सगे बड़े भैया से सील तुड़वाई Bahan ne bhai se chudwaya

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Bahan ne bhai se chudwaya:- मैं इस वक़्त बी.ए. फाइनल ईयर मैं थी और मेरी उम्र 18 साल थी. मैं आपको अपना नाम बता दूँ. कृतिका. मेरे घर पर मम्मी पापा के अलावा मेरा बड़े भाई अमित हैं जो मुझसे 5 साल बड़ा है. मम्मी बैंक मे हैं और पापा सरकारी जॉब मे है और अक्सर ड्यूटी पर बाहर रहते हैं और 15-20 दिन मे घर आते हैं. मैं गर्ल्स कॉलेज मे थी और मेरी एक बहुत ही अच्छी फ्रेंड थी सुधा. वह भी मेरी ही उम्र की थी. वह मुझसे बहुत फ्रैंक थी और मैं भी उससे बहुत फ्रैंक थी. एक दिन खाली पीरियड मे हम दोनो अकेले थे. वह बार बार कुछ सोचने सी लगती तो मैंने उससे पूछा..

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मै – क्या बात है तू आज कहाँ खोयी हुयी है?

वह मुस्कराती हुयी बोली – बहुत याद आ रही है!

मै – किसकी याद आ रही?

सुधा – उसी की जिसने कल पूरी रात मुझे मज़ा दिया!

मै – क्या मतलब है तुम्हारा?

सुधा – अरे कृतिका मेरी जान कल तो पूरी रात मेरे यार ने मेरी जमकर चुदाई की है, अभी तक नशा उतरा नहीं है.

वह अपनी चूत पर हाथ लगाती बोली.

मैं उसकी बात सुन चौंकते हुवे बोली – क्या कह रही है सुधा? तुमने किसी से च? क्या सच मे?

सुधा – हाँ यार!

मै – क्या किया पूरी बात बता ना?

सुधा – अरे यार पिछले महीने मैंने पहली बार चुदाई का मज़ा लिया था. तब से 7-8 बार चुदवा चुकी हूँ पर कल रात घर खाली था मम्मी पापा बाहर गए थे कुछ दिनों के लिए, इसलिए अपने यार से कल रात भर चुदवाया है! सच यार बहुत मज़ा आया. मम्मी पापा 9-10 दिन बाद आएंगे अब तो रोज़ रात मे मज़ा लूँगी और कल मैं कॉलेज नहीं आउंगी, कल दिन भर चुदवाना है. Bahan ne bhai se chudwaya

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मै – क्या सुधा सच मे? तुम तो बहुत खुशनसीब हो! चुदाई मे मज़ा तो आता है?

सुधा – अरे यार क्या बताऊँ बिना चुदवाए तुम उस मज़े को जान नहीं पाओगी.

मै – कल दिन मे चुदवाओगी?

सुधा – हाँ! उसका कहना है इस उम्र मे तो जब तक 3-4 बार चुदवाया ना जाये मज़ा ही नहीं आता.

मै – कौन है वह जो मेरी इतनी खूबसूरत और प्यारी सहेली की जवानी का मज़ा ले रहा है?

सुधा – ये मत पूछ!

मै – क्यों?

सुधा – बस ऐसे ही!

मै – बता ना यार कौन है? मैं किसी से कहने तो जा नहीं रही.

सुधा – तू गुस्सा हो जाएगी.

मै – तेरी कसम मैं क्यों गुस्सा होने लगी? बताओ न!

तब वह मेरे करीब आ मेरे कान मे सरगोशी करती बोली मेरे भैय्या. यह सुनना था कि मैं चौंक कर उसको देखने लगी.

वह घबराती सी बोली देखो मैंने कहा था ना की तुम्हे बुरा लगेगा! प्लीज ये बात किसी से कहना नहीं.

मैं कुछ देर चुप सी रही फिर बोली क्या सच मे तुम अपने भाई से ही?

सुधा – हाँ प्लीज किसी से कहना नहीं.

मै – नहीं सुधा मैं किसी से कहूँगी तो नहीं पर ये गलत है.

सुधा – मेरी बात सुन वह नार्मल होती बोली चल पगली यह गलत नहीं बल्कि सबसे अच्छा है. देख अगर मैं किसी लड़के से बाहर चुदवा लूँ तो बहुत खतरा है. वह मुझे ब्लैकमेल भी कर सकता है पर भैय्या तो घर मे ही है जब मन करे चुदवाओ. कल तो पूरा दिन भैय्या का लंड अपनी चूत मे लेना है.

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वह खुलकर बोल रही थी और मैं हैरान हो रही थी. वह अपनी टांगों को कसती बोली..

सुधा – हाय मेरे भैय्या का बहुत ही प्यारा है जब अंदर जाता है तो मुझे जन्नत दिखने लगती है. हाय मेरी तो बहने लगी है देख ना!

उसने अपनी शलवार को ज़रा सा ढीला किया तो मैंने चुपके से उसकी शलवार मे हाथ डाला और बिना पैंटी के नागि चूत पर हाथ फेरा तू उसका कहना सच लगा. उसकी चूत गीली थी और मेरा हाथ चिपचिपा गया. मैंने हाथ बाहर निकाला और देखा तो गाढ़ा पानी सा लगा था. Bahan ne bhai se chudwaya

सुधा – यार मेरा तो मन कर रहा है कि अभी चली जाऊँ भैय्या की गोद मे.

