरी दीदी ने फिरसे मारा है तो शायद तेरे पापा उसे फिर मेन्टल हॉस्पिटल भेज देते और तुम दोनों तो मेरे आंखो के तारे हो।

यानि माँ दीदी के बारे में बोल रही थी और जो हमारे बीच हुआ था वो क्या माँ को कुछ नहीं पता???? या वो जान बूझकेनासमझ बनने का नाटक कर रही है ??? मै सोच मे पड़ गया माँ- नहीं बताओगे ना बेटा मै- आ हाँ नहीं बताऊंगा और माँ ने मेरा माथा चूमा मेरा समझदार बेटा ये बोलके माँ एक अजीब सी स्माइल देते हुए कमरे से चली गई ना मै उनकी स्माइल को समझ पाया और ना ही कल जो हुआ उसको नासमझने के कारण को माँ ने जिस तरह देखा मुझे अजीब सा लगा शाम के 8 बज गए थे मै खाने के लिए टेबल पे बेथ गया था। माँ किचन से आई। Maa Bete Ki Chudai kahani Hindi

मै- माँ वो वो दीदी कहाँ….

मेरे बोलने से पहले माँ ने बोल दिया के वो अभी भी कमरे में बंद है!

मै चौक गया क्या??? दीदी 24 घंटे से अंदर ही है?

माँ- हां और रहने दे अंदर ही कोई दया नहीं दिखानी है उसे इसी लायक है वो!

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माँ और मै खाना खाने लगे मै माँ को घूरे जा रहा था क्यूकी उस घटना के बाद मेरा माँ को देखने का नजरिया ही बदल गया था। मेरी नज़र ना चाहते हुए भी उनके बड़े बड़े दूध पर जाती थी और मै सोच रहा था के कल रात मैंने सच में इन्हे चूसा था या सपना था, क्यूकी माँ ने भी इस विषय पर बात नहीं की थी, इसलिए मै भी हैरान था क्यूकी जिस औरत को उसके सगे बेटे ने लगभग चोद ही दिया था और अपना लंड का पानी भी उसकी चूत में छोड़ा हो वो कैसे इतना नार्मल बेहेवियर कर सकती है, जैसे कुछ हुआ ही ना हो। मै माँ को समझ ही नहीं पा रहा था और जब से मेरा लंड माँ की चूत में घुसा था तब से ही वो अब माँ को देखते ही खड़ा हो रहा था, पर मै उसे समझाता के वो माँ है मेरी पर माँ की जवानी और उसका गदराया बदन देखकर इसे कण्ट्रोल कर पाना मुश्किल हो रहा था। मै खाते खाते बीच में ही उठ गया।

माँ- क्या हुआ बेटा उठ क्यूँ गये????

मै- वो माँ मेरा मेरा हो गया।

माँ- क्या इतना ही खाया???

मै- हाँ माँ मेरा पेट भर गया..

ये बोलके मै सीधा बाथरूम की ओर भागा और अपनी पैंट को जल्दी से खींच के देखता हूँ तो मेरा लंड पूरी तरह खड़ा हो चुका था और उसमे से बून्द बूंद करके मेरा पानी निकल रहा था। अब मेरे बर्दाश्त के बाहर था, मैंने पूरे जोर से अपने लंड को पकड़ा और उसे फुल स्पीड से हिलाना चालू कर दिया और इस दैरान मैंने किस तरह कल माँ की चुदाई की उसके बारे में सोचने लगा। वो माँ की चूत से बहता हुआ पानी और उसमे भीगा हुआ मेरा लंड किस तरह मेरा लंड माँ की चूत के अंदर जाते ही, उसकी चूत की गर्मी का एहसास वो माँ की सिसकिया लेना। ओह आआआ अब ऐसा लग रहा था के मेरा लावा निकलने वाला है। तभी एक जोरदार पिचकारी मेरे लंड से निकलती है और सीधे मेरे मुंह पर आती है।

ओह्हहहहहह माँ! कहते हुए मै झड़ने लगता हूँ। करीब 2 मिनट तक मै झड़ता रहता हूँ और मेरे लंड का पानी पूरी बॉडी के साथ साथ नीचे बाथरूम में गिरा होता है. शायद मै पहली बार इतना झड़ा था वो भी माँ के नाम से पर ये क्या???? मेरा लंड तो अभी भी खड़ा ही था। क्यूँ पर कैसे ओह माय गॉड! अब क्या करू?

