पति बाहर ससुर का लंड बहू के अंदर भाग 4

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Sasur ne bahu ko choda:- मैं पिछले कई हफ्तों से बहु के नाम के मुठ मार और उसे चोद के थक गया था। मैं उस रात बहु के मुँह पे अपने पापा का वीर्य निकालते देख अपना पानी निकाल कर इतना थक गया के सुबह 10 बजे तक सोता रहा. सुबह बहु कमरे में झाड़ू लगाने आयी और मुझे उठाने लगी.. मुझे हलकी हलकी आवाज़ सुनाई दे रही थी.. लेकिन थकान इतनी के मेरी नींद नहीं खुली. कुछ देर बाद बहु और समधी की आवाज़ सुनकर मेरी नींद खुली। मैंने जब कमरे में अपनी नज़रें घुमाई तो हैरान रह गया. कमरा बिलकुल साफ़ था टेबल पे न्यूज़ पेपर रखा हुवा था। तब मुझे याद आया के सुबह शायद बहु मुझे उठाने आयी थी. मैं हैरान था मेरा अंडरवियर घुटने तक था और मैं पूरा नंगा था. मैंने जब लेटे लेटे बेड पे हाथ लगाया तो बिस्तर की चादर पे एक बड़ा सा धब्बा था और उस जगह पे बेडशीट कड़ा हो के पापड़ की तरह सख्त हो गया था. मैंने अपने लंड को पकड़ कर अंडरवियर में डालना चाहा तो देखा के मेरा लंड एकदम गीला है जैसे के अभी-अभी माल निकला हो.

अगर आपने इस कहानी का तीसरा पार्ट नहीं पढ़ा है तो यहाँ पढ़ें==>> पति बाहर ससुर का लंड बहू के अंदर भाग 3

Sasur ne bahu ko choda sex story

लेकिन ये कैसे हो सकता है? माल तो मैंने रात मे निकाला था और वो बेडशीट पे गिर के सख्त भी हो गया फिर लंड गीला कैसे? मुझे कुछ समझ में नहीं आया मैं बाथरूम गया और फ्रेश हो कर बाहर हॉल में चला गया. बहु सामने आयी और वो मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी.. उसने चाय का प्याला मेरी ओर बढ़ाया..

कोमल – ये लीजिये बाबूजी.. चाय पीजिये.. आप रात में बहुत थक गए होंगे (बहु ने आँख मारते हुवे कहा.. )।

मैंने चाय का प्याला ले लिया और सोचने लगा के शायद बहु सुबह मेरे कमरे में आयी थी और वह मेरा खुला लंड देख कर ये समझ गई होगी के मैंने रात में माल मारी है.

कोमल – क्या बाबूजी मैं आपको सुबह उठाते उठाते थक गई.. लेकिन आप हैं के उठे ही नहीं.. क्या-क्या नहीं किया मैंने आपको उठाने के लिए।

(बहु ने फिर से मेरी ओर देख आँख मारी)। मेरे दिमाग में अचानक से बात आयी.. कहीं बहु सुबह मेरा लंड तो नहीं चूस रही थी और वो गीलापन उसके होठो का था?

मैं – गुड मॉर्निंग समधी जी.. कैसी रही रात आपकी।

प्यारेलाल – बहुत अच्छी. काफी रिलैक्स हो के सोया.

मैंने अपने मन में सोचा. समधी जी रिलैक्स तो जरूर हुवे होंगे आखिर अपनी बेटी के मुँह पे अपना वीर्य गिराया है, बहुत कम ऐसे बाप होते होंगे जो अपनी जवान बेटी के सामने माल मार कर सेटीस्फाइ होते होंगे. Sasur ne bahu ko choda

कोमल – बाबूजी आज आप इतनी देर तक क्यों सोते रहे? ऐसा क्या कर रहे थे आप कल रात जो इतना थक गए?

मैं – (बहु की बातचीत को अच्छी तरह से समझ रहा था वो शायद अपने पापा के सामने मुझसे डबल मीनिंग में बात करना चाहती थी)।

मै – हाँ बहु क्या करता पिछले कई दिनों से निकाल-निकाल के थक गया हूँ.

कोमल – क्या निकाल के थक गए हैं बाबूजी?

मैं – अरे बेटा.. तुम तो जानती हो वो बाथरूम का नल ख़राब हो गया है ना, तो कुछ ही घंटे में नीचे पानी भर जाता है और फिर उसे निकालना पड़ता है.

कोमल – बाबूजी.. आपको कितनी बार मना किया है आप मत किया कीजिये मुझे बोलिये मैं आपका पानी निकाल दिया करूंगी, आपके बाथरूम से.

कोमल – कल रात आप पानी निकाल के सोये क्या?

मैं – हाँ बहु.. कल रात पानी निकाल के सोया सुबह तक ज्यादा पानी इकट्ठा हो जाता ना. प्लम्बर को बुलाऊंगा आज!

कोमल – ओह अच्छा मैं सुबह जब आपके कमरे में आयी तो देखा के आप सो रहे हैं तो मैंने बिना आपको नींद से उठाये आपका पानी निकाल दिया (बहु ने बड़े ही शरारती अंदाज़ में कहा)।

कोमल – बाबूजी.. पानी इतना ज्यादा था के मेरे मुँह पे भी छीटें पड़ गए.. आप चिंता न करें जब तक प्लम्बर नहीं आता मैं रोज आपका पानी निकाल दिया करुँगी.

Sasur ne bahu ko choda kahani

मुझे पहले से ही शक था के बहु ने सुबह मेरा लंड चूसा है, लेकिन मुझे नहीं पता था के मैं जो सपना देख रहा था के कोई लड़की मेरा लंड हिला रही है वो दरअसल हकीकत में मेरी बहु मेरा लंड मुँह में लिए माल निकाल रही थी. मुझे यकीन नहीं हो रहा था के मेरी बहु जो इतनी शर्मीली थी, जो कुछ हफ्ते पहले मेरे सामने घूंघट में रहती थी, आज वो मेरा लंड चूसने से भी नहीं हिचकिचाती और सिर्फ यही नहीं अपने पापा के सामने मुझसे डबल मीनिंग में रोज मेरे लंड का पानी निकालने की बात भी कर रही है. मैं बहु के इस नए बेहेवियर से काफी खुश था, आखिर मैं हमेशा से एक रंडी बहु चाहता था. पहले मेरी बहु शर्मीली थी तो क्या? अब तो धीरे धीरे रंडी बन रही है. मैंने बहु से इस बारे में बात करने की सोची और मौका देखते ही किचन में चला गया. समधी जी हॉल में बैठे टीवी देख रहे थे. मैंने किचन में पहुंच कर बहु को पीछे से पकड़ लिया उसकी खुली नाभि को छूने लगा और उसकी पीठ को चाटने लगा. मेरा खड़ा लंड बहु की मादक गांड में दबने लगा.

