ससुर बहु सेक्स स्टोरी हिंदी में, Sasur Bahu Sex Story

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Sasur Bahu Sex Story, Bahu ki Chudai, Father in law and daughter in law sex story in Hindi ससुर बहु सेक्स स्टोरी चूत का उद्घाटन ससुर ने किया पति का लंड किसी काम का नहीं।

दोस्तों मैं मोनिका कपूर, दिल्ली से मैं हरिनगर में रहती हु, मेरे घर में मेरे ससुर और मेरे पति रहते है, सास नहीं है. मेरा लालन पालन मेरे पाप और सौतेली माँ ने किया, सौतेली माँ मुझे बहूत ही ज्यादा दुःख देती है, मैं पुरे घर का काम काज करती, उनके बच्चों को संभालती, पर मुझे गलियां के अलावा कुछ भी नहीं मिलता था. पापा भी रंडीबाज और दारूबाज थे उनको मेरी तनिक भी चिंता नहीं थी. दोस्तों मैं आपको आज अपनी कहानी सुनाने जा रही हु, कैसे मुझे मेरे ससुर ने अपनी बीवी बनाया क्यों की पति मादरचोद पागल है, उसका तो लंड भी खड़ा नहीं होता है. आज मैं आपको अपनी ये पूरी कहानी बताने जा रही हु.

शादी मेरी १८ साल में ही हो गई, मैं दिल्ली आ गई. मेरी शादी बस मेरे सौतेली माँ ने भार उतार दिया, मुझे गलत घर में शादी कर दिया, मेरे ससुर का अपना एक फैक्ट्री है. मेरे पति जिनका एक्सीडेंट हुआ था उसके बाद तो वो अपनी दुनिया में रहते ही नहीं है. आधा से ज्यादा पागल है. मैंने पहले शादी के लिए मना भी किया था पर मुझे ये समझाया गया की हमलोग तो गरीब है तुम बहूत बड़े घर में जा रही हो, लड़का का इलाज हो रहा है वो जल्द ही ठीक हो जायेगा. और ये तो तुम्हारी खुसनशीबी है की तुम्हारी शादी बड़े घर में हो रही है. मैंने भी अपने जल्लाद सौतेली माँ से छुटकारा पाने के लिए शादी की हामी भर दी.

शादी हो कर ससुराल आ गई. मेरा पहला रात था पति के साथ, दोनों एक बिस्तर पे थे, वो थोड़े तुतला तुतला के बोल रहे थे, मुझसे प्याल क्लोगी, मैं क्या बताऊँ दोस्तों मैं जीते जी मर रही थी, सुहागरात में एक मर्दानगी होनी चाहिए वो गायब था, एक दो घंटे तक यु ही बात चित करते करते, मुझे लगा की आज मैं पहली बार सेक्स का स्वाद चखूँगी, पर वो इंटरेस्ट नहीं दिखाया, मैं सोची की अब मुझे ही इस घर को और पति को देखना है तो मैं भी पहल करती हु, मैंने उनके कपडे उतार दिए और मैं भी अपना कपडे उतार दी. सिर्फ ब्रा और निचे पेटिकटो में थी. बड़ी बड़ी मेरी जवान चूचियां जो आज तक किसी ने नहीं छुआ था मचल रहा था की काश हाथो से सहलाता रहे, पर उसने छुआ तक नहीं.

मैंने अपना ब्रा भी उतार दी.पेटीकोट भी उतार दी. लाइट जल रही थी. मैं उसके होठ को चूसने लगी. और अपनी चूचियां उसके छाती पे रगड़ने लगी. और कमर से उसके लंड पे हौले हौले धक्के देने लगी. मैं काफी कामुक हो चुकी थी मेरी चूत काफी गीली हो चुकी थी. मुझे लंड चाहिए था. मैं हाथ निचे की और जब अपने पति का लंड छुआ तो दंग रह गई. दोस्तों, खड़ा ही नहीं था. मरे चूहे की तरह था, मैंने कहा ये क्या है. तो उसने कहा ये खड़ा नहीं होता है. पर डॉक्टर अंकल बोले है की खला हो जाएगा, दोस्तों मैं रो गई. मैं वही पड़ी कुर्शी पर बैठ गई और खिड़की खोलकर बाहर निहारने लगी. ऊपर से मैं दूसरी फ्लोर पे थी. मैं रो रही थी. और सोच रही थी की ज़िन्दगी अब बर्बाद हो चुकी है.

