मामा ने मेरी हवस शांत की , हिंदी सेक्स कहानी

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23 साल की शादीशुदा औरत हो या यूं कहिए कि लड़कीहूँ। अभी तक कोई बच्चा नहीं हुआ। 2 साल हो गया मेरी शादी की जल्दी मैंने शादी कर ली थी लव मैरिज कर के। लड़कियों को चाहिए कि जब वह किसी को प्यार करें तो पहले होने वाले पति का जिस्मानी ताकत चेक कर ले क्योंकि कई बार लड़कियां फस जाती है लड़का तो सुंदर होता है पर उसका लौड़ा ही खड़ा नहीं होता। और कभी खड़ा हो भी जाता है तो वह सही तरीके से चोद नहीं पाता। मेरे साथ भी यही सिचुएशन हुआ लड़का तो बहुत जबरदस्त खूबसूरत लंबा-चौड़ा था पर जब मैं अपने कपड़े खोलकर टांगे फैलाकर इंतज़ार करती हूँ, तो वह जल्दी ही खल्लास होकर सो जाता है ऐसी सिचुएशन में क्या करूं। मैसेज भी नॉनवेज स्टोरी पर कहानियां पढ़ कर अपनी चुचियों को दबा कर अपने चूत को छेड़ कर ही सो जाती हो इसके अलावा कर भी क्या सकती हो।

आज की कहानी कुछ ऐसी ही है पर पति के मामा ने एक रात मुझे इतने जबरदस्त चोदकर मेरी वासना को शांत किया वह मैं बिना आप लोगों को बताएं चैन नहीं मिलेगा। इस वजह से मैं इस वेबसाइट पर अपने कहानी लिख रही हूं। आज मैं एक एक पल के बारे में बताऊंगी कि कैसे उन्होंने मुझे खुश किया था अपना मोटा लंड जब मेरी चूत के अंदर डाला था तो मैं तरबतर हो गई थी, वह मेरा पहला दिन था जब मैं खुश हुई थी। मुझे ऐसा ही लंड चाहिए था पर आज तक मुझे मिला नहीं। उस दिन मैं बहुत ही ज्यादा खुश हुई थी क्योंकि पहली बार मिली वासना की आग शांत हुई थी।

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हुआ यूं कि 1 दिन की बात है मामा जी घर पर आए हुए थे वह दिल्ली में रहते हैं और मेरी मां से वह छोटे हैं इस वजह से हॉट और जवान लगते हैं। शाम के 4:00 बजे ही वह आ गए थे। रात में उनका रुकने का भी प्लान था। पर एक हादसा हो गया मेरे पड़ोस में इसलिए मेरी सास को और मेरे पति को दोनों को हॉस्पिटल जाना पड़ा। वह भी दूसरे शहर में बहुत दूर मेरे पति ही गाड़ी चला कर गए थे और मेरे साथ उनके साथ गई थी क्योंकि जाना बहुत जरूरी हो गया था। तो मेरे साथ जाते हुए मामाजी से बोलती गई कि मैं जा रही हूं कोशिश करूंगी आज ही आ जाने के लिए और अगर मैं नहीं आ पाई तो कल सुबह सुबह मैं आ जाऊंगी और आपको 1 दिन और रहना पड़ेगा। क्योंकि अभी हम भाई-बहन बातचीत भी नहीं किए पर क्या करें ऊपर वाले ने यह सब कर दिया इस वजह से मुझे जाना पड़ रहा है। इतना कहकर मेरी मां और मेरे पति दोनों ही चले गए।

घर में मैं और मामा जी दोनों ही थे खाना हम लोग खा लिए थे रात को 9:00 बज रहा था जब वह लोग घर से निकले थे 1 घंटे तक इधर-उधर की बातें करते रहे। फिर अचानक से मामा जी ने मुझे पूछ लिया कैसी हो प्रिया सब कुछ ठीक चल रहा है ना कोई दिक्कत तो नहीं है ? अचानक ऐसा पूछना कैसी हो प्रिया आए हुए उनको काफी घंटे हो गए थे पर अब वह ऐसे पूछ रहे थे तो मुझे कुछ गड़बड़ लग रहा था क्योंकि उनकी नजरें भी मेरे शरीर के मेरे जिस्म के इधर-उधर देख रहे थे मानो वह अपनी आंखों से ही मेरे बदन का नाप ले रहे थे।

मैंने भी नहले पर दहला मारा मैंने भी कह दिया कि जैसा मैं सोची थी ऐसा पति मुझे नहीं मिला।

मामा जी: क्या बात है ऐसा क्या हो गया जो तुमको पसंद नहीं है मेरा भांजा?