कोमल – बाबू जी ये क्या कर रहे हैं आप? पापा देख लेंगे.

मैंने बहु की बात अनसुनी कर दी, उसे किचन की दीवार में चिपका दिया और उसके पल्लू को खींच नीचे कर दिया. फिर मैं पागलों की तरह उसके गरम पेट में मुँह मारने लगा.. अपनी जीभ को बहु की नाभि में डाल दिया. बहु सिसकारी मारने लगी, मुझे समझ में आप गया के बहु उत्तेजित हो रही है. उसके बाद मैंने अपना एक हाथ आगे कर साड़ी को ऊपर उठा दिया, बहु ने एक ढीली सी पैंटी पहनी थी। पैंटी इतनी ढीली थी के मैंने आराम से अपनी ऊँगली बहु की चूत में घुसा दी. बहु एकदम से चौंक गई.. मैं लगातार बहु की चूत में ऊँगली करता रहा. बहु की बुर खुलने से किचन में बहु की बुर की स्मेल फैल गई. अब तक बहु के बुर से पानी छूटने लगा था, लेकिन फिर भी वो अपने आप को मेरे बंधन से छुड़ाने लगी. मैं बहु को जोर से जकड़ा रहा और अपने राइट हैंड से मैंने अपना लंड बाहर निकाल के बहु की गांड से सटा दिया. मैं पागलों की तरह बहु को चोदना चाहता था, मुझे ना जाने क्या हो गया, मैंने समधी जी का बिना ख्याल किये किचन में ही बहु के ब्लाउज और ब्रा में हाथ डाल कर उसके सर के ऊपर से निकाल दिया. Sasur ne bahu ko choda

बहु की दोनों चूचियां आज़ाद हो कर बाहर लटकने लगी. मैंने पीछे से बहु को पकड़ा और उसके होठो पे अपने होठ रख दिए, बहु की सांस तेज़ चल रही थी. मैंने अपनी दोनों हथेलियों में बहु के भारी बूब्स को पकड़ लिया और उसे कस-कस के दबाने लगा. बहु के मुँह से टीस उठने लगी, अब वो भी उत्तेजित होकर अपना सब्र खो रही थी. वो अपने होठ मेरे मुँह के अंदर डालते हुवे अपने हाथों से मेरा हाथ पकड़ बूब्स को जोर-जोर से रगड़ रही थी. लेकिन बहु को इस बात का ख्याल था के कहीं समधी जी ये सब देख ना लें। बहु ने सँभलते हुवे कहा…

Sasur bahu chudai ki sex story

कोमल – बाबूजी.. पापा देख लेंगे प्लीज छोड़ दीजिये।

मैं – ले बहु पहले मेरे लंड को अपने हाथ में तो ले.. (मैंने बहु का हाथ पकड़ के अपने लंड पे रख दिया)।

कोमल – बाबूजी यहाँ किचन में?

मैं – क्या हुवा बहु जब तुम सुबह मेरा लंड चूस सकती हो तो यहाँ क्यों नहीं? चलो मेरा लंड सहलाओ और अपने मुँह में ले कर चूसो।

कोमल – ठीक है बाबूजी लेकिन जल्दी निकालिये अपना माल।

बहु मेरा लंड पकड़ के माल मारने लगी और मैं अपने हाथ से उसके गरम निप्पल को दबाने लगा. बहु भी मस्ती में अपनी आँख बंद किये तेज़ी से माल मारने लगी..

कोमल – बाबू जी मेरे निप्पल मत दबाइये मेरी चूत में पानी आ रहा है.

मैं – (पैंटी के अंदर हाथ डालकर अपनी ऊँगली बहु की चूत में डाल दी).. बहु तेरी चूत तो पहले से ही गीली है. ला तेरा भी पानी निकाल दूँ (और फिर मैं उसकी चिपचिपी चूत में ऊँगली डालने लगा)।

बहु – आआआअह्ह बाबूजी.. अभी नहीं रात में. चलिए अभी मैं आपके लंड का पानी निकाल देती हूँ.

(ये कहते हुवे बहु नीचे बैठ गई और मेरा लंड अपने गरम मुँह के अंदर ले लिया)। मैं रसोई की खिड़की के पास खड़ा था और बहु ठीक वहीँ पे नीचे बैठी मेरा लंड चूस रही थी. मैं वहां से समधी जी को देख पा रहा था. बहु जोर-जोर से मेरा लंड अपने मुँह में ले रही थी, मेरा लंड बहु की लार से गीला और चिपचिपा हो गया था. बहु जब-जब मेरा लंड मुँह में अंदर बाहर करती चाप-चाप… चिप-चिप… के आवाज़ आती. बीच-बीच में बहु मज़े से उम्मम्मम्म.. आआह्ह्ह.. मम्म्मूउउ.. की आवाज़ भी निकाल रही थी. समधी जी को ये आवाज़ शायद सुनाई दी तो वो पीछे मुड़ के बोले..

प्यारेलाल – अरे समधी जी आप वहां किचन में क्या कर रहे हैं?

सामने किचन होने से समधी जी मुझे सिर्फ कमर तक देख पा रहे थे और बहु खिड़की के नीचे होने से छुपी थी.. मैं अपना एक हाथ कमर पर और एक हाथ से बहु के बाल पकड़ कर बोला..

मैं – कुछ नहीं समधी जी.. प्यास लगी थी तो पानी पीने आया था।

प्यारेलाल – ओके.. बेटी नज़र नहीं आ रही कहीं..

मैं – समधी जी आपकी बेटी यहीं है.. यहाँ किचन में नीचे बैठ फ्रूट्स काट रही है।

प्यारेलाल – कोमल बेटी आज सुबह-सुबह फ्रूट्स क्यों?

कोमल – (बहु अपना मुँह मेरे लंड से हटाते हुवे बोली..) पापा वो मेरे जन्मदिन पे अपने बाबूजी और पडोसी अंकल सब लोग बहुत सारे फल ले आये. सारे ख़राब हो रहे हैं इसलिए सोचा फ्रूट सलाद बना दूँ।

प्यारेलाल – ओके बेटी लेकिन फ्रूट को पील ऑफ मत करना बेटी.

कोमल – (मेरे लंड को हाथ में पकड़, नीचे बैठे अपने पापा से बात करते हुवे..) पापा आपको कौन से फल पसंद हैं? क्या-क्या डालूं फ्रूट सलाद में?

प्यारेलाल – बेटी.. एप्पल, अंगूर, ऑरेंज ये सब डालना.

कोमल – केला पापा?? केले जल्दी ख़राब हो जाते हैं डाल दूँ?

प्यारेलाल – नहीं बेटी.. मुझे फ्रूट सलाद में केला नहीं पसंद है. उसे तुम खा जाओ.

