मेरी चूचियों को मसल कर गर्म किया फिर पापा ने मुझे चोदा

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बाप बेटी सेक्स कहानी, Father : आज मैं आपको एक अपनी कहानी सुना रही हूँ। कभी भी एक जवान बेटी को अपने बाप के साथ नहीं सोने चाहिए यह तो मैंने कल रात ही सीख लिया है। कोई गारंटी नहीं है कि आप सेफ रहोगे। न जाने कब किस का मूड बदल जाए और उसका मोटा लंड आपके चूत में चला जाए। जी हां दोस्तों मैं सच बोल रही हूं। आज मैं नॉनवेज storynew bangla choti kahini पर अपनी यह कहानी लिखने वाली हूं। क्योंकि इस वेबसाइट की मैं भी बड़ी फैन हूं रोजाना यहां पर आकर सेक्स काम्या पढ़ती हूं।

मैं बिना समय बर्बाद किए आपको अपनी कहानी सुनाने जा रही हूं और ज्यादा पुरानी नहीं कल रात की ही है। मैं पापा मैंने तीनों अपने एक रिश्तेदार के यहां शादी में गई थी। आपको पता होगा कि शादी में कभी भी आराम नहीं मिलता है ना सोने का सही जगह ना खाने का सही टाइम और थकान जो बहुत ज्यादा हो जाती है। कल रात को 12:00 बज गए थे और सोने का कोई जुगाड़ नहीं था गांव में गई थी शादी में तो गांव में थोड़ा सा सुविधा कम रहती है इन सब चीजों की इस वजह से मैं और मेरे पापा दोनों छत पर चले गए।

छत पर बहुत अंधेरा था लोग नीचे शादी की रस्मों में थे मम्मी भी वही थी छत पर कुछ बच्चे थे जो दरी बिछाकर सो रहे थे। मैं और पापा दोनों आराम करने के लिए ही छत के कोने में एक बिछावन बिछाकर दोनों लेट गए। सोने का इरादा था नहीं क्योंकि अभी तक हम लोग खाना नहीं खाए थे तो आराम करने के लिए ही हम दोनों छत पर आए हुए थे। तकिया एक ही था तो दोनों एक ही तकिया पर अपना सर रख रखे थे और थोड़ा सा टेढ़ा सोए हुए थे।

पापा ने थोड़ी सी शराब पी रखी थी। उन्होंने मेरे से मीठी-मीठी बातें करने लगे प्यार भरी बातें बोलने लगे। और मुझे सहलाने लगे। मुझे कभी ऐसा नहीं लगा था कि मेरे पापा मुझे जो जिस्म को छू रहे हैं। उनका कोई गलत नजरिया होगा ऐसा मुझे नहीं लगा था मुझे लगा बाप बेटी का प्यार है इस वजह से मैं भी कुछ नहीं बोली और मैं अपने पापा के प्यार में गदगद थी। 21 साल की लड़की जवान और हॉट हो जाती है।

मेरी बड़ी-बड़ी चूचियां चौड़ी गांड भरा पूरा मेरा शरीर, गदराया बदन, किसी का मन भी पिघल जाता है। पर मुझे उनका छूना मेरे शरीर को सहलाना अच्छा लग रहा था। और मैं धीरे-धीरे हल्की नींद में चली गई थी। पूरी तरीके से तो नहीं सोई थी पर हां बंद आंख बंद हो गया था और नींद की मुद्रा में जा रही थी। पापा धीरे-धीरे से लाते लाते उन्होंने मेरे सलवार के नाड़े को कब खोल दिया। पता ही नहीं चला और सलवार जब खुल जाए तो पता भी नहीं चलता है क्योंकि वह इतना चौड़ा होता है कि आप उसको नीचे कर दीजिए पैसा नहीं लगेगा कि आप नहीं पहने हुए हैं।

