पति बाहर ससुर का लंड बहू के अंदर 5

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Sasur bahu ki chudai story hindi:- अगले दिन सुबह मैं देर से उठा, मैंने देखा के समधी जी मिरर के सामने खड़े होकर शेविंग कर रहे थे. बहु मेरे बगल में चादर के अंदर लेटी थी. मैंने बहु को धीरे से उठाया। अगर आपने ससुर बहू की इस कहानी के पिछले 4 पार्ट नहीं पढे है तो आप यहाँ पर पढ़ सकते है ==>> पति बाहर ससुर का लंड बहू के अंदर सीरीज़ Complete

Sasur bahu ki chudai story hindi

मैं – बहु उठो..

कोमल – मैं सो नहीं रही बाबूजी! बस ऐसे हे लेती हूँ.

मैं – लगता है समधी जी के तबियत आज ठीक है वो शेविंग कर रहे हैं. उन्होंने हमे साथ में सोते हुवे भी देख लिया. अब तुम उन्हें रिझाने के कोशिश शुरू कर दो.

कोमल – ओके बाबूजी.

बहु ने अपने बदन से चादर हटा कर फेंक दिया. उसने अपना गाउन घुटने के ऊपर अपनी जांघो तक खींच लिया और पैर मोड़ कर बिस्तर पे बैठ गई. फिर उसने एक सेक्सी अंगड़ाई ले और नशीले आवाज़ में अपने पापा से कहा.

कोमल – गुड मॉर्निंग पापा आप कब उठ गए? आपकी तबियत अब कैसी है?

समधी जी – मैं अभी अच्छा फील कर रहा हूँ बेटी (समधी जी ने बिना बहु को देखे जवाब दिया)।

कोमल – उम्म्म्म.. पापा इधर मेरे पास आइये ना मुझे आपको किस करके गुड मॉर्निंग बोलना है।

समधी जी – अरे बेटी 2 मिनट हो गया बस.

कोमल – उम्मम्मम आइये ना..

समधी जी – ओके हो गया।

जैसे ही समधी जी ने पीछे मुड़कर अपनी बेटी को देखा उनकी आँखें बड़ी और जुबान बाहर हो गई। अपनी बेटी को इस तरह से उन्होंने कभी नहीं देखा था, उनकी सेक्सी बेटी अपनी आधी चूचियां लटकाये और मांसल गोरी जांघो को खोले उनके सामने बैठी थी. उनके मुँह से कुछ नहीं निकला वो बेड के पास आ गए. बहु ने अपना पोजीशन चेंज किया और झुकते हुवे पापा के करीब आ गई. झुकने से उसकी चूचि इस बार पूरी बाहर निकाल गई थी। बेड पे जब वो झुकी तो उसकी नंगी चूचिया बेड को छू रही थी. बहु अपने गाउन के सरकने से जानबूझ कर अनजान बनी हुई थे. अगर वो बेड पे सटी न होती तो उसकी बड़ी बड़ी चूचियां और उसके ब्राउन कलर के निप्पल समधी जी को साफ़ दिख जाते. समधी जी ने आगे बढ़ कर बहु को किस किया, लेकिन किस करते वक़्त पुरे टाइम उनकी नज़र अपनी बेटी के गाउन के अंदर निप्पल ढूंढ़ने में लगी थी. Sasur bahu ki chudai story hindi

कोमल – आपको नींद तो ठीक से आयी न पापा?

समधी जी – हाँ बेटी ठीक से सोया मैं तो रात में, मुझे तो कुछ भी पता नहीं चला, कब सुबह हो गई और जब मैं सुबह उठा तो काफी अच्छा महसूस कर रहा था.

मैं मन में सोचता रहा आखिर आपकी बेटी ने कल रात आपका लंड चूस के माल निकाला है तो आप तो फ्रेश ही महसूस करेंगे. मैं ऐसा सोच कर मन ही मन हंसने लगा।

समधी जी – अरे देसाई जी आप क्यों मुस्कुरा रहे हैं?

मैं – कुछ नहीं मैं सोच रहा था के आपकी बेटी ने कल रात आपकी खूब सेवा की तभी आपको अच्छे से नींद आई।

समधी जी – अच्छा बेटी थैंक्स! तुम्हे नींद आयी?

कोमल – हाँ पापा थोड़ी सी आई।

समधी जी – थोड़ी सी क्यों?

कोमल – वो बाबूजी आपसे थोड़े मोटे हैं न और मैं भी मोटी हो गई हूँ तो मुझे सोने के लिए जगह नहीं मिली.

समधी जी – नहीं बेटी तुम मोटी नहीं हो. (समधी जी ने अपनी बेटी को ऊपर से नीचे उसके बदन को घूरते हुवे कहा), ऐसी बात थे तो तुम मेरे पास क्यों नहीं सो गई?

कोमल – हाँ पापा कल से मैं आपके पास सोउंगी।

मैने मौका देखकर बेड के नीचे पड़े बहु की एक फोटोग्राफ को पैर से सरकाकर समधी जी के पास पंहुचा दिया.

समधी जी – नीचे ये फर्श पे क्या गिरा है बेटी?

कोमल – कहाँ मुझे तो कुछ नज़र नहीं आ रहा..

समधी जी – रुको मैं उठाता हूँ कहीं मेरे पॉकेट से कुछ गिरा तो नहीं।

समधी जे ने फोटो उठा कर पलटा और फोटो में अपनी बेटी को देख कर चौंक गए. फोटो में बहु अपने पैरों में मेहंदी लगवा रही थे. उसने एक छोटी से पैंट पहनी थे जिसमे उसकी पूरी टांग और जांघें बिलकुल नंगी थी।

समधी जी – बेटी ये तो तुम्हारी फोटो है।

कोमल – मेरी फोटो? दिखाइए…

समधी जी – ये देखो बेटी (समधी जी ने बहु को फोटो दिखाया)

कोमल – अरे हाँ ये तो मैं हूँ…

समधी जी – ये कहाँ के फोटो है बेटी? (समधी जी ने बहु के फोटो को घूरते हुवे पूछा)

कोमल – पापा वो मेरी दोस्त है ना शालिनी उसकी शादी के है. हम सब लोग मेहंदी लगवा रहे थे. देखिये न इसमें मैं कितनी मोटी लग रही हूँ।

समधी जी – नहीं बेटी तुम मोटी तो बिलकुल नहीं हो, वो तो बस फोटोग्राफर के फोटो खींचने के वजह से..

