चाचू ने नौकरी के बहाने सील तोड़ी । Chacha bhatiji ki chudai kahani

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Chacha bhatiji ki chudai:- दोस्तों, ये कहानी सच्ची घटना पर आधारित हैं। मेरा नाम सिमरन नागवांन है औऱ मै उत्तराखंड के रुड़की की रहने वाली हूँ। मेरी उम्र 24 साल है। मेरे घर में मम्मी पापा औऱ एक छोटा भाई अमन हैं। मेरा रंग दुधिया है औऱ मेरा शरीर थोड़ा सा chubby है यानी की मैं थोड़ी सी हैल्थी हू। मेरे बूब्स 38 है जो किसी भी आदमी के एक हाथ मे तो नही ही आ सकते है। मेरे चूतड़ 42 है जो किसी को भी झाड़ने में मुस्किल से 2 मिनेट ही लगायेंगे। क्योंकि आप जानते होंगे कि स्लिम लड़की की जहां कोई लड़का 30 मिनट लगातार चुदाई कर सकता है वही मेरे जैसे फिगर की लड़की पर 5 मिनट में ही झड जाएगा। ये रियल सच्चाई है। तो दोस्तो ये घटना दिसंबर, 2022 की है। मेरा रिश्ता पापा ने तय कर दिया था। लेकिन मैं शुरू से ही सरकारी नॉकरी की तैयारी में लगी हुई थी। मैंने पापा से कहा कि मेरा बैंक पी ओ का एग्जाम चंडीगढ़ में 22 दिसम्बर को हैं औऱ मुझे एग्जाम देने जाना है।

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पापा बोले कि बेटा अब जनवरी, 2023 की 12 तारीख में तेरी शादी होनी है क्यों परेशान हो रही हैं।

मैं – पापा मेरी तैयारी बहुत अच्छी है इसलिए ये एग्जाम जरूरी है।

पापा – ठीक है लेक़िन अकेले कैसे जायेगी।

मैं – पापा कुछ भी करो मुझे ये एग्जाम दिलवा दो।

पापा ने तभी अपनी मौसी के लड़के जो सहारनपुर में रहते है औऱ पापा उन पर बहुत विस्वास करते है औऱ उनके साथ पापा का खूब पीना खाना भी रहता है को फोन किया।

पापा – हेल्लो भाई कैसा है।

चाचा- ठीक हूँ बड़े भाई। आप सब कैसे हो।

पापा – यार एक काम है भाई तेरी भतीजी का चंडीगढ़ में पेपर है औऱ मेरे पास टाइम नहीं हैं इसलिए तू सिम्मू के साथ चला जा।

चाचा – कब है पेपर?

पापा – 22 व 23 दिसंबर को।

चाचा – 22 23 को मेरी छुट्टियां हैं चिंता मत कर। 22 को सुबह वाली ट्रेन में सिमरन को बैठा देना, मैं सहारनपुर से बैठ लूंगा।

पापा ने फ़ोन काटकर मुझे बता दिया कि सहारनपुर से चाचा पिकउप कर लेगा। मेरा एग्जाम 12 बजे से था इसलिए मैंने सुबह 6 बजे वाली ट्रेन पकड़ी औऱ चल दी। चाचा से मैंने फोन पर बात भी कर ली थी। 7 बजे चाचा मुझे ट्रेन में मिल गए। मैंने नमस्कार किया और उन्होंने एक प्यारी सी स्माईल दी। फिर हम दोनों में एग्जाम की तैयारी को लेकर काफी बाते हुईं। ट्रेन में एग्जाम की वजह से काफी भीड़ थी। मैं 2 वाली सीट पर बैठी थीं और मेरे बगल में एक 70 साल की बूढ़ी ओरत थी। चाचा आकर हम दोनों के बीच मे बैठ गये। हम तीनों आपस में सटे हुए थे। मैंने टी शर्ट और जीन्स पहनी हुई थी। अब से पहले मैंने चाचा जी जो कि 38 साल के थे, के बारे में कुछ भी गलत नहीं समझा था, चाचा जी का 6 साल पहले पत्नी से तलाक हो गया था। Chacha bhatiji ki chudai

चाचा जी कहने लगे कि तैयारी कैसी है एग्जाम की।

मैंने कहा कि तैयारी तो ठीक है यदि कोई सिफारिश मिल जाए तो सेलेक्शन हो जायेगा।

चाचा बोले कि स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के चंडीगढ़ हेड ऑफिस में उनका दोस्त बड़ा अफसर हैं तू कहे तो बात करूं।

इस पर मैं चाचा जी का हाथ पकड़कर बोली प्लीज् आप अपने दोस्त से बात करिए, मेरा सेलेक्शन करा दीजिये। आपका मुझ पर एहसान होगा।

