भाभी के यार ने मेरी कुँवारी चूत फाड़ दी

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हैलो दोस्तों! मेरा नाम अंजलि है, उम्र 32 साल, रंग गोरा, फिगर 38-30-38, हाइट 5 फुट 4 इंच, लंबे बाल, हेयर कलर ब्लैक, आँखों का रंग ब्लैक, फेस शेप राउंड, बूब्स शेप साइड सेट, हिप शेप चुब्बी, पुस्सी शेप वेट और टाइट, एस शेप राउंड। मेरी हॉबी घूमना-फिरना मौज मस्ती करना और सेक्स करना. मेरा सेक्स स्टैमिना 15 मिनट है और लंड साइज मुझे 9 इंच पसंद है. लंड का स्टैमिना 15 से 25 मिनट पसंद है. ये कहानी आज से 10 साल पहले मेरी चुदाई से शुरू हुई थी. अब तक मै बहुत सारे लंड अपनी चूत और गांड में ले चुकी हूँ. मेरे अंदाज़े से मैंने अब तक 76 लंड लिए होंगे अपनी चूत और गांड में. और वो कैसे-कैसे लिए आज मै आप सब को बताने वाली हूँ.

अब मै अपनी फॅमिली के बारे में बता दू। मेरे घर में माँ, भाई, भाभी, मै और रिंकू है और एक मेरी बड़ी सिस्टर है रिया. वैसे मेरे डैड ने दो शादी की थी. मेरी बड़ी माँ से विकास भैया है और मेरी माँ से मै और रिया दीदी है. और वैसे विकास भैया और रिया दीदी की शादी मेरी शादी से 2 साल पहले हुई थी. वैसे मै एक ओपन माइंडेड गर्ल हूँ और मै अपनी दीदी से भी बिलकुल ओपन थी. वो मुझसे हर बात शेयर करती थी और मै उनसे अपनी. अब मै अपनी और अपने फॅमिली मेंबर्स का बायोडाटा बता देती हूँ. मै अंजलि उम्र 22 साल, फिगर 34-28-34 कप (डी). काजल भाभी उम्र 23 साल, फिगर 32-28-32. रिया दीदी, उम्र 24 साल, फिगर 34-28-34 कप (बी). विकास भैया उम्र 26 साल, लंड 7 इंच. हमारी लाइफ मस्त चल रही थी. हमारे घर में 2 कमरे किचन बाथरूम और थोड़ा आगे एक हॉल था. मै और दीदी और माँ एक कमरे में सोते थे और दुसरे कमरे में विकास भैया सोते थे.

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सब ठीक चल रहा था. लेकिन फिर एक दिन रिया और विकास के लिए रिश्ता आया. वो मेरे मामा जी लेकर आये थे. वैसे वो दोनों भाई-बहन थे, जिनका रिश्ता आया था और मेरे यहाँ भी विकास और रिया भाई-बहन थे. तो रिश्ता हो गया. जीजू का नाम राजू था और भाभी का नाम काजल. वैसे काजल भाभी काफी मॉडर्न लग रही थी और सेक्सी भी. मेरी उनसे काफी बनेगी ऐसा मुझे लग रहा था. राजू जीजू भी काफी हैंडसम लग रहे थे. उनकी नज़र मेरी तरफ काफी थी. फिर दोनों जोड़ियों की मंगनी की, और डेट पक्की हो गयी थी और हम सब बहुत खुश थे. मंगनी वाले दिन अचानक जीजू ने मुझे प्रोपोज़ किया-

जीजू: अंजलि आई लव यू. क्या तुम मुझसे शादी करोगी? तुम मुझे बहुत पसंद हो.

मै: आई ऍम वैरी सॉरी जीजू. मै आपसे लव नहीं करती और ना ही आपसे शादी कर सकती हूँ.

जीजू: इट्स ओके माय लवली साली जी. मै मज़ाक कर रहा था. वैसे साली आधी घरवाली होती है.

मै: होती होगी पर हमारे यहाँ ऐसा कोई रिवाज़ नहीं जीजू.

जीजू: अरे ओके साली जी आप इतना गुस्सा क्यों कर रही है?

मै: नहीं-नहीं जीजू मै ऐसे ही बात करती हूँ. तभी रिया आ गयी और बोली-

रिया: क्या बाते हो रही है जीजा-साली में? हम भी तो सुने.