कोमल – फोटोग्राफर की वजह से क्या पापा?? (बहु ने और खुल के पूछना चाहा )।

समधी जी – फोटो नीचे से ली गई है ना तो इसलिए तुम्हारी जांघें मोटी लग रही हैं.

समधी जे बहुत हिचकिचाते हुवे जांघ शब्द का यूस किया अपनी बेटी की जांघ के बारे में कमेंट करने में उन्हें अजीब लग रहा था. लेकिन जैसा के मैंने बहु से कहा था थोड़ा बेशर्म होने के लिए बहु ने ठीक ऐसा ही किया। Sasur bahu ki chudai story hindi

कोमल – नहीं पापा मेरी जांघ सच में बहुत मोटी हैं, देखिये न फोटो में और मेरी अभी के जांघो में आपको कोई अंतर दिखता है? मुझे तो मेरी जांघें और मोटी लगती हैं.

समधी जी – बेटी तुम्हारी जाँघे अच्छी हैं, मोती जांघ तो अच्छी लगती हैं।

कोमल – सच में पापा आपको मेरी मोटी जांघ अच्छी लगती है?

समधी जी – हाँ बेटी… मुझे बहुत अच्छी लगती हैं, क्यों देसाई जी आप देखिये इस फोटो को? (समधी जे ने फोटो मेरी तरफ बढ़ाते हुवे कहा)

मैं हैरान था के हम लोग आपस में इतना खुल गए हैं के बहु की जाँघों के बारे में बातें कर रहे हैं।

मैं – हाँ बहु तुम्हारी जांघ बहुत अच्छी है।

कोमल – (खुश होती हुई..) थैंक यू पापा.

समधी जी – लेकिन तुम शादी में टी शर्ट और पैंट पहनी हो? तुम साड़ी नहीं पहनती क्या?

कोमल – साड़ी भी पहना था पापा और हम लोगों ने तो खूब डांस भी किया था, रुकिए मैं आपको साड़ी वाली फोटो दिखाती हूँ.

बहु बेड के साइड से फोटो निकाल कर अपने पापा को दिखाई।

कोमल – ये देखिये पापा मुझे पलाइन साड़ी ज्यादा पसंद है तो मैं हमेशा ऐसी ही साड़ी पहनती हूँ.

बहु एक फोटो में लाल साड़ी पहने हुवे अपनी खुली पेट और नाभि दिखा रही थी, तो दूसरी फोटो में ग्रीन साड़ी पहने हुवे।

समधी जी – बेटी साड़ी तो बहुत अच्छी है और इस ग्रीन साड़ी वाले फोटो में तुम डांस कर रही हो क्या?

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कोमल – हाँ मैं वो मिस्टर इंडिया के श्रीदेवी वाले गाने पे डांस कर रही थी, मैं जब साड़ी पहन के तैयार हुवी तो शालिनी मेरे पास आयी और अपना हाथ मेरी कमर के अंदर डाल साड़ी नाभि के नीचे सरका दी. मैं शर्मा गई लेकिन वहां केवल लड़कियां थी तो खूब डांस की.

समधी जी – वाह तुम तो एकदम श्रीदेवी ही लग रही हो इस पोज़ में, तुम्हारी नाभि तो श्रीदेवी की नाभि से भी ज्यादा अच्छी लग रही हैं.

कोमल – हंसकर.. नहीं मैं कहाँ और कहाँ श्रीदेवि।

समधी जी – नहीं बेटी मैं सच कह रहा हूँ तुम्हारी कमर काफी अच्छी है बस बारिश हो रही होती तो भीगे बदन और चिपकी साड़ी में तुम एकदम हॉट लग रही होती.

कोमल – पापा आप नहीं जानते मेरी फ्रेंड कितनी शैतान हैं उन्होंने सच में मेरे ऊपर एक बाल्टी पानी डाल दिया था और मैं बिलकुल वैसे ही थी जैसा आप सोच रहे हैं.

समधी जी – सच? फोटो दिखाओ भीगी साड़ी वाली ?

कोमल – वो मैंने किसी को फोटो नहीं लेने दिया सबकुछ दिख रहा था. अगर होता तो मैं आपको दिखा भी नहीं सकती. कुछ और भी फोटो होंगी लेकिन सब नहीं दिखा सकती.

समधी जी – हाँ हाँ खूब मस्ती की तुम लोगों ने कुछ और फोटो हो तो दिखाओ.

कोमल – अच्छा मैं आपको एक और फोटो दिखाती हूँ मैंने वो ब्लाउज के डिज़ाइन के लिए रखा था.

समधी जी – (बेसब्री से..) – दिखाओ!

कोमल – (एक और फोटो लेकर अपने पापा को देती है) ये देखिये पापा है न अच्छी डिज़ाइन?

समधी जी – वाओ बेटी तुम तो बहुत अच्छी लग रही हो इस ब्लाउज में, तुम कपडे बदल रही थी क्या?

कोमल – हाँ पापा मैंने साड़ी उतार दी थे और ब्लाउज खोल रही थे तभी शालिनी ने फोटो खींच लिया. लेकिन मुझे वो ब्लाउज का डिज़ाइन चाहिए था, इसलिए ले आयी. मैंने ऐसे ही 2 और ब्लाउज बनवाई हैं.

समधी जी – हाँ बेटी तुम्हारी पीठ इस ब्लाउज में मांसल लग रही हैं और कहाँ बनवाया तुमने ब्लाउज?

कोमल – पास में ही एक टेलर है उसको दिया वो तो कभी कभी घर आ के मेरा नाप ले जाता है. बहुत अच्छा टेलर है मैंने उसे ये फोटो दिखाई और उसने डिज़ाइन देख कर मेरा नाप लिया और बिलकुल ऐसी ही ब्लाउज बना के दे दी.

समधी जी – बेटी तुमने टेलर को ये फोटो दिखाई मेरा मतलब ऐसे ब्लाउज खोलते हुवे?

कोमल – ओह पापा टेलर बुजुर्ग हैं मैं उन्हें चाचा बुलाती हूँ और वो बहुत मानते हैं मुझे.

समधी जी – ओके फिर ठीक है और ब्लाउज बना के उन्होंने तुम्हे ये फोटो वापस कर दिया.

