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ये बात कल की ही है, कैसे मेरे भैया ने मेरी चिकनी चुत को रगड़ रगड़ कर चोदा और बूब्स को दबाकर पीया और निप्पल को ऊँगली से दबाया जब मैं खुद पागल होने लगी वासना की आग में तब वो मोटा लंड मेरी चुत की पतली छेद में घुसकर रगड़ रगड़ कर चोद दिया। आज मैं आपको अपनी कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर सुनाने जा रही हूँ। ये मेरी सेक्स कहानी बहुत हॉट और सेक्सी है।
यह ज्यादा पुरानी कहानी नहीं है यह कहानी मात्र कल की है दोस्तों, मैं दिल्ली में रहती हूं मेरा एक भाई है जो मुझसे बड़ा है मेरी मम्मी बहुत हॉट और सेक्सी औरत है तो पापा के साथ हमेशा जवान बनने में ही रहती है उनको यह भी नहीं पता कि उनकी बेटी बड़ी हो गई उनका बेटा बड़ा हो गया है वह दोनों खुद अपने आप को भी जवान ही समझते हैं कभी गले मिलना कभी किस करना कभी बूब्स को छाती में सटाना पापा से चिपक जाना किस कर लेना .
दोस्तों की बात आपको भी पता है कि जब घर में एक जवान लड़का लड़की हो तो मां-बाप को ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि मां-बाप को देखकर ही बेटा-बेटी सीखते हैं कि उनको क्या करना है जब वह दोनों गलत सीख रहे तो क्या करेंगे ऐसे भी अभी बता दोस्तों हम लोग घर में हैं ना भाई स्कूल जा रहा है ना मैं जा रही हूं . हम दोनों जवान और 18 साल के ऊपर के हैं . मेरा भाई 20 साल का है और मैं 18 साल की हूं .
मेरा भाई बहुत ज्यादा हॉट और सेक्सी है उससे कहीं ज्यादा मैं सेक्सी और हॉट हूं . मेरे आगे पीछे लड़के दीवाना बने फिरते हैं पर मैं किसी को भाव नहीं देती हम बस एक मेरा बॉयफ्रेंड है आज तक कुछ नहीं मुझे किस किया और मेरी चूचियों को दबाया इसके अलावा आज तक मैंने अपने शरीर को किसी के हवाले नहीं किया .
यह मेरी पहली चुदा है अब मैं सीधे आपको अपनी कहानी पर आती क्या हुआ था और कैसे हुआ था .
मेरे पड़ोस की एक आंटी ने, अपना फ्लैट लिया तो मम्मी भी पागल हो गई मैं पापा को कहने लगे कि मुझे भी फ्लैट दिलाओ सब लोगों ने फ्लैट ले लिया है हम लोग अभी किराए के मकान में रह रहे हैं। तो मम्मी के कहने के चलते पापा और मम्मी आज कल दिन भर बाहर मकान देखने में लगे रहते हैं। दिन दिन भर भूखा से बाहर रहते हैं हम दोनों बहन भाई अकेले घर में रहते हैं आजकल पता है दोपहर तक हम लोगों की ऑनलाइन क्लास होती है उसके बाद हम लोग खाली बैठे रहते हैं घर हमेशा बंद रहता है दोस्तों को बाहर वाले को पता भी नहीं है कि अंदर क्या हो रहा है।
कल की ही बात है दोस्तों कल सुबह ही मेरा भाई नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर सेक्स कहानियां पढ़ रहा था। मैं अपने भाई को कहानियां पढ़ते हुए देख ली वह जल्दी बंद भी नहीं कर पाया तो मैंने स्क्रीन भी देख लिया तो साफ समझ आ गया यह बहन भाई की चुदाई की कहानी पढ़ रहा था। मैं बोली क्या कर रहे थे भैया आप तो मुझे कुछ नहीं बस। मैं समझ गई मैं बोली ठीक है मैं मम्मी को बता दूंगी कि तुम क्या क्या पढ़ते हो।
तो उसने बोला नहीं बहन मत बताना मम्मी को पापा को नहीं तो हम दोनों को भी मारेंगे। दोस्तों मैं भी इस वेबसाइट पर आकर कहानियां पढ़ते हो मैं भी काफी दिन से सोच रही हूं कि कहां अपनी वासना की भूख को मिटा हूं आजकल बाहर भी नहीं जा रही हूं तो स्कूल के दोस्त भी नहीं हैं जिसके साथ में रंगरेलियां मना लूं। मुझे लगा कि क्यों ना अपने भाई को ही बताऊं कि मुझे सेक्स करना है और मैं चाहती हूं कि अपनी पहली चुदाई घर में ही।
तू मेरा भाई बोलने लगा कि तुम्हें पता है तुम क्या बोल रही हो भाई बहन ऐसा नहीं करता है भाई बहन के बीच सेक्स नहीं होता है तो मैं उसको बोल दे कि मेरी कई सारे दोस्त है जो अपने ही घर में अपने भाई से अपने चाचा से भी सेक्स करवा चुकी है। तो इसमें कोई बड़ी बात नहीं है आजकल सब चलता है बाहर वाले तो बाद में ब्लैकमेल करते हैं लेकिन घर वाले तो ब्लैक में नहीं करेंगे। मेरा भाई समझ गया उसने बोला ठीक है पर यह बात हम दोनों के अलावा और किसी को नहीं पता रहने चाहिए। मैं बोलती ठीक है मैं किसी को नहीं बोलूंगी तुम भी मत बोलना।