कोमल – (मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ देखती हुई..) पापा इस केले का छिलका बहुत पतला है.. क्या इसे भी बिना छीले खाते हैं?

प्यारेलाल – (हँसते हुवे… – अरे नहीं बेटी.. भला कोई केला बिना छीले खाता है क्या?

कोमल – अच्छा फिर कैसे? ये केला तो नरम है.

प्यारेलाल – बेटी.. पहले उसके छिलके को उतार दो.

कोमल – (मेरे लंड को मुट्ठी में ले कर लंड के स्किन को खोल दिया..) जी खोल दिया मेरा मतलब केला छील दिया..

प्यारेलाल – हाँ अब खा जाओ..

कोमल – (मेरे लंड को कस कर पकड़ कर..) इस केले को ऐसे ही मुँह में ले लूँ?

प्यारेलाल – हाँ बेटा ले लो.

कोमल – ummmmmmmmmmmmmmmmmm आह बहुत मज़ेदार है ये केला तो.. (बहु मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी..)।

प्यारेलाल – बेटी केला सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है, रोज़ खाना चहिये।

कोमल – (मेरा लंड मुँह में लिए हुवे बोली..) उम्म्म पापा.. केला बहुत अच्छा है.. मैं इसे रोज़ खाऊँगी.. उम्मम्मम.. चाप-चाप..

Sasur ne bahu ko choda hindi kahani

बहु को लंड मुँह में लिए हुवे अपने पापा से बात करता देख मेरे लंड का सारा पानी बहु के मुँह में निकल गया. बहु जोर से मेरा लंड अपने मुँह के अंदर गले तक ले ली.. बहु का मुँह मेरे वीर्य से इतना भर गया के होठ के किनारे से चूने लगा. मैं बहु के मुँह में माल गिरा कर आनंद से भर उठा. दिन बीतते गए मेरी जवान बहु अब काफी खुल गई थी, घर में बहु कम कपड़ों में रहती थी. मुझे जब चांस मिलता मैं बहु को छू लिया करता. पुरे दिन मैं बहु के बारे में सोच या उसे देख माल मारता रहता. मुझे पूरा यकीन था बहु के पापा भी अपनी बेटी को देख खुद को माल मारने से रोक नहीं पाते होंगे. मैं बहु को अपने पापा से चुदते हुवे देखना चाहता था, लेकिन मुझमे इतनी हिम्मत नहीं थी के इस बारे में मैं बहु या फिर समधी जी से कुछ कह पाता. किसमे इतनी हिम्मत होगी जो बाप-बेटी के बीच चुदाई की बात करे.. लेकिन घर में जिस तरह बहु और समधी आपस में क्लोज थे, मुझे धीरे-धीरे यकीन होने लगा था कि शायद एक दिन ऐसा आये जब मेरा सपना पूरा हो. Sasur ne bahu ko choda

समधी जी को सुबह जल्दी उठने की आदत थी वो कमरे से बाहर निकल पौधों को पानी दे रहे होते थे. जब बहु की नींद खुलती वो सीधा अपने पापा के पास जाती और कस के उन्हें हग कर लेती. शुरू-शुरू में तो दोनों टाइट हग करते लेकिन कुछ दिनों से जब भी बहु उनसे लिपटती तो अपने नरम होठ समधी जी के होठो से सटा लेती और उन्हें कस कर अपनी बाँहों में लेते हुवे गुड मॉर्निंग पापा बोलती. समधी जी भी अपनी बेटी को गुड मॉर्निंग किस देते और जब भी कभी मौका मिलता उसके नरम मुलायम जिस्म को सहला देते. आज सुबह जब बहु बिस्तर से उठी तो हमेशा की तरह मुझे गुड मॉर्निंग बोलते हुवे सीधा अपने पापा से लिपट गई..

कोमल – पापा.. आपकी बॉडी इतनी गरम क्यों है? आप ठीक तो हैं?

प्यारेलाल – हाँ बेटी तुम तो मेरी अच्छी बेटी हो, देखते ही पहचान जाती हो के मेरी तबियत ठीक नहीं है.

कोमल – पापा.. आप अपना ख्याल नहीं रखते, मैं डॉक्टर को बुलाती हूँ (कोमल अपने पापा से लिपटाते हुवे बोली)।

प्यारेलाल – (कोमल की कमर से गांड तक अपने हाथ से सहलाते हुवे) नहीं बेटी मैं ठीक हूं।

कोमल – पापा प्लीज आप आराम करिये मैं डॉक्टर को बुला रही हूँ.

बहु फ़ोन पे – हेलो डॉक्टर राव? थिस इस कोमल यू रेमेम्बर मी, आई केम टु योर क्लिनिक लास्ट मंथ?…. यस. माय फादर इस नॉट वेल.. प्लीज सर इफ यू आर बिजी प्लीज सेंड एनी गुड डॉक्टर अर्जेंटली.

बहु अपने पापा के पास बैठी बातें करती रही. करीब 1 घंटे बाद किसी ने डोर बेल बजाई. बहु अपने नाईट गाउन में ही मेन डोर के तरफ आगे बढ़ी. मैं बहु को पीछे से उसकी मटकती भारी गांड को देखता रहा.

दरवाज़े पे.. हेलो.. आई ऍम डॉक्टर रवि… डॉक्टर राव स्पोक टु यू दिस मॉर्निंग..

बहु – ओह यस.. प्लीज कम.

डॉक्टर रवि करीब 30 साल का जवान डॉक्टर था बहु और डॉक्टर बातें कर रहे थे, लेकिन उसकी नज़र लगातार मेरी बहु की भरी-भरी चूचियों पे थी, जो बिना ब्रा के नाइटी में कसी हुई थीं. मैं भी कमरे के एक कोने में दीवार से सट कर खड़ा हो गया. Sasur ne bahu ko choda

डॉक्टर रवि – (समधी जी को एक्सामिन करने के बाद).. कुछ परेशान होने की बात नहीं है, शायद वायरल लगता है लेकिन मैं कुछ टेस्ट करना चाहूंगा.

कोमल – जी डॉक्टर!

डॉक्टर रवि – आप इनको मेरे क्लिनिक पे ले कर आ जाइए, मैं कुछ टेस्ट कर लेता हूँ फिर दवा लिखुंगा।

कोमल – जी डॉक्टर मैं आ जाउंगी.

डॉक्टर रवि – आप लोग पंजाबी हैं?

कोमल – जी नहीं डॉक्टर!

डॉक्टर रवि – ओके.. मैंने आपके हाथों में इतनी सारी चूड़ियां देखि तो मुझे लगा आप पंजाबी हैं.

कोमल – (मुस्कुराते हुवे)… क्यों आपको अच्छी लगी ?