मै: कुछ नहीं दीदी. वो ऐसे ही जीजू मस्ती कर रहे थे।

और फिर मंगनी हो गयी. फिर शादी की डेट भी फिक्स हो गयी और बस 2 मंथ बाकी थे शादी में. उसके बाद दीदी और जीजू अक्सर मिलने लगे और विकास और काजल भी मिलने लगे. एक बार दीदी बाथरूम से नहा कर कमरे में आयी और जैसे ही दीदी ने बॉडी से टॉवल हटाया तो मैंने एक बात नोट की. वो बात थी की दीदी की चूत के होंठ थोड़े खुले हुए थे. लेकिन मेरी चूत के होंठ एक-दम से टाइट और चिमटे हुए थे. मै उस टाइम तो कुछ नहीं बोली. मैंने एक बात दूसरी भी नोट की थी की, दीदी की लेग्स भी थोड़ी अलग लग रही थी. जब वो चल रही थी, तब मुझे चेंज दिख रहा था. फिर मै अपने काम में लग गयी. मै दीदी से कुछ नहीं बोली की ये ऐसा क्यों था और क्यों उनकी चूत में डिफरेंस था. विकास भैया भी आज कल फॉर्म में घूम रहे थे. नए नए कपडे पहनकर बाहर जाना और रोज़-रोज़ चिकना बनना वगैरा-वगैरा. फिर थोड़े दिनों में ही दीदी की और भैया की शादी हो गयी. और यहाँ से शुरू हुआ मेरी लाइफ में चुदाई का एक नया एपिसोड. वो हुआ यु की मै थोड़े दिनों में काजल भाभी से फ्रैंक हो गयी थी.

भाभी बहुत अच्छी थी और अब वो मेरी बेस्ट फ्रेंड बन गयी थी. मेरी लाइफ का फर्स्ट सेक्स भी भाभी के साथ हुआ था. विकास भैया अपने ऑफिस के काम से आउटडोर गए हुए थे और मै काजल भाभी के बैडरूम में उनके साथ सोती थी. तो मेरा उनके साथ फर्स्ट लेस्बियन सेक्स हुआ. रात को भाभी मुझसे लिपट जाती थी और कई बार तो मेरे बूब्स भी दबा देती थी. धीरे-धीरे मुझे ये अच्छा लगने लगा था और मै भी कभी-कभी उनके बूब्स दबाने लग जाती थी. और अब हमारा प्लान था फुल लेस्बियन सेक्स करने का. फिर रात का खाना खाने के बाद मै और भाभी उनके बैडरूम में चले गए.

मेरा फर्स्ट सेक्स काजल भाभी.

हम जब बैडरूम में गए तो भाभी ने नाइटी पहनी थी और मै सलवार कमीज में थी. वो मेरे करीब आयी और उन्होंने मेरी गर्दन पकड़ कर मुझे एक किस की और फिर आहिस्ता-आहिस्ता नीचे मेरी नाभि तक आ गयी. फिर वो मेरी कमीज ऊपर करके मेरी नाभि को चूमने लगी और देखते ही देखते भाभी ने मेरे कपडे उतार दिए और खुद के कपडे भी उतार दिए. अब हम दोनों नंगे थे एक-दुसरे के सामने. वो रात को मै ब्रा-पैंटी नहीं पहनती और इत्तेफ़ाक़ से भाभी भी रात को ब्रा पैंटी निकाल कर सोती थी. फिर भाभी ने मुझे बेड पर लिटा दिया और खुद मेरे ऊपर चढ़ गयी. वो मेरे बूब्स के निप्पल चूसने लगी और एक हाथ मेरी चूत पर फेरने लगी. मेरे मुँह से आह्ह्ह.. ओह्ह्ह.. उफ़.. की सिसकिया निकल रही थी. फिर मै बोली-

मै: ओह भाभी! आपने मुझे बहुत गरम कर दिया है.

भाभी: हां अंजू आज तुमको मै बहुत मज़ा देने वाली हूँ. बस तुम मज़े लेती रहो.

वैसे मुझे घर में सब अंजू बुलाते है.

मै: ओह मेरी भाभी.

भाभी: अंजू तुम्हारे बूब्स बहुत कड़क हो गए है और तुम्हारी चूत भी बहुत गीली हो गयी है. तुम्हारी चूत का सारा पानी मेरी उंगलियों से लिपट गया है.

मै: हां भाभी बहुत मज़ा आ रहा है.

और फिर हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए. वो मेरी चूत चाटने लगी और मै उनकी चूत चाटने लगी. बहुत अच्छा लग रहा था मुझे. भाभी की चूत भी बहुत गीली हो गयी थी. मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा था. भाभी अपनी पूरी जीभ मेरी चूत में घुसा रही थी और मै उनकी चूत के बीच में अपनी जीभ रब कर रही थी. मुझे चूत चाटना नहीं आता था पर फिर भी जितना आता था उतना कर रही थी. लेकिन भाभी तो बड़े मज़े से मेरी चूत को चाट रही थी. उसके बाद फिर भाभी मेरी चूत में ऊँगली करने लगी और मुझे काफी दर्द होने लगा था. भाभी ऊँगली करने के साथ में मेरे बूब्स को भी दबा रही थी. फिर लास्ट में भाभी मेरी चूत का सारा पानी पी गयी और भाभी की चूत का पानी मै पी गयी. उस रात के बाद जब भी भैया आउटडोर होते थे तब हम दोनों लेस्बियन सेक्स करती थी. लेकिन अब मेरी चूत भाभी की उंगलियों से शांत नहीं होती थी. फिर भाभी बोली-

भाभी: अंजू अब तुम्हारी चूत को एक मर्द का बड़ा लंड चाहिए जिससे तुम्हारी चूत शांत होगी.