हम दोनों एक दूसरे के करीब आ गए पहले हम उसको निहारे वह भी हमें देखने लगा फिर धीरे-धीरे हम दोनों के होंठ एक दूसरे से फस गए और हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे किस करने लगे दोस्तों हम दोनों को एक दूसरे में लिपट गए पता भी नहीं चला। और कब हम दोनों बेड पर लेट गए और एक दूसरे के पैरों में अपना पैर फंसा कर एक दूसरे के गाल और गर्दन चूमने लगे।
मैं अपने भाई का लंड पकड़ ली मेरा भाई मेरी चूचियों को पकड़ लिया मेरी चूचियों को पकड़ कर मेरा भाई दबाने लगा मैं भी अपने भाई के लंड को दबाने लगी पकड़ने लगी उसका लंड धीरे-धीरे मोटा और लंबा हो गया दोस्तों मैंने तुरंत ही उसके पैंट को नीचे सरका दी और उसके लंड को पकड़ कर अपने मुंह में ले ली।
धीरे-धीरे हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े उतार दिए मेरी बड़ी-बड़ी चूचियां जैसे ही बड़ा से बाहर आए वह तो पागल हो गया तू तो पहले निप्पल को रगड़ने लगा अपने दोनों उंगली से बड़ी बड़ी चूचियों को वापस के दबाने लगा पीने लगा मैं पागल होने लगे मेरे गर्दन पर वह चूमने लगा मेरे पेट को सहलाने लगा मेरे गांड को चलाने लगा दोस्तों मैं पहली बार वासना की आग में जल रही थी मुझे लग रहा था कि मेरी चुत में कोई पेल दे।
मैं बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी मैंने उसके लंड को चूसना शुरु किया उसने बजे चूचियों को दबाना और चूसना शुरू किया मैं बोले कि अब मैं बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगी और मैं टांगे खोल के लिए। तुरंत ही मेरे टांगों के बीच में आकर बैठ गया। मेरा भाई भी काफी ज्यादा गर्म हो चुका था वह मेरे अंगों से खेलने लगा मेरे पैर के अलग अलग कर दिया और फिर मेरी चुत को चाटने लगा दोस्तों मैं तो पागल होने लगी मेरी गर्म हो चुकी थी मेरे चुत से गर्म गर्म पानी निकलने लगा था और वह अपने जीभ से चाट रहा था।
अब सब कुछ बर्दाश्त से बाहर हो गया था मैं बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी मेरे चिकनी चुत को पहले उसने खुद चाहता और फिर मोटा लंड मेरी चुत के बीच में लगाया और दोस्तों इतना जोर से धक्का दिया कि मेरी चिकनी चुत फट गई। मेरे आंख में आंसू आ गए थे थोड़ा थोड़ा खून भी निकलने लगा था पर मुझे यह सब अच्छा लग रहा था अभी वह मुझे छोड़ नहीं रहा था मेरी चुचियों को दबाते हुए मुझे चोदने लगा।
अब क्या था दोस्तों 4 से 5 मिनट के बाद ही मैं उस पर हावी हो गई मैं उसके ऊपर चढ़ गई उसके मोटे लंड को अपने चुत में ले ली और जोर जोर से धक्के देने लगी उसका पूरा लंड मेरी चुत में जा रहा था दोनों हम दोनों ही एक दूसरे को प्यार कर रहे थे चिल्ला रहे थे कमरे में आवाज आ रही थी आ आ आ, मुझे गालियां दे रहा था मैं भी उसको गाली ना दे रही थी एक दूसरे के जिस्म को टटोल रहे थे एक दूसरे के छेद में उंगली डाल रहे थे मजा आ गया था दोस्तों।
मेरा भाई ने मुझे करीब 1 घंटे तक चोदा फिर हम दोनों मिलकर नहाए साथ ही बाथरूम में और फिर दोनों सो गए। शाम को मम्मी आई तो बोली कि आज तुम बहुत खुश लग रही हो मैं बोली हां कुछ तो होना ही चाहिए इसलिए मैं खुश हूं। तो मम्मी बोली कुछ क्या मैं मुझे कुछ नहीं बस ऐसे ही मन खुश रहने का है इसलिए खुश हूं।
और दोस्तों आज रविवार था इसलिए मम्मी पापा कहीं गए नहीं तो आज कुछ हुआ नहीं कल सुबह यह लो फिर जाएंगे तो कल मैं फिर आपको एक कहानी बताऊंगी कल मैं सोच रही हूं अपने भाई से अपने गांड मरवाने के लिए। कल जरूर नॉनवेज स्टोरी पर आएगा मैं आपको फिर से एक कहानी सुनाओ गी तब तक के लिए धन्यवाद।