माँ की चूत की गर्मी भाग-1

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Maa Beta Sex Story chudai kahani:- हेलो दोस्तों मै दिल्ली का रहने वाला हूँ। और आज मै आपको एक ऐसी कामुक मेरी सेक्स स्टोरी सुनाने जा रहा हूँ जिसको पढ़के आपके लंड और चूत मे कुलबुली मच जाएगी। दोस्तों ये मेरी सच्ची कहानी है तो मै आपको सबसे पहले अपने परिवार के मेम्बर के बारे मे बता दूँ। मेरे घर में टोटल 4 मेंबर है.. पिताजी – सुनील शर्मा उम्र 48, माँ नमिता शर्मा उम्र 38, बहन- शीला शर्मा उम्र 20, राज यानि मै उम्र 18 साल। तो कहानी कुछ यूं शुरू होती है।

Maa Beta chudai sex story hindi

जल्दी उठो कॉलेज नहीं जाना है क्या… माँ सुबह-सुबह, 6 बजे को मुझे उठाने आ गई…उस समय वो नहाके आई थी और उनके बाल भीगे हुए थे और एक पिंक कलर की नाइटी पहनी हुई थी…मै अपनी माँ के बारे में बता दू कि वो बहुत धार्मिक और भगवान में मानने वाली औरत है। उनको देख कर लगता है की वो 38 की नहीं बल्कि 30 साल की है उनका फिगर बता दूँ इससे आप समझ सकते है, उनका फ़िगर 38D-30-40। माँ की हाइट अच्छी होने से वो मोटी नहीं दिखती है। उनका शरीर पूरी तरह से सुडौल है बस उनकी गांड थोड़ी उभरी हुई है। मै सीधा उठके बाथरूम चला गया। जब मै वापस आया तो पापा ऑफिस जाने के किये तैयार हो रहे थे। पापा एक मल्टीनॅशनल कंपनी में सेल्स एक्सक्यूटिव है और ज्यादातर बाहर रहते है. अब मै सीधा किचन में चला गया, वहाँ माँ ब्रेकफास्ट बना रही थी.

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मै- गुड मॉर्निंग माँ?

माँ- गुड मॉर्निंग बेटा!

मै- माँ चाय हो गई क्या ?

माँ- हाँ बेटा पहले तू शीला को उठा दे! मुझे यहाँ बहुत काम है..

मै- क्या!! अभी तक वो उठी नहीं और तुमने मुझे इतनी जल्दी उठा दिया?

माँ- अरे तू तो जानता है ना एक नंबर की आलसी लड़की है! जा बेटा उसे उठा के ला, देख तुम दोनों को कॉलेज जाने में देर हो जाएगी..

मेरी दीदी मुझसे दो साल बड़ी है और हम दोनों एक ही कॉलेज में पढ़ते है। वो बचपन से ही दीदी घर में पापा की लाड़ली है और उसकी हर डिमांड पूरी की जाती है…उसे किसी चीज़ की कमी नहीं है. अब मै माँ के कहने पर दीदी को बुलाने के लिए उसके रूम की ओर चल पड़ा। जैसे मै वहाँ पहुंचा पहले डोर को नोक किया, पर मुझे अंदर से उसका कोई जवाब नहीं आया और मै ये जानता था क्यूंकि वो तो हमेशा घोड़े बेच कर सोती है। इसलिए मैंने डोर थोड़ा धक्का मारकर खोल दिया…और उसके रूम में आ गया…और मैं जैसे ही अंदर आया मेरे तो होश ही उड़ गए, मुझे एक जबरदस्त झटका सा लगा। दीदी अपने पेट के बल लेटी हुई थी और उसने एक छोटी सी पिंक कलर की नाइटी पहनी थी, पर वो इतनी छोटी थी कि मुश्किल से उसके कूल्हों को ढक पा रही थी और वो उसके कूल्हों की दरार में धंसि हुई थी…दीदी के चूतड़ एक दम गोल और गोरे थे और उस पिंक कलर की नाइटी में बहुत सुन्दर लग रहे थे। ये देखकर मेरे दिल की धड़कन बढ़ गई और सांसे तेज़ चलने लगी और ये नज़ारा मुझे बहुत सुन्दर लग रहा था। और मेरे दिमाग ने काम करना छोड़ दिया था और ये भूल गया कि दीदी को उठाना है तभी अचानक से 7 बजे का अलार्म बज उठा और मै जैसे होश में आ गया। तभी देखा कि दीदी की आँख खुल गई और जसे ही वो अलार्म बंद करने के लिए पलटी उनके सामने मै खड़ा था.. दीदी अभी भी नींद की खुमारी में थी… Maa Beta Sex Story chudai kahani

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दीदी- तू यहाँ क्या कर रहा है?