फिर वह कुछ देर और बताती रही और मैं सुनकर बेचैन होती रही. फिर जब कॉलेज के बाद वह घर जा रही थी तो बहुत खुश लग रही थी. रास्ते भर वह मेरे कान मे फुसफुसाती रही और मैं उससे जलन महसूस करने लगी. खैर मैं घर आयी और नहा धोकर फ्रेश हो गयी. शाम को जब मेरे बड़े भैय्या घर आये तो उनको देख मुझे सहेली की याद आ गयी. पापा अभी दो दिन पहले ही ड्यूटी पर गए थे और घर पर हम तीन लोग ही थे. मैं अपने भैय्या को देख रही थी और सहेली की बात सोचकर लगा की सच मेरे भैय्या भी तो बहुत स्मार्ट और तगड़े हैं. मेरे दिल मे उनके लिए गंदे ख्याल आने लगे. हम सब रात को खा पीकर सोने के लिए अपने अपने रूम मे चले गए. मम्मी का रूम नीचे के फ्लोर पर था और मेरा और भैय्या का ऊपर वाले फ्लोर पर आमने सामने था. रात भर मुझे सहेली की उसके भाई से चुदाई की बाते ही सपने मे भी आती रही और बहुत मुश्किल से रात कटी. सुबह फ्रेश होकर नाश्ता कर रही थी कि तभी याद आया की आज तो सुधा आएगी नहीं और अपने भाई के साथ घर पर रहेगी और दिन भर मज़ा लेगी. मुझे फिर उससे जलन हुई और नाश्ता करने के बाद मैं अपने रूम मे गयी और ड्रेस पहना फिर कुछ सोच सहेली को फ़ोन किया. उसने ही फ़ोन पिक किया तो मैं उससे बोली..

मै – हाय सुधा मैं कृतिका.

सुधा – हाँ बोल क्या बात है?

मै – कुछ नहीं यार आज तू कॉलेज आएगी नहीं और मैं भी नहीं जाना चाहती पर समझ नहीं आ रहा मम्मी से क्या बहाना करूँ?

सुधा – क्यों क्या बात है?

मै – कुछ नहीं! तू होगी नहीं, तो अकेले मुझे अच्छा नहीं लगेगा.

सुधा – अरे यार तू मेरे घर आजा ना?

मै – पर तुम तू कह रही थी की तुम आज दिन भर अपने भैय्या से?.

सुधा – हाँ पर अभी भैय्या एक घंटे के लिए बाहर गए है, तब तक तुम आ जाओ फिर चली जाना.

मै – पर यार फिर मैं कहाँ जाउंगी?

सुधा – अच्छा तू आ तो सही घर पे मैं तेरा दिल बहला दूंगी.

फिर मैं घर से निकली और कॉलेज के बजाये सहेली के घर चली गयी. उसका घर रास्ते मे था. मैं घर पहुंची तो वह अकेली ही थी. उसने बहुत ही खूबसूरत सा पिंक कलर का सूट पहना हुवा था और नहाने के बाद बालों को खुला ही रखा था और परफ्यूम से महक रही थी. मैं गयी तो वह मुझसे लिपट गयी और अपने बैडरूम मे ला बिठाया. फिर वह मुझसे बोली क्या बात है तुम कॉलेज क्यों नहीं गयी?

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मै – अरे यार तुम तो जानती हो तुम्हारे सिवा मेरा कोई फ्रेंड नहीं है और जब तुम नहीं गयी तो मैं अकेली बोर हो जाती हूँ.

सुधा – चल तू यही रह थोड़ी देर और इतना कह वह बेड पर लेट गयी और सोचने लगी.

मै – अरे अब क्या सोच रही हो?

सुधा – रात के बारे मे! हाय क्या मज़ा आया.

मै – क्या हुवा था रात को बताओ?

सुधा – कल रात भैय्या ने खूब मज़ा दिया. पहले तो मम्मी पापा का डर रहता था पर कल घर पर कोई था नहीं इसलिए खूब मज़ा लिया भैय्या ने. कल मेरी चूत को चाटकर झाड़ने के बाद चोदा और अपने लंड का रस भी पिलाया.

क्या तुमने लंड को मुंह मे लेकर?. मैं हैरान होती बोली.

सुधा – तू एकदम गधी है! अरे पागल लंड को एक बार मुंह मे लेकर तो देख बाहर निकालने का मन नहीं करेगा. जानती है कल भैय्या ने कहा था की आज वह मेरी गांड भी मारेंगे! हाय बस जल्दी से वो आये तो आज गांड मरवाने का मज़ा भी लूँगी. Bahan ne bhai se chudwaya

उसकी ख़ुशी का तो ठिकाना ही नहीं था. मैं अब तक बहुत परेशान हो चुकी थी और कुछ सोच उससे बोली…

मै – यार मैंने तो आज तक किसी का देखा भी नहीं और तू मुंह मे लेकर मज़े कर रही है.

सुधा – तुम डरपोक हो! तुम चाहो तो मैं तुमको दिखा सकती हूँ.

मै – किसका?

सुधा- अपने भैय्या का.

मैं बोली कैसे?

सुधा – भैय्या बस आने ही वाले होंगे तुम यही मेरे रूम म छुप जाओ और जब मैं अपने भाई से चुदवाऊँ तो तुम देखना! तुम चुदाई भी देख लोगी कि कैसे होती है और इसमें कितना मज़ा आता है.

मैं उसकी बात सुन राज़ी होती बोली…

मै – कहीं तुम्हारे भैय्या को पता चल गया तो.

सुधा – नहीं चलेगा तुम छुपी रहना बस और फिर मैं तुमको चुपके से निकाल दूंगी.

मैंने टाइम देखा 11 बजे थे और मेरे पास 4 बजे शाम तक का टाइम था.

मैं खुश होती बोली – ठीक है सुधा तुम सच कहती हो मैंने कभी देखा नहीं और आज अच्छा मौका है.

उसने मुझे अपने रूम मे एक ओर कोने मे जिधर पर्दा था वहीं छिपने की जगह बताई. मैंने वहाँ से देखा उसका पूरा बेड दिखता था. पर कोने मे और पर्दा होने से कोई जान नहीं सकता था कि कोई छिपा हो सकता है. हम दोनों कुछ देर बात करते रहे फिर उसने चाय बनायीं और 10 मिनट बाद बाहर से बाइक की आवाज़ आयी. वह बाइक की आवाज़ सुन खुश हो गयी और बोली लगता है भैय्या आ गए. फिर कुछ देर बाद जब उसका भाई आया और डोर बेल बजी तो उसने मुझे छुपा दिया. फिर वह गयी और डोर खोला. फिर वह वापस अंदर आयी. तभी उसके पीछे उसका बड़ा भाई भी आया. मैं पहली बार उसे देख रही थी. 25 साल का खूबसूरत और जवान था. सुधा अंदर आ अपने बेड पर बैठ गयी थी. उसका भाई भी उसके बेड पर आकर लेट गया। तो सुधा अपने भाई के साथ चिपक गयी. वह अपने भाई के ऊपर लेटी थी और उसकी दोनों चूचियां उसके भाई के सीने से दबी थी. उसका भाई उसकी गांड को अपने हाथ से सहला रहा था और एक दुसरे को देख दोनों मुस्करा रहे थे.