मै: भाभी ये लंड क्या होता है?

भाभी: क्या तूने कभी लंड नहीं देखा?

मै: भाभी मैंने कभी सुना नहीं लंड के बारे में की वो क्या होता है. तो मै उसको देखूंगी कहा से.

भाभी: ओह अच्छा! चल ठीक है अब मै तुमको दिखाउंगी लंड और तुम्हारी चूत में डलवाउंगी भी.

मै: हां पर ये लंड मिलता कहा है?

भाभी: अरे ये कही मिलता नहीं. ये बॉयज के पास होता है. जैसे हमारे पास चूत है वैसे बॉयज के पास लंड होता है.

मै: ओह अच्छा? तो मुझे कैसे मिलेगा ये बॉय वाला लंड?

भाभी – वो मेरा एक कॉलेज टाइम में बॉयफ्रेंड था. उसका लंड तुमको मिलेगा.

मै: नहीं भाभी मै किसी बाहर के बॉय का लंड नहीं लूंगी.

भाभी – तो फिर तुझे किसका लंड चाहिए ?

मै: वो भैया भी तो एक बॉय है ना. उनके पास भी तो लंड होगा ना. मुझे भैया का लंड चाहिए.

भाभी: चल हट! तुमको मेरे पति का लंड चाहिए? नहीं-नहीं.

मै: भाभी प्लीज एक बार और फिर भले ही आप मुझे बाहर का लंड दिला देना. अभी घर का ही लेना है मुझे. क्युकी इससे घर की बात घर में ही रहेगी.

फिर भाभी ने हां कर दी. लेकिन भाभी के दिमाग में कुछ और भी था. वो आपको बाद में पता चलेगा. मुझे विकास भैया का लंड बहुत पसंद था. मै उनको देखा करती थी जब वो बाथरूम में नहाने जाते थे. और मै सब जानती थी लंड चूत सेक्स सब. मै बस भाभी के सामने नाटक कर रही थी.

भाभी: अंजू तुझे मै पहले अपनी चुदाई दिखाउंगी , ताकि तुझे पता चले की कैसे चुदाई होती है और एक मर्द कैसे एक लड़की की चूत में अपना लंड डालता है. उसके बाद तेरी और तेरे भैया की चुदाई फिक्स करुँगी. ठीक है?

मै: ओके भाभी.

और फिर हम दोनों अपने-अपने काम में लग गए. मुझे भाभी ने पहले बता दिया था की उस रात मै उनकी चुदाई देखु और फिर सुबह हम बात करेंगे। भैया भाभी की चुदाई- मै रात को करीब 12 बजे उठी और भाभी के बैडरूम की खिड़की पर पहुँच गयी. मैंने देखा की भैया-भाभी दोनों नंगे थे. भाभी बेड पर बैठी थी और भैया खड़े थे. और भाभी भैया का लंड मुँह में लेकर चूस रही थी. भैया का लंड काफी बड़ा था. आज एक-दम साफ़-साफ़ दिख रहा था मुझे भैया का लंड. फिर भाभी बोली-

भाभी: डार्लिंग तुम्हारा लंड आज तो बहुत सख्त हो गया है.

भैया: हां डार्लिंग आज पूरी रात तुम्हारी चूत को चोदने वाला हूँ इसलिए इतना सख्त हो गया है.

भाभी: हां डार्लिंग आज तुम मुझे बहुत चोदना. 7 दिन से मेरी चूत आपके लंड की प्यासी है.

भैया: डार्लिंग अब तुम घोड़ी बन जाओ, मै तुम्हे पीछे से चोदूँगा.

भाभी: लो डार्लिंग मै बन गयी घोड़ी, अब तुम आ जाओ मेरे पीछे और देखो मेरी चूत कैसे तड़प रही है तुम्हारे लंड के लिए.

भैया: वाओ डार्लिंग! तुम्हारी चूत पानी छोड़ने लगी है. तुम्हारी चूत को अब मेरे लंड की ज़रुरत है. डार्लिंग अब तैयार हो जाओ मै अपना लंड तुम्हारी चूत में घुसाने वाला हूँ.

भाभी: आहह.. आहह.. आहहह.. आहह.. डार्लिंग धीरे-धीरे डालो मुझे मेरी चूत में दर्द हो रहा है.

भैया: डार्लिंग दर्द में ही तो मज़ा है. रुको थोड़ी देर में तुमको मज़ा आने लगेगा.

ये चुदाई देख कर मै भी गरम होने लगी और न-जाने कब मेरा हाथ मेरी सलवार के अंदर चला गया. मैंने देखा की मेरी चूत गीली हो गयी थी और उधर थोड़ी देर बाद भाभी बोलने लगी-

भाभी: डार्लिंग और ज़ोर से करो और ज़ोर से करो आह्ह्ह आह्ह्ह आह्ह्ह उफ्फफ्फ्फ़ ओह्ह्ह डार्लिंग बहुत मज़ा आ रहा है मुझे. ज़ोर-ज़ोर से चोदो डार्लिंग.