मै- मै वो.. दी..दी…मै (मेरे मुंह से तो आवाज़ ही नहीं निकल रही थी जैसे जुबान पेट में चली गई हो)

दीदी- क्या मै मै?

मै- वो माँ ने आपको उठाने के लिए कहा था.. इसलिए मै….

दीदी- ओके …?

और दीदी सीधे अपने बिस्तर से उठ गई अभी भी उनकी आंखे आधी बंद थी, दीदी ने उठते ही एक अंगड़ाई ली और अपने हाथो को ऊपर किया। ऐसा करने से दीदी बहुत ही हॉट लग रही थी उनके बूब्स अब बिलकुल मेरे सामने थे और स्लीवलेस नाइटी से उनके स्लिम बाहें बहुत खूबसूरत थी। मेरी दीदी का फिगर पूरी तरह शेप में था उनके बूब्स ज्यादा बड़े तो नहीं पर 34 के थे और कमर और चूतड़ कुछ बड़े थे लगभग 38 के। दीदी अंगड़ाई लेते वक़्त किसी हॉट मॉडल की तरह लग रही थी। आज पहली बार मैंने दीदी को इस नज़र से देखा था, और दीदी सीधे रूम से बाहर चली गई। ये सब हादसा होने के बाद मैंने देखा के मेरे पैंट में तम्बू बना हुआ था…और दिमाग में एक हलचल पैदा हो गई थी। इसके बाद मै भी बाहर आ गया… दीदी नहाने चली गई और उसके बाद मैं भी नहा लिया… अब हम दोनों कॉलेज जाने के लिए तैयार थे। मैंने व्हाइट टी शर्ट जीन्स पहनी थी और दीदी ने क्रीम कलर की स्लीवलेस टी शर्ट पहनी और उस टी शर्ट में दीदी के बूब्स साफ दिख रहे थे। मेरी दीदी काफी स्टाइलिश थी और हर नए स्टाइल के कपडे पहनती थी…

दीदी- अच्छा माँ मै चलती हूँ!

माँ- अरे रुको दूध तो पीती जाओ..

मै- मन में, वो क्या दूध पीयेगी उसके पास तो खुद दूध की फैक्ट्री है)…

मै – ओके!! माँ मै भी चलता हूँ…

माँ अरे तू तो दूध पी कर जा।

मै- रहने दो माँ मुझे दूध पसंद नहीं है.

माँ – नहीं तुझे तो पीना ही पड़ेगा…

मै- ठीक है लाओ …

और मेरी माँ ने मुझे दूध देने के लिए हाथ मेरी ओर बढ़ाया। ऐसा करने से उनके कंधे पर से उनका पल्लू गिर गया जिससे उनके बूब्स की साइड मेरी आँखों के सामने आ गये। ये देखकर मुझे 440 वॉल्ट का झटका लगा, क्यूंकि माँ के 60% बूब्स ब्लाउज के बाहर झांक रहे थे…मेरी दोनों आंखे उनके बूब्स पे थी। तभी माँ ने साइड होके पल्लू को ठीक किया पर उनके लिए ये कोई बड़ी बात नहीं थी क्यूंकि वो मुझे अब भी बच्चा समझती थी…पर उसे क्या पता था के बच्चा जवानी की दहलीज़ पर कदम रख चुका है… दूध पीने के बाद मैं माँ को बाय कहकर सीधा कॉलेज चला गया… कॉलेज जाने के बाद भी मेरे दिमाग में सुबह की घटनाये याद आ रही थी। पहले मेरी दीदी और फिर माँ! मुझे ये रोमांचित भी कर रहा था और किसी कोने में गिलटी भी फील करा रहा था, के कैसे मै अपनी माँ- बहन के बारे में सोच रहा हूँ…. Maa Beta Sex Story chudai kahani

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हाय!!!…..राज…..!!