चाचा – ठीक हैं तू आज का पेपर दे ले, शाम को मैं व तुम उससे मिलने जाएंगे।

अब मुझे उम्मीद हो गई थी चाचा जी से। सुबह के 8 बज रहे थे औऱ ठंडी काफ़ी थी, मैं कॉप रही थी क्योंकि मैने गर्म कपडे नही पहने थे। चाचा जी मेरी हालत जांच गये तो अपनी गरम चादर में खुद को व मुझे ढक लिया। मुझे हल्के हल्के नींद आने लगी थी। तभी मुझे अपनी जांघों पर चाचा का हाथ महसूस हुआ। वे मेरी जांघ सहला रहे थे। मुझे बुरा लगा कि जिस चाचा को मै इतना मानती हूँ वो मेरे साथ गलत हरकत कर रहे है। मै उनका हाथ हटाना चाहती थी लेकिन मुझे अपने सेलेक्शन का लालच था, इसलिए आंख बन्द करके सब बर्दाश्त कर रही थी। चाचा जी ने मेरी मूक सहमति समझ कर अपनी हिम्मत बढ़ाई औऱ अपना हाथ मेरी टी शर्ट के अंदर करके मेरी नाभि पर उंगलियों से टच करने लगे। मेरा शरीर बहुत नर्म औऱ मांसल था। धीरे से वो अपना हाथ मेरी ब्रा की ओर ले गये। धीरे से मेरी ब्रा की इलास्टिक पकड़ कर ब्रा को ऊपर कर दिया इससे मेरी मोटी मोटी चुचिया बाहर आ गई। चाचा जी ने मेरे बूब्स को पकड़ लिया और धीरे धीरे दबाने लगे।

मेरी जाँघों के बीच सुरसुराहट होने लगी थी, आखिर मैं भी जवान थी औऱ अभी तक कुँवारी थी। चाचा लगातार चूचे दबाये जा रहे थे। तभी चाचा ने मेरा हाथ पकड़ा और अपनी जिप की ओर ले गए। ये क्या, उन्होंने अपना लंड बाहर निकाला हुआ था । उन्होंने मेरा हाथ अपने लंड पर रखकर आप अपने से ऊपर नीचे कराने लगे। ये सब चादर के अन्दर हो रहा था। मैने महसूस किया कि उनका लोडा बहुत गर्म था औऱ मोटा व लम्बा था। इससे पहले कभी मैने कभी भी लंड को टच नहीं किया था। मुझे गंदा लग रहा था लेकिन नोकरी के लालच ने मुझे चुप किया हुआ था। चाचा जी लगातार मेरी चुचिया दबा रहे थे। तभी चंडीगढ़ स्टेशन आ गया। औऱ हमने अपने कपडे ठीक किये औऱ ट्रेन से उतर गए। हमारे बीच कोइ बातचित्त नही हो रही थी। बाहर आकर चाचा जी ने एग्जाम सेंटर का ऑटो लिया। हम ऑटो में बैठकर चल दिये।

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चाचा रास्ते मे बोले, सिमरन भगवान ने चाहा तो तेरा काम हो जायेगा, सिमरन तू नाराज तो नहीं हैं ना।

मैं- नहीं चाचा जी, बस आप मेरा काम करा दीजिये।

चाचा- ठीक है शाम को चलेंगे।

उसके बाद हम एग्जाम केंद्र पहुंचे औऱ पेपर दिया। 4 बजे हम एस बी आई के हेड ऑफिस गए। चाचा जी मुझे लेकर उनके केबिन में गये औऱ हाय हेल्लो के बाद मेरी नॉकरी की बात की। उन्होंने मुझे ऊपर से नीचे तक खा जाने वाली नजरों से देखा और कहा कि आज का पेपर कैसा हुआ। ?

मैं- आज का ठीक हुआ है लेकिन कल मेन्स एग्जाम हैं।

वो बोले कि जितना हो कर लेना, बाकी मैं देख लूंगा।

फिर चाचा ने मुझे बाहर भेजा। फिर वो बात करके बाहर आये और हम दोनों पैदल ही किसी अच्छे होटल के लिए निकल पड़े। मैंने पूछा कि बाद मैं क्या बात की आपने।

चाचा- लेनदेन की बात की।

मैं- क्या कहा उन्होंने।

चाचा – राजन ने 5 लाख रुपये औऱ…., वे चुप हो गये।

मैं – औऱ क्या ….।

चाचा- हिचकिचाहट के साथ बोले बोले कि राजन तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहता हैं।