भैया सही बोल रहे थे कि भाभी के दर्द में ही मज़ा था. फिर आगे भैया ने भाभी को 10 मिनट तक ऐसे ही नॉन स्टॉप चोदा और फिर भाभी के ऊपर गिर गए. इधर नीचे से मेरी चूत ने भी अपना पानी छोड़ दिया और मै अपनी सलवार ठीक करके अपने रूम में चली आयी. फिर कुछ देर बाद फिरसे भैया भाभी की चुदाई चालु हो गयी. मुझे सुबह तक उनके बैडरूम से आह्ह्ह ओह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ की आवाज़े आती रही. विकास भैया को सेक्स की बहुत हवस थी और वो पागलो की तरह भाभी को चोदते थे और भाभी की हालत खराब कर देते थे. फिर सुबह जब किचन में भाभी मुझसे मिली तब उन्होंने मुझसे कहा-

भाभी: कैसी लगी मेरी चुदाई? और तेरे भैया का लंड पसंद आया?

मैंने कहा: हां पर वो आपको पागल कुत्ते की तरह चोद रहे थे, मुझे वो अच्छा नहीं लगा.

भाभी: अरे अंजू सारे मर्द चुदाई करते वक़्त ऐसे ही होते है. लेकिन ज़्यादा मज़ा ऐसे ही आता है.

मै: तो मुझे ऐसी चुदाई नहीं करनी ओके.

भाभी – ओके तेरी मर्ज़ी.

मै: ठीक है भाभी।

और फिर मै रेडी होकर कॉलेज चली गयी. मुझे बहुत बुरा लग रहा था की भैया ऐसे भी कर सकते थे. इसलिए अब मेरे दिल से भैया का ख़याल निकल गया था. फिर कुछ दिन मै अपसेट थी. उसके बाद भाभी मुझे कुछ दिनों के लिए बाहर ले गयी.

भाभी ने मेरे से कहा: क्यों ना हम कुछ दिन के लिए बाहर चले? वैसे भैया भी फिरसे आउटडोर थे.

तब मै बोली: ठीक है.

और भाभी मुझे शिमला ले गयी. वहाँ भाभी की बुआ रहती है. बुआ का नाम उमा था और उम्र 60 साल थी. उनके पति हीरा 63 साल के थे और उनके 2 बेटे थे. पहला बेटा राजेश 35 साल का था और वो शादी-शुदा था. उसकी वाइफ उर्मिला ३32 साल की थी और एक बच्चा भी था उनका. बुआ का छोटा बेटा रॉकी 21 साल का था और काफी हैंडसम था और ओपन माइंडेड भी था. रॉकी काजल भाभी का काफी फ्रैंक टाइप का फ्रेंड था. वहाँ सुबह-सुबह भाभी और रॉकी बाहर जाते थे. शायद वो जॉगिंग पे जाते थे. एक बार मै भाभी को बोली-

मै: भाभी क्या मै आपके साथ चल सकती हूँ.

भाभी: हां क्यों नहीं चल सकती हो. तो कल सुबह जल्दी उठ जाना हम तीनो चलेंगे, ठीक है?

मै: ठीक है भाभी.

फिर सुबह जब मै तैयार होकर आयी तो रॉकी मुझे देख कर बोला-रॉकी: वाओ अंजलि! तुम आज बहुत हॉट और सेक्सी गर्ल लग रही हो. मैंने रेड कलर का ट्रॉउज़र पहना था और मैंने बस रॉकी को हलकी सी स्माइल दी. फिर भाभी भी तैयार होकर आ गयी. वो जिम टाइप टाइट ड्रेस पहन कर जाने वाली थी और रॉकी ने ट्रॉउज़र पहना था. फिर हम तीनो घर से निकल गए और काफी दूर चले गए. करीब हमें एक घंटा हो गया था और फिर रॉकी हमें एक बड़े से गेस्ट हाउस में ले गया. वहाँ हमें रॉकी ने चाय पिलाई. तभी भाभी बोली-

भाभी – चलो अब हम घर चलते है, मै बहुत थक गयी हूँ.

रॉकी: अरे तो पहले बोलती ना काजल. चलो मै तुम्हारी मसाज करवा देता हूँ.

भाभी: ठीक है चलो. अंजू तुम यहाँ बैठो हम थोड़ी देर में आते है.

मै: ठीक है. फिर भाभी और वो दोनों चले गए. अंदर एक मसाज वाला रूम था. (वो दोनों अंदर चुदाई करने गए थे और ये मुझे तब पता चला जब मै भी थोड़ी देर उनकी वेट करने बाद उनके पीछे गयी थी)

मसाज वाला रूम:-

भाभी: रॉकी तुमको शर्म नहीं आती? अंजू साथ में थी, फिर भी तुम मेरे साथ रोमांस कर रहे थे.