कोमल – नहीं नहीं ये तो दूसरी फोटो है, मैंने उनसे फोटो माँगा तो वो बोले के उनको डिज़ाइन बहुत पसंद है और इसलिए वो फोटो अपने पास ही रख लिए।

मैं समझ गया के समधी जी क्या जानने के कोशिश कर रहे थे मुझे भी ये बात आज ही पता चली. उस बुजुर्ग टेलर को ब्लाउज के डिज़ाइन में कोई इंटरेस्ट नहीं रहा होगा. वो तो बहु की खुली पीठ का दीवाना हो गया होगा और अब तक तो वो न जाने वो कितनी बार बहु की पीठ देख कर मुठ मार लिया होगा.

समधी जी – अच्छा बेटी क्या मैं तुम्हारी ये सारी फोटो रख लूँ? तुम्हारी कोई फोटो मेरे पास नहीं है. तुम्हारी जब याद आएगी तो मैं तुम्हे इनफोटो में इमेजिन कर लिया करूँगा और सोचूंगा के मेरी प्यारी बेटी मेरे पास ही है. Sasur bahu ki chudai story hindi

कोमल – कौन कौन से मेरी फोटो चाहिए आपको पापा ?

समधी जी – सभी वो मेहंदी वाली, साड़ी वाली और ये ब्लाउज वाली सभी.

कोमल – ठीक है पापा आप रख लीजिये.

मुझे समधी जी का इरादा पता था, समधी जी क्या मिस कर रहे थे? वो अपनी बेटी का पवित्र प्यार नहीं बल्कि उसकी मांसल जांघ, नाभि और गदराई पीठ देख कर मुठ मारने के लिए तड़प रहे थे. टेलर के बाद अब समधी जी के मुठ मारने की बारी थी.. सुबह काफी देर तक मैं, समधी जी और बहु रूम में बातें करते रहे. बहु ने सुबह जल्द ही नाश्ता बना दिया था। मैं और समधी जी ने रूम के बेड को आपस में जोड़ दिया, अब बेड पे हम तीनो के लिए काफी जगह थी. बहु रूम में पिंक कलर का सलवार सूट पहन के घूम रही थी, वो जब रूम में चलती तो उसकी चूचियां उछल रही थी, जो मुझे और समधी जी को संकेत देने के लिए काफी थे के बहु ने आज कुर्ते के अंदर ब्रा नहीं पहनी है. मैं हाथ में टीवी रिमोट लिए बैठा था और मेरे बगल में समधी जी टीवी पे अपना पसंदीदा प्रोग्राम देख रहे थे. तभी बहु बिस्तर पे मेरे और समधी जी के बीच चढ़ आयी। बहु किचन में काम करके थोड़ा थक सी गई थी, वो बिस्तर पे आते ही लेट गई और अपने पापा से बोली..

कोमल – पापा क्या देख रहे हैं टीवी में? सीरियल लगाइये न प्लीज!

समधि जी – बेटी सीरियल में क्या है? वो तो तुम दुबारा देख सकती हो, लेकिन ये टीवी पे ये लाइव शो मैं नहीं देख पाऊँगा।

बहु समधी जी के बिलकुल पास आ गई, उसने टीवी रिमोट लेने के कोशिश की तो समधी जी ने नहीं दिया और उसे मेरी तरफ फेंक दिया. मैं इससे पहले के रिमोट ले पाता, बहु ने अपना हाथ आगे बढ़ा कर रिमोट मुझसे छीन लिया.

समधी जी- बेटी दो ना प्लीज।

कोमल – नहीं दूँगी (कहते हुवे चैनल चेंज कर दिया).

बहु पिंक कलर के लेग्गिंग्स में अपनी मस्त जांघो के शेप को दिखा रही थी. समधी जी बहु के हाथ पकड़ कर रिमोट छीनने लगे. मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था के इस वक़्त में मैं क्या करूँ. बहु ने रिमोट बिस्तर पे अपनी पीठ के नीचे छिपा लिया. समधी जी रिमोट लेने के बहाने अपनी बेटी के आधे शरीर पे चढ़ गए थे.

समधी जी – देसाई जी पकड़िए ना बेटी को रिमोट लेकर भाग जाएगी।

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मैने समधी जी की यह बात सुनकर बहु के दोनों हाथ ऊपर कर कस कर पकड़ लिए. हाथ ऊपर करने से बहु की चुनरी हट गई थी और उसकी दोनों चूचि और बड़ी और मुलायम दिख रही थी. समधी जी का भी ध्यान बिलकुल अपनी बेटी के नरम-नर्म चूचि पे था. रिमोट लेने के बहाने समधी जी बहु के पेट और साइड से नंगी कमर को छू कर आनंद उठाये. कई बार तो वो बहु की नाभि का नज़ारा भी ले लिए थे. बहु भी जान बूझ कर अपने पापा को चकमा देती रही और इसी बहाने समधी जी अपनी बेटी को ऊपर से नीचे तक कई जगहों पे मसल चुके थे.

कोमल – पापा, बाबूजी ये गलत है आप दोनों लोग एक साथ मुझे पकड़ कर मुझसे जबरदस्ती रिमोट ले रहे हैं.

मैं – कुछ गलत नहीं है (कहते हुवे मैंने बहु की पीठ के नीचे से रिमोट लेने की कोशिश की, लेकिन बहु मेरे इरादे को जान चुकी थी, मैंने बहु को आँखों से इशारा किया ताकि वो अपने पापा को और रिझाये)।

बहु ने रिमोट निकालकर अपनी दोनों जांघो के बीच में कस के दबा लिया. समधी जी रिमोट को पकड़ना चाहते थे लेकिन इस चक्कर में उनका हाथ बहु की दोनों जांघो के बीच फंस गया. बहु ने तो लेग्गिंग्स के अंदर पैंटी भी नहीं पहनी थी. वो बिना कोई ऐतराज़ दिखाते हुवे अपने पापा का हाथ जांघो के बीच दबाती रही. समधी जी के हाथ का स्पर्श बहू की गरम बुर से हो रहा था. समधी जी भी उत्तेजित हो कर अपने हाथ को बाहर ना निकाल कर रिमोट ढूंढ़ने के बहाने अपनी बेटी की गरम चूत को रगड़ते रहे. समधी जी इस मौके का पूरा आनंद उठा रहे थे. फिर होश संभालते हुवे मुझसे बोले – Sasur bahu ki chudai story hindi

समधी जी – देसाई जी क्या हम दोनो इतने बूढ़े हैं के हम लोगों में ताकत नहीं रही? मैं अपनी बेटी से जीत नहीं पा रहा हूँ.