मैं – ये क्या कह रहे हो आप, ऐसा सोच भी कैसे लिया उन्होंने।

चाचा – देख लो सिमरन, क्या करना है।

उसके बाद हम दोनों चुप हो गये। 10 मिनट बाद हम एक होटल पहुंचे औऱ डबल बेडरूम लिया। चाचा मुझे रूम में छोड़कर होटल से बाहर चले गए औऱ 30 मिनट बाद आये। वे बोले कि खाने का ऑर्डर दे दिया है तुम चेंज कर लो। मैं बाथरूम गयी और चेंज करके आ गई। तब तक उन्होंने ड्रिंक करना स्टार्ट कर दिया था। वे बोले सिमरन ठंडी ज्यादा है चाहो तो 1 पेग ले लो। मैं बोली कि मैंने कभी ड्रिंक नही किया है। मै बाहर टेरेस पर आ गयी औऱ सोचने लगी कि राजन की बात मानु या नहीं। 10 मिनट बाद रूम में आकर मैं चाचा से बोली। chacha bhatiji ka sex

मैं- चाचा जी आप बताये मुझे क्या करना चाहिए।

चाचू तब तक 4 पेग ले चुके थे।

चाचा- देख सिमरन, वैसी तेरी मर्जी, लेकिन यदि 1-2 घण्टे देकर फ़्यूचर बनता हो तो कोई बुराई नहीं है। लड़की का घिसता ही क्या है।

मैं – ठीक है चाचू मैं तैयार हूं लेकिन मेरी नॉकरी लगनी चाहिए।

चाचू – सिमरन तेरी तो नॉकरी लग जायेगी ओर राजन का काम भी हो जाएगा, मुझे क्या मिलेगा?

मैं- आप बताओ, क्या कर सकती हूं आपके लिए।

चाचू 5वा पेग लगाते हुए बोले, सिमरन क्या तू वर्जिन हैं।

मैं – जी!

चाचू – थोड़े बहकते हुए, सिमरन मैं तुझे प्यार करता हूं, आईं लव यू। मैं नहीं चाहता कि कोई बाहरी आदमी तुम्हारी वर्जिनिटी तोड़े। सिम्मू प्लीज मुझे एक बार तुम्हारे साथ करना है। इतना कहकर चाचू ने मेरा एक बूब पकड़ लिया और मसलने लगे।

मैं पीछे हटते हुए, क्या बदतमीजी हैं चाचू, आप ऐसे कैसे कह सकते हो।

चाचू – सिमरन तेरी चाची को गए 6 साल हो गये हैं मुझे तेरी जरूरत है मेरा साथ दे, मैं तेरी नॉकरी लगवा रहा हूँ।

मैं – घबराते हुए, चाचू मेरा पहली बार हैं कैसे होगा।

चाचू – देख कल तुझे राजन से चुदना है इससे पहले मुझसे चुद ले, तेरा हिम्मत बढ़ जाएगा।

इतना कहकर चाचू ने अपने होठ मेरे होठो पर रख दिये। एक हाथ से मेरी चूची दबाने लगे।

मैं – ओह…. चाचू रहने दीजिए न, मुझे कुछ हो रहा है।

मै शर्मा रही थी। चाचू ने मेरे दोनो हाथ ऊपर किये और मेरी टी शर्ट उतार दी। मैंने पिंक कलर की ब्रा पहनी थी। मेरे बड़े बड़े चूचे देखकर चाचू पागल हो गए।

चाचू – हाय…… सिमरन क्या चूचे है तेरे बिल्कुल दूध से भरे हुए, कसम से जिस घर जाएगी, वो पागल हो जाएगा।

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तुरंत उन्होंने मेरी ब्रा के हुक खोल दिये औऱ मेरे बूब्स उछलकर बाहर आ गए। चाचू ने मेरा एक बूब मुँह में लेकर चुसना शुरू कर दिया। मैं पागल हो रही थी पहली बार कोई मेरे चूची चूस रहा था। 10 मिनट चूस के वो हटे औऱ मुझे निचे फ़र्श पर घुटनो के बल बैठा दिया। मेरी कुछ समझ नहीं आ रहा था। तभी चाचू ने अपना बरमूडा नीचे कर दिया औऱ उनका लंड मेरे मुंह के सामने आ गया। मैंने शरमा के अपनी आंखों पर हाथ रख लिए।

चाचू – सिमरन लंड को चूस बेटा।

मैं – चाचू छी…… ये क्या है कोई ऐसे करता है क्या। मैंने कभी नही किया।

चाचू – एक बार देख तो सही!