रॉकी: काजल मै कब से इंतज़ार कर रहा था की कब मौका मिले तुम्हारे साथ सेक्स एन्जॉय करने का. इसलिए मै खुद पर कण्ट्रोल नहीं कर सका.

भाभी: हां रॉकी कण्ट्रोल तो मै भी नहीं कर पा रही थी, इसलिए तो तुमको रोक नहीं रही थी.

रॉकी: आहह काजल तुम्हारी चूत बहुत गीली हो गयी है और तुम्हारी चूत का पानी मेरी ऊँगली पर गिर रहा है.

भाभी: अब मेरी चूत को तुम्हारा लंड चाहिए. जल्दी से अब मेरे और अपने कपडे उतारो और मेरी चूत की चुदाई करो.

रॉकी: ओके काजल अब मेरे सामने आओ मै तुम्हारे कपडे उतार देता हूँ. जैसे ही रॉकी काजल के कपडे उतारने शुरू करता है तब बोलता है-

रॉकी: वाओ काजल! आज तुमने मेरी पसंद की रेड कलर की ब्रा पैंटी पहनी है.

भाभी: हां मेरी जान अब मै तुम्हारा लंड अपने मुँह में लेकर चूसने वाली हूँ. उम्.. उम्.. आह्ह्ह्ह.. क्या लंड है तुम्हारा रॉकी. मैंने जितने लंड लिए है सब में से तुम्हारा लंड सबसे बड़ा है. मुझे तो मज़ा भी तुम्हारे लंड से ही आता है.

रॉकी: हां काजल मुझे पता है मेरा लंड तुमको बहुत मज़ा देता है. आह आहह काजल और अंदर तक लो मेरा लंड! चूसो और चूसो हां ऐसे ही चूसती रहो मेरा लंड.

भाभी: हां मेरी जान मुझे बहुत मज़ा आ रहा है तुम्हारा लंड चूसने में.

रॉकी -अब तैयार हो जाओ काजल! मै अब तुम्हारे इस मुँह को चोदने वाला हूँ. आह्हः उफ्फ्फ्फ़ मेरा लंड तुम्हारे गले तक जा रहा है. तुम्हारे होंठ भी बहुत नरम है आह्ह्ह उफ्फ्फ ओह्ह! बहुत मज़ा आ रहा है. कही मै ऐसे ही ना झड़ जाऊ. रुको काजल अब आराम-आराम से मेरे लंड को अपनी जीभ से चाटो ताकि थोड़ा रेस्ट मिले. नहीं तो मै झड़ जाऊंगा.

मै बाहर वेट कर रही थी की वो दोनों अभी तक आये क्यों नहीं.

मै(मन में): बहुत देर हो गयी. ये दोनों कहा गए.

और फिर मै भी उनके पीछे गयी. तो उस रूम का दरवाज़ा थोड़ा खुला था. अंदर का नज़ारा कुछ यु था-ओह्ह बाप रे! काजल भाभी तो रॉकी का लंड मुँह में लेकर चूस रही थी. और ये सब देख कर मै भी गरम होने लगी थी. आज पहली बार मुझे चुदाई देख कर अच्छा लगा रहा था. काजल भाभी को रॉकी बड़े मज़े से अपना लंड चुसवा रहा था. वो भाभी के साथ जो भी कर रहा था सब रोमांटिक तरीके से कर रहा था. काजल भाभी के साथ उसके सब करने से मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. फिर काजल भाभी रॉकी के लंड के ऊपर बैठ कर ज़ोर-ज़ोर से ऊपर-नीचे उछलने लगी.

रॉकी: ओह मेरी जान काजल! तुम ऐसे ही उछलती रहो मेरे लंड के ऊपर. मुझे बहुत मज़ा आ रहा है.

भाभी: आहह अहह अहह ओह्ह रॉकी बहुत मज़ा आ रहा है मुझे भी! तुम्हारा लंड बहुत मस्त है.

काफी देर तक काजल भाभी रॉकी के लंड के ऊपर उछली और फिर वो शांत होकर रॉकी के ऊपर ही निढाल हो कर गिर गयी. इधर मेरी चूत ने भी अपना पानी छोड़ दिया था और फिर जैसे ही मै दरवाज़ा खोल कर अंदर जाने लगी तो वो दोनों उठ गए. तो मै वापस बाहर दरवाज़े पर खड़ी हो गयी और उन दोनों को देखने लगी. वो रॉकी बेड पर घुटनो के बल बैठा था और भाभी बेड की साइड में लेती थी. रॉकी अपना लंड भाभी के होंठो पर मार रहा था.

रॉकी: लो काजल मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसो ताकि फिरसे मेरा लंड खड़ा हो जाए.

भाभी: हां मेरी जान मुझे भी चूसना है तुम्हारा लंड.