मैं – (बहु के हाथ जोर से पकड़ते हुवे बोला) – समधी जी आपकी नज़र कमजोर है, बहु ने रिमोट अपने नीचे दबा लिया है, कोमल को उठा कर निकाल लीजिये.

बहु खिलखिला कर हंसती रही..

समधी जी – देसाई जी मुझे मालूम है, लेकिन इसके कूल्हे इतने बड़े हैं के मैं इन्हे उठा नहीं पा रहा हूँ.

समधी जी के मुँह से अपनी बेटी के कूल्हों के बारे में बात करता देख मेरा लंड सख्त हो गया. मैंने जवाब में “सच ही कहा” कहकर चुप हो गया. बहु ने भी अपनी तरफ से झूठा ऐतराज़ करते हुवे कहा..

कोमल – पापा आप मेरा मजाक उड़ा रहे हैं, वो भी बाबूजी के सामने।

समधि जी – नहीं बेटी इसमें मजाक उड़ाने वाली कौन सी बात हो गई. तुम्हे तो अपनी ख़ूबसूरती पे नाज़ होना चाहिए।

कोमल – कैसा नाज़ पापा! आपने अभी-अभी मुझे मोटी कहा।

समधी जी – बेटी मोटी कब कहा मैंने? मैंने तो सिर्फ इतना कहा के मैं तुम्हे उठा नहीं पा रहा क्योंकि तुम्हारे कूल्हे बड़े और भारी हैं और लड़कियों के बड़े और भारी कूल्हे तो काफी आकर्षित लगते हैं, कई कवियों ने अपनी कविता में स्त्रियों के कूल्हों को उसके सिंगार का गहना बताया है. क्यों देसाई जी ठीक कहा न मैंने?

मैं अपना खड़े लंड को सहलाते हुवे ये सोच के हैरान था के समधी जी कितनी आसानी से अपनी जवान बेटी की बड़ी गांड की बात कर रहे हैं और मुझे भी उसके यौवन के बारे में बोलने के लिए उकसा रहे हैं. मैंने भी इस चर्चा को थोड़ा और मसाला देने का सोचा. मैं देखना चाहता था के समधी जी किस हद्द तक मुझसे अपनी बेटी के बारे में खुल सकते हैं.

मैं – पापा ठीक कह रहे हैं बेटी तुम नहीं जानती अपने जमाने में जब हमलोग कॉलेज जाया करते थे, उस वक़्त थिएटर में हेरोइन की लचकती कमर और मटकते कूल्हों पे हम लड़के सीटियां बजाया करते थे.

कोमल – सच में बाबूजी! आप लोग भी उस जमाने में बदमाशी करते थे? हम लड़कियों को तो कभी पता ही नहीं चल पाता के लड़को को क्या अच्छा लगता है.

समधी जी – बेटी वो तो उम्र ही ऐसी होती है, तुम्हे नहीं पता चलता, लेकिन मैं तो समझ सकता हूँ ना. इसलिए तो मैं तुम्हे अपने साथ बाजार ले जाने में झिझकता था याद है बेटी.

कोमल – हाँ आप मुझे मना करते थे, लेकिन मैं फिर भी आपके साथ जिद्द करके आ जाती थी. लेकिन आप मुझे क्यों मना करते थे पापा?

समधी जी – बेटी तुम बाजार में ध्यान नहीं देती थी, मैं देता था. जब भी तुम अपनी ब्लू कलर वाली टाइट जीन्स पहन के बाजार में चलती, तो तुम्हारे पीछे कॉलेज के लड़के, बच्चे, बूढ़े सभी तुम्हारे बड़े-बड़े कूल्हों को देखा करते थे. और वो जीन्स भी तो टाइट थी, जो तुम्हारी मांसल जांघ और तुम्हारे निचले हिस्से को और भी उभार देती थे.

कोमल – ओह पापा मैंने तो कभी ऐसा सोचा ही नहीं, मुझे नहीं पता था के लोग ऐसे भूखे होते हैं, लड़कियों के इस भाग के लिए. मेरे जीन्स पहनने पे ये हाल था. मैं शॉर्ट्स पहनती तो क्या होता..

समधी जी – हाँ हाँ – क्यों समधी जी आप बताइये क्या होता? आखिर शादी के बाद यहाँ इस मोहल्ले में क्या होता है, वो तो आप ही बता सकते हैं क्यों?

मैं – हाँ समधी जी, मैंने भी कई बार कोशिश की बहु को बोलने की, लेकिन बोल नहीं पाया. यहाँ भी आस पास के लड़के बहु के हिप्स को बहुत घूरते हैं.

समधी जी – इस समस्या का कोई समाधान भी तो नहीं है, मेरी बेटी कर भी क्या सकती है, वो अपने बड़े-बड़े हिप्स को छुपा भी तो नहीं सकती. किसी भी कपडे में ये उभर कर दिखने लगते हैं।

(हम सब समधी जी की बात पे हंसने लगे..)

मैं – तुम्हे याद है बहु वो हमारे पडोसी? शेर सिंह जी?

कोमल – हाँ शेर सिंह अंकल मुझे पता है हमारे पडोसी! क्या हुवा?

मैं – मुझे पहले पता नहीं चला, लेकिन वो जब बार बार घर पे आने लगे तो मुझे शक हुवा और फिर मैंने शेर सिंह को कई बार पकड़ लिया, फिर उन्हें मैंने यहाँ से भगा दिया.

समधी जी – ये कब की बात है? क्या मैं मिला हूँ शेर सिंह से?

मैं – नहीं आप नहीं जानते उनको, मेरी उम्र के हैं! पड़ोस में रहते हैं आजकल कहीं बाहर गए हैं.

समधी जी – अच्छा क्या किया उन्होंने?

मैं – वो बहु को बहुत ही गन्दी नज़र से देखते थे, उन्होने बहु के कई फोटोग्राफ्स भी क्लिक किये थे. उन्हें मैंने कई बार घिनौनी हरकत करते देखा, जो मैं बहु के सामने आपसे बता नहीं सकता.