औऱ उन्होंने मेरे हाथ आंखों से हटा दिये। मैंने पहली बार किसी का लंड देखा था।

हाय….. राम….कितना बड़ा है चाचू का। 9 इंच लम्बा और 3 इन्च मोटा। मैं डर गई औऱ बोली चाचू रहने दो, बहुत मोटा हैं आपका। मुझे डर लगता हैं।

चाचू – अरे पगली , लड़कियां तरसती हैं मोटे लंड के लिए, तेरी किस्मत हैं जो आज तुझे इस लंड से चुदने का मौका मिला है। ऒर रही ओरत की बात, तो सुन चूत तो बनी ही होती हैं चुदने के लिए। चूत की चुदाई न हो तो ओरत मुरझा जाती हैं।

इतना कहकर चाचू ने लंड मेरे होठो से लगा दिया औऱ मेरा मुँह न चाहते हुए भी खुद खुलता चला गया। बहुत टाइट औऱ गर्म लंड था चाचू का। चाचू मेरा मुँह चोदने लगे। उनका लंड मेरे गले तक जा रहा था। 5 मिनट में उन्होंने अपना गर्म वीर्य मेरे मुँह में छोड दिया। उन्होंने लंड कसके अंदर ही डाले रखा। मजबूरी में सारा वीर्य मेरे गले से नीचे उतर गया। अजीब स्वाद था। फिर लंड बाहर निकाल कर उन्होंने मेरे दोनो चूचे पीने शुरू किया। इसके बाद मेरी गोरी गहरी गुदाज नाभि में जीभ घुमाने लगे। मैं फिर से सिसियाने लगी थी। चाचू मेरी तडपन देखकर मेरे लोवर की इलास्टिक में उंगली फसाकर लोवर नीचे सरकाने की कोशिश करने लगे, तभी मैंने उनका हाथ पकड़ लिया।

मैं – चाचू…… प्लीज रहने दो ना, बहुत डर लग रहा है आप ऐसे ही उपर उपर से कर लीजिए।

चाचू – बेटी सिमरन, घबराती क्यो है, चूत तो लोडे के लिए ही बनी होती हैं। एक न एक दिन चूत को फटना ही होता है। तू किसी गैर से थोड़े चुद रही है। 20 दिन बाद तेरी शादी है औऱ आजकल के लौंडे ठीक से चूत की सील भी नहीं तोड पाते, तेरा जिससे रिश्ता हुआ है मैंने देखा है उसे। उसे देखकर कोई भी बता सकता है कि उसका बीज दमदार नही है, उसका बीज यदि तेरी कोख़ में बैठ गया तो समझो, कमजोर बीज से बच्चा भी कमजोर ही पैदा होगा। मैं 6 साल से रुका हुआ हूं, मेरा बीज गाढ़ा औऱ पौष्टिक है इसे तेरी चूत में डालकर तुझे एक तंदरुस्त बच्चे की माँ बनने का सौभाग्य दे रहा हूं। chacha bhatiji ki chudai

मैं – चाचू ये गलत है आप कन्डोम यूज़ करो, मैं अभी बच्चा नहीं चाहती।

चाचू ने एक झटके में मेरा लोवर निकाल के फेक दिया। अब उनकी आँखों के सामने एक जवान कुँवारी लड़की सिर्फ पैंटी में पड़ी थीं। मेरी मोटी मोटी गोरी माशल जांघों को देखकर चाचू पागल हो गए औऱ मेरी जाँघों को बुरी तरह से चुसने चाटने लगे। मैं गर्म हो गयी थी।

मैं – ओह…..हम…म…मम,

उनके सर में हाथ घुमाने लगी। अचानक उन्होंने पैंटी के ऊपर से मेरी चूत चाटनी शुरू कर दी। मैं छटपटाने लगी ऒर अपनी चूत उपर उठाने लगी। मैं अपने बस में नही रह गई थी। फिर उन्होंने मेरी पैंटी उतारकर फेंक दी। मेरी फूली हुई गोरी चूत देखकर चाचू बोले,

हाय सिमरन, क्या बला की खूबसूरत है तू, तेरी चूत तो मखमली हैं।

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मैं कभी भी चूत पर बाल नही आने देती थी। एक दिन पहले ही चूत को शेव किया था, जो बिल्कुल चिकनी हो रखी थी। खासकर लड़के क्लीन शेव चूत ही पसंद करते हैं। चाचू ने सीधे अपने होठ मेरी क्लीन शेव चूत पर टिका दिये। चाचू के होठ चूत पर टिकते ही पैर पटकने लगी।

मैं – ओह…. हह..म.. आई, क्या कर रहे हो मर जाऊंगी, आह…..क्या चाहते है आप?

मैं चूत उनके होंठो पर दबाने लगी। चाचू ने उंगलियों से मेरी कुँवारी चूत के होठों को थोड़ा सा फैलाया और अपनी नुकीली जीभ मेरी छोटी सी चूत के सूराख में डाल दी। पहली बार कोई मेरी चूत को छुआ था वो भी मेरे चाचू ने। मै बिलबिला उठी। चाचू माहिर खिलाड़ी थे, चूत के लबों को होठो में दबाकर चूस रहे थे साथ ही 1 इन्च उंगली से चूत को चोद रहे थे। मैं आपे से बाहर थी, मेरे हाथ अनायास ही चाचू के बालों पर घूमने लगे।