तभी बेटा क्या.. क्या तुम हो अंदर???

मै- हाँ माँ मै हूँ और मै अपना लंड अंदर डालके बाहर निकलता हूँ मेरी साँसे अभी तेज़ थी।

मै – क्या हुआ माँ??

माँ- मुझे लगा तूने मुझे बुलाया इसलिए मै आई!

शायद यानि मैंने जब पानी निकलते वक़्त माँ कहा था तो माँ ने सुन लिया,

नहीं माँ आपको नहीं बुलाया था मैंने।

माँ- अच्छा ठीक है। अरे ये तुम्हारे छाती और मुंह पे क्या लगा हे??? क्या है???

हे भगवान मेरा माल तो मुंह और छाती पे अभी भी है, मै तो साफ़ करना ही भूल गया।

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मै- वो माँ मुझे सर्दी हो गई है ना इसलिए और छींक आने से सब मुंह पर लग गया था। माँ मुझे ऊपर से नीचे तक देखती है और हलकी सी स्माइल करके चली जाती है। मै समझ नहीं पाया उनकी स्माइल को तभी मै नीचे देखता हूँ ओह माय गॉड मेरी चड्डी में तो एक बहुत बड़ा तम्बू बना था, जो साफ़ दिख रहा था और नीचे देखते समय माँ ने भी देखा होगा। कितना बड़ा गधा हूँ, मै कुछ भी संभाल नहीं पाता। पर मेरे मन में एक सवाल आया के अगर माँ ने देखा तो वो हंसी क्यू??? क्या उन्हें अच्छा लगा मै पूरी तरह एक दुविद्या में था और कुछ समझ नहीं पाया और सीधा कमरे में जाकर सोने की तैयारी करने लगा। कमरे में अपने बेड पर लेट गया, पर नींद मेरी आँखों से कोसो दूर थी। मेरे मन मे वही बातें घूम रही थी और बार बार माँ मेरे सामने आ रही थी। मेरा दिमाग बस माँ की जवानी के नशे में डूब गया था। यही सोचते-2, रात के 12 बज गए। तभी मैंने घर के दरवाज़ा पर किसी की आवाज़ सुनी और साथ में माँ की भी आवाज़ थी। मैने कमरे से बाहर देखा तो पापा थे, जो पूरी तरह शराब के नशे में चूर थे और माँ उन्हें सहारा दे कर अंदर रूम में ले जा रही थी, पर वो ठीक से चल भी नहीं पा रहे थे। Maa Bete Ki Chudai kahani Hindi

माँ- क्या आप भी आज भी शराब पी कर आये है, आपको कितनी बार कहा है मुझे शराब पसंद नहीं है।

पापा- हाँ तो मेरी जान मै कहा तुझे शराब पिला रहा हूँ जो तुझे पसंद नहीं है.

ये बोलते ही पापा ने माँ को अपनी ओर खींच लिया और उनके गालो को चूमने लगे, जिससे माँ का पल्लू गिर गया और उनके बड़े बड़े संतरे पिताजी के सामने आ गए।

पापा- आय हाय क्या लगती है अभी भी तू! तेरे संतरे देख कर तो मेरा केला खड़ा हो गया। अब तो तू पहले से भी ज्यादा जवान हो गई है। तू साली एक दम देसी दारू है तुझे तो आज मै पिऊंगा मेरी जान।

ये बोलते ही पापा माँ के बूब्स को चूमने लगे जिससे उनकी साड़ी आधी खुल गई।

माँ-क्या कर रहे हो आप अरे घर में जवान बेटा – बेटी है और आप ऐसी हरकते कर रहे है।

पापा- तो हम कहा बूढ़े हो गए है आज भी मेरे खून में वही गर्मी है चल आज दिखाता हूँ तुझे!!