डॉक्टर रवि – हाँ बेहद.. और आपने जो पाँव में पायल पहन रखी है वो मुझे बहुत पसंद है. ऐसी ही पायल मैं अपनी बीवी के लिए भी लेना चाहता हूँ.

Sasur bahu ki sex story in hindi

बहु अपना एक पाँव उठा कर पायल दिखाने लगी, ऐसा करते हुवे बहु के काले गाउन से उसकी दूध जैसी सफ़ेद और कोमल भरी-भरी जाँघे नज़र आने लगी. डॉक्टर रवि पायल देखना छोड़ बहु की जांघो को देखने लगा. बहु भी बेशर्मी से अपनी जांघ एक अजनबी को दिखा रही थी, उसे इस बात की कोई शर्म नहीं थी. थोड़ी देर बाद डॉक्टर चला गया. अगले दिन सुबह समधी जी की तबियत और बिगड़ गई, डॉक्टर उन्हें एडमिट करना चाहते थे, लेकिन समधी जी ने साफ़ मना कर दिया. समधी जी उठ नहीं पा रहे थे उन्हें मैं और बहु पकड़ कर ले जाते थे. काफी सारे डॉक्टर ने उन्हें देखा लेकिन सारी कोशिश बेकार जा रही थी. आज डॉक्टर रवि के साथ डॉक्टर राव भी मौजूद थे.

डॉक्टर राव – देसाई जी अपने समधी से कहिये के एडमिट हो जाएँ यहाँ इनका कौन ख़याल रखेगा?

मै – मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा डॉक्टर!

कोमल – डॉक्टर राव आप चिंता न करें, मैं पूरा ख्याल रखूंगी अपने पापा का!

डॉक्टर राव की नज़र मेरी बहु पे पड़ी, बहु ने एक पिंक कलर का सलवार सूट पहना था और दुपट्टा गले में लपेटा था जिससे उसकी आधी नंगी चूचि नज़र आ रही थी.. एक पल के लिए बहु की खुली चूचि देख डॉक्टर राव की आँखें बड़ी हो गई, फिर वो सँभलते हुवे बोले.. Sasur ne bahu ko choda

डॉक्टर राव – देखो बेटी इनका पूरा ख्याल रखना पड़ेगा, इन्हे अकेला नहीं छोड़ना है और रात में भी मॉनिटर करना होगा, कर पाओगी ?

कोमल – जी डॉक्टर मै कर लूंगी, आखिर ये मेरे पापा हैं..

डॉक्टर राव – वो सब ठीक है लेकिन फिर भी इनको कहीं भी अकेला नहीं छोड़ना और इन्हे आप दूध पिलाइये. (डॉक्टर ने बहु की चूचि की तरफ देखते हुवे बोले)।

कोमल – जी मैं ख़याल रखूंगी और इन्हे रोज रात में दूध पिलाऊंगी (बहु ने बहुत ही सेक्सी अंदाज़ में अपने गले का दुपट्टा और पीछे खींचते हुवे कहा)।

बहु के दूध पिलाने वाली बात सुन कर मेरा लंड खड़ा हो गया और साथ ही साथ कमरे में खड़े बाकी मर्दो का भी लंड खड़ा हो गया होगा. मैंने डॉक्टर रवि को पीछे खड़े अपना लंड एडजस्ट करते हुवे देखा. डॉक्टर ने समधी जी को कुछ इंजेक्शन दिए और बोले के इन्हे काफी नींद आएगी, तो इन्हे सोने दीजिये. थोड़ी देर बाद सभी चले गए. बहु अब पूरी तरह अपने पापा का ख्याल रखने लगी थी। मैं उसके कमरे में गया तो देखा के उसने एक टाइट टीशर्ट और एक छोटी सी हाफ जीन्स पहन रखी है. बहु की जांघ इतनी ज्यादा मोटी थी के ऐसा लगता था जैसे जीन्स फट जायेगा. मैंने बहु से कहा.. Sasur ne bahu ko choda

मैं – बहु मैं सोने जा रहा हूँ किसी चीज़ की जरुरत हो तो बुला लेना और हाँ तुम समधी जी को बाथरूम ले कर गई थी?

कोमल – नहीं.. मैं भूल गई।

मैं – चलो फिर हम दोनों इन्हे बाथरूम ले चलते हैं..

कोमल – लेकिन पापा को तो डॉक्टर ने दवा दिया और वो अभी सो रहे हैं।

मैं – हमे समधी जी को ऐसे ही ले जाना होगा.. तुमने सुना नहीं डॉक्टर ने क्या कहा के इन्हे आराम करने दें.. इन्हे सोने दो बाथरूम ले चलेंगे तो शायद इनको पेशाब आ जाए कोशिश करने में क्या हर्ज़ है. तुम इनके साथ सो रही हो और इन्होने बिस्तर पे पेशाब कर दिया तो?

कोमल – ठीक है पापा जी. मैंने समधी जी को उठाया और कंधे के सहारे बाथरूम तक ले आया। दूसरी तरफ कोमल ने उन्हें पकड़ा हुवा था..

मैं – बहु मैं इन्हे संभालता हूँ तुम इनका पैंट का ज़िप खोलो..

कोमल – (शर्माते हुवे.. मैं? )।

मैं – हाँ करो जल्दी!

कोमल ने अपने पापा का ज़िप खोला और खुलते ही समधी जी का काला और मोटा सा लंड बाहर निकल आया. मुझे समझ नहीं आ रहा था क्या समधी जी का लंड इतना बड़ा है ? बहु भी चोरी से अपने पापा का लंड देख रही थी.

मैं – बहु… लंड और बाहर निकालो।

कोमल – निकाल दिया पापा जी.. लेकिन ये पेशाब कैसे करेंगे? इन्हे तो नींद ने घेरा हुवा है.

मैं – अरे बहु.. तुम भी नादान हो. कभी छोटे बच्चे को देखा है उसकी माँ बच्चे को कैसे सुसु कराती है? ओह तुम कैसे देखोगी तुम्हे तो अभी बच्चा भी नहीं है।

कोमल – कैसे करते हैं बताइये न?

मैं – देखो बहु इनके लंड को अपने हाथों में पकड़ कर धीरे धीरे सहलाओ.. तो इन्हे पेशाब महसूस होगा.

कोमल – (चौंकते हुवे..) मैं? नहीं मैं कैसे कर सकती हूँ।

मैं – बहु मैं कर देता लेकिन मैं करूँगा तो इन्हे संभालेगा कौन? तुम संभाल लोगी?