मैं – चाचू….काट दीजिए , आह……. हम… ओह.…..आह, ।

मैं तेजी से कमर उछाल रही थी। उधर चाचू लगातार चूत मरदन करते जा रहे थे, अचानक मेरा शरीर अकड़ने लगा और मैंने चाचू का सर पूरी ताकत से चूत पर दबा दिया औऱ मेरी चूत से तेज तेज रस बहने लगा। मेरी चूत के पंख तेजी से खुलने बन्द होने लगे, चाचू लगातार उंगली करते हुए मेरा रस पीते रहे। मैं चूत उठा उठा कर पूरी उंगली अंदर लेना चाह थी, चाचू ना बेटा पूरी उंगली लेने की कोशिश न कर। सील तो लंड से ही टूटेगी और तेज तेज 1 इंच उँगली से चोद रहे थे। मेरी चूत के पंख तेजी से खुलने बंद होने लगे और तेज धार मेरी चूत से बहती रही। एकाएक मैं ठंडी पड़ चुकी थी। पहली बार बुरी तरह से झड़ी थी मेरी चूत। मैं निढाल होकर बेहोश सी हो गयी थी। चाचू अभी भी मेरी चूत के होठों को बेरहमी से चूस रहे थे ऒर चूत के बाहरी हिस्से को दांतों से काट रहे थे। chacha bhatiji ki chudai

मैं – बस हो गया मेरा…..।

चाचू बगल में आकर लेट गये। हम दोनों हाफ रहे थे। मैने शर्म से अपना चेहरा पिलो से ढक लिया था। 2 मिनट बाद चाचू ने मेरे चेहरे से पिलो हटा दिया। मैं शर्मा कर चाचू के सीने से चिपक गयी, ये क्या चाचू का तगड़ा लंड मेरी नाभि तक आ रहा था। चाचू ने मेरा हाथ अपने लोडे पर रखकर ऊपर नीचे करने को कहा। लंड इतना ज्यादा मोटा औऱ सख्त था कि मेरी मुटठी में नही समा रहा था। खैर मैं लंड को हैंडजोब देने लगी, चाचू का लंड मेरे स्पर्श से फूलता जा रहा था।

मैं – चाचू क्या खाते हो आप, मै पहली बार इतना लम्बा मोटा देख रही हूं। घोड़े के लंड से कुछ ही कम होगा। चाचू ये मेरी छोटी सी पुसी मे नहीं जा पाएगा। आप रहने दो प्लीज्।

चाचू – मेरे बूब्स चूसते हुए, सिमरन बेटा, ये लंड चूत फाड़ने के लिए ही बनाये हैं भगवान ने। तुझे पता है कि तू आज इस लंड से चुद कर पूरी तरह से ओरत बन जायेगी। औऱ रही चूत की बात, तो चूत कितनी भी छोटी हो बड़े से बड़ा लंड खपा लेती हैं , चूत होती ही है चोदने के लिए।

चाचू मेरे बूब्स चूसते हुए लगातार अपनी उंगली चूत की फांकों में घुमा रहे थे, जिससे मैं फिर से गर्म होने लगीं। चाचू पागलों की तरह मेरे बूब्स दांतो से काट रहे , मेरी चुचिया लाल कर दी थी चूस चूस के। एकदम से चाचू बैठ गए औऱ मेरी टांगे सीधी करके मेरी मोटी मोटी जांघो के इर्दगिर्द घुटने टिका के बैठ गए औऱ अपने मूसल से लन्ड को आगे पीछे करने लगे।

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चाचू – सिमरन बेटा तैयार हो जा चुदवाना हैं अब तुझे।

मैं चाचू का लोडा देख के डर सी गई औऱ हाथ जोड़कर रोते हुए कहने लगी।

मै – ये बहुत मोटा और तगड़ा हैं अंदर नही जा पायेगा औऱ अगर आप जबरदस्ती से डालोगे तो मेरी चूत फट सकती हैं।

अब तक वे लोडा मेरी चूत पर रख चुके थे। मैने गर्दन उठाकर देखा तो लन्ड के टोपे के निचे चूत नजर नहीं आ रही थी।

मैं बोली कि चाचू देखो आपके घोड़े जैसे लण्ड के नीचे चूत नजर भी नहीं आ रही हैं ऐसे में ये कैसे जाएगा।

मेरी चूत पहले से ही गीली थी। चाचू ने लंड को पोजीशन दी मैं सतर्क होते हुए अपनी दोनों हथेलियों उनके पेट पर टिका दी ताकि वो आगे न आ सके। तभी चाचू ने मेरे पेट को पकड़कर तेज झटका दिया। मैं चिहुँक उठी, चाचू का लंड अंदर न जा करके चूत की फांकों को रगड़ता हुआ सीधे गाँड़ के छेद पर धंस गया। मैं तुरंत उपर को सरकी।

मैं – चाचू मैं कह रही हूं ना नही जायेगा, ये ओवर साईज हैं, प्लीज्……… मुझे डर लग रहा है।