कोमल – कैसी हरकत बाबूजी बताइये मुझे! बात मेरे बारे में है, तो मुझे पता होना चाहिए.

मैं – नहीं बहु! मैं नहीं बता सकता।

समधी जी – कोई बात नहीं समधी जी! मेरी बेटी कोई बच्ची नहीं है, अब ये शादी शुदा है, आप बे-झिझक खुलकर बताइये।

मै – समधी जी मैं एक रात में उनके कमरे में सिगरेट लेने गया तो देखा के बिस्तर पे बहु की कुछ पर्सनल फोटग्राफ्स हैं. जिनमे से कुछ फोटो में बहु नंगी भी थी.

कोमल – (चौंकते हुवे) क्या मेरी पर्सनल फोटो? तो क्या शेर सिंह अंकल ने मेरी प्राइवेट फोटोज मेरे कमरे से चुरायीं थी?

समधी जी – (गुस्से में आकर बोले) लेकिन कोमल बेटी तुम्हारी नंगी फोटो उस बहनचोद शेर सिंह को कैसे मिली?

अपने पापा को गुस्से में गाली देता देख बहु घबरा गई थी..

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कोमल – (घबराती हुई) पापा वो कुछ फोटोज थे, जो मेरे पति ने खींचे थे, वही उनके हाथ लग गई होंगी, लेकिन मैंने अभी कल हे देखा सारी फोटोज मेरे पास हैं और शेर सिंह अंकल बहुत अच्छे थे, हो सकता है के वो शायद अनजाने में देख लिए होंगे और फिर वापस रख दी होगी. Sasur bahu ki chudai story hindi

मैं – बहु सिर्फ इतनी बात होती, तो मैं उन्हें घर से बाहर नहीं निकालता.

कोमल – तो फिर कैसी बात थी बाबूजी बताइये.

मैं – बहु मैंने शेर सिंह को तुम्हारी फोटो पे मुठ मारते हुवे देखा था।

समधी जी – क्या? ये आप क्या कह रहे हैं समधी जी?

कोमल – मुठ मारना! मेरी फोटो देख कर? मैं समझी नहीं.

(बहु जानबूझ कर अपने पापा के सामने अनजान बनने की कोशिश कर रही थी)।

कोमल – मुझे बताइये पापा मुठ मारने का क्या मतलब होता है?

समधी जी – बेटी मुठ मारना मतलब, वो बहनचोद शेर सिंह तुम्हारी नंगी फोटो देख कर अपना लंड रगड़ रहा था और तुम्हारी नंगी फोटो पे अपने लंड का सफ़ेद पानी गिराया, इसको बोलते हैं मुठ मारना!

(समधी जी का अपनी बेटी के सामने लंड शब्द का यूस करना काफी शॉकिंग था.)।

कोमल – छी पापा ये आप क्या कह रहे हैं शेर सिंह अंकल ऐसा नहीं कर सकते.

मैं – बहु सिर्फ इतना नहीं! वो रात में तुम्हारी यूस की हुई पैंटी ले जाते थे, ताकि उसे सूंघ कर अपनी वासना शांत कर सकें।

कोमल – मेरी यूज्ड पैंटी? ओह माय गॉड.

समधी जी – बेटी गलती तुम्हारी है, तुम अपनी यूज्ड पैंटी क्यों शेर सिंह के सामने रखती थी? ऐसे तो किसी भी मर्द की वासना जग जाएगी।

कोमल – मुझे मालूम नहीं था पापा सॉरी.. मेरे पास तो बहुत सारी पैंटी और ब्रा हैं, मैं उनको धोती नहीं, सभी इकट्ठा होने के बाद मशीन में धुलने के लिए डाल देती थी. इधर देखिये मेरे बिस्तर पे कल रात की मेरी यूज्ड पैंटी ऐसे ही सामने पड़ी है, मुझे नहीं मालूम के मर्दो को पैंटी एक्साईटेड करती है।

समधी जी – हाँ बेटी गलती तुम्हारी नहीं है, तुम्हारी सास नहीं है ना तुम्हे ये सब बताने के लिए! समधी जी आपको ही सास का फ़र्ज़ निभाना होगा और मेरी बेटी को ये सब बात बतानी चाहिए ताकि वो अनजाने में ऐसी गलती न करे। Sasur bahu ki chudai story hindi

मै – मैं समझ सकता हूँ समधी जी लेकिन मै इसका ससुर हूँ, मुझे बहु को ये सब बताने में शर्म आती थी।

समधि जी – मैं जानता हूँ लेकिन कोई और ऑप्शन भी तो नहीं है, मुझे माफ़ कर दो बेटी मैंने गुस्से में तुम्हे डांटा और मेरे मुँह से गाली भी निकल गई तुम्हारे सामने.

कोमल – इट्स ओके पापा (बहू अपने पापा के गले लग गई)।

समधी जी – लेकिन बेटी तुम्हे फोटो सब नहीं रखनी चाहिए, दिखाओ मुझे मैं बताता हूँ के कौन सी फोटो तुम रख सकती हो और कौन सी नहीं।

कोमल – जी पापा लेकिन कुछ फोटो उसमे बहुत गन्दी हैं आपको दिखाने में मुझे शर्म आएगी।

समधी जी – जब शेर सिंह तुम्हारी फोटो देख सकता है तो मैं क्यों नहीं? वैसे भी तुम मेरी बेटी हो तुम्हे मैंने बचपन से देखा है।

कोमल – ठीक है मै लाती हूँ(कोमल फोटो निकाल कर लायी और अपने पापा को दिखाने लगी)।

समधी जी – ये जीन्स और ब्रा वाली फोटो किसने खींची?

कोमल – ये वाली तो बाबूजी ने खींची है? वो मैं एक नयी ब्रा लायी थी बाबूजी के साथ तो देखना चाहती थी के मेरी ब्रा पीछे से कैसी लगती है।

मैं – हाँ ये पिछले महीने की है शॉपिंग के फोटोज है, मनीष नहीं था, तो मैं ही गया था बहु के अंडर गारमेंट्स खरीदने और फिर मैंने ही ये फोटो लिए बहु को साइज दिखाने के लिए।

समधि जी – अच्छा.. एक बात है ब्रा से अच्छी तो तुम्हारी हिप्स अच्छी लग रही है इस फोटो में।

कोमल – पापाआ….. आप बदमाश हो!