और भाभी फिरसे रॉकी का लंड कुल्फी की तरह चूसने लगी. भाभी को लंड चूसते हुए देख कर मेरे मुँह में पानी आ गया था. क्या लंड था रॉकी का एक-दम सफ़ेद दूध जैसा और उसका गुलाबी टोपा कमाल का था. जी तो कर रहा था की उसी वक़्त जा कर लंड को अपने मुँह में ले लू. मुझे उसका लंड बहुत पसंद आया और रॉकी का सेक्स करना भी बहुत पसंद आया. फिर रॉकी ने भाभी को डोगी स्टाइल में कर दिया और पीछे से भाभी की गांड अपनी जीभ से चाटने लगा. उसके बाद उसने भाभी की चूत पर थूका और आराम से अपना लंड भाभी की चूत में घुसा दिया और चुदाई करने लगा. वाओ! वो क्या मस्त तरीके से चुदाई कर रहा था और भाभी के मुँह से आह्ह्ह आह्ह्ह अह्ह्ह की सिसकिया निकल रही थी.

भाभी: अह्ह्ह्ह उफ्फमफ ओह्ह्ह्ह. हां करते रहो रॉकी और तेज़ और तेज़. मुझे बहुत मज़ा आ रहा है.

इधर मेरी चूत ने भी बहुत सारा पानी निकाल दिया था जिससे मेरी पैंटी बहुत गीली हो गयी थी. ऐसा मेरे साथ पहली बार हुआ था. मुझे आज बहुत सुकून मिल रहा था. पता नहीं क्यों मेरा मन कर रहा था की मै भी अभी जा कर रॉकी से अपनी चूत की चुदाई करवा लूँ. ऐसे ही करीब 30 मिनट तक रॉकी ने भाभी की चुदाई की और फिर जब रॉकी ने भाभी की चूत से अपना लंड बाहर निकाला तब भाभी की चूत में से रॉकी के लंड का माल बाहर बह रहा था. वो काफी गाढ़ा माल था और फिर रॉकी ने भाभी की चूत अपने रुमाल से साफ़ की. फिर उन दोनों ने अपने-अपने कपडे पहने और जैसे ही वो बाहर की तरफ मुड़े तो मै वहाँ से भाग आयी. फिर भाभी और रॉकी रोज़-रोज़ मॉर्निंग वाक के बहाने बाहर जाने लगे और वहाँ वो चुदाई करते थे. एक दिन मै भी उनके साथ गयी और मैंने मसाज रूम में उन दोनों की चुदाई देखि. जब उनकी चुदाई ख़तम हुई तो मै रूम से दूर भाग गयी.

अब आगे-

मै डर गयी थी की कही मुझे वो देख ना ले. फिर भाभी बाहर आयी और बोली-

भाभी: चलो अंजू हम अब घर चलते है. और फिर हम घर आ गए. फिर रात को डिनर के बाद मै अपने रूम में थी. तभी भाभी मेरे पास आयी और मुझसे बोली-

भाभी: तो अंजू तुम्हे रॉकी कैसा लगा? उसका लंड तुमको पसंद आया के नहीं?

मै: भाभी आप ये क्या बोल रही हो? मै समझी नहीं.

भाभी: अरे मेरी पागल ननद अंजू. मैंने तुमको देख लिया था जब तुम रॉकी को मेरी चुदाई करते हुए देख रही थी.

मै: हां भाभी मुझे बहुत पसंद आया रॉकी भी और उसका लंड भी. और वो मस्त चुदाई करता है. मुझे ऐसा ही मर्द चाहिए जो मेरी प्यार से चुदाई करे. बिलकुल जैसी रॉकी करता है.

भाभी: तो ठीक है. कल हम तीनो एक साथ सेक्स एन्जॉय करेंगे.

मै: नहीं भाभी मै पहले अकेले रॉकी से चुदाई करना चाहती हूँ. फिर नेक्स्ट चुदाई में हम तीनो करेंगे.

भाभी: ठीक है जैसी तुम्हारी मर्ज़ी. ओके तो फिर तुम कल जाना उसके साथ और मज़े लेना अपनी चुदाई के.

मै: लेकिन भाभी वो रॉकी मेरी चुदाई करेगा क्या ?

भाभी: अरे मेरी जान तू उसके साथ जाना और उसको उकसाना. वो खुद पर कण्ट्रोल नहीं कर पायेगा और तुम्हे चोद डालेगा.

मै: ठीक है भाभी.

अगले दिन मै तो सुबह से तैयार होकर बैठी थी. जब रॉकी आया तो मैना कहा-

मै: चलो रॉकी.

इसपे वो बोला: काजल नहीं है क्या?

मैंने कहा: भाभी की आज तबियत खराब है, वो आज नहीं चलेगी तुम्हारे साथ, मै चलती हूँ ना तुम्हारे साथ.

और फिर मै उसके साथ चली गयी. हम चलते-चलते काफी दूर जंगल की तरफ आ गए और ऊपर से वहाँ ठण्ड भी बहुत थी. फिर चलते-चलते मेरे बूब्स रॉकी की बाजू को टच हो रहे थे.

रॉकी: अंजलि आज ठण्ड बहुत है ना?