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तभी सुधा ने झुककर अपने भाई के होंठों पर किस किया. फिर उसके भाई ने उसके चेहरे को पकड़ा और अपनी बहन के होंठों को अपने होंठों से कसकर चूसने लगा. अब वह दोनों एक दुसरे को किस कर रहे थे. 3-4 मिनट बाद सुधा हांफती हुयी अपने भाई के ऊपर ढेर हो गयी और उसके भाई ने भी उसे अपनी बाँहों मे कस लिया. कुछ देर उसने सुधा की गांड को सलवार के कपडे के ऊपर से सहलाया फिर हाथ को उसकी सलवार के अंदर डाल उसकी गांड को सहलाने लगा. वह आँख बंद किये मुस्करा रही थी. तभी उसने सलवार को नीचे खिसका दिया. सुधा ने भी अपने भाई के ऊपर से अपनी गांड को ज़रा सा उचकाया तो उसने सलवार को उसकी टांगों से एकदम अलग कर दिया. उसकी जम्पर एक ओर खिसकी थी जिससे उसकी पतली सी झीनी पैंटी दिखने लगी थी. पैंटी नयी स्टाइल की थी जिसमे उसकी गांड की दरार ही छुपी थी और पूरी गांड नंगी थी. फिर उसने सुधा को अपने ऊपर से उठाया और बेड पर लिटा खड़ा हुवा और अपनी टी-शर्ट और जीन्स अलग कर दी और केवल जॉकी के अंडरवियर मे अपनी बहन के सामने खड़ा हुवा. सुधा अपने भाई को देख मुस्करा रही थी. फिर उसने सुधा की जम्पर को अलग किया तो वह भी केवल पैंटी और ब्रा मे थी. मैं आँखो मे हैरानी लिए देख रही कि कोई भाई बहन ऐसा भी कर सकते हैं. सुधा अपनी चूचियों को अपने हाथ से पकड़ बोली..

सुधा – सुनील भैय्या कैसी लग रही हूँ?

सुनील – अरे तू बहुत खूबसूरत है यार! चल इनको बाहर निकाल.

उसने सुधा की चूचियों की तरफ इशारा करके कहा. सुधा ने फ़ौरन अपनी ब्रा खोली और ब्रा हटाई तो मैं देखकर दंग रह गयी. एकदम गोल और कसी कसी चूचियां थी. फिर वह लेटी और अपनी चूचियों को उभार दिया तब उसका भाई उसके ऊपर झुका और पहले दोनों चूचियों को चूमा फिर जीभ निकाल दोनों को 10-15 बार चाटा. सुधा तो इतने मे मस्त हो सिसकने लगी थी. जीभ से चाटने के बाद दोनों को हाथो से पकड़ मसला और फिर एक को मुंह मे लेकर चूस चूसकर पीने लगा. मैं तो दोनों भाई बहन का खेल देख मस्त हो गयी थी. कभी किया तो नहीं था पर सुधा की हालत देख समझ गयी कि, उसे अपने भाई के मुंह अपनी चूचियां देने मे बहुत मज़ा आ रहा है. वह सिसिया रही थी और बार बार हाय भैय्या हाय भैय्या कहती अपनी चूचियों को ऊपर की ओर उचका अपने भाई के मुंह मे घुसेड़ रही थी. मैं छुप कर दोनों भाई बहन को देख रही थी. मेरे सामने मेरी सहेली अपने भाई को अपनी चूचियां पिला रही थी. कुछ देर तक चूसने के बाद वह उठा और फिर सुधा की पैंटी को खिसकाया. सुधा ने अपनी गांड उठा उतरवाया और अब वह बिलकुल नंगी बेड पर लेटी थी. सुनील ने उसकी पैंटी अलग की फिर अपनी बहन की चूत को देखने लगा. Bahan ne bhai se chudwaya

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सुधा मुस्करा कर बोली – भैय्या क्या देख रहे हो?

सुनील – हाय सुधा कितनी प्यारी चूत है! यार तुम बहुत खूबसूरत हो!

वह अपनी टांगो को अपने भाई के लिए खोलती बोली – भैय्या आप भी बहुत अच्छे हैं.

फिर उसने अपना हाथ सुधा की चिकनी रानों पर रखा और सहलाते हुवे चूत तक लाया और पूरी चूत को हाथ से दबाया तो सुधा ने अपने हाथ से अपनी चूचियों पर रखा और कमर को उचकते हुवे बोली…

सुधा – हाय भैय्या.

क्या हुवा सुधा? उसने चूत को सहलाते हुवे कहा.

भैय्या मुंह से करो ना. वह शरमाते हुवे बोली। तो उसके भाई ने झुककर उसके होंठों को चूमा और उसके ऊपर लेट उसकी दोनों चूचियों को अपने चौड़े सीने से दबाता उसकी आँखों मे देखते हुए बोला-

सुनील – मुंह से मज़ा आता है?

वह फिर शरमाते हुवे बोली जी भैय्या बहुत.

वह उसके होंठों को चूम उसके गुलाबी गालो को किस करते हुए बोला..

सुनील – अरे पगली तो इसमें इतना शर्माने की क्या ज़रूरत है. तुझसे कहा था ना कि शर्माना नहीं! शर्माने से मज़ा नहीं आता. जो मन किया करे मुझे बताया करो. सहेली अपने भाई की बात सुन अपनी टांगों को उसकी कमर पर लपेट गांड उचकाती बोली…

सुधा – हाँ भैय्या मुझे अपनी चूत चटवाने मे बहुत मज़ा आता है. अब आप पहले मेरी चाटो फिर चोदना. तब वह उसके ऊपर से हटा और उसकी दोनों टांगों के बीच आया और अपने मुंह को झुका कर उसकी चूत पर रख दिया. चूत से जीभ लगते ही मेरी सहेली के मुंह से हलकी सी सिसकारी निकल गयी.