मैं अपने पति के तरह देखि तो वो खर्राटे ले रहा था. मुझे और रोना आ गया. मैं दरवाजा खोल कर बाहर गई. टॉयलेट से आई, जैसे ही मैं अपने कमरे में जाने लगी. बाहर से ससुर जी मेरा हाथ पकड़ लिया. और बाहर खीच लिए और मेरे कमरे को बाहर से लगा दिया. मैंने कहा ये क्या कर रहे हो? उन्होंने कहा अब कुछ नहीं हो सकता है. तुम्हे पता है मेरी भी बीवी नहीं है. मेरा बेटा नपुंशक है. वो तुम्हे खुश नहीं कर सकता, तुम वापस भी नहीं जा सकती अपने मायके क्यों की, वह पर तुम्हारी सौतेली माँ एक नंबर की रंडी है. अगर तुम चली गई तो तुम्हे वो रेड लाइट एरिया में बेच देगी. फिर तुम खुद समझना की तेरे साथ क्या हाल होगा.

मैं सब बात को समझ चुकी थी. मुझे पता था की वो मुझे अपने बेटे की आड़ में अपनी बीवी बनानी चाह रहा है. मैं भी सोची की अगर मैं यहाँ कोई भी फैसला करती हु तो वो फैसला मेरे विरुद्ध ही जायेगा. इसलिए मैंने उनको गले लगा लिया. वो करीब 50 साल है. मैं 18 साल की. उन्होंने मुझे गोद में उठाया और अपने कमरे में ले गए. उन्होंने अपने कमरे को खूब अछि तरह से सजा रखा था, गुलाब के फूल बिखरे थे. एक केक और मोमबती भी था. उन्होंने मेरे से केक कटबाया और मुझे केक खिला के. मुझे एक सोने के चेन दिया और फिर मुझे अपनी बाहों में भर लिया.

मैं भी उनके आगोश में बहती ही चली गई. और हम दोनों नंगे होते होते एक दूसरे को चुम्नते रहे, वो मेरी चूचियों को दबाते रहे. मेरी चूत में ऊँगली डाल रहे थे. मेरे चूत को बाल में ऊँगली फिर रहे थे. मुझे बहूत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था. मैंने भी काफी सेक्सी हो चुकी थी मैंने भी उनका लंड अपने मुह में ले के चूसने लगी. वो आह आह आह कर रहे थे. फिर वो मुझे निचे कर के मेरे पैरों को फैला कर, मेरे चूत के ऊपर लंड को रखकर घुसाने लगे, मेरी चूत काफी टाइट थी इसलिए बार बार उनको कोशिश करनी पड़ रही थी. दोस्तों थोड़े देर में ही उन्होंने अपना ओर लंड मेरे चूत में पेल दिया.

मैं दर्द से कराह उठी. पर वो दर्द मीठी थी. मजा भी आ रहा था. करीब दस झटकों के बाद मेरी चूत काफी खुल गई थी अब दर्द भी नहीं हो रहा था. मैंने भी अपने लय में आ गई थी. और फिर जोर जोर से चुदाई शुरू हो गई. दोस्तों रात भर मैं अपने ससुर से चुदते रही. और ज़िन्दगी के मजे लेते रही. अब क्या है. अब तो मैं अपने ससुर की पत्नी हो गई हु, और मेरा पति मेरा बेटा बन गया है. ये कहानी आपको कैसी लगी. जरूर बताएं, मैं आपके लिए एक और कहानी जल्द ही ले के आउंगी नॉनवेज स्टोरी पे.

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