समधी जी – हा हा हा सच में! क्यों समधी जी सच है कि नहीं ? (मैं वहीँ खड़ा मुस्कुरा दिया)।

समधी जी – ये वाली फोटो बेटी?

कोमल – ये भी बाबूजी ने खींची, उसी दिन की शॉपिंग के है।

समधी जी – अच्छा तो आप दोनों ने बहुत शॉपिंग की और तुम समधी जी को कपडे पहन के दिखा रही थी।

कोमल – हाँ मैं इन्हे कपडे पहन के दिखा रही थी और फोटो खींचने के लिए बोला था ताकि मैं देख सकूँ के मैं कैसी लग रही हूँ।

समधी जी – तुम तो हमेशा अच्छी लगती हो बेटी और इस फोटो में तुम्हारी नाभि तो बहुत उत्तेजक दिख रही है, ऐसी फोटो देख कर शेर सिंह की हालत ख़राब हो जाती होगी. Sasur bahu ki chudai story hindi

कोमल – मुझे नहीं पता के शेर सिंह अंकल को मेरी नाभि देख कर उत्तेजना होती होगी।

तभी तीसरी फोटो काफी हैरान कर देने वाली थी जिसमे बहु ने ब्लाउज नहीं पहना था और केवल साड़ी लपेटे खड़ी थी।

समधि जी – बेटी क्या ये भी??? तुम्हारे ससुर ने…..

कोमल – पापा वो गलती से हो गया मेरी ब्लाउज ढीली थी और हुक भी बंद नहीं थी जब मैं झुक कर साड़ी ठीक करने लगी तभी मेरी ब्लाउज पूरी नीचे सरक गई. मैंने झट्ट से अंचल से अपना फ्रंट कवर कर लिया. लेकिन तब तक पापा जी के हाथ से गलती से कैमरा का बटन दब गया और ये फोटो खिंच गयी।

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समधी जी – बेटी इसमें तुम्हारे फ्रंट नज़र आ रहे हैं, कहीं समधी जी से पहले क्लिक हो जाता तो तुम पूरी नंगी दिख जाती इस फोटो में.. (हाहाहाहा)

समधी जी अब धीरे धीरे खुल गए थे और बहु को टीज़ करने लगे थे. बहु भी इन सब बातों का मज़ा ले रही थी. समधी जी ने आगे के दो फोटो देखे तो एकदम से चौंक गए, मुझे पता था के उन्होंने क्या देखा. वो अपनी आँखे बड़ी किये हुवे देख रहे थे. उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा थे के ये उनकी बेटी है।

समधी जी – बेटी कोमल अब ये मत कहना के ये फोटो भी तुम्हारे ससुर ने खींची है।

समधी जी ने बहु को टीज़ करते हुवे फोटो दिखाया. बहु के फोटो देख के होश उड़ गए, ये वो फोटो थी जिसमे बहु अपने हस्बैंड यानी मेरे बेटे मनीष का लंड चूस रही थी और मनीष के लंड का फव्वारा अपने मुँह पे ले रही थी. Sasur bahu ki chudai story hindi

कोमल – ओह पापा आप कितने गंदे हो.. आपको ये नहीं देखना चाहिए था…

समधी जी – (एक बार फिर से बहु को टीज़ करते हुवे बोले) पहले ये बताओ बेटी ये ससुर जी ने तो नहीं खींचा ना?

कोमल – छि पापा कैसी बात करते हैं! ये तो मेरी पति हैं! उनके जिद्द करने पे मैंने ऐसा किया, वो ऐसी ही फोटो चाहते थे.

समधी जी – लेकिन बेटी एक बात कहूं?

कोमल – (शर्माते हुवे) हाँ पापा बोलिए!

समधि जी – तुम इस पिक्चर में जिस तरह मनीष का लंड चूस रही हो और उसके लंड के पानी को अपने मुँह में ले रही हो! ऐसे तो रंडी भी नहीं करती.

कोमल – ओह पापा प्लीज हटा दीजिये इस फोटो को।

समधी जी – क्यों बेटी चूसते वक़्त तुम्हे शर्म नहीं आ रही थी, अभी फोटो देख कर आ रही है.

कोमल – पापा उस वक़्त की बात अलग थी, अभी आपके सामने देखने में शर्म आ रही है.

समधी जी – ओह कोमल बेटी तुम्हारी ऐसी फोटो देख कर तो वो बहनचोद शेर सिंह रोज मुठ मारता होगा. (समधी जी ने अपना लंड अपनी पैंट के ऊपर ही रगड़ते हुवे कहा)..

कोमल – पापा फिर गाली दिए आप? और उनको गाली देना भी गलत है।

समधी जी – गलत? गलत क्यों?

कोमल – हाँ वो मुझे देख कर मुठ मारते थे और मैं उनको अंकल बुलाती थी तो फिर आपकी गाली गलत हुई ना।

समधि जी – हाहाहा.. हाँ बेटी वो बहनचोद नहीं बेटीचोद था, जो अपनी बेटी समान लड़की को देखकर माल मारता था।

मै – समधी जी ये गाली भी तो गलत ही हुई।

समधि जी – क्यों ?

कोमल – क्यों?

मैं – क्योंकि कोमल शेर सिंह की बेटी नहीं है वो तो आपकी बेटी है हाहाहाहा…मैंने हिम्मत करते हुवे और आगे बोला…

मैं – शेर सिंह की जगह आप होते तो… गाली सही होती

(बहु शर्म से लाल हो गई.. )।

समधी जी – (मुस्कुराते हुवे) समधी जी आप बहुत बदमाश हो गए हो, क्यों बेटी जब ससुर इतना बदमाश है, तो बेटा तो तुम्हे बहुत परेशान करता होगा?

कोमल – पापा आप भी ना कैसी बात कर रहे हैं?

समधी जी – हाँ बेटी बताओ जिस तरह से तुम दामाद जी का चूस रही हो, उसे देख कर तो यही लगता है के तुम उसका रोज चूसती होगी है न?