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कोमल – नहीं पापा मैं नहीं संभाल पाउंगी.. ठीक है मैं पापा का वो पकड़ के सहलाती हू, बहू ने धीरे से अपना हाथ आगे बढ़ाया और अपने पापा का लंड सहलाने लगी.. बेटी को अपने बाप का लंड सहलाते देख मेरे लंड एकदम से खड़ा हो गया. मैं काफी एक्साइटेड हो गया था और बहु को ऐसा करते देख मुझे और आगे बढ़ने का मन हुवा. मेरे दिमाग में आईडिया आया क्योंकि बहु अनजान थी इसलिए मुझे उसकी नादानी का फ़ायदा उठाना आसान था.. मैंने कुछ देर बाद पुछा.. Sasur ne bahu ko choda

मैं – क्या हुवा बहु? पेशाब निकला?

कोमल – नहीं पापा.

मैं – ओह फिर तो प्रॉब्लम हो जाएगी.. (मैंने झूठ मूठ चेहरा बनाया)।

कोमल – क्यों पापा? पेशाब न करने से क्या प्रॉब्लम हो सकती है।

मै – बेटा मैंने डॉक्टर राव से बाहर बात की थी, उन्होंने मुझे कुछ रिपोर्ट के बारे में बताया और ये भी कहा के हमे क्या क्या करना चाहिए। (मैंने झूठ बोला)

कोमल – कैसी रिपोर्ट – क्या कहा डॉक्टर ने?

मैं – बेटी.. डॉक्टर राव बोल रहे थे के समधी जी के ब्लैडर और पेनिस के नीचे वाले भाग में कुछ प्रॉब्लम है और शायद ऑपरेशन भी करना पड़ सकता है..

कोमल – क्या?

मैं – हाँ.. इसलिए इनका ब्लैडर फुल नहीं होना चाहिए और मुझे ये भी कहा के इनका स्पर्म भी रेगुलर निकले तो अच्छा होगा.

कोमल – स्पर्म मतलब.. क्या…

मैं – हाँ तुमने सही सुना.. स्पर्म यानी माल वो भी ज्यादा दिन रोकने से प्रॉब्लम हो सकती है.

कोमल – तो अभी क्या?

मैं – अभी तो ब्लैडर खाली करना जरुरी है।

कोमल – लेकिन मैं सहला तो रही हूँ पापा का पेनिस.. लेकिन कोई फ़ायदा नही।

मै – बहु एक बात कहूं अगर तुम बुरा न मानो तो..

कोमल – जी पापा बोलिए.

मैं – अगर लंड को थोड़ी गर्मी और नमी मिले तो पेशाब आ जायेगा..

कोमल – मैं समझी नहीं..

मैं – मेरा मतलब अगर तुम अपने पापा के लंड को अपने मुँह की गर्मी दो तो शायद पेशाब आ जाए..

कोमल – (चौकते हुवे)… क्याआ??? – पापा का अपने मुँह में लू.. ये क्या कह रहे हैं।

मैं – बहु.. अभी के लिए ये करना पड़ेगा. वैसे भी तुम्हारे पापा सो रहे हैं इन्हे पता भी नहीं चलेगा के तुम क्या कर रही हो.. और ये बात मेरे तुम्हारे बीच रहेगी।

कोमल – ओह क्या करू मैं..

मैं – कुछ मत सोच बस थोड़ा सा चूस लो अपने पापा का लंड।

कोमल – उम्म्म्म… ठीक है।

कोमल जमीन पे घुटनो पे बैठ गई और अपने पापा का लंड मुँह में लेकर चूसने लगी.. बहु को अपने ही पापा का लंड चूसते देख मेरी हालत खराब होने लगी. मैंने भी धीरे से अपना लंड बाहर निकाल लिया. बहु अपनी आँखे बंद किये अपने पापा का लंड चूस रही थी। शायद अब उसे मज़ा आने लगा था. बहु ने खुद ही अपने पापा के लंड का स्किन नीचे खोल दिया और कसके चूसने लगी.. समधी जी का लंड अब पूरी तरह से खड़ा हो गया था. बहु के थूक से समधी जी का लंड पूरा गीला हो गया था. इधर मैं बहु को लंड चूसते देख एक हाथ से अपना लंड तेज़ी से हिला रहा था… Sasur ne bahu ko choda

मैं – बहु और कस के चूसो अपने पापा का लंड बहु..

कोमल – आह पापा जी.. कुछ नमकीन सा आ रहा है..

बहु ने लंड बाहर निकाला तो समधी जी के लंड से पेशाब आने लगा.. बहु नीचे जमीन पे बैठी थी. इससे पहले के वो कुछ समझ पाती समधी जी का पिशाब बहु के शरीर को भिगो दिया.. उनका गरम-गरम पिशाब बहु के चेहरे, चूचि और जांघों पे गिरा. कुछ सेकंड बाद पेशाब बंद हो गया.

कोमल – ओह मैं तो पूरा पेशाब से भीग गई।

मैं – कोई बात नहीं बहु थोड़ा सा और चूस लो शायद कुछ बाकी रह गया हो..

इस बार बहु बिना झिझक थूक से सने लंड को पकड़ अपने मुँह में ले ली और चूसने लगी.. बहु को अब बहुत मज़ा आने लगा था अपने पापा का लंड चूसने में. थोड़ी देर चूसते-चूसते वो अपने मुँह में लंड लिए हुवे बोली..

कोमल – आह पापा कुछ नमकीन चिपचिपा सा टेस्ट आ रहा है..

Sasur bahu ki chudai kahani hindi

लेकिन बहु ने लंड बाहर नहीं निकाला. मैं समझ गया के समधी जी का माल निकलने वाला है… और अब तो मेरा भी माल निकलने वाला था. बहु ने थोड़ा सा माल पिया और लंड बाहर निकाल लिया… बाहर निकालते ही समधी जी के लंड से तो जैसे फव्वारा फूट पड़ा और उनका सारा माल बहु के चेहरे पे निकल आया… अपने पापा के माल से सना अपनी रंडी बहु का चेहरा देख मेरा भी माल निकल आया. बाथरूम में फर्श पे बैठी मेरी बहु चेहरे से अपने पापा का माल साफ़ कर रही थे. मैं अपना माल निकाले चूका था मुझे समधी जे को संभालने में अब बहुत मुश्किल हो रही थे. मैंने बहु से धीरे से कहा..

मैं – बहु उठो आओ समधी जी को रूम में ले चलते हैं..

बहु ने मेरी बात जैसे सुनी हे न हो.. वो आँखें बंद किये अपने होठो से माल साफ़ करती रही. शायद इतना सबकुछ कर बहु बहुत ही गरम हो गई थी, उसे मजा आ रहा था. मैंने अपना चिपचिपा हाथ बहु के कंधे पे रख कर एक बार और आवाज़ लगाईं.

मैं – बहु..क्या हुवा?