और माँ को चूमते चूमते सीधा कमरे में ले कर चले गए। मै भी डर डर के उनके कमरे की तरफ जाने लगा और खिड़की खुली होने के कारण सब देख पा रहा था.. पापा अब माँ की नाभि को चूम रहे थे और माँ ने अब उनका विरोध करना छोड़ दिया था, शायद अब उन्हें भी मज़ा आ रहा था। वाह कितनी सुन्दर नाभि है माँ की एक दम गहरी और थोड़ी सी बाहर निकली हुई थी। जो बहुत मादक लग रही थी। उनका नैवेल में तो एक छोटे बच्चे का लंड घुस जाये। माँ की नैवेल देख के मेरा लंड खड़ा होने लगा था और अपने आप मेरा हाथ पैजामे में घुस गया।

पापा- हाय क्या भरा हुआ बदन है तेरा। तुझे देख के तो खा जाने का मन करता है। मममआज तुझे ऐसा चोदूँगा जैसे पहली रात में चोदा था।

पापा की बातें सुनकर मै पागल होता जा रहा था और सोच रहा था के आज माँ की चुदाई देखने को मिलेगी। इससे मेरा लंड झटके खाने लगा, पापा ने अब अपने पूरे कपडे उतार दिए और माँ के भी कपडे उतारना चालू कर दिया। शायद वो बहुत जल्दी में थे।

माँ- अरे रुको ना इतनी भी क्या जल्दी है पूरी रात पड़ी है।

पापा- मेरी जान तुझे देख कर कण्ट्रोल नहीं हो रहा है। जब तेरी गरम चूत में मेरा लंड जायेगा तभी ये शांत होगा

और पापा ने माँ को पूरी नंगी कर दिया। माँ को मैंने पहली बार पूरी तरह नंगी देखा। माँ तो एक सेक्स बम लग रही थी। ऐसा देख के लगा के मेरा पानी अभी निकल जायेगा। मै भी पूरा गरम हो गया और अपने लंड को पाजामे के बाहर निकाल के हिलाना चालू कर दिया। उधर पापा ने माँ के पैरो को चौड़ा कर दिया और अब उनका लंड माँ की चूत के अंदर जाने के लिए रेडी था। माँ का चेहरा देख के लग रहा था के वो भी इसे लेने को पूरी तैयार है और तभी पापा ने अपना लंड माँ की चूत में घुसा दिया। आह माँ के मुँह से हलकी आवाज़ निकली और आँखे बंद हो गई। तभी पापा ने अपनी स्पीड बढ़ा दी ऐसे धक्के मारने लगे जैसे कोई कुत्ता किसी कुतिया को चोद रहा हो। माँ के मुँह से धीमी धीमी आवाज़े निकल रही थी..

पापा- हाय आआ क्या चूत है तेरी अब भी किसी सोलह साल की लड़की के जैसी, उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ मेरे लंड को तो जलाके रखा है तेरी चूत ने.

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पापा ये बोलते जा रहे थे मुझे लग रहा था के जैसे मै माँ को चोद रहा हूँ। पापा की अब स्पीड बढ़ गई थी, जिसके साथ ही माँ की आवाज़ भी बढ्ने लगी। जैसे जैसे पापा धक्के मारते थे वैसे वैसे माँ के बूब्स उछलने लगते। ऐसा लग रहा था के वो भी चुदाई से नाचने लगे है। Maa Bete Ki Chudai kahani Hindi

माँ – आहअअअअअओह्ह! ऊऊऊऊ और जोर से जोर से करो ना!

पापा- क्या करू? – मेरी जान!

माँ- चोदो चोदो मुझे! जोर जोर से प्लीज चोद डालो आज तुम्हारी जान को! आज मत रुकना!

माँ के मुँह से चोदो शब्द सुनकर मै अब पागल हो रहा था और मुझे ऐसा लगा जैसे माँ मुझे बोली राजी हो अब मुझे भी जोश आ गया और मैंने भी अपने हाथो की स्पीड बढ़ा ली. तभी पापा रुके!

माँ- क्या हुआ क्यों रुक गए?????

पापा- अरे अभी तो मेरा फेवरेट स्टाइल बाकि है।

माँ- अब कोनसा स्टाइल है तुम्हारा??? देखो अब मुझे मत तड़पाओ और जल्दी से मेरी ये आग बुझा दो!

पापा- आय हाय तू साली तो कोठे वाली रंडी के जैसे बात कर रही है आग बुझा दो! कुछ समय पहले तो बड़ी सती सावित्री बन रही थी! के घर में जवान बेटा – बेटी है और अब क्या हुआ तुझे – साली नाटक करती है जा नहीं चोदता तुझे!

माँ- देखो ऐसा मत करो अब अगली बार कभी तुम्हें नहीं रोकूंगी अब मेरी प्यास बुझा दो वर्ना मै मर जाऊँगी!

मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा था के ये सब माँ बोल रही है। मैंने माँ का ये रूप पहले कभी नहीं देखा था वो तो चुदने के लिए मरी जा रही थी। पापा ने सही बोला था. वो सच में एक रंडी लग रही थी। एक वक़्त तो ऐसा लगा के मै खुद जाके अपना लंड माँ की गर्म-2 चूत में डाल के उन्हें रात भर चोदूँ..

पापा- हाहा आ गयी ना लाइन पे रंडी साली! मुझे पता है तेरी चूत में बहुत आग है। तुझे तो एक साथ 4 लोडे लगेगे तब जाके शांत होगी तेरी चूत! चल अब जल्दी से कुतिया बन जा! तेरी चूत को शांत करता हूँ साली!

और तभी माँ एक कुतिया बन गई ओह क्या मस्त गांड है माँ की गोल-2 और भरी हुई! उनकी गांड देख के ऐसा लगा के माँ को सच में किसी घोड़े का लंड चाहिए आखिर इतनी सुन्दर है मै भी कितना बेवकूफ था इतना बड़ा माल मेरे घर में था और मै इधर उधर मुंह मार रहा था.. पापा अब पूरी तरह तैयार थे और उन्होंने जैसे पीछे माँ की चूत में लंड घुसाया माँ के मुँह से सिसकारी निकल गई!

पापा- साली तेरी चूत तो बहुत गीली हो गई है लगता है बहुत प्यासी है तू!

माँ- अब शुरू भी करो!

पापा- करता हूँ रंडी बहुत खुजली है ना अभी निकालता हूँ तेरी खुजली!

और पापा ने धक्के मारने चालू कर दिए! पापा माँ को साथ में नशे में गालिया देते जा रहे थे। माँ ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेती जा रही थी। मेरा भी हाथ अब रुकने वाला नहीं था, मा को पापा किसी कुतिया की तरह चोदे जा रहे थे। तभी पापा के मुँह से एक जोरदार आवाज़ हुई!

आहहहहहहहहहहहह!!!!!!!!!! और पापा ज़ोर-2 से हाफने लगे और उन्होंने माँ को आगे धक्का दे दिया और सीधा बेड पर गिर पड़े। पापा अभी हाफ रहे थे!

माँ- क्या हुआ??

पापा- वाह! मज़ा आ गया!

एक दम शांति और पापा की आँखे बंद होने लगी।

माँ- क्या आप ऐसा नहीं कर सकते मेरे साथं आप तो बोल रहे थे के आज पूरी रात प्यार करेंगे.. तो कीजियेना!

पापा- अरे तुझे तो 24 घंटे चोदूँगा फिर भी तेरी चूत की आग ठंडी नहीं होगी।

माँ- नहीं आप ऐसा नहीं कर सकते, मुझे बीच रास्ते में मत छोड़िये!

ये बोलते हुए माँ पापा के लंड को सहलाने लगी। पर उसको कोई फरक नहीं पड़ रहा था, फिर माँ ने उसे मुंह मे लेके चूसना शुरू कर दिया। 5 मिनट चूसने के बाद भी पापा का लंड मुंहरझाया हुआ ही था। ये देख कर माँ रोने लगी।

माँ- देखिये अगर आपने मेरी आग नहीं बुझाई तो मै मर जाउंगी।

पापा- तो जाके मर उधर सोने दे मुझे, साली रांड!

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माँ की अब भी सांसे चढ़ी हुई थी वो कभी अपनी चूत सहलाती तो कभी अपने बूब्स को दबाती! माँ एक दम रंडी जैसी लग रही थी और मुझे लग रहा था के वो अपनी गर्मी बर्दाश्त नहीं कर पा रही है। अब माँ का एक हाथ अपने चूत पर था और दूसरा हाथ अपने बूब्स पे। माँ अब अपने लाल होठ दातो से काट रही थी। पसीने की बूंदे उनके गले से होकर बूब्स और नैवेल से गुजरकर जांघों की दरारों में जा रही थी। उस वक़्त माँ मुझे उतनी कामुक लग रही थी के मन में आया के जाके माँ को दबोच लू और उनके लाल-2 होठो को चूसते हुए उन्हें चोदूँ और हम एक दूसरे की गर्मी निकाल दे और अगर पापा नहीं होते तो में ये कर भी लेता। तभी मैंने देखा माँ बेड से उठ गई और अलमारी की ओर गई, माँ चल रही थी तब उनके बड़े चूतड़ जैसे मुझे बुला रहे हो। जब माँ वापस आई तो उनके हाथ मे कुछ टैबलेट्स थी। वो वह टैबलट्स खा के बेड पर बैठ गई। उनकी आँखे बहुत लाल थी, अगर इस वक़्त माँ को कोई भी लंड मिलता तो, वो उसे खा जाती। Maa Bete Ki Chudai kahani Hindi