अचानक से मुझे महसूस हुआ कि मेरी चूत में उनका मोटा लंड सटा हुआ था। मेरे नींद तुरंत खुल गई मैंने यह महसूस किया कि मैं नीचे से नंगी हो चुकी थी। और पापा का मोटा लंड मेरे चूत के छेद पर रखा हुआ था। जैसे ही मैंने अपने गांड को आगे करने की कोशिश की। उन्होंने मेरे पेट के तरफ से पकड़ लिया और पीछे से जोर से धक्का दे दिया। वह पहले से ही मेरे चूत के छेद पर लंड टिकाए हुए थे और लंड पर थूक लगाए हुए थे।

उनका लंड तुरंत ही मेरी चूत के अंदर दाखिल हो गया अंदर तक पहुंच गया। मैंने कहा पापा जी क्या कर रहे हो उनका कुछ नहीं बस ऐसे ही सोइ रह। आवाज मत कर कोई सुन लेगा। मैं चुप हो गई। वह जोर-जोर से मुझे चोदने लगे। उनका पूरा लौड़ा मेरी गांड के पीछे से मेरी चूत के अंदर जा रहा था। वह मेरी चूचियों को मसलने लगे। मुझे पीछे से ही गर्दन के पास चुनने लगे मेरे गाल के पास चूमने लगे। जब ऐसे कोई जोर जोर से आपको चोदेगा। तो आप क्या महसूस करोगे। मैंने भी वही महसूस किया मैं भी वासना की आग में जलने लगी। मैं भी गरम हो गई। पापा का लंड बहुत मोटा और लंबा था अंदर तक जा रहा था बार-बार वह जोर जोर से धक्के दे देकर अंदर घुसा रहे थे।

मैं भी बहुत ज्यादा कामुक हो गई थी। अब मैं भी मजे लेने लगी कहने लगी और जोर से और जोर से। अब और भी ज्यादा कामुक हो गए और जोर-जोर से मुझे चोदने लगे। मैं भी गांड को पीछे से धक्का देती ताकि उनका पूरा लंड झटके से अंदर चला जाए। वह मेरी चूचियों को मसलते हुए मेरी गांड को चलाते हुए जोर-जोर से लंड को पेल रहे थे। मेरा पूरा शरीर ऐसा लग रहा था कि करंट लग गया हो। मुझे बहुत मजा आ रहा था वह पीछे से धक्के दे रहे थे मैं आगे से पीछे धक्का दे रही थी।

जब वह मेरी चूचियों को मसलते थे तुम्हें अंगड़ाइयां लेने लगती थी और मेरे मुंह से सेक्सी आवाज निकलने लगती थी। 20 मिनट तक वह मुझे लगातार चोदते रहे। अचानक मेरी मम्मी ऊपर आ गई और अंधेरे में आवाज लगाई अजीत कहां हो खाना खा लो। मेरे पापा का नाम अजीत है। उन्होंने फिर कहां पूजा कहां है। मैंने कहा मम्मी यही हूं आ रही हूं तब तक पापा भी बोले सब लोग खाने बैठ गए क्या। उन्होंने धीरे से अपने लंड को मेरी चूत के बाहर किया। मैंने भी तुरंत सलवार बांध ली उन्होंने भी अपने पेंट को ऊपर कर के बटन लगा लिया।

तब तक मम्मी करीब आ चुकी थी उन्होंने देखा हम दोनों अलग-अलग लेटे हुए हैं। उन्होंने कहा जल्दी आ जाओ मैं नीचे जा रही हूं। और मम्मी नीचे चली गई। तभी पापा ने फिर से पेंट खोला और अपना लंड मेरे हाथ में दे दिया अब उन्होंने कहा जल्दी से हिला कर गिरा दे। मैंने तुरंत फोन के लंड को हस्तमैथुन करके उनका सारा माल तुरंत ही 2 मिनट के अंदर बाहर निकाल दी। फिर हम दोनों नीचे खाना खाने चले गए। खाना खाते हुए मैं पापा को देख रही थी वह मुझे देख रहे थे।

आज दूसरा दिन है ऐसा मौका मिला नहीं है शाम को 8:00 बजे मैंने कहानियां लिखी है आज रात को क्या होगा आपको फिर से अगली कहानी में बताऊंगी तब तक के लिए नॉनवेज storynew bangla choti kahini के सभी पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार।

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