चाचू – अगर अब नहीं चुद पाइ तो 20 दिन बाद सुहागरात में कैसे करवाओगी।

चाचा समझ गए कि पूरी हीट पर आए बिना मेरी चूत लण्ड नही लेगी, इसलिए वे मेरे ऊपर से उठे औऱ मेरी जाँघे फैलाकर अपना मुंह मेरी कुँवारी चूत पर रख दिया औऱ चूत चुसने लगे। लपा लप चाट रहे थे और जीभ को नुकीली करके चूत के छोटे से होल में घुसा रहे थे।

मैं छटपटाने लगी, ओह… चाचू उंगली घुसाओ ना, प्लीज…..।

चाचू जान गए कि चूत गर्म हो गई हैं वे उठे औऱ मेरी जाँघों के बीच घुटनो पर पोजीशन सेट की। चाचू ने मेरी जांघे पकड़कर अपनी और खिंचा। अब चाचू ने तना हुआ लण्ड मेरी पेट के ऊपर रख दिया, उनका लंड इतना ज्यादा लम्बा था कि मेरी नाभि तक पहुंच रहा था, फिर उन्होंने 3-4 बार लण्ड मेरी चूत के ऊपर मारा और उंगलियों से चूत के होंठ फैलाकर लंड चूत के होल पर रखा औऱ मेरी जाँघे कसकर पकड ली। मैं आने वाले खतरे से अनजान थी। तभी एक जोरदार झटका मेरी कमसिन चूत पर लगा औऱ चाचू ने सीधे 3 इंच लंड चूत को चीरते हुए भीतर उतार दिया। मैं जोर से चिल्लाई

चाचा भतीजी की चुदाई की कहानी

ओ चाचू फ़…..ट…. गई, आह….मम्मी… प्लीज् ।

मैं लगातार चिल्ला रही थी और बाहर निकाल ने को कह रही थी। चाचू ने चुप रहने को कहा, लेकिन मैं बर्दाश्त नही कर पा रही थी मैने थोडा सा सिर उठाकर चूत की ऒर देखा ये क्या मेरी चूत फैल गयी थीं औऱ चाचू के लंड के चारों तरफ कस गई थी। अभी 7 इंच लोडा बाहर था उनके लंड पे हरि हरी नसे उभर आई थी जिसे देखकर लग रहा था कि लोडा फट जाने वाला है। चाचू मेरे उपर लेट गया औऱ मेरे बूब चुसने लगे, लन्ड को कोई मूवमेंट नही दे रहे थे।

मैं – चाचू औऱ मत डालना अंदर, मेरी तो इसी से हालात खराब हो गई है।

चाचू- सिमरन घबरा ना, ये लोडा आज तेरी तकदीर लिख रहा है।

और इतना कहकर लंड थोड़ा सा पीछे करके जोर का धक्का दिया औऱ बाकी बचा 7 इंच जड़ तक चूत के भीतर सरका दिया। लोडा अंदर जाते ही गुब्बारे फटने जैसी आवाज आयी- फटक सी। मुझे तेज पीड़ा के साथ ऐसा लगा जैसे कुछ फट गया है।

मैं – मम्मी…. ई….ई….. मर गई आह…. बाहर निकालो इसे, मैं मर जाउंगी, चाचू मेरी छिल गयी है अंदर से।

चाचू ने मेरी चिल्लाहट नजरअंदाज करके तेज तेज धक्के लगाने शुरू कर दिये। उनका लोडा चूत को हर झटके पर चीरता जा रहा था। मेरी हालत खराब हो गई थी। मैं धक्के झेल नहीं पाई औऱ बेहोश हो गयी। चाचू लगातार चूत को चोदते जा रहे थे, जब उन्होंने देखा कि मैं बेहोश हू तो वे घबरा गए और लंड बाहर खीच लिया। उन्होंने मेरे चेहरे पर पानी के छींटे मारे । 5 मिनट बाद मुझे होश आया। मैं रोने लगी , चाचू मत करो ना, बहुत दर्द कर रहा है। मैंने चाचू के लण्ड की ओर देखा तो घबरा गई, क्योंकि उनका लण्ड पूरा का पूरा खून से भीगा हुआ था। chacha bhatiji ki chudai

मैं – रोते हुए ये खून कहा से लगा।

फिर मेरी नजर अपनी चूत पर गयी तो मैं औऱ जोर से रोने लगी, क्योंकि मेरी चूत से खून बह रहा था मेरी जाँघे खून से सन गयी थी औऱ बेडशीट पर भी ढ़ेर सारा खून लगा था।

मैं – ये खून कहा से आया।

चाचू मुझे चुप कराते हुए बोले सिमरन बेटा तेरी सील टूट गई हैं अब तू भरपूर ओरत बन चुकी हैं।