मैंने मुड़कर देखा तो मेरा दोस्त अमित था, हम दोनों एक ही क्लास में थे।

मै- हाय..अमित- साले बहुत देर कर दी तूने कब का वेट कर रहा था तेरा चल लेक्चर चालू होने वाला है..

मै- अरे नहीं यार चल कैंटीन में बैठते हे दूसरा लैक्चर लेंगे..

अमित- अबे पागल है क्या!! कामिनी मेम का लेक्चर है.?

( कामिनी मैडम कॉलेज की सबसे हॉट मैडम थी जिसका लेक्चर कोई मिस नहीं करता..)

मै- ओके चल… क्लास में सभी बैठे होते है कि तभी कामिनी मैडम अंदर आती है. सब मैडम को गुड मॉर्निंग बोलते है।

कामिनी मेम- गुड मॉर्निंग क्लास….

कामिनी मैडम सच में बहुत सेक्सी थी उनके बाल खुले हुए थे और उन्होंने ग्रीन कलर का स्लीवलेस ब्लाउज पहना था और साड़ी इतनी नीचे पहनी थी कि उनकी नाभि साफ नज़र आ रही थी। उनकी कमर का शेप तो किसी मछली की तरह था और उनकी सबसे कातिलाना अदा थी चश्मे को नीचे करके स्टूडेंट को देखना। ऐसा लगता था के वो आपको कामसूत्र का कोई पाठ पढ़ा रही हो…और वो अपने हाथ में हमेशा एक छड़ी रखती पर कभी किसी को मारा नहीं था..? मैडम ने पढ़ाना शुरू कर दिया और सब ध्यान से देख रहे थे पर कोई सुन नहीं रहा था ….. सब मैडम की भरी हुई जवानी को खा जाने की नज़र से देख रहे थे….

अमित- देख ना यार क्या पटाखा लगती है इसकी गांड तो देख कैसे मटकती है ये गांड तो एक सात 4-5 लोडे निगल जाएगी…..जी करता है अपना लोड़ा इसकी गांड में घुसा दू और कभी ना निकालूँ….

मै- छि:….क्या बोलता है यार अपनी मैडम है……

अमित- क्यों? मैडम की चूत और गांड नहीं है क्या??

मै- है पर हमें उनके बारे में ऐसा नहीं सोचना चाहिए….

अमित- अबे छोड़ न…. तू इसे जानता नहीं एक नंबर की रंडी है अपने कॉलेज की समझा….

मै- मतलब?

अमित- अबे चोदूँ…इसे यहाँ आए हुए 6 महीने हुए है और इसे तुरंत परमानेंट कर दिया….और यहाँ कई टीचर है जो सालो से सड़ रहे है पर अभी तक टेम्पोररी है। …..तुझे पता है के ये रांड अपने कॉलेज के प्रिंसिपल और कई चांसलर से लेकर ऑफिसर तक से गांड मरवाके यहाँ तक पहुंची है समझा! अरे इसकी बड़ी गांड से ही पता चलता है के बहुत लोगो ने अपना लोड़ा घुसाया होगा…. साली एक बार मिल जाये तो रात भर चोदूँ साली को।

मै- हाँ वो तो है…..

अमित- हाँ…आ गया न लोडे अपने लाइन पर….और तुझे बताऊ जो मज़ा आंटियों में आता है वो लड़कियों में नहीं आता….उनकी बड़ी गांड…..बड़े बड़े बूब्स…गदराया हुआ जिस्म…..आअअअअ…..क्या बताऊ…..यार….और तुझे पता है ऐसी औरतो में सेक्स की भूख बहुत ज्यादा होती है…. मतलब समझले की वो एक बारूद का गोला है अगर थोड़ी सी आग लगाई तो सीधा ब्लास्ट हो जाता है…..और इन्हे तो रोज़ चोदना जरुरी है नहीं तो इधर उधर मुंह मारती है ब्लडी बिच। …..इस रांड को ही देख ना पति से डिवोर्स हो गया है और अपनी भूख मिटाने के लिए रोज़ एक नया लोड़ा लेती है…. Maa Beta Sex Story chudai kahani

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( तभी बेल बजती है…..और पीरियड खत्म हो जाता है.)