मैं : मामा जी वह शरीर से ही अच्छे हैं मोटे ताजे पर जो एक ताकत मर्द को होता है वह नहीं है उसमें।

मामा जी : क्या मतलब तुम्हारा क्या बोलने का मतलब है?

मैं: मामा जी आज तक वह मुझे बिस्तर पर खुश नहीं कर पाए हैं।

मामा जी: यह मैं क्या सुन रहा हूं प्रिया? यह तो बहुत ही गलत बात है क्या तुमने डॉक्टर से दिखलाया या नहीं दिखलाया आखिर क्या कर रहा है वह?

मैं: कई सारे हकीम को दिखा चुके हैं कई सारे डॉक्टर को दिखा चुके हैं वह लोग दवाई देते हैं कहते हैं कि कुछ दिन में ठीक हो जाएगा पर आज तक वह ठीक नहीं हो पा रहे हैं।

मामा जी : तुम मुझे पूरी बात बताओ होता क्या है ? 

मैं : मैंने उनको भी साफ-साफ बता दिया कि जब वह मेरे साथ सोने के लिए आते हैं उनका खड़ा होता है पर 2 से 3 मिनट के अंदर ही उनका वह गिर जाता है और वह चुपचाप सो जाते हैं।

मामा जी : यह तो बहुत ही दुख वाली बात है एक जवान औरत जिसने लव मैरिज की हुई हो वह भी अपने मां-बाप के विरुद्ध और ससुराल में आकर उसका पति नामर्द रहे तो यह तो अच्छी बात नहीं है मैं समझ सकता हूं तुम्हारे दुख को।

मामा जी इतना कहते हुए मेरे करीब आ गए और मेरे कंधे पर हाथ रख दिए धीरे से सहलाने लगे। धीरे-धीरे वह मेरे गाल को छूने लगे मेरे बड़ी-बड़ी चूचियां को बार-बार देख रहे थे। मैं जैसे ही उनको नजर उठा कर देखि। उनकी आंखें लाल लाल हो रही थी उनकी आंखें बता रही थी कि वह वासना से भर रहे थे क्योंकि उनका लैंड उनके पजामे से दिख रहा था मुझे खड़ा। मैं बात समझ गई अब मैं सोच रही थी कि क्या करूं अपनी वासना को शांत कर लो अपने रिश्ते को बचा कर रखूं। आखिरकार मैं हार गई और मैं अपने साडी के आंचल को नीचे गिरा दी।

मेरी बड़ी-बड़ी चूचियां जैसे उनको साफ साफ दिखाई दिया उनसे रहा नहीं गया वह तुरंत ही अपना हाथ रख कर दबोच ने लगे। मैं अंगड़ाइयां लेने लगी और धीरे-धीरे उन्होंने मेरे ब्लाउज का बटन खोला ब्रा उतार दिया। मेरी बड़ी बड़ी चूचियों को पकड़ कर अपने मुंह में ले ले मेरा गोरा बदन देखकर वह पागल हो गए थे मुझे बेड पर लिटा दिया। मेरे होंठ को चूमते हुए मेरे चुचियों को दबाते हुए अपना हाथ मेरे चूत के पास ले गए और चूत में उंगली घुसा दी। मेरी चूत उस समय तक काफी गीली हो चुकी थी। उनका उंगली आराम से अंदर चला गया अब वह अंदर बाहर करने लगे और बार-बार अपना उंगली निकालकर अपने मुंह में ले लेते और उनके उंगली में जो चूत का पानी लगा था वह बार-बार चाट जाते थे।

उसके बाद मैं अपने टांगे अलग अलग कर दी उनको बीच में बैठाया और चूत चाटने के लिए बोला वह मेरी चूत को चाटने लगे मैं बार-बार पानी छोड़ रही थी वह बार-बार पानी अपने जीभ से साफ कर रहे थे। उनसे रहा नहीं गया मोटा लंड निकाल कर मेरे मुंह में डाल दिया काफी देर तक मैं उनके मोटे लैंड को चुस्ती रही। करीब 10 से 15 मिनट हो गया था उनके लंड को चूमते हुए चाटते हुए। मेरे वासना और भी ज्यादा भड़क गई थी मेरे तार-तार मेरे रूम रूम सब वासना में हो गया था मैं कामवासना में भर गई थी। मैं अपनी दांतो को किस रही थी। मैं खुद ही अपने होंठ को अपने दांत के अंदर करके दबा रही थी।