बहु ने मेरी तरफ मुड़ के देखा तो दंग रह गई मेरा लंड पैंट के बाहर देख उसे समझने में जरा सा भी देर नहीं लगी के मैं अपना माल निकाल चुका हूँ।

कोमल – बाबूजी ये आप क्या कर रहे हैं, पापा ने देख लिया तो?

मैं – मुझे माफ़ करना बहु तुम्हे अपने पापा का लंड चूसते देख मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अपना लंड बाहर निकाल कर मुठ मार लिया।

कोमल – लेकिन पापा के सामने?

मैं – अरे बहु तुमने उनका लंड चूस लिया और उनकी नींद नहीं खुली तो मेरे मुठ मार लेने से उन्हें क्या पता चल जायेगा?

कोमल – ओह बाबूजी.. मेरा पूरा बदन चिपचिपा हो गया है और ये क्या आपने भी अपना हाथ साफ़ नहीं किया और मेरे कंधे पे अपना माल लगा दिया..

मैं – ठीक है बहु चलो पहले मैं समधी जी को बेड पे लिटा देता हूँ उसके बाद तुम अपनी सफाई कर लेना. अब आओ मेरी मदद करो.

कोमल – जी पापा.. लेकिन आप अपना लंड अंदर तो कीजिये.

मैंने समधी जी को वापस बिस्तर पे लिटा दिया. बहु वाशरूम चली गई और शावर लेने लगी. वाशरूम का दरवाज़ा खुला था मैं बहु के पीछे पीछे वाशरूम के नजदीक आ गया. बहु का बदन वाइट कलर की ट्रांसपेरेंट शर्ट में भीगने के बाद बहुत कामुक दिख रहा था। एक बार फिर मेरे लंड में हलचल मचने लगी. बहु नहाते वक़्त अपनी चूचियां मसल रही थी. बहु के निप्पल खड़े हो गए थे वो हैंड शावर उठा कर अपनी बुर पे रगड़ने लगी. मुझे तो पहले से ही पता था के बहु गरम हो गई है. मैंने सोचा नहीं था के वो अपने पापा का लंड देख कर इस तरह उत्तेजना से भर उठेगी. बहु वाशरूम में तेज़ी से अपना हाथ अपनी बुर पे रगड़ रही थी. मैं चुपके से वाशरूम में घुस आया और पुरे कपडे उतार अपने खड़े लंड को हाथ से मसलने लगा. बहु की बड़ी गांड देख मेरा खुद पे कण्ट्रोल नहीं रहा और मैने बहु को वाशरूम में कस के पकड़ लिया.. Sasur ne bahu ko choda

कोमल – बाबूजी ये आप क्या कर रहे हैं?

मैं – बहु तुम्हारी चूचियां और भरी गांड देख कर भला मैं कैसे खुद को रोक पाता.

मैं अपने लंड को बहु की चूचियों के बीच दबा कर पेलने लगा।

कोमल – बाबूजी प्लीज जाइये ना यहाँ से.. मुझे डर लग रहा है।

मैं – कैसा डर बहु तुम तो पहले भी मुझसे चुदवा चुकी हो।

कोमल – तब की बात अलग थी बाबूजी, तब मैं और आप घर में अकेले थे अब पापा हैं.. यहाँ! बाबूजी बस.. (मैंने अपनी ऊँगली बहु की गीली चिपचिपी बुर में डाल दी.. )।

कोमल – ओह बाबू जी…. उम्मम्मम बस करिये।

मै – बहु तुम्हारी गीली बुर से अपनी ऊँगली निकालने का मन नहीं करता.. क्या तुम अपनी गरम बुर चटवाना चाहोगी ?

बहु ने मेरी बात का कोई जवाब नहीं दिया. उसकी ख़ामोशी से मैं समझ गया के इस वक़्त बहु को अपनी बुर चटवाने का मन है. मैंने बिना कोई देर किये अपना मुँह बहु की बुर से सटा दिया. बहु आनंद से भर उठी उसने अपनी टाँगे फैला दी, वो मेरे बाल पकड़ कर अपने बुर के अंदर खींच रही थी. बहु की बुर से एक अजीब सी गंध आ रही थी। मैं उत्तेजित हो कर उसकी महकती बुर को चाटने लगा.. करीब 2-3 मिनट चाटने के बाद बहु की बुर से कुछ गरम गरम पानी सा निकला, जिसे मैं पी गया. बहु अब स्खलित हो चुकी थी, लेकिन मेरा माल निकलना अभी बाकी था. मैंने अपने लंड को हाथो में लिया और बहु की जांघो के बीच जगह बनाते हुवे उसकी चूत में अपना लंड पेल दिया.. बहु आनंद से कराह उठी.. मैंने उसे कस कर पकड़ लिया, वो मेरे कंधे और पीठ पे अपने नाखून चुभाने लगी. मैंने जोर से धक्का दिया और फिर 2-3 मिनट तक बहु को पेलने के बाद अपना माल बहु की बुर में गिरा दिया. Sasur ne bahu ko choda

अपना माल निकाल कर मैं अपने कमरे में आ गया, मैंने कपडे चेंज किये और वापस बहु के रूम की तरफ चल दिया. बहु भी नहा कर निकल चुकी थी. मैं जब रूम में गया तो बहु अपने बेहोश पड़े पापा के सामने ब्रा पैंटी में खड़ी थी और टॉवल से पानी सुखा रही थी।

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मैं – बहु.. तुम इस तरह से कपडे बदल रही हो कहीं समधी जी की नींद खुल गई तो अपनी जवान बेटी का गदराया बदन देख कर वो झड़ जाएंगे.

कोमल – छी बाबूजी.. आप भी ना मेरे और मेरे पापा के बीच कितनी गन्दी बात करते हैं (बहु ने टॉवल बेड पे रख दिया और और अलमारी से जीन्स निकालने लगी)।

मैं – क्या? मैं गन्दी बात करता हूँ? तुम्हारे पापा जो तुम्हारी पैंटी में मुठ मारते थे, तुम्हारी तस्वीर पे अपना वीर्य गिराया करते थे वो सब ठीक है?

कोमल – मैंने कभी उन्हें ऐसा करते हुवे नहीं देखा.. तो मैं कैसे मान लू! ऐसा आपने बोला है मुझे. मुझे यकीन है मेरे पापा मुझसे बहुत प्यार करते हैं और अपनी बेटी के बारे में ऐसी गन्दी बात सोच भी नहीं सकते.

मैं – बहु मैं तुम्हे कैसे समझाऊं तुम्हारे पापा सिर्फ तुमसे प्यार ही नहीं करते तुम्हे चोदना भी चाहते हैं.

कोमल – बस.. चुप करिये बाबूजी, अगर आप ये सब कुछ अपनी फंतासी के लिए बोल रहे हैं तो फिर ठीक है, लेकिन मेरे पापा ने मुझे हमेशा प्यार दिया है एक अच्छे पिता के तरह और मैं उनकी सबसे अच्छी बेटी हूँ.