माँ ने पापा को देखकर कहा! नामर्द कही का एक बीवी को शांत नहीं कर सकता!

ये बोलके माँ ने चादर ओढ़ ली यानि उन्होंने नींद की गोलिया खाई थी। माँ के चादर ओढ़ने के बावजूद उनके बड़े बड़े चूतड़ मुझे नज़र आ रहे थे। मेरा लंड अभी भी खड़ा था और झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था। मैंने भी सोच लिया अगर माँ आज रात प्यासी है तो मै भी अपनी प्यास नहीं बुझाऊँगा। अब तो माँ की प्यास मै ही बुझाऊँगा चाहे जैसे भी हो। तभी मुझे मेरे पीछे से कुछ गिरने की आवाज़ आई! क्या?? कौन है वहाँ??मै अपनी पैंट पकड़के आगे बढ़ता हूँ..तो ओह माय गॉड..वो तो मेरी सिस्टर थी। इतनी रात को यहाँ क्या कर रही है.? यही सोचते हुए मै चुपके से उसे देखने लगा, तो वो किचन में जा रही थी। मै समझ गया के उसे भूख लगी है। दो दिन से कुछ खाया नहीं था कमीनी ने इसलिये ठूसने आ गई है। मै चुपके से उसकी नज़र बचाके अपने रूम की तरफ भागा और घुस गया। अपने बेड पर पड़े पड़े पापा और माँ की चुदाई के बारे मे सोचते-2 मेरी आँख लग गई। सुबह उठा तो देखा के सुबह के 9 बज गए। यानी कल रात मै अलार्म लगाना भूल गया, पर माँ भी मुझे उठाने नहीं आई! मै उठा कर सीधे किचन में गया, माँ वहाँ खाना बना रही थी।

मै- माँ मुझे तुमने उठाया क्यू नहीं ???

माँ- अरे बेटा माफ़ करना मै खुद अभी उठी हूँ, सुबह मेरी आँख ही नहीं खुली। तेरे पापा भी आज लेट हो गए!

मै मन में – कैसे उठोगी रात को जो आधी चुदाई हुई और ऊपर से नींद की गोलिया जो खाई थी।

मै- चलो कोई बात नहीं आज पूरा दिन माँ के साथ रहूँगा।

और ये बोलते हुए मैंने माँ को पीछे से गले लगा लिया और गले लगाते ही मेरा नीचे का हिस्सा माँ के बड़े बड़े चूतड़ों को हल्का सा स्पर्श हुआ। मुझे थोड़ा अच्छा लगा कितने सुन्दर लग रहे थे बड़े बड़े और फैले हुए।

माँ- ओह कही बोर तो नहीं हो जायेगा घर पर माँ के साथ!

मै- अरे माँ मै तुम्हारे साथ कैसे बोर हो सकता हूँ?

ये बोलके मैंने अपना हाथ माँ की कमर में डाल दिया और थोड़ा माँ से चिपक गया। माँ के बदन से मुझे भीनी-2 खुशबू आ रही थी और दिल भी जोरो से धड़क रहा था, क्यूकी इतना गदराया हुआ माल को पकड़ा हुआ था। पर माँ को शक ना हो इसलिए बहुत हलके से माँ से चिपका हुआ था और उधर माँ रोटियाँ बेलते हुए मुझसे बात कर रही थी।

माँ- आज बड़ा प्यार आ रहा है माँ पर, नहीं तो माँ के लिए तो टाइम ही नहीं तेरे पास!

मै- अरे माँ आज पूरा दिन तुम्हारा बस!