चाचू फिर से लोडा चूत के मुंह पर रख दिये।

मैं – चाचू नही करो ना…… दर्द करता है बहुत।

चाचू ने एक न सुनी औऱ फिर से एक झटके में पूरा लंड मेरी चूत में उतार दिया। मैं उनके पेट पर हाथ टिका दिये ताकि वो झटके न लगा सके। चाचा माहिर थे उन्होंने अपनी मुठी मेरी चुचियों के बगल में बेड पर टिका दी और मेरे ऊपर 45 डिग्री में स्टैंड हो गए। मैं तडप रही थी बार बार लंड बाहर निकालने को बोले जा रही थी। फिर उन्होने मुझे ताबड़तोड़ चोदना चालू कर दिया। वे पूरा लंड बाहर निकालते औऱ अगले ही पल पूरा चूत के भीतर गाड़ देते। मै लगातार रोये जा रही थी औऱ वे खचाखच चोद रहे थे। पूरे कमरे में मेरी सिसकिया ओर पच पच की आवाज गूँज रही थी।

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मैं- हाय….. मम्मी….. आई….. चिर गयी मेरी… चाचू निकाल लो बाहर……. मेरे पेट मे बहुत दर्द हो रहा है।

चाचू पर जुनून सवार था। 45 मिनट खूनी चुदाई के बाद उन्होंने अपना गरम गरम वीर्य मेरी चूत में डिस्चार्ज कर दिया और मेरी टांगों को हवा में ऊपर की ओर उठा कर लंड जड़ तक उतारे मेरे ऊपर ढेर हो गए। 5 मिनट बाद जब तक वीर्य की एक एक बूंद मेरी बच्चेदानी तक पहुंच न गयी, तब उन्होंने लंड बाहर निकाला। वे मेरी बगल में लेट गए। मैं रोये जा रही थी। चुदाई इतनी दर्द भरी होती हैं आज मुझे पता चल पाया।

मैं – चाचू ये अपने क्या किया, अंदर डिस्चार्ज क्यो कर दिया यदि मैं प्रेग्नेंट हो गयी तो क्या होगा।

चाचू मुझे सहलाते हुए बोले कि मैं यही चाहता हूँ कि तेरे पेट मे मेरा बच्चा ठहर जाए।

चाचू ने 10 मिनट बाद मुझे गोद में उठाया औऱ बाथरूम में ले जाकर मेरी चूत व जाँघों को धोया। फिर टॉवेल से पोछकर मुझे बेड पर लिटा दिया। आधे घंटे बाद फिर चाचू ने मेरे बूब्स सहला देने शुरू कर दी। मुझे कोई इंट्रेस्ट नही आ रहा था। वो लगातार चूस रहे थे बूब्स।

मैं – आपका काम हो चुका है अब क्या चाहते हो।

चाचू उठे और मेरी टांगो के बीच बैठकर अपना मुँह चूत पर लगा दिया । मैं उन्हें पीछे करने की कोशिश करने लगी, लेकिन उनकी पकड़ मजबूत थी। थोड़ी देर में मैं चुदास में डूबने लगी। इस बार चाचू ने मुझे उल्टा लिटा दिया औऱ मेरे पेट के निचे तकिया लगा दिया, जिससे मेरे चूतड़ पीछे की ओर उभर आये। अब मेरी चूत पीछे से साफ नजर आने लगी। चाचू मेरे ऊपर झुक गए औऱ एक हाथ से चूत की दरारों में लंड फसा कर एक तेज झटका दिया, जिससे उनका 10 इंच लम्बा लोडा मेरी चूत की गहराइयों में उतरता चला गया। मेरी जोर से चीख़ निकल गई। चाचू को रहम नहीं आ रहा था मुझ पर। मेरी चीखों की परवाह न करते हुए ताबड़तोड़ मेरी चूत चोदते रहे। मेरी हालत खराब होने लगीं। 15 मिनट चुदाई के बाद उन्होंने मुझे खड़ा किया और हाथ पकड़कर रूम से बाहर टेरेस पर ले गये।

मैं – सकुचाते हुए, चाचू खुले में क्यो .

चाचू ने ने मुझे दीवार पे हाथ रखवाकर घोड़ी बनने का इशारा किया। । मैं घोडी बन गई औऱ चाचू से बोली..