मै: हां रॉकी मुझे मालूम है की आज बहुत ठण्ड है.

फिर ऊपर से अचानक से बारिश आ गयी और हम भाग कर जंगल के अंदर चले गए. हम एक बड़े से पेड़ के नीचे जा कर बैठ गए. वैसे हम तब तक भीग गए थे. फिर मै बोली-

मै: अरे मेरे कपडे तो बहुत भीग गए है रॉकी. अब क्या करू मै?

रॉकी: हां मेरे कपडे भी तो भीग गए है. और हम ऐसे भीगे हुए कपड़ो में वापस नहीं जा सकते और हमें अपने कपडे सुखाने पड़ेंगे.

मै: क्या मतलब तुम्हारा ?

रॉकी: हमें हमारे कपडे उतार कर सुखाने पड़ेंगे और अगर नहीं सुखाये तो हम बीमार हो जाएंगे.

मै: ऐसे कैसे मै तुम्हारे सामने अपने कपडे उतार दू ?

रॉकी: ओके कोई बात नहीं. मै यहाँ उतार कर सुखाता हूँ तुम उस तरफ जा कर उतार कर सुखा लो.

मै: ठीक है.

फिर मैंने मुँह दूसरी तरफ करके अपने कपडे उतार दिए और सूखने के लिए रख दिए. रॉकी भी अपनी तरफ अपने कपडे सुखाने लगा.अब मै ब्रा पैंटी में थी और रॉकी सिर्फ अंडरवियर में था. फिर मै थोड़ी देर रॉकी से दूर बैठी और फिर वापस उसके पास आ गयी. मुझे डर लग रहा था और जंगल में हम दोनों एक-दुसरे के सामने बैठे थे. अब रॉकी मेरे बूब्स को हवस भरी नज़रो से घूर रहा था. पहले तो मैंने उसको इग्नोर किया. फिर थोड़ी देर बाद मै बोली-

मै: रॉकी इस तरह मेरे बूब्स को घूरना बंद करो.

रॉकी: आई ऍम सॉरी अंजलि वो गलती से हो गया.

मै: इट्स ओके.

मुझे ठण्ड बहुत लग रही थी और मै कांप रही थी. मुझे कांपते हुए देख कर रॉकी बोला-

रॉकी: अंजलि ऐसे तो हम ठण्ड से मर जाएंगे, अच्छा होगा अगर हम एक-दुसरे से लिपट कर बैठे जिसे हमें ठण्ड नहीं लगेगी. हमारे जिस्मो की गर्मी एक-दुसरे को लगेगी तो हम बीमार नहीं होंगे.

वो बोल तो सही रहा था पर ऐसा करने के बाद भी ठण्ड लग रही थी. अब एक ही रास्ता था. मै उठ कर रॉकी की गोद में बैठ गयी. अब मेरे बूब्स उसकी छाती से टच हो रहे थे. वो पहले तो चुप रहा थोड़ी देर के लिए. उसके बाद फिर उसका लंड बोलने लगा मतलब उसका लंड खड़ा हो गया था और नीचे से मेरी गांड को टच हो रहा था. उस वक़्त वो बोला-

रॉकी: वो अंजलि तुम मेरे इतने पास कभी नहीं बैठी ना इसलिए मेरा वो खड़ा हो गया है. सॉरी मुझे माफ़ कर दो. इसमें मेरा कोई कसूर नहीं है.

मै: इसका मतलब मै तुमको पसंद हूँ इसलिए तुम्हारा लंड खड़ा हो गया है?

रॉकी: हां अंजलि तुम मुझे बहुत पसंद हो और मैंने जब तुमको पहली बार देखा था मै तब से तुम पर मर मिटा था. तब से मेरे दिल में एक ही ख़याल आ रहा था की काश काजल की जगह तुम मेरी गर्लफ्रेंड होती.

मै: ओह माय लव मुझे भी तुम बहुत पसंद आये हो रॉकी. लेकिन बीच में काजल भाभी आ गयी थी.

रॉकी: तो अभी यहाँ काजल नहीं है सिर्फ हम दोनों है.

मै: तो फिर तुम्हे किसने रोका है.