माँ बेटे की चुदाई कहानी हिन्दी

और माँ हसने लगी इसका फायदा उठाते हुए मैने माँ को थोड़ा कस के पकड़ लिया। अब मै माँ के चूतड़ अपने सोये लंड पे महसूस करने लगा, माँ के चूतड़ सच में बहुत मुलायम थे, जिससे लंड अब अपना मुंह उठाने लगा। मेरे हाथ माँ के नंगे पेट पे थे और मै माँ से बाते करते हुए उसे सहला रहा था। माँ भी इसे अनदेखा कर रही थी, मेरा लंड अब पूरा खड़ा हो गया था। मैंने अपनी कमर थोड़ी पीछे कर ली जिससे माँ को शक ना हो। पर माँ रोटियां बेलने के कारण आगे पीछे हो रही थी, जिससे मेरा लंड का सुपाड़ा माँ के चूतड़ों पे टच करता। ऐसा 10-15 बार हुआ पर माँ अपनी बातो में लगी हुई थी.. मुझे लगा शायद माँ जानकर भी अनजान बन रही है.. तो मैंने भी अंजान बन के पेड़ा खाना ही बेहतर समझा और अपनी कमर को थोड़ा आगे की ओर किया। जिससे अब मेरा आधा लंड माँ के चूतड़ों में घुस गया। अब मुझे झटका लगा मैंने सोचा भी नहीं था के आधा लंड माँ के चूतड़ में घुस जायेगा.. माँ भी बोलती बोलती रुक गई! मैंने सोचा के कही मैंने जल्दबाजी तो नहीं कर दी। मेरे हाथ की पकड़ भी ढीली होने लगी और अब मेरे पसीने छूटने लगे पर मेरा आधा लंड अब भी माँ के चूतड़ में फसा हुआ था। ऐसा लग रहा था के किसी ने पूरी ताकत के साथ उसे जकड के रखा हो। Maa Bete Ki Chudai kahani Hindi

तभी माँ बोल पड़ी बेटा!!!!

हाँ..माँ!

माँ- तुमने अलार्म नहीं लगाया था क्या????

यहाँ मेरा लंड माँ के चूतड़ों के बीच फंसा हुआ है और माँ अलार्म के बारे में पूछ रही है, यानि मेरा निशाना अँधेरे में सही जगह लगा। अब मुझमे थोडी सी हिम्मत आई।

मै- वो माँ अलार्म सेट करना भूल गया था

और ये बोलके मैंने माँ के पेट को फिर पकड़ लिया और अब माँ भी नॉर्मली बातें कर रही थी। ये देखते हुए मैंने सोचा, अगर माँ आधा लंड गांड में घुसाने के बावजूद नाराज़ नहीं हुई तो पूरा लंड डाल भी दिया तो क्या होगा। वैसे भी वो प्यासी है उसे तो सिर्फ तगड़ा लंड चाहिए और मैंने पूरा लंड घुसाने की कोशिश की और जिसे ही माँ रोटी बेलते वक़्त पीछे आई मैंने उनके पेट को पकड़ कर जोर से अपने तरफ खींचा। मेरा लंड माँ की साड़ी समेत 4 इंच अंदर घुस गया। Maa Bete Ki Chudai kahani Hindi

तभी माँ के मुंह से आवाज़ निकलती है बेटा!!!!!!!!!आआआ!”!!

मै– क्या हुआ?

माँ – ??? माँ की सांसे तेज चल रही थी और उनके माथे पर पसीना टपक रहा था। गरम है!

मै– क्या गरम है माँ??

माँ- रोटी गरम थी बेटा उससे हाथ जल गया।

मुझे पता था की माँ की चीख क्यू निकली है। अब मै पूरा कॉन्फिडेंस में आ गया था के माँ मुझसे चुदना चाहती है, अगर वो मेरा पूरा लंड अपनी गांड में ले सकती है तो चूत में भी ज़रूर लेगी और मैंने सोच लिया के आज ही माँ को चोद डालूंगा और यही सोचकर मै अपने हाथ माँ के बड़े बड़े दूध की तरफ ले जाने लगा, के तभी..

माँ- बेटा जा तू नहा ले मुझे बड़ा काम है यहाँ!