क्या हुवा सुधा? उसने अपनी बहन की ओर देखते पूछा.

सुधा – हाय भैय्या कुछ नहीं, रुको नहीं चाटो अपनी प्यारी बहन की चूत.

और उसने चूत उचकाई तो मैं देखकर ही मस्त हो गयी. मेरी सहेली इस पोज़ मे लेटी थी कि मुझे सब कुछ साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा था. सच उसकी चूत गुलाबी और छोटी सी थी और वह उसमे अपने भाई की जीभ डलवा चटवा रही थी. वह जीभ को पेलकर चाट रहा था और हाथ से दोनों चूचियों को भी दबा रहा था. सहेली मज़े से भर अपनी गांड उछाल रही थी और तेज़ तेज़ आवाज़ मे सिसक रही थी. 10-12 मिनट तक चटवाने के बाद वह हाँफते हुवे बोली..

सुधा – आह! हाय भैय्या! बस अब बस करो नहीं तो मैं झड़ जाउंगी! हाय रुको अब लंड डाल दो.

तब वह अपनी बहन की चूत से अपना मुंह हटा उसको देख मुस्कराने लगा. कुछ देर बाद सुधा ने अपनी बंद आँखे खोली और अपने भाई को देख मुस्कराती बोली.. सुधा – भैय्या मज़ा आ गया, हाय भैय्या अब अपना लंड दो न मेरे मुंह मे. फिर वह उठी और अपने भाई को लिटाया फिर उसके अंडरवियर को हाथ से अलग किया. मैं उसके भाई के लंड को देख दंग रह गयी. खूब मोटा लम्बा लंड था, एकदम सख्त और ऊपर को तना था. उसने झुककर लंड को अपने मुंह मे लिया और चूसने लगी. वह पूरे लंड पर चारो तरफ जीभ चलाती फिर मुंह मे लेकर चूसती. मैं पहली बार देख रही थी और बहुत कुछ सीख भी गयी थी. 7-8 मिनट बाद उसने अपने लंड को उसके मुंह से बाहर किया और बोला..

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सुनील – आहह हाय मेरी प्यारी बहना चल अब इसे मुंह से निकाल और अपनी चूत मे ले.

सुधा – भैय्या आज कैसे चोदोगे?

वह अपने भाई के लंड को पकड़ मसलती बोली. वह उसे बेड पर लिटाता बोला..

सुनील – तू लेट जा बस, मैं चोद लूंगा, जैसे मन करेगा.

वह लेट गयी. उसकी टाँगे मेरी तरफ ही थी, जिससे उसकी चूत का लाल छेद मुझे साफ़ दिख रहा था. फिर उसका भाई उसके ऊपर आया और अपने लंड को उसकी चूत पर रखा और धीरे धीरे दबाकर पूरा अंदर कर दिया. लंड अंदर जाते ही सहेली के चेहरे पर ख़ुशी देखने वाली थी. उसने हाथो को अपने भाई के कंधो पर रख लिया था. फिर उसने धीरे धीरे लंड अंदर बाहर कर चुदाई शुरू कर दी. मैं अपनी चुदती सहेली को देख मस्त थी. मेरी हालत बहुत ख़राब हो चुकी थी पर मैं चुप खड़ी थी. कुछ देर तक वह अपनी बहन को इसी तरह चोदता रहा फिर लंड बाहर किया. चूत के रस से भीगा लंड चमक रहा था. लंड बाहर कर उसने सुधा को उठाया और उसे डोगी स्टाइल मे किया और फिर पीछे से उसकी चूत मे पेल कर चुदाई शुरू कर दी. वह हाथ आगे कर उसकी दोनों चूचियों को पकड़ उसपर लेटा हुवा सा कसकर चुदाई कर रहा था. सच बहुत मज़ा आ रहा था देखने मे. मैं सोच रही की जब सहेली की चूत मे लंड जाते देखने मे इतना मज़ा आ रहा तो अपनी चूत मे लेने मे कितना मज़ा आएगा. Bahan ne bhai se chudwaya

5-6 मिनट तक इस तरह से चोदने के बाद फिर उसने लंड बाहर किया और फिर खुद नीचे लेट गया. जब वह नीचे लेटा तो सुधा जल्दी से ऊपर आयी और अपने भाई के लंड को पकड़ अपनी चूत से लगा उसपर बैठने लगी. जब पूरा अंदर चला गया तो वह खुद ऊपर नीचे हो चुदवाने लगी. अब वह भी नीचे से अपनी गांड उठा उठा लंड पेल रहा था और हर धक्के पर सहेली उह! आह! ऊह! आए! कर रही थी. इस तरह से भी उसने 7-8 मिनट तक चोदा फिर उसे अपने बदन से चिपका लिया.

सुधा कस कर चिल्लाई तो उसने कहा आह्हः सुधा हाय मैं झड़ने वाला हूँ. आह मेरा निकलने वाला है.

हाय भैय्या अंदर नहीं बाहर करो हाय आज अपना पानी मेरे मुंह पर दो.

सुनील – क्या बात है सुधा रात मे भी तूने मुंह पर लिया था और तूने कहा था की सुबह चूत मे लेगी पानी.

हाँ भैय्या चूत मे जब तुम्हारा पानी गिरता है तो बहुत ठंडक मिलती है पर इस वक़्त कुछ ख़ास बात है.

मैं समझ गयी की वह मुझे दिखाना चाहती है. उसका भाई लंड को उसकी चूत से बाहर कर बोला…

सुनील – ले हाय जल्दी कर वरना निकल जायेगा.

वह फ़ौरन अपने भाई का लंड पकड़ मुंह के पास करती कि एक तेज़ शॉट के साथ लंड का पानी उसके चेहरे पर गिरने लगा. वह हाय हाय करता झड़ रहा था. झड़ने के बाद सुधा ने लंड को अपने मुंह मे लिया और चूसने लगी. फिर दोनों एक दुसरे से चिपक बेड पर ढेर हो गए. कुछ देर बाद दोनों नार्मल हुवे तो सुधा ने पास रखे टॉवल से अपनी चूत और अपने भाई का लंड साफ़ किया फिर अपने भाई के ऊपर लेट उसकी आँखों मे देखते बोली..