अब मामा जी ने दोनों टांगों को अलग-अलग गया अपना मोटा लंड मेरी चूत के छेद पर लगाया और मेरे चूचियों को मसलते हुए जोर से घुसा दिया। उनका पूरा लंड मेरी चूत के अंदर समा गया था जोर जोर से धक्के दे दे कर्मियों को दबाते हुए मुझे चुम्मा दे रहे थे गाली दे रहे थे और जोर-जोर से मुझे चोद रहे थे। मैं भी वासना की आग में धड़क कर नीचे से धक्के दे रही थी उनके पूरे 9 इंच के लंड को अपने चूत के अंदर लेकर मजे ले रही थी। मैं गांड को उछाल उछाल कर गोल गोल घुमा घुमा कर उनके पूरे लंड को अपने अंदर समा रही थी।

मामा जी मेरी चूचियों को मसलते हुए मेरे निप्पल को दबाते हुए मेरे होंठ पर मेरे गाल पर मेरे कंधे पर किस करते हुए मुझे पागल बना रहे थे मैं पसीने से तरबतर हो गई थी। मेरे पूरे शरीर में करंट दौड़ रहा था मामाजी जोर-जोर से जल्दी-जल्दी अपने लंड को मेरे चूत के अंदर बाहर अंदर बाहर कर रहे थे। फिर उन्होंने मुझे घोड़ी बना दिया गांड के तरफ बैठकर पहले मेरी गांड को खूब चाटे उसके बाद अपना लंड निकाल कर मेरी गांड के छेद पर रखकर जोर से घुसाने की कोशिश करने लगे पर मुझे काफी ज्यादा दर्द हो रहा था मैं उनके लंड को अपने गांड में लेने से बचने लगी थी क्योंकि बहुत ही ज्यादा दुख रहा था मुझे।

मैंने उनको गांड मारने से मना किया और उनसे बोला कि आज मुझे खुश कर दो मेरी चूत को ही चोद कर। सुबह-सुबह गांड मुझे मार लेना जब तक वह लोग नहीं आएंगे तब मैं आपसे गांड मरवा लूंगी। मामा जी ने गांड में लंड डालना छोड़कर मेरे चूत के अंदर पीछे से ही लंड डाल दिए और मेरी गांड पर थप्पड़ मारते हुए वह जोर-जोर से अंदर बाहर अंदर बाहर करने लगे। फिर वह नीचे लेट गए मैं उनके ऊपर बैठकर उनका पूरा लंड पकड़ कर चूत में घुसा कर बैठ गई। अब मैं जोर-जोर से उनके लंड को अंदर बाहर खुद से ही करने लगी थी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था मैं बहुत ही सेक्सी हो चुकी थी।

करीब डेढ़ घंटे की चुदाई के बाद मामा जी ने अपना पूरा माल मेरी चूत के अंदर ही छोड़ दिया। जब उन्होंने लंड बाहर निकाला तो मैं घर से उनके लंड को अपने मुंह में ले ली और बाकी के जो माल लगा हुआ था वह मैं अपने जीभ से साफ कर दी। रात भर हम लोग एक दूसरे को खुश करते रहे सुबह हुई मामा जी ने तुरंत ही कहा कि जाओ तुम फ्रेश होकर आ जाओ क्योंकि तुमने रात को वादा किया था गांड भी मारने देना है तुमको। मैं तुरंत गई फ्रेश होकर आई और मैं गांड खोलकर उनके सामने लेट गई उन्होंने निकाला और मेरी गांड में लंड घुसा दिया।

करीब 1 घंटे तक सुबह गांड मारा और चूत चोदा। सच बताओ दोस्तों मैं पहली बार उस दिन खुश हुई थी इसके पहले मैं कभी भी खुश नहीं हो पा रही थी सेक्स में। पर मामा जी ने मुझे खुश कर दिया यादगार बना दिया। मामा जी दूसरे दिन ही जाने वाले थे पर वह 4 दिन रुक गए औरकिसी ना किसी बहाने वह दिन में एक बार मुझे चोद ही लेते थे। मैं जल्द ही आपको दूसरे कहानी नॉनवेज storynew bangla choti kahini पर लिखने वाली हो तब तक के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

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