और ये बोलके माँ बाथरूम की और चली गई। पर ऐसा क्यू किया अभी तो मेरे लंड का मज़ा ले रही थी..और अचानक क्या हुआ के माँ चली गई? क्या उन्हें अच्छा नहीं लगा? मैंने जितना सोचा था उतना आसान नहीं था माँ को चोदना, इसलिए अब दूसरा रास्ता देखना पड़ेगा। पर कुछ भी हो माँ मेरा केएलपीडी कर चुकी थी

मै भी नहा कर नाश्ता करने के लिए रेडी हो गया था माँ भी नहा चुकी थी और उसने लाल कलर की साड़ी पहनी हुई थी और ब्लाउज भी लाल कलर का ही था, पर ब्लाउज काफी डीप था हमेशा की तरह और उसमे माँ के आधे दूध बाहर झांक रहे थे। वो काफी सुन्दर लग रही थी ये देखकर मेरा लंड सलामी दिये जा रहा था।

माँ बेटा सेक्स स्टोरी

मै- माँ वो दीदी अभी भी रूम में बंद है क्या???

माँ- अरे वो तो सुबह ही कॉलेज निकल गई!

मै- क्या सच???

और मै मन ही मन खुश हो गया के चलो मुसीबत गई, यानि घर में आज माँ और मै ही है। ये सोच कर मेरे मन में लड्डू फूटने लगे।

मै- माँ आज आप कुछ उदास दिख रही है? क्या बात है मुझे बताओ.

माँ- लम्बी सास लेते हुए अरे!!! बेटा तुझे क्या बताऊँ कुछ बाते होती है जो बताई नहीं जाती।

मै- जैसे क्या माँ? ??

माँ- बेटा तेरे पापा के कारण परेशान हूँ वो रोज रात को शराब पीके आते है और….

मै- और क्या माँ???

माँ- जाने दे बेटा तू समझेगा नहीं।

मै- तुम बताओ तो सही माँ अब मै बड़ा हो गया हूँ और सब समझता हूँ। यह बोलके मै माँ की आँखों में देखने लगा!

माँ- हाँ मुझे भी लग रहा है के मेरा बेटा बड़ा हो गया है। अब मुझे कोई चीज़ की कमी नहीं होने देगा।

मै- हाँ माँ मै तुम्हें हमेशा खुश रखूँगा और हमेशा तुमहे प्यार करूँगा।

माँ– (हस्ते हुए) मेरा बेटा! कितना प्यार करता है अपनी माँ से!

और ये बोलके माँ ने मुझे अपने गले से लगा लिया। जैसे ही मै माँ के गले लगा मुझे उनके गदराये बदन की खुशबू आ रही थी, जो मुझे बहुत अच्छी लग रही थी। मेरा मुंह माँ के गले में था और माँ मुझे बड़े प्यार से चिपकाये हुए थी। मै माँ के गले को चूम रहा था और माँ मेरे सर पे अपनी उंगलिया घुमा रही थी और मेरा प्यारा बेटा कितना प्यार करता है अपनी माँ से बोले जा रही थी। मुझे भी कोई डर नहीं था, क्यूकी घर में सिर्फ हम दो ही थे। मै भी धीरे धीरे गर्दन से हो के थोड़ा नीचे आया और जहा मेरी नज़र थी यानि माँ के आधे खुले हुए बड़े बड़े दूध उसके ऊपर अपने होठ ले गया और उनको जैसी ही मैंने चूमा माँ के मुँह से एक हलकी सी सिसकारी निकली। Maa Bete Ki Chudai kahani Hindi

ओहह बेटाआआआ!!!!!

अब मेरा मुंह पूरा माँ की चूचियों के अंदर घुसा हुआ था. अब माँ भी मेरे रंग में आने लगी थी। उन्होंने अपना हाथ मेरे सर से हटा कर मेरी कमर पे रख दिया और मेरी कमर को अपनी ओर खींचा जिससे मेरी कमर माँ से सट गई। अब मै समझ गया के माँ क्या चाहती है. ऐसा करने से मेरा लंड भी सावधान पोजीशन में आ गया। मैं भी अपने हाथो को माँ के चूतड़ों में ले गया और धीरे से सहलाया। ओह !!कितने बङी-2 है माँ के चूतड़! मै अपने हाथ उनपे घुमा रहा था और बीच बीच में दबाये जा रहा था। अब माँ की भी आवाज़ बढ़ने लगी और दिल की धड़कन तेज़ हो गई थी। मै महसूस कर सकता था।

ओह बेटा!! मेरा लाल!!! आअह्ह्ह्हह!! ऐसे ही प्यार कर अपनी माँ से येसससससस!!!