सुधा – भैय्या एक बात तो बताओ. अब तक आपने कितनी लड़कियों को चोदा है?

सुनील – तू क्यों पूछ रही है?

सुधा – मैं जानना चाहती हूँ की उन सबमे मैं आपको कैसी लगी?

सुनील – यार तुझे एकदम सच बताऊंगा.

पहली बार तब जब मैं अपने दोस्त से मिलने उसके घर गया था तब वहाँ उसकी बहन के सिवा कोई नहीं था. तब मैंने उसकी बहन को चोदने की कोशिश की थी पर मैंने केवल उसकी चूचियों को ही दबाया और चूसा था कि मेरा अंडरवियर मे ही झड़ गया और मैं वापस आ गया.

सुधा – सच भैय्या आप कुछ नहीं कर पाए.

सुनील – हाँ यार और दूसरी बार जब मैं एक लड़की को बुलाकर लाया था अपने ही घर पर, तब भी मैंने जैसे ही लंड को उसकी चूत पर रखा तो मैं झड़ गया. तब से मुझे बहुत शर्मिंदगी हुयी और मैं समझा की मैं चोद नहीं पाउँगा.

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सुधा – फिर भैय्या आपने पहली बार किस लड़की को चोदा?

सुनील – कहूंगा तो तुमको यकीन नहीं होगा. तुम पहली लड़की थी जिसको मैंने चोदा था.

सुधा – क्या सच भैय्या?

सुनील – हाँ यार जब मैं दोनों बार पहले ही झड़ गया तो मैं फिर किसी लड़की के पास गया ही नहीं.

सुधा – पर भैय्या आप चुदाई तो बहुत अच्छी करते हैं.

सुनील – अरे यार सब दोस्तों से सुनकर और फिल्म देखकर सीख लिया है.

सुधा – अच्छा भैय्या यह बताओ कि मेरे साथ जब पहली बार किया था तब तो कुछ नहीं हुवा था.

सुनील – आज तू सुन ले सब! जब पहली बार तुझे चोदने जा रहा था, तब भी मैं झड़ गया था, पर तेरे साथ कोई जल्दी नहीं थी, इसलिए दुबारा खड़ा करके तुझे चोदा था. मेरा एक दोस्त कह रहा था कि बाहर की लड़की के साथ जल्दी होती है और जो पहली बार चुदाई कर रहा हो वह ठीक से कर नहीं पाता. उसकी बात सुन मैंने सोचा कि क्यों ना तुझ पर ट्राई करूँ तो अपने घर का माल है और तेरे साथ कोई जल्दी भी नहीं थी. घर पर तो पूरी रात और सारा दिन है. और सच ही कहा था उसने तेरे साथ तो बहुत मज़ा है.

सुधा – ओह्ह भैय्या तो यह बात है. आपने मुझ पर ट्राई मारी थी वरना आप मुझसे प्यार व्यार नहीं करते और मैं समझ रही हूँ कि आप मुझे बहुत प्यार करते हैं.

वह अपने भाई से नाराज़ होती मेरी ओर मुंह करके मुझे आँख मारी. मैं समझ गयी कि साली अपने भाई को सता रही है. हुवा भी वही. उसकी बात सुन उसका भाई उसके चेहरे को अपनी ओर करता बोला… Bahan ne bhai se chudwaya

सुनील – अरे जान यह बात नहीं है. प्यार तो मैं तुमसे बहुत करता हूँ पर ट्राई इसलिए कहा कि तुम मेरी बहन थीं और अगर बुरा मान जाती तो.

सुधा – मैं क्यों बुरा मानती अपने प्यारे भैय्या की बात का. इतना प्यार करने वाला भाई किसी को मिलता है जो अपनी बहन की हर ज़रूरत का ख्याल रखता है. और फिर वह अपने भाई से लिपट उसे किस करती बोली..

सुधा – भैय्या. बहुत अच्छा लगा आज. तब वह उससे अलग हुवा तो वह बोली कहाँ जा रहे हो भैय्या?

सुनील – वह खड़ा होता बोला दो मिनट मे आता हूँ ज़रा पेशाब कर आउन.

फिर वह चला गया तो वह भागकर मेरे पास आयी और बोली देखा कृतिका भैय्या कैसे चोदते हैं?

मै – हाँ यार बहुत मज़ा लिया तुमने, हाय मैं तो देखकर ही परेशान हो गयी हूँ.

सुधा – तू जाना चाहे तो जल्दी से निकल जा.

मै – यार तुम कह रही थी कि भैय्या तुम्हारी गांड भी मारेंगे. एक बार गांड मरवाकर दिखा दो ना फिर मैं चली जाउंगी.

तो वह बोली थी हाँ छुप जा मैं अभी ही मरवा लेती हूँ वर्ना कुछ देर बाद मरवाती.

वह फिर बेड पर लेट गयी और 1 मिनट बाद उसका भाई वापस आया तो वह बोली..

सुधा – भैय्या! हूँ! वह अपनी बहन की चूचियों से खेलता बोला.

मेरी सहेली अपने भाई के लंड को पकड़ बोली…

सुधा – भैय्या इसको वहाँ डालो ना अब.

सुनील – कहाँ?

सुधा – मेरी गांड मे आपने कहा था ना कि आज मेरी गांड भी मारोगे.

सुनील – हाँ ज़रूर पर अभी तो बहुत टाइम है अपने पास.

सुधा – हाँ भैय्या पर अभी एक बार मेरी मार दो फिर मैं खाना बनाउंगी तब तुम कुछ करना.

मैं अपनी सहेली की बात सुन समझ गयी की वह मुझे दिखा ही देगी आज. वह अपने भाई से लिपटी थी. तब उसने उसे चूमकर कहा…

सुनील – ठीक है जा कोई क्रीम ले आ, पहली बार गांड मे जायेगा तो दर्द होगा.