कोमल – हाँ चूसती थी हर रोज! (बहु शर्माते हुवे और खुल कर बोली) बिना चुस्वाए वो मुझे कोई काम नहीं करने देते थे, गले तक अपना मोटा सा हथियार डाल देते थे और मैं 15 मिनट तक उनका चूसती रहती थी. इतना बड़ा मैंने कभी नहीं देखा।

समधी जी – हा हा आखिर बेटा किनका है, तुम्हारे ससुर जी इतने हट्टे कट्टे हैं, दामाद जी का वो पार्ट भी तो इन्ही पे गया होगा और जब बेटे का इतना बड़ा है तो ससुर का तो और भी मोटा और मस्त होगा और समधी जी का माल भी मनीष से ज्यादा निकालता होगा! है ना समधी जी? इस फोटो में अगर मनीष की जगह तुम्हारे ससुर जी होते तो तुम्हारा पूरा मुँह इनके माल से भरा होता. Sasur bahu ki chudai story hindi

कोमल – प्लीज पापा! ससुर जी आपको टीज़ किये तो आप अब उनको टीज़ कर रहे हैं! मगर कम से कम मुझे लेकर टीज़ मत करिये! कोई और लड़की भी तो हो सकती है।

मैं – हाँ समधी जी ये क्या बात हुई? आप मेरी बात का बदला ले रहे हैं.

समधी जी – अच्छा अच्छा अब नहीं बोलता मैं कुछ! (समधी जी ने अपनी कान पकड़ते हुवे कहा मैं और बहु हंसने लगे)।

समधी जी – अच्छा बेटी अब दूसरी फोटो तो देखने दो. (समधी जी ने जब दूसरी फोटो देखि तो जोर जोर से हंसने लगे)।

कोमल – क्या हुवा पापा?

समधी जी – ये तुम सोफे पे क्या कर रही हो? खुद ही देखो (बहु उस फोटो में सोफे पे बिलकुल नंगी सिर्फ पैंटी पहने बैठी थी)।

कोमल – ओह पापा क्या है आप भी ना अब मत देखिये मेरी फोटो।

समधी जी – हाँ लेकिन बताओ तो तुम ये क्या कर रही हो?

कोमल – वो मेरी पैंटी ट्रांसपेरेंट थी ना तो जब मेरे हस्बैंड फोटो ले रहे थे तो मैं शर्म से अपना वो छुपा ली थी।

समधि जी – ओह मुझे लगा…

कोमल – क्या लगा?

समधी जी – नहीं जाने दो मुझे कुछ दूसरा लगा।

कोमल – बोलिये ना पापा!

समधी जी – मुझे लगा के घर पे कोई है नहीं और तुम एक्साइटमेंट में अपने वहां पर ऊँगली कर रही हो।

कोमल – छी पापा मैं ये सब नहीं करती?

समधी जी – तो कौन करता है बेटी? तुम्हारे ससुर जी?

(समधी जी ने फिर से बहु को टीज़ करते हुवे कहा)।

कोमल – पापा प्लीज फिर से आप?

एक जवान बहु के अपने ससुर और अपने पापा के साथ इस तरह की गन्दी बातें करते देख मेरा और समधी जी दोनों का लंड खड़ा हो गया था. जो बहु दूर से ही देख पा रही थी।

समधि जी – बेटी ये फोटो मुझे चाहिए..

कोमल – क्यों पापा?

समधी जी – क्योंकि इस फोटो में तुम्हारी जाँघे बहुत मोटी और अच्छी लग रही हैं और तुम्हारे बूब्स आआअह्ह्ह्ह कितने सॉफ्ट दिख रहे हैं.. (समधी जी ने अपने लंड को पैंट के ऊपर से दबाते हुवे कहा)।

कोमल – क्या हुवा पापा आप ऐसे क्यों बोल रहे हैं?

समधी जी – आह.. बेटी…(इस बार समधी जी ने अपने खड़े लंड को साफ़ अपनी बेटी के सामने पकड़ते हुवे उसका नाम लिया)।

कोमल – पापा क्या हुवा आपको?

समधी जी – बेटी काश तुम इस फोटो में पैंटी नहीं पहनी होती…. आआअह्हह्ह्ह्ह….ओह बेटी.. तुम्हारी.. वो… उम्म्म्ममम।

कोमल – क्या पापा? आप मुझे बिना पैंटी के देखना चाहते हैं?

समधी जी – हाँ बेटी मैंने तुम्हारी जैसी जवान खूबसूरत और गदराई स्त्री नहीं देखि सच.. दामाद जी कितने लकी हैं.

कोमल – ओह पापा.. मुझे शर्म आ रही है.. अगर मैं इस फोटो में पैंटी नहीं पहनी होती तो आप क्या करते?

समधी जी – मत पूछो बेटी मैं नहीं बोल सकता।

कोमल – बोलिये न पापा.. प्लीज मुझे जानना है…

समधी जी – नहीं बेटी.. मैं नहीं बोल सकता मुझे माफ़ करो..

कोमल – बोलिये पापा नहीं तो मैं आपको रियल में अपनी पैंटी उतार के दिखा दूँगी और फिर खुद देख लूंगी के आप क्या करते हैं..

समधी जी – नहीं बेटी..

Sasur ne bahu ko pela

कोमल – ठीक है मुझे ही कुछ करना पड़ेगा. (कहते हुवे बहु ने एक झटके में अपनी कुर्ती और सलवार का नाड़ा खोल दिया. नाड़ा खुलते ही बहु अपने पापा के सामने सिर्फ एक ग्रीन कलर की पैंटी और ब्रा में खड़ी थी. बहु की मांसल जाँघे और बड़े मादक कूल्हे देखकर समधी जी की हालत ख़राब हो रही थी। Sasur bahu ki chudai story hindi

कोमल – अब बोलिये ना पापा.

समधी जी – नहीं बेटी ये तुम क्या कर रही हो? तुम मेरी बेटी हो!

कोमल – आप जब तक मेरे सवाल का जवाब नहीं देते मैं आपकी कोई बात नहीं मानूंगी. (

ये कहते हुवे बहु ने अपनी ब्रा उतार कर फेंक दी. दूसरे ही पल अपनी गदराई जांघो से खिसकाते हुवे उसने अपनी पैंटी खोल दी।

कोमल – ये लीजिये पापा खोल दी मैंने अपनी पैंटी! क्या आप अब भी नहीं बताएँगे?

समधी जी – ओह बेटी तुम्हारी चूत देख मैं मुठ मार लेता.