Maa bete ki sex ki kahani

माँ की सिसकारियां मुझे पागल कर रही थी, मैंने भी माँ के चूतड़ों को ज़ोर ज़ोर से दबाना चालू कर दिया और अपनी पूरी कमर उनकी जांघों के बीच में घुसा दी. ऐसा करने से मेरा खड़ा लंड सीधा माँ की चूत से सट गया। अब मेरे लंड का सुपाड़ा, माँ की चूत से सटा था, क्यूकी मै अपने लंड पर उसकी गर्मी महसूस कर पा रहा था। माँ ने अब मेरे कंधो को पकड़ लिया और अपने पैरो को थोड़ा खोल दिया। मै समझ गया के माँ क्या चाहती है। उधर मै अपने दोनों हाथ माँ के चूतड़ों की दरारों में डालने लगा, जिससे माँ अब खुल के आवाज़े करने लगी, जैसे वो पापा के साथ चुदाई करते समय निकालती थी। मैंने माँ के बूब्स दबा दबाके पूरे लाल कर दिए थे। मैंने देखा के माँ का एक बूब पूरा बाहर निकला हुआ था। मेरा उसपे ध्यान ही नहीं था। जितना सोचा था माँ का बूब उससे भी बड़ा था एक दम गोरा और उसपे ब्राउन कलर का निप्पल जो पूरा तना था। लगभग 1 इंच का था। ये देखकर तो मेरे मुंह में पानी आने लगा और पूरा मुंह खोल के मैंने उसे चूसना शुरू कर दिया माँ के बूब्स पुरे गरम हो गए थे। ओह कितने मुलायम थे वो!! माँ ज़ोर-2 से मेरे सर को दबाये जा रही थी! मै माँ के बूब्स को पागल कुत्ते की तरह चूस रहा था और मेरे हाथ माँ के चूतड़ों को फैला फैलाके दबा रहे थे और लंड चूत की चौखट पर अपना सर मार रहा था।

अब मुझे लगने लगा के मेरा पानी छूटने वाला है तो अब मैंने अपनी कमर को हिलाके माँ की चूत के ऊपर धक्के मारने लगा. क्यूकी मेरा लंड फटने वाला था, माँ ने भी पूरे पैरो को चौड़ा कर दिया, जिससे मेरा लंड उनकी चूत पर सही जगह लगे। मैंने भी माँ के चूतड़ों को पकड़ लिया और ऊपर उठाया और पूरी ताकत के साथ अपने लंड पर ले गया. माँ भी अपना आप खो बैठी और वो भी मेरी कमर पे चढ़ गई और अपने पैरो को मेरे पीछे ले जाके क्रॉस कर दिए. माँ का पूरा शरीर अब मैंने अपने ऊपर उठा लिया था और हम कामसूत्र के पोज़ में आ चुके थे. मुझे पता था के मै माँ का वजन ज्यादा समय तक उठा नहीं पाउँगा, इसलिए मैंने ज़ोरो से धक्के मारने शुरू कर दिए! Maa Bete Ki Chudai kahani Hindi

मेरे हर धक्के पर माँ की मुँह से कराहने की आवाज़ निकलती!आए!!आहहहआअअअ!!!

मुझे लगा अब मेरा पानी निकलने वाला है और अब फुल स्पीड में माँ को अपने लंड पर उछालने लगा। और कुछ ही देर मे मेरा पानी निकल गया। हालांकि माँ अभी नहीं झड़ी थी लेकिन उन्होने मुझसे बोला। जा बेटा फ्रेश हो जा मै भी कुछ काम कर लूँ। मै अपने रूम मे चला गया और फ्रेश होके अपने बेड पर आराम करने लगा। मै बस माँ के बारे मे ही सोच रहा था कि आज मै माँ को पक्का चोदूँगा। अभी तक तो कपड़ो के ऊपर से ही किया है अब हमारे बीच कोई कपड़ा नहीं होगा। मै माँ को पूरा मज़ा देना चाहता था। मै ये सोच ही रहा था कि एक जोरदार आवाज़ हुई!! आवाज़ बाथरूम की तरफ से आई थी। मै बाथरूम कि तरफ भागा, तो देखा माँ फर्श पे पड़ी हुई थी और कराह रही थी।

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