वह जल्दी से ड्रेसिंग टेबल से क्रीम लेकर आयी तो सुनील ने उसे बेड पर उल्टा लिटाया. सुधा की गुदाज़ भरी भरी गांड उभरकर बाहर आ गयी थी. उसने झुककर उसकी गांड को हाथ से पकड़ सहलाया फिर गांड को जीभ से चाटने लगा. 10-15 बार चाटने के बाद जीभ को उसकी गांड के छेद पर रखा और गांड के भूरे छेद को जब चाटना शुरू किया तो सुधा मज़े से भर उठी और ओह्ह आह करती गांड उछालने लगी. 5-7 मिनट इसी तरह से चाटने के बाद उसने ऊँगली से क्रीम ली और गांड के छेद पर लगाने के बाद ऊँगली अंदर डालने लगा. कुछ देर मे ही धीरे धीरे पूरी ऊँगली अंदर कर दी और फिर सका-सक ऊँगली से गांड मारने लगा. 20-25 बार ऐसा किया फिर बोला… Bahan ne bhai se chudwaya

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सुनील – सुधा!

हाँ भैय्या! वह सिसियाते बोली.

सुनील – कैसा लगा?

सुधा – अच्छा है भैय्या अब लंड डालो तो देखे.

सुनील – लो इसे अपनी कुंवारी गांड के लायक तो बनाओ.

तब उसने अपने भाई के लंड को मुंह मे लिया और कुछ देर चूसने के बाद उस पर क्रीम लगायी और फिर पेट के बल लेट गयी. वह लेटी तो उसके भाई ने अपने लंड को उसकी गांड पर रख दबाया. वह हाय हाय करने लगी. वह मुंह मेरी तरह ही किये थी जिससे मैं देख रही थी कि उसे गांड मे लंड लेने मे दर्द हो रहा था. धीरे धीरे उसके भाई ने आधा लंड गांड मे घुसेड़ दिया और बाहर निकाल उसकी गांड मारने लगा. वह अपने दांत कसे हांफ रही थी. वह रुक रुक कर मार रहा था. 6-7 मिनट बाद वह बोली…

सुधा – भैय्या!!!

सुनील – हाँ!!

सुधा – और तेज़ हाँ भैय्या और तेज़ मारो अपनी बहन की गांड.

उसने अब स्पीड तेज़ कर दी. मैं देखती रही अपनी सबसे बेस्ट सहेली को उसके ही बड़े भाई के साथ गांड मरवाते. 10 मिनट बाद वह हांफता हुवा उसके ऊपर ढेर हो गया और झड़ने लगा. वह बेचारी गांड मरवाने के बाद सुस्त हो गयी और उसका भाई उसके ऊपर लेटा रहा. 5-6 मिनट बाद वह अलग हुवा और अपने झड़े लंड को अपनी बहन की गांड से बाहर निकाला. सुधा ने फिर लंड और चूत को टॉवल से साफ़ किया और बोली..

आह भैय्या मैं बहुत थक गयी हूँ. आप जाओ नहा लो मैं कुछ देर आराम कर लूँ.

वह मुस्कराता हुवा उसे किस कर के रूम से बाहर निकला तो वह जल्दी से मेरे पास आयी और बोली….

सुधा – कृतिका देखा मेरे भाई मुझे कितना प्यार करते हैं?

मै – हाँ सच मे तुम कितनी खुशकिस्मत हो कि तुमको तुम्हारे ही भैय्या चोदते हैं. हाय!! मैंने तो अभी तक किसी लड़के का पकड़ा भी नहीं.

वह मेरी बात सुन बोली… सुधा – तू ट्राई करे तो तुझे बहुत लड़के मिल जायेंगे, पर बाहर खतरा रहता है और घर मे तो जब मन करे डलवा लो. तू अपने भाई को फंसा ले ना! वह तो एकदम मस्त जवान है. तुझे उसके साथ जवानी का मज़ा आ जायेगा.

मै – तू सच कहती है सुधा! अब मैं बिना चुदवाए रह नहीं पाऊँगी. मुझे भी अब अपनी चूत मे किसी लंड को लेना है. हाय सुधा मैं आज से ही अपने भैय्या पर ट्राई करती हूँ. तेरा कहना सही है. भैय्या के साथ तो पूरी रात चुदवाया जा सकता है.

वह मेरी बात सुन बोली… सुधा – ठीक से अपने भाई को अपना माल दिखा. उसके पास ज़्यादा से ज़्यादा रहो देखना तेरा काम जल्दी बन जायेगा. मैंने तो दो दिन मे भैय्या का लंड ले लिया था.

भाई बहन की चुदाई की कहानी

मै – सुधा मैं आज से ही भैय्या को दिखाना शुरू कर दूंगी.

सुधा – तू रुकेगी या जाएगी? अभी भैय्या बाथरूम मे हैं जाना हो तो चुपके से निकल जाओ.

मै – हाँ मैं जा रही हूँ! अब मैं यहाँ और नहीं रुक सकती, तुम लो मज़ा. कल आओगी कॉलेज?

सुधा – कल सैटरडे है और फिर संडे इसलिए मैं नहीं जाउंगी और दोनों दिन घर पर ही भैय्या के साथ रहूंगी. मंडे को मिलूंगी. तू कल भी आएगी क्या?

मै – नहीं अब मैं भी तुझे मंडे को ही मिलूंगी. फिर मैं चुपके से निकल अपने घर आ गयी.

मैं घर वापस आयी. मम्मी अभी बैंक से नहीं आयी थी. घर पर केवल भैय्या ही थे. मुझे देख भैय्या ने पूछा…

भैया – आज जल्दी कैसे आ गयी?

मै – आज टीचर नहीं आयी थी और पीरियड खाली था इसलिए आ गयी.

फिर मैं ड्रेस चेंज कर अपने रूम मे आ गयी. मैं अपने बेड पर लेट सहेली और उसके भाई के बारे मे ही सोच रही थी. तभी भैय्या मेरे रूम मे आये और मुझे लेटा देख बोले…

भैया – अरे कृतिका क्या हुवा तबियत सही है? कुछ हो गया है क्या?

भैय्या मुझे बहुत प्यार करते हैं यह मैं जानती थी. मैं चुपचाप लेटी थी इसलिए परेशान हो गए थे कि मुझे कुछ हो गया है.

मै – नहीं भैय्या थक गयी थी इसलिए लेट गयी. मैं ठीक हूँ!

और मैंने उठकर बैठते हुवे कहा..