कोमल – क्या? तो लीजिये मैं आपके सामने अपनी चूत खोले खड़ी हूँ लेकिन आप तो कुछ नहीं कर रहे।

समधि जी – (अपनी पैंट की ओर इशारा करते हुए) ये देखो बेटी मेरा माल अंदर पैंट में ही लीक हो गया है.. तुम्हे ये गीला-गीला नहीं दिखाई देता?

कोमल – ओह पापा आप का माल मुझे देख के ही निकल गया.. ओह पापा.. क्या मैं देख सकती हूँ?

ऐसा कहते हुवे बहु अपने घुटने पे बैठ गई और समधी जी की पैंट खोल दी. बाहर निकलते ही समधी जी का लंड खड़ा होकर बहु के होठ के पास तना था और उसमे से समधी जी का वीर्य टपक रहा था। कोमल बिना देरी किये अपने पापा का खड़ा लंड हाथ में लेकर सहलाने लगी..

कोमल – ओह पापा क्या ये मुझे देख कर खड़ा है?

समधी जी – हाँ बेटी तुम्हे नंगा देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया है..

बहु ने अपने पापा के लंड की स्किन नीचे कर खोल दी। उनके लंड से महक आ रही थी, बहु अपनी नाक लंड पे रगड़ने लगी..

कोमल – ओह पापा आपका लंड कितना अच्छा महक रहा है.. मैं इससे चूसना चाहती हूँ पापा..

और फिर बहु ने उसे अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी. मैं वहां थोड़ी दूर पे खड़ा ये सब देख रहा था, बेटी को अपने पापा का लंड चूसते देख भला कोई कैसे खुद को रोक पाता? मैं अपना लंड बाहर निकाल कर मसलने लगा. समधी जी ने मुझे लंड मसलते हुवे देख लिया.

समधी जी – वो देखो बहु तुम्हारी बड़ी गांड देख के समधी जी अपना लंड सहलाने लगे।

ससुर बहू की चुदाई कहानी हिन्दी

कोमल – (अपने पापा का लंड मुँह से बाहर निकालते हुवे बोली) पापा तो फिर मैं ऐसा करती हूँ ससुर जी का लंड चूस कर माल निकाल देती हूँ फिर आपका चूसुंगी।

समधि जी – ठीक है बेटी तब तक तुम मुझे अपनी चूत का पानी ही पिला दो।

कोमल – (अपने पापा के बाल पकड़ कर अपनी चूत का रास्ता दिखाया) आइए पापा पे लीजिये अपनी बेटी की बुर चाट कर अपनी बेटी का सारा पानी निकाल दीजिये! आआअह्ह्ह्हह मुझे बहुत मज़ा आ रहा है पापा.. आपकी जीभ को अपनी चूत में लेने में.. आआह्ह…

समधी जी बहु का बुर चाटने लगे और मैं बहु के मुँह में अपना लंड चुसवाने लगा. उसके बाद समधी जी अपना लंड पकड़ के बहु के ऊपर चढ़ गए..

समधी जी – कोमल बेटी मुझसे रहा नहीं जाता अब मैं तुम्हे चोदना चाहता हूँ।

कोमल – हाँ पापा चोदिए! आज आप अपनी बेटी को चोदिए! मैं बहुत प्यासी हूँ पापा चोदिए मुझे!

(बहु बिस्तर पे लेटी और अपनी टांग फैला दी.. और अपनी गीली चूत की तरफ इशारा किया)।

समधी जी – बेटी तुम्हारी बड़ी गांड देख कर सबसे पहले मेरा लंड खड़ा हुवा तो मैं पहले तुम्हारी गांड मारूँगा.. उसके बाद चूत!

ये कहते हुवे समधी जी ने अपना लंड बहु की गांड में डाल दिया और चोदने लगे.. मैं बहु की बड़ी-बड़ी चूचियां मसलते हुवे अपना लंड चुसवा रहा था. समधी जी कुछ देर चोदने के बाद..

समधी जी – देसाई जी अब आप मेरी बेटी को चोदिए।

मैं – ठीक है समधी जी।

कोमल – आइए पापा मैं आपका माल अपने मुँह में चूस के निकाल देती हूँ।

कोमल अब अपने पापा का लंड चूसने लगी और मैं बहु को चोदे जा रहा था.. बहु की गीली बुर चोदने में बहुत ही मज़ा आ रहा था. बिस्तर पे बहु की बुर से काफी सारा पानी टपका था. मैं धीरे धीरे लीक होने लगा था और मेरा लंड और बहु का बुर आपस में चिप-चिप करने लगे थे. उधर समधी जी के लंड से लीक हुवा माल बहु के गाल और होठ पे साफ़ नज़र आ रहा था.. Sasur bahu ki chudai story hindi

समधी जी – आह बेटी मेरा माल निकलने वाला है…

मैं – बहु मेरा भी माल निकलने वाला है।

कोमल – पापा, ससुर जी मैं चाहती हूँ के आप दोनों अपनी रंडी बहु और अपनी रंडी बेटी के मुँह पे अपना माल गिराएं.. मैं आप दोनों के माल से नहाना चाहती हूँ.. प्लीज!!

बहु के ऐसा बोलते ही मेरा और समधी जी का फव्वारे की तरह फूट पड़ा और बहु के मुँह, बूब्स, चेहरे सब पे माल की गरम बारिश होने लगी. अपना माल निकाल कर मुझे बहुत संतुष्टि मिली, शायद समधी जी ने भी कभी नहीं सोचा था के वो अपनी बेटी को इस तरह चोद पाएंगे. बहु उत्तेजित हो कर हम दोनों का माल चाट रही थी.

कोमल – ओह पापा आज मुझे सबसे ज्यादा मज़ा आया. आज मुझे पता चला के दूसरे मर्दो से चुदवाने से ज्यादा मजा अपने पापा से चुदवाने में आता है! अब मैं आपसे रोज चुदवाउंगी और हाँ आप जब घर जाएंगे तो मेरी छोटी बहन को भी ऐसे ही चोदना! उसे नहीं पता वो क्या मिस कर रही है. काश मुझे आपका लंड शादी से पहले मिला होता तो मैं आज तक इसके लिए तरस नहीं रही होती.

कहानी खत्म। मज़ा आया हो तो कमेंट ज़रूर करना।

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