मै- चल अब चलते है….

अमित- नहीं यार तू जा साला इसको देख के मुझे अब बाथरूम जाना पड़ेगा….

मै- क्यू टॉयलेट लगी है??

अमित- अबे गधे टॉयलेट नहीं मैडम के नाम से मुठ मारनी है…

मै- यार तू सच में बहुत घटिया है…

अमित- हाँ…थैंक्स फॉर थे कॉम्प्लिमेंट….यस आई ऍम..

मै घर पहुंचता हूँ और सीधा अपने कमरे में आ जाता हूँ….और पूरा दिन अमित की बातें ना चाहते हुए भी दिमाग मेरे में चलती है ……यही सोचते सोचते मेरी आँख लग जाती है। राज….राज…. आंख खोली तो देखा माँ थी ….

मै – क्या है?

माँ – उठ जा बेटा शाम हो गई है…

और मै पूरी आंख खोलता हूँ तो देखा कि माँ के बूब्स मेरी आँखों के सामने झूल रहे थे… माँ के लाल कलर का ब्लाउज में उनके गोरे बूब्स का जबरदस्त क्लीवेज दिख रहा था। …पहले ही अमित ने मुझे इतना गरम कर दिया था, मैडम के बारे मे बातें कर करके और अब मै अपनी माँ के बड़े बड़े बूब्स देख रहा, जो मुझे ना चाहते हुए भी अच्छे लग रहे थे…पर मेरी माँ को ये पता ही नहीं था ….

माँ- बेटा…अब उठेगा या नहीं…?

मै – हाँ… माँ तुम जाओ मै आता हूँ ….

और मै वहाँ से उठने लगा तभी मैंने देखा कि मेरा लंड तो सलामी दे रहा था….क्या…ये माँ को देखकर खड़ा हुआ था???छी….मुझे बहुत गंदा लगा के मैंने अपनी माँ के बूब्स देखे….और मेरा खड़ा भी हो गया….

तभी..अरे आ रहे हो खाना लग गया है ….माँ ने बोला….

मैंने दीवार पे टंगी घड़ी मे देखा के रात के 8 बज चुके थे….यानि मै 2 बजे से लेकर 8 बजे तक सोया था…

माँ- आजा बेटा बैठ जा…और तबियत तो ठीक है ना???

मै- हाँ माँ वो थोड़ा सर दर्द कर रहा था…

माँ- कहो तो मै दबा दूँ। ….

तभी दीदी बोल पड़ी….हाँ राजकुमार है इसकी तो सेवा होनी ही चाहिए…. मैंने पीछे मुड़ के देखा तो दीदी आ रही थी… मैंने कुछ नहीं बोला…..

मै- माँ पिताजी नहीं आये??

माँ- अरे! तू तो जानता है ना उनका टाइम फिक्स नहीं है.. कोई मिल गया होगा पिलाने वाला तो रुक गए होंगे वही…

पापा को शराब की लत थी और इसी कारण माँ परेशान रहती थी…

दीदी-हाँ तो क्या हुआ पापा पीते है तो सभी लोग पीते है…

दीदी हमेशा पिताजी की साइट लेती थी क्यूकी वो पिताजी की लाड़ली जो ठहरी…पिताजी उसकी हर ख्वाइश पूरी करते थे…

माँ- चलो छोडो…अच्छा बेटा आज इतने देर तक सोये रहे कोई प्रॉब्लम है क्या???

तभी दीदी बोल पड़ी” लगता हे ये भी पी के आया होगा…इसलिए उठा नहीं गया होगा.. है ना…..

मै- शट अप….

दीदी- ओए!! मच्छर शट अप. वट अप…मत बोलना समझा….नहीं तो एक दूंगी…

दीदी मुझसे बड़ी थी इसलिए वो हमेशा मुझ पे अपना रोब दिखाती…और एक कारण था के दीदी को बहुत ज्यादा गुस्सा आता था जो घर में सब जानते थे इसलिए कोई उसकी बातो पर रियेक्ट नहीं करता था ….एक तरह से शार्ट टेम्परड़ थी…. Maa Beta Sex Story chudai kahani

माँ- क्यू परेशान कर रही हे उसे… अच्छा बेटा कॉलेज में कुछ हुआ क्या????