आइये न भैय्या बैठिये.

भैय्या मेरे पास ही बैठ गए और मेरे सर पर हाथ फेरते प्यार से बोले…

भैया – कृतिका मम्मी का फ़ोन आया था वह बैंक की तरफ से 5 दिन की ट्राइंग पर हेड ऑफिस जा रही हैं.

मै – क्या?

मैं कुछ खुश भी हुयी कि यह तो बहुत ही अच्छा मौका मिल गया.

भैया – अरे तो क्या हुवा मैं तो हूँ ना. मैं रात का खाना होटल से ले आऊंगा और जब तक मम्मी नहीं आती, मैं शाम को जल्दी घर आ जाया करूँगा.

भैय्या की बात सुन मैंने मन मे कहा कि जल्दी घर क्या आओगे देखना तुम तो बाहर जाने का नाम ही ना लोगे बस एक बार अपनी बहन का माल देखो तो सही. पर ऊपरी मन से कहा… Bahan ne bhai se chudwaya

मै – भैय्या मुझे अकेले डर लगेगा आप मेरे साथ ही रहना.

भैया – तू डर मत, मैं तुम्हारे पास रहूँगा. चलो अब तुम आराम करो मैं अपने रूम मे हूँ.

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यह कह भैय्या चले गए. शाम को 5 बजे मैंने बाथ लिया और पिंक कलर की टाइट शलवार सूट पहनी जिसका गाला भी ज़रा बड़ा था. पहले कभी मैंने इस सूट को नहीं नहीं पहना था क्योंकि इसमें से चूचियां दिखती थी और कपडा भी हल्का सा ट्रांसपेरेंट था. पर आज तो भैय्या को अपने जाल मे फंसाना था इसलिए इस सूट को पहना था और अंदर ब्रा भी नहीं पहनी थी. बालो को खुला ही रखा और चूचियों को हाथो से बाहर की ओर कर गले को ज़रा निचे किया था जिससे चूचियां साफ़ साफ़ दिख रही थी। बस यह था की निप्पल नहीं दिख रहे थे. फिर दुपट्टे को चूचियों पर डाला और भैय्या के पास आयी. वह अपने रूम मे टीवी देख रहे थे. मैं उनके पास बैठी और टीवी देखने लगी. इस बीच दो तीन बार दुपट्टे को नीचे भी गिरा गिरा उनको अपनी चूचियां दिखाई. मैंने देखा कि भैय्या ने दो बार तो नहीं देखा पर जब तीसरी बार दुपट्टा गिरा तो भैय्या की नज़र मेरी चूचियों पर पड़ी. जब मुझे लगा की भैय्या ने मेरी आधी नंगी चूचियों को देख लिया है तो एक बार और दुपट्टे को हटाकर उनको दिखाया. इस बार भैय्या ने घूरकर देखा. फिर मैं भैय्या से बोली..

मै – भैय्या चाय बना लूँ पीजिएगा?

भैय्या हकलाते हुवे बोले हहह्ण हाँ बना लाओ.

वह कुछ झेंप से रहे थे. मैं उठकर किचन चली गयी और चाय बनाने लगी. चाय लेकर आयी तो भैय्या के सामने चाय रखी और बैठने के बजाये खड़े खड़े ही झुककर चाय उनके कप मे निकालने लगी. इस तरह से मेरा दुपट्टा फिर सरक गया और वह मेरी दोनों चूचियों को देखने लगे. मैं धीरे धीरे चाय निकाल रही थी कि वह ठीक से अपनी बहन की कुंवारी चूचियों को देख ले. फिर चाय निकाल उनके सामने ही बैठी और फिर दुपट्टे को ठीक किया लेकिन इस तरह से की दुपट्टे की सिंगल लेयर ही चूचियों पर थी और ट्रांसपेरेंट दुपट्टे से चूचियां दिखती रही. भैय्या चाय पीते हुवे मुझे देखते रहे फिर कुछ देर बाद बोले…. Bahan ne bhai se chudwaya

भैया – कृतिका यहाँ आओ मेरे पास बैठो.

मैं मन मे खुश होती चुपचाप उठी और उनकी बगल मे बैठ गयी. मैं बैठी तो वह मेरा हाथ पकड़ मेरे सर पर हाथ फेरते बोले…

भैया – रात मे खाने मे क्या लाऊं अपनी प्यारी बहन के लिए. मैंने कनखी से देखा की उनकी नज़रे मेरी चूचियों पर ही थी. मैंने नज़रे उठाकर उनको देखा और धीरे से बोली…

मै – भैय्या जो आपका मन हो! मुझे तो ज़रा भी भूख नहीं है.

भैया – अरे कुछ तो खाओगी ही?

मै – नहीं भैय्या मेरा मन नहीं है. बस आपको जो खाना हो जल्दी से लेकर आ जाइएगा और मेरे साथ ही रहिएगा.

भैय्या मेरी बात सुन बोले… भैया – अगर तुम नहीं खाओगी तो मैं लेने भी नहीं जाऊंगा. घर मे जो है वही खा लेते है कल ले आऊंगा.

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और इतना कहते हुवे उन्होंने हलके दबाव से मुझे अपनी ओर किया तो मैं उनकी मर्ज़ी समझती चुपचाप उनसे सट गयी और अपना सर भैय्या के कंधे पर रख दिया. भैय्या यह देख थोड़े से खुश हो गए थे. मैं तो तैयार ही थी. जब उनके कंधो पर सर रखा तो वह मेरे बालो को सहलाते मेरे कान मे फुसफुसाते हुवे बोले.. Bahan ne bhai se chudwaya

भैया – पगली तू बहुत डरती है. कोई बात नहीं मैं तुझे छोड़कर नहीं जाऊंगा. जब तक मम्मी नहीं आती मैं तुम्हारे पास ही रहूँगा.