मै – चूत में बहुत दर्द है खून भी आ रहा है अगर आप पीछे से डालोगे तो बहुत दर्द करेगा।

चाचू- तू तकदीर वाली हैं जो 10 इन्च के लोडे से चुद रही हैं वरना आजकल के लौंडों के लंड 4- 5 इंच के ही होते है चूत की जड़ तक पहुंच ही नहीं पाते।

इतना कहकर उन्होंने लण्ड का मोटा सूपड़ा चूत की फांकों में पीछे से फसा दिया औऱ मेरे बाल पकड़कर जोर का झटका दिया, लंड मेरी चूत को चीरता फाड़ता हुआ जड़ तक चूत में धस्ता चला गया। मैंने एक हाथ से मुँह बन्द कर लिया, कि कोई सुन न ले। मुझे तेज दर्द हो रहा था और मेरी आँखों से आंसू आ रहे थे। चाचू ने धक्के पे धक्के मारने शुरू कर दिये। वे पूरा लोडा बाहर खीचते ओर अगले ही पल जड़ तक चूत में उतार देते। स्पीड से चुदाई कर रहे थे वो। chacha bhatiji ki chudai

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मैं – आह……चा……..चु……बाहर …..हम्म…… निकालिए, आह….ह ह… आई…..बस करिए ना…….प्लीज।

चाचू बिना मेरी परवाह किये लंड को चूत में पेल रहे थे । करीब 25 मिनट तक चोदने के बाद उनकी टाँगे काँपने लगी औऱ वो मेरी चूत में उतर जाना चाह रहे थे एकाएक मुझे चूत में गर्म गर्म गिरता महसूस होने लगा। चाचू झड़ चुके थे उन्होंने अपना बीज मेरी कोख में बो दिया था। आखरी बून्द जब तक मेरी चूत पी नहीं गयी, तब तक लंड अंदर ही डाले रखा। फिर चाचू ने लंड बाहर निकाला और मुझे खड़ा किया। मुझे सहारा देकर वो रुम में लाये। मैं रोये जा रही थी मेरी चूत से खून बह रहा था जो मेरी जाँघों पर भी आ रहा था।

मैं घबरा कर बोली चाचू ये आपने ठीक नही किया। मुझे बर्बाद कर दिया है आपने।

चाचू ने मुझे प्यार से बेड पर लिटाया और कपड़े से मेरी चूत औऱ जांघ साफ करने लगे। बेड की चादर भी खून से गंदी हो गई थी।

चाचू बोले सिमरन बेटा घबरा मत, पहली चुदाई में लड़कियों की सील टूटने से खून आता है ये सबके साथ होता हैं । तेरी मम्मी को भी पहली चुदाई में खून आया था।

मैं शॉक्ड हो गयी, लडखडाती आवाज़ में बोली कि आपको कैसे पता कि मम्मी को ब्लड आया था। वो चुप हो गए। बोले फिर कभी बताऊंगा। रात के 1 बज रहे थे। चाचू ने लाइट बन्द की ओर हम दोनों नंगे बदन सो गए। सुबह 7 बजे मेरी आँख खुली, देखा चाचू बराबर में नंगे लेटे थे। उनका लंड छत की मुँह किये खड़ा था, हे भगवान क्या लंड था खड़ा ही रहता हैं। मै उठने को हुई तो मुझसे उठा नही गया, मेरी जांघ अकड़ गई थी। मैने चाचू को हिलाया तो उन्होंने आँखे खोली ओर मेरी ओर देखने लगे। मेरी सुनने के बजाय वो फिर से मेरे ऊपर चढ गए औऱ लंड चूत में घुसा दिया। आप जानते होंगे कि मोर्निंग में मर्दो का इरेक्शन काफ़ी हार्ड रहता हैं इसलिए चाचू ने 50 मिनट तक मेरी चूत को बेरहमी से बजाया औऱ मेरी चूत की गहराई में झड़ गए। इसके बाद मैं बाथरूम गयी, खुद को धोई ओर कपड़े पहनकर बाहर आई। फिर हम एग्जाम देने चले गए।

एग्जाम 2 बजे खत्म हुआ औऱ राजन के बताए होटल में चाचू के साथ पहुंच गई। राजन 4 बजे आये औऱ हम दोनों को रूम में देखकर बोले कि ज्यादा वेट तो नहीं करना पड़ा। मैं नहीं सर। राजन ने बेग से एक शीट निकली, जो मेरी एग्जाम की आंसर शीट थी। मैं अचंभित हो गई। राजन ने सभी छूटे प्रश्न मेरे से टिक करा दिए औऱ बोला कि अब सेलेक्शन कोई नही रोक पायेगा। राजन ने चाचू से कुछ मांगा इशारों में। चाचू ने डॉटेड कंडोम का पेकेट राजन को दे दिया। फिर चाचू बाहर चले गए। चाचू के जाने के बाद राजन ने कन्डोम लगाकर 2 बार मेरी चुदाई की। ज्यादा दर्द नही हुआ क्योंकि राजन का लन्द 5 इन्च का ही था। काम हो जाने के बाद हम दोनों ने शाम की बस पकड़ी और चाचू सहारनपुर व मै रूड़की उतर गयी। आगे क्या हुआ मेरी जिंदगी में, अगली कहानी में बताउंगी..

कहानी कैसी लगी कमेंट करके ज़रूर बताना। धन्यवाद!

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