ये सुन कर रॉकी ने मेरी ब्रा का पीछे से हुक खोल दिया और मेरी ब्रा निकाल दी. रॉकी: वाओ अंजलि! तुम्हारे बूब्स तो काफी बड़े है. इतने बड़े बूब्स मैंने कभी नहीं देखे। और फिर रॉकी मेरे बूब्स के निप्पल्स को मुँह में लेकर चूसने लगा और मै आह आहह आहह करने लगी. वो इतने प्यार से मेरे बूब्स चूस रहा था की क्या बताऊ. फ्रेंड्स बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा था मुझे. वो अपनी जीभ मेरे बूब्स के निप्पल्स पर घुमा रहा था. वाओ! मै अब सातवे आसमान पर थी और तभी उसने मेरे होंठो पर अपने होंठ रख दिए और मुझे किसिंग करने लगा. मेरी आँखें बंद थी शर्म के मारे और फिर रॉकी ने मेरी पैंटी भी उतार दी.उसके बाद वो मेरी चूत को चाटने लगा. जब वो मुझे किस कर रहा था तब मेरी चूत पहले से काफी गीली हो गयी थी. मुझे मज़ा आ रहा था और गुद-गुदी भी हो रही थी. उसने मेरी चूत के होंठ पूरे अपने मुँह में लिए हुए थे और फिर मेरी चूत में अपनी पूरी जीभ डाल दी थी. काफी देर तक उसने मेरी चूत चूसी और फिर उसने अपना लंड मेरे मुँह के आगे किया. ओह बाप रे! इतना बड़ा लंड. दूर से तो ठीक लग रहा था पर पास से तो काफी बड़ा लग रहा था. मै भी उसके लंड को कुल्फी की तरह चूसने लगी.

मै: उम्.. उम्म्म… आह..

क्या मस्त लंड था उसका मुझे बहुत मज़ा दे रहा था. मुझे लंड का गुलाबी टोपा चूसने में बहुत मज़ा आ रहा था. लंड काफी गरम था और मुझे ये अपने होंठो पर महसूस हो रहा था.

रॉकी: वाओ अंजलि तुम तो बड़े अच्छे से लंड चूसती हो. और अंदर लो मेरा लंड और अंदर! मुझे पूरा मज़ा दो और मज़ा दो.

मै: हां रॉकी.

और उसका लंड मेरे गले के हलक तक अंदर जा रहा था. मेरी साँसे फूल रही थी. वो मेरे मुँह के अंदर लंड घुसा रहा था. फिर थोड़ी देर तक लंड चुसवाने के बाद रॉकी ने मुझे नीचे ज़मीन पर लिटा दिया और मेरी टाँगे अपने कंधे पर रख ली. वो खुद घुटनो के बल बैठ कर मेरी चूत में अपना लंड घुसाने लगा. लंड बड़ा था और मेरी चूत में घुस नहीं रहा था. मेरी चूत का छेद छोटा था तो उसने मेरी चूत पर थोड़ा थूक लगाया और अपनी एक ऊँगली डाल कर अंदर-बाहर करने लगा. उसकी ऊँगली से भी मुझे बहुत मज़ा आने लगा था. फिर उसने चूत में दो ऊँगली डाल दी और मेरी हलकी सी चीख निकल गयी. अब वो आहिस्ता-आहिस्ता दो उंगलिया मेरी चूत में अंदर-बाहर करने लगा था. फिर उसने अपना लंड मेरी चूत पर सेट किया और एक ज़ोर का झटका मारा और लंड का टोपा मेरी चूत में घुस गया. उसके बाद उसने एक और ज़ोर का झटका मारा और आधा लंड मेरी चूत में घुस गया. इससे मेरी चीखे निकल गई।

मैं: आअह्ह्ह… ओह बाप रे! निकालो बाहर रॉकी मुझे दर्द हो रहा है.

रॉकी: अंजलि पहली बार चुदाई में थोड़ा दर्द होता है. थोड़ी देर रुको फिर तुम्हे मज़ा आने लगेगा.

और ऐसा ही हुआ. थोड़ी देर बाद मै खुद बोलने लगी-

मै: और अंदर डालो और अंदर.

फिर ऐसे ही करते-करते उसने पूरा लंड मेरी चूत में घुसा दिया था. उसने अपना मुँह मेरे मुँह से लगा दिया. अब नीचे लंड जा रहा था और ऊपर मुँह से मुँह जुड़े हुए थे. वाह क्या चुदाई हो रही थी. मुझे काफी देर तक ऐसे ही चोदा रॉकी ने और फिर सेक्स पोजीशन चेंज की. उसने मुझे अपने ऊपर आने को कहा और मै जल्दी से उसके ऊपर बैठ गयी. फिर मैंने उसका लंड पकड़ कर अपनी चूत में डाल लिया और ज़ोर-ज़ोर से ऊपर-नीचे उछलने लगी. इस तरह से तो लंड मेरी चूत में और अंदर तक जाने लगा. ऐसे ही मै उसके ऊपर 5 मिनट तक उछलती रही थी और फिर उसने सेक्स पोजीशन चेंज कर ली. उसने मुझे सीधे ज़मीन पर लिटा कर मेरे पाओं (लेग्स) ऊपर की तरफ मोड़ दिए. अब मेरे पाओ मेरे कानो तक जा रहे थे. फिर वो मेरे ऊपर चढ़ गया और पूरी ताक़त से मेरी चूत की चुदाई करने लगा. थोड़ी देर की चुदाई के बाद वो मेरी चूत के अंदर ही झड़ गया. उसके बाद हम कुछ देर उसी जंगल में रहे और हमारे कपडे भी सूख गए थे. फिर हम दोनों ने कपडे पहने और घर आ गए. मै बहुत खुश थी रॉकी के साथ चुदाई करके.

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