मैं चुप रही और हम दोनो टीवी देखते रहे. करीब 8 बजे मैंने खाने का सामान लगाया फिर हम दोनों ने खाना खाया और खाने के बाद भैय्या अपने रूम मे चले गए. मैं अपने रूम मे आ गयी और कुछ देर स्टडी किया. करीब 9:30 पर मैं लेट गयी. कुछ देर बाद मैंने देखा की भैय्या मेरे रूम मे आये हैं. मैं कनखी से उनको देखती रही. वह धीरे धीरे मेरे पास आये और बेड के नीचे बैठ गए. उन्होंने 3-4 बार मुझे पुकारा पर मैं चुप रही. जब मैं कुछ ना बोली तो उन्होंने धीरे से हाथ बढ़ा कर मुझे सीधा लिटाया. मैं सीधी हो गयी. मैं अभी भी वही सूट पहने थी. भैय्या ने चुपके से मेरे सामने वाले दो बटन खोल दिये. बटन खुले तो दोनों चूचियां साफ़ साफ़ दिखी. भैय्या दोनों को देख रहे थे और मैं मन ही मन खुश होती सोच रही थी की यह तो सब उल्टा हो रहा है. मैं तो सोचती थी की मुझे भैय्या को फँसाने मे 2-3 दिन लगेंगे और खुद ही सब करना होगा पर भैय्या तो केवल मेरी चूचियों की झलक देखकर ही मेरे दीवाने हो गए. Bahan ne bhai se chudwaya

मैं समझ गयी कि अब मुझे कुछ नहीं करना और बस चुपचाप मज़ा लेना है. मेरी धड़कने तेज़ हो रही थी. मैं बहुत मुश्किल से अपने को काबू मे किये थी कि कहीं राज़ न खुल जाये. भैय्या ने चूचियों को खोलने के बाद हाथ से उनको थोड़ा सा और बाहर किया फिर झुककर मुंह से मेरी दोनों चूचियों को 4-5 बार चूमा. फिर हाथ से धीरे धीरे कुछ देर सहलाया और फिर बारे बारी से दोनों निप्पल को होंठों से हलके हलके दबाया और चूसा. वह इस तरह से कर रहे थे कि अगर मैं सो रही होती तो समझ ना पाती. मैं बहुत बेचैन हो रही थी इसलिए ज़रा सा कसमसाई तो भैय्या ने मेरी चूचियों से मुंह अलग किया. फिर वह कुछ देर चुप रहे और फिर रूम से चले गए. मैं अपने ऊपर झुंझला गयी कि अब तो भैय्या चले गए अब क्या करूँ. 5 मिनट तक चुप लेटी रही और सोचती रही कि भैय्या से काम बहुत आसानी से बन सकता है. जवान है और चूत का मज़ा पा चुके होंगे तो मेरी चूत देख कर मस्त हो जायेंगे, पर चूत कैसे दिखाई जाये. चूचियों को तो आसानी से दिखा सकती थी पर चूत दिखाना आसान नहीं था. यही सोचते सोचते अपनी दोनों चूचियों को पूरी बाहर कर दिया और सीधी लेट गयी.

तभी फिर आहट हुयी. कनखी से देखा तो भैय्या दुबारा अंदर आ रहे थे. इस बार भैय्या ने अपनी टी-शर्ट उतार दी थी और केवल लोवर (पायजामा) पहने थे. मुझे उसमे उनका लंड खड़ा नज़र आया. मैं खुश हो गयी. भैय्या पास आये और मेरी बगल मे बैठ गए. कुछ देर मेरी चूचियों को देखा फिर ट्यूब लाइट ऑफ की और डिम नाईट लैंप ऑन किया. अब भी सब कुछ दिखाई दे रहा था. अब भैय्या ने मेरे दोनों हाथो को धीरे से अलग किया और मेरी दोनों चूचियां ऊपर की ओर तन कर खड़ी हो गयी. फिर भैय्या ने झुककर एक चूची को मुंह से चूसना शुरू किया तो मैं अपने बहकते मन को काबू मे करती सोचने लगी कि भैय्या को उनके मन से करने दूँ. अगर वह चूची पिएंगे तो चूत का मज़ा भी लेंगे. भैय्या ने दोनों चूचियों को कुछ देर तक चूसा फिर हाथ से दबाने लगे. अब भैय्या का दबाव तेज़ होता जा रहा था. फिर भैय्या ने दोनों चूचियों को अपने हाथ मे लिया और थोड़ा और कसकर दबाते हुवे चूसा और फिर उन्होंने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिया. Bahan ne bhai se chudwaya

अब मुझे मज़ा मिला तो मैं मस्ती से भर होंठ चूसने लगी. अभी भैय्या मेरी चूचियों को ही दबा और चूस रहे थे. फिर भैय्या ने अपना लोवर नीचे कर अपना लंड बाहर निकाला तो उनका लंड देख मैं खुश हो गयी. बहुत प्यारा सा लम्बा और मोटा भी था. मैं समझी की शायद अब मेरे भैय्या मुझे नीचे वाली का भी मज़ा देंगे. पर भैय्या ने लंड को हाथ से पकड़ कुछ देर सहलाया फिर उसको मेरी चूचियों पर रगड़ने लगे. गरम लंड चूचियों को मस्त कर रहा था. कुछ देर रगड़ने के बाद लंड को चूचियों के बीच रखा और दोनों चूचियों को पकड़ मेरी चूचियों को ही चोदने लगे. मैं मस्ती से भरी भैय्या के लंड को चूचियों पर रगड़वाती चुप रहकर मज़ा लेती रही. 5-6 मिनट तक इसी तरह चूचियों को चोदने के बाद एकदम से भैय्या अलग हुवे. पर अलग होते होते भी उनका लंड मेरी चूचियों पर ही झड़ने लगा था. लंड की मलाई मेरी चूचियों पर ही गिरने लगी तो भैय्या लंड को चूचियों पर ही दबा झड़ने लगे. जब लंड का गरम पानी चूचियों पर गिरा तो मेरी चूत ने भी सुर्र से पानी छोड़ दिया. कुछ देर बाद जब लंड का सारा पानी झड़ गया तो भैय्या अलग हुवे और अपना लोअर पहना. फिर मेरे दुपट्टे से मेरी चूचियों को साफ़ किया और मेरे बटन बंद कर चले गए. मैं भी झड़ गयी थी इसलिए कुछ आराम मिला और कुछ देर बाद नींद भी आ गयी.

कहानी जारी रहेगी… इस कहानी का अगला भाग जल्दी ही आएगा..

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