मैं – हाँ सबसे प्यारी बेटी जो अपने पापा का लंड चूस कर अपने मुँह में उनका वीर्य लेती है.

कोमल – प्लीज बाबूजी ऐसा मत कहिये वो मेरे पापा हैं और वो मेरी मज़बूरी थी कृपया करके ऐसे बात मत करिये नहीं तो मैं आपसे कभी नहीं चुदवाउंगी.

मैं – लेकिन तुम इतने यकीन के साथ कैसे कह सकती हो तुम मर्दो को नहीं जानती, उनका लंड अपनी बहु, बेटी या बहन के लिए भी खड़ा हो सकता है.

कोमल – मैं नहीं मानती क्या सबूत है आपके पास?

मैं – सबूत? ठीक है बहु अगर ये बात है तो जैसा मैं कहूं वैसा तुम करो तो तुम्हारे पापा का तुम्हे चोदने की लालसा का साफ़ पता चल जायेगा. बोलो चैलेंज ?

कोमल – हाँ पापा चैलेंज, मैं जीतूंगी मुझे पता है! मुझे अपने पापा पे पूरा विश्वास है.

मैं – लेकिन कहीं तुम हार गई तो?

कोमल – तो फिर आप जो चाहेंगे, मैं वो करुँगी.

मैं – अच्छा अगर मैं ये कहूं के तुम ये जीन्स अभी मेरे सामने उतार दो तो?

कोमल – मैं उतार दूँगी..

मैं – तो उतारो..

कोमल – अभी?

मैं – हाँ!

कोमल – ठीक है!

बहु ने जीन्स का ज़िप खोला और एक झटके में अपनी कसी हुई मांसल जांघो से सरकाती हुई जीन्स नीचे कर दी।

मै – वाह बहु ये हुई ना बात, अपनी ब्रा और पैंटी भी उतारो… बहु ने बेशर्मी से अपनी ब्रा उतार दी..

मैं – आआआआह्ह्ह्ह बहु नंगी हो जाओ.. मुझे अपनी चूचि और चूत दिखाओ बहु.. आआह्ह्हह!!!

कोमल – बाबूजी आप तो शर्त जीतने से पहले ही जीत का मज़ा लेने लगे! मैं आपको जीतने नहीं दूँगी और आपको अपनी चूत भी नहीं दिखाऊंगी।

मै – ठीक है बहु! जैसा तुम कहो, लेकिन कम से कम ये तो बताओ और क्या-क्या कर सकती हो मेरे लिए?

कोमल – आपकी हर फंतासी को पूरा करुँगी..

मैं – हर फंतासी पूरा करोगी बहु? सोच लो.

कोमल – मैंने सोच लिया, मैं आपकी हर फंतासी पूरा करुँगी आप जिससे भी कहेंगे उससे चुद जाउंगी.

मैं – किसी से भी? कही भी?

कोमल – हाँ किसी से भी और कहीं भी. यहाँ तक के आपके सामने एक रास्ते के भिखारी से भी चुदवा लूंगी.

मैं – और क्या-क्या कर सकती हो? बोलती जाओ (मैं अपना लंड मसलने लगा)।

कोमल – मैं आपसे सारी रात चुदूँगी।

मै – नहीं मुझे मेरी फंतासी को पूरा करो, कुछ ऐसा जिसे सुनकर या देखकर सारे मर्दों के लंड का पानी निकल आए।

कोमल – ठीक है मैं अपने पति मनीष के सामने आपसे चुद सकती हूँ..

मैं – आह्ह्ह्हह… बहु….. और बोलो…

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कोमल – मैं भरी बस में किसी भी स्ट्रेंजर का लंड मुँह में ले के चूसूंगी. मोहल्ले के सारे लड़कों को मुठ मारने पे मजबूर कर दूँगी. जरुरत पड़ी तो 4 लड़को से एक साथ चुदूंगी और उन सब का माल पी जाउंगी. Sasur ne bahu ko choda

मैं – ठीक है सबसे पहले तुम्हे घर में कम कपडे पहन के घूमना होगा. ज्यादा से ज्यादा अपना जिस्म तुम्हे अपने पापा को दिखाना होगा. अगर वो सच में सिर्फ तुम्हे बेटी के तरह चाहते हैं तो वो इग्नोर करेंगे. क्या तुम्हारे पास तुम्हारी कोई अधनंगी या नंगी तस्वीर है? जो शायद कभी मेरे बेटे मनीष ने खींची हो?

कोमल – (थोड़ा सोचने के बाद..) हाँ कुछ फोटोग्राफ्स हैं ऐसे. लेकिन उनका आप क्या करेंगे?

मैं – मैं नहीं तुम्हारे पापा, उनको किसी बहाने से तुम्हारी कुछ प्राइवेट तस्वीर दिखानी होगी.

कोमल – लेकिन बाबूजी ऐसा सब करने से उन्हें पता चला, के ये मैंने जानबूझ कर किया है तो कहीं बाप-बेटी का पवित्र रिश्ता खराब न हो जाए.

मैं – मैं जानता हूँ बहु इसलिए मैंने तुम्हे उनके पास जाने के लिए नहीं कहा. हम कुछ ऐसा करेंगे जिससे उन्हें लगे के ये सब अनजाने में हो रहा है.

कोमल – ठीक है बाबूजी.. अभी पापा सो रहे हैं क्या मैं कुछ फोटोग्राफ लाऊं?

मैं – हाँ बहु ले आओ हम फोटोग्राफ्स को रूम में ऐसी जगह रख देंगे जहाँ उनकी नज़र पड़े और बहु जैसा मैंने कहा तुम्हे उन्हें सेड्यूस करना है कभी अपनी नाभि दिखा कर कभी चूचियां तो कभी अपनी जांघो को दिखा कर.

कोमल – ठीक है बाबू जी।

कोमल अपने बैडरूम से कुछ फोटोग्राफ्स लेती आयी जिनमे से कुछ होश उड़ाने वाले थे. बहु ने अपने सारे फोटोग्राफ्स मुझे दे दिए, मैं एक-एक कर उसकी फोटो देखने लगा. बहु के फोटो बहुत ही उत्तेजित करने वाले थे. किसी फोटो में बहु साड़ी में अपनी मक्खन जैसी मुलायम नाभि दिखाती हुई दिखी तो कहीं सिर्फ ब्रा पैंटी में और कहीं कहीं तो अपने हस्बैंड के साथ मस्ती करती हुई दिखी. Sasur ne bahu ko choda

मैं – ओह बहु तुम्हारी इन फोटो को देख कर तो मुर्दे के भी लंड से पानी निकल आये.

कोमल – शर्माती हुई. बाबूजी आप भी न.

मैं – अब देखना बहु समधी जी तुम्हारे इन फोटो को देख कर कैसे अपना कण्ट्रोल खोते हैं।

कोमल – बाबूजी कुछ फोटोग्राफ तो देखे जा सकते हैं, लेकिन ये सब फोटो जब पापा देखेंगे तो मैं उनसे नज़रें कैसे मिला पाऊँगी। (बहु एक फोटो अपने हाथ में लेती हुई बोली जिसमे बहु मेरे बेटे मनीष को कुर्ती उठा कर अपनी चूचि पिला रही थी)।

मैं – तुम उसकी चिंता मत करो. हम दोनों मिलकर इसका कुछ हल निकाल लेंगे.

कोमल – मुझे तो डर लग रहा है बाबूजी मुझे पता है पापा ऐसे नहीं हैं लेकिन कहीं ये सब करके मैं उनकी नज़र में गन्दी बेटी न बन जाऊँ।

मै – बहु तुम ऐसा सब मत सोचो. मैं जानता हूँ मुझे क्या करना है.

(मैंने बहु के सारे फोटो कहीं कहीं रूम में छुपा दिये. कुछ बिस्तर के नीचे डाल दिये कुछ कबोर्ड में रख दिये तो कुछ टेबल के पास किताबों के बीच में। रात के 11 बज रहे थे मैंने बहु से आग्रह किया के अब हम दोनो को भी सो जाना चाहिए. कमरे में केवल दो ही बेड थे जिसमे से एक पे समधी जी सो रहे थे. मैंने बेड के तरफ इशारा करते हुवे कहा।

मै – बहु… आओ हम दोनों इस बेड पे सो जाते हैं।

कोमल – नहीं बाबूजी सुबह पापा मुझे आपके साथ देखेंगे तो क्या सोचेंगे।

मै – कुछ नहीं सोचेंगे बहु आखिर मैं तुम्हारे पिता की तरह हूँ. समधी जी सोचेंगे के मैं ससुर नहीं एक पिता की तरह तुम्हे प्यार करता हूँ.

कोमल – हाँ ये ठीक है वैसे भी पापा को मेरे और आपके बारे में कुछ पता तो नहीं है और वो कभी ऐसा सोच भी नहीं सकते.

मैं – हाँ बहु अब जल्दी से कपडे बदल के बिस्तर पे आ जाओ.

कोमल – कपडे क्यों बदलना है बाबूजी?

मैं – भूल गई अपना चैलेंज! बहु मैंने क्या कहा था अगर तुम्हे जानना है के तुम्हारे पापा तुम्हारे बारे में क्या सोचते हैं तो तुम्हे उनके सामने कुछ सेक्सी कपडे पहनने पड़ेंगे. तुम्हे उन्हें अपना गदराया बदन दिखा कर रिझाना होगा.

कोमल – ठीक है बाबूजी मैं कुछ सेक्सी कपडे खोजती हूँ, जो मनीष मेरे लिए लाये थे.

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थोड़ी देर बाद बहु कुछ कपडे ले कर आयी मैंने देखा और उसे एक नाईट गाउन पहनने के लिए कहा. मैं समधी जी को एकदम से शॉक नहीं देना चाहता था इसलिए मैंने ऐसा नाईट गाउन चुना जो बहु के जिस्म को पूरा कवर करे जिसमे सबकुछ छुपाया भी जा सके और वक़्त पड़ने पे सबकुछ दिखाया भी जा सके.

मैं – बहु तुम ये रेड वाली गाउन पहनो ये पतला है इसमें तुम्हारे शरीर का शेप साफ़ नज़र आएगा. लेकिन तुम इसके अंदर ब्रा नहीं पहनोगी.

कोमल- ठीक है बाबूजी.

बहु बाथरूम में चेंज कर के आयी और जब मैंने उससे देखा तो वो उस नाईट गाउन में किसी रंडी से कम नहीं लग रही थी. बहु के नाईट गाउन इतने पतले थे के उसके बदन से चिपक गए थे. नाईट गाउन चिपकने से उसकी गांड बहुत बड़ी नज़र आ रही थी. ऊपर ब्रा न होने के वजह से बहु की चूचियां आधी बाहर की ओर निकली थी. उसकी निप्पल के साइड का डार्क स्किन भी नज़र आ रहा था.

मैं – बहुत सेक्सी लग रही हो बहु..

(मैं बिस्तर पे लेट गया और अपने ऊपर एक पतली चादर डाल लिया )। बहु भी मेरे पास आ कर लेट गई. मैंने चादर के अंदर अपना लंड निकाल लिया और बहु का हाथ पकड़ कर अपने लंड पे रख लिया।

कोमल – बाबूजी ये क्या.. अपने अपना लंड क्यों बाहर निकाल लिया?

मैं – बहु तुम्हे इस नाईट गाउन में देख मैंने लंड बाहर निकाला है. कल देखना तुम्हारे पापा कैसे अपना लंड पकड़ के मुठ मारेंगे।

कोमल – छि बाबूजी आप फिर से……

मैं – ओके सॉरी!

बहु मेरे लंड को सहला रही थी मैंने धीरे से उसका गाउन ऊपर किया और उसकी पैंटी के साइड से ऊँगली बहु की बुर में पेल दी.. बहु आह आह.. करने लगी अभी कुछ सेकंड ही हुवे थे के बहु की बुर से गरम गरम पानी निकलने लगा. मेरी दो ऊँगली बहु के बुर के पानी से चिपचिपी हो गई थी. मैं समझ गया के बहु बहुत उत्तेजित हो गई है. मैंने करवट ली और अपना लंड बहु की बुर में रगड़ने लगा. बहु ने अपनी टाँगे खोल मेरे लंड को अपने बुर में जाने के लिए रास्ता दिया. लेकिन तभी मुझे एक आईडिया आया क्यों ना बहु को और तड़पाया जाए, बहु जितना ज्यादा तड़पेगी उतना उसका इंटरेस्ट अपने पापा की तरफ बढ़ता जायेगा और फिर उन्हें अपना बदन दिखाने में उसे कोई झिझक नहीं होगी. बहु मेरा लंड पकड़ कर अपने बुर की तरफ खींच रही थी मैंने तुरंत अपना लंड हटा लिया और कहा। Sasur ne bahu ko choda

मै – बहु मैं बहुत थक गया हूँ रात के 11 बज रहे हैं मुझे सोने दो.

कोमल – लेकिन बाबूजी मुझे नींद नहीं आ रही! मै समझ गया के बहु को चुदवाना है उसपे सेक्स सवार हो गया है.

मैं – नहीं बहु सो जाओ तुम भी.

कोमल – ठीक है! बहु अपना नाईट गाउन वापस नीचे खींचते हुवे सीधे गुस्से में सो गई.

कहानी जारी रहेगी…

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