दीदी- हाँ..बताओ बेटा क्या आज भी रोज की तरह पैंट में सुसु कर दिया हाहाहाहा!!

अब मुझे बहुत तेज गुस्सा आ गया था…

मै जोर से बोल उठा…” यू बिच ….शट अप…..”

तभी देखा के दीदी हस्ती हस्ती रुक गई…

दीदी- क्या बोला तूने????

शिट!! अरे यार मेरे मुंह से ये क्या निकल गया …मैंने कोई जवाब नहीं दिया….और खाना खाने लगा…

दीदी ने मुझसे दूसरी बार पूछा तूने मुझे बिच कहा न..

मै- ओह्ह….दी….दी….गलती हो गयी……

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और दीदी ने आव देखा न ताव सारा खाना उठाके फेक दिया….और मुझे एक जोरदार तमाचा मारा….दीदी की पांचो उंगलिया मेरे गाल पे छप गई….जी हां.. असल में मेरी दीदी कॉलेज में कबड्डी टीम की कप्तान है और वो मुझसे भी ज्यादा स्ट्रांग…है…

माँ- जाने दे बेटी गलती से बोल दिया….

दीदी- गलती से…इसने मुझे कुतिया कहा है….यानि मेरी माँ भी कुतिया हे और मेरा बाप भी कुत्ता हुआ तो तू क्या हे कमीने…कुत्ते की औलाद…..साले….कुत्ते मुझे कुतिया बोलता है मेरी माँ भी कुत्ती है…न ….हरामज़ादे…..

अब दीदी का चेहरा देखकर मै बुरी तरह डर गया और मै क्या माँ भी डर गई थी….

दीदी– साले… मै तुझे कुत्ती नज़र आती हूँ और तो तुझे तेरी माँ भी कुतिया ही दिखती होगी….…बोल कुत्ते….

माँ (डरते हुए)- जाने दे बेटी इतना ग़ुस्सा मत कर…।

दीदी- माँ!!! तुम बीच में मत आओ….अब बोल तुझे तेरी ये माँ कुत्ती लगती है या औरत लगती है बता……हरामखोर…..बता…….

और दीदी ने मेरे बाल पकड़ के और एक तमाचा और लगा दिया ……मेरी माँ बुरी तरह से कांप रही थी और उससे मिन्नते करने लगी ….पर उसपे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था….

दीदी- बोल तेरी माँ औरत है या कुत्ती है बता…..देखा माँ अभी भी कुछ नहीं बोल रहा है यानि ये मुझे और तुम्हें एक कुतिया समझता है औरत नहीं…साले जिस औरत का तूने दूध पिया लगता है वो भूल गया है…….

मेरी जुबान तो जैसे मेरे पेट में चली गई थी….और मै रोने लगा था….क्यूकी दीदी ने मेरे बाल इतने जोर से पकडे थे ….

दीदी– ओके……आज तुझे दिखाती हूँ कि हम कुतिया है या औरत …माँ!!!!!

माँ डर के मारे कक्क….क्या…..बेटी…

दीदी- माँ इसे दिखाओ कि तुम एक औरत हो… कोई कुत्तिया…नहीं….

माँ- मै समझी नहीं.. दीदी- इस कुत्ते को अपना दूध दिखाओ जो ये बचपन में पीता था और आज भूल गया है….

माँ- क्या बोल रही हो बेटी….. पागल हो गई हो क्या? ?? दिमाग तो सही है तुम्हारा???

दीदी- माँ…जो बोलती हूँ वो करो मै पागल हो जाउंगी….आआ….और दीदी ये बोलके मेरे चेहरे पे थप्पड़ मारना शुरू कर दिया…..और इतने जोर से मार रही थी कि मेरे नाक से खून बहना चालू हो गया…..

माँ- रुको बेटी…..ऐसा मत करो…..(रोते हुए)

दीदी- तो माँ मै जो बोलती हूँ वो करो……

माँ- ठीक है …और माँ ने झिझकते हुए अपना पल्लू हटाके ब्लाउज के दो बटन खोल के एक बूब को बाहर निकाला…..

दीदी- देख कुत्ते… अपनी माँ के दूध और बता ये कुतिया का दूध है या औरत का….बता…मेरी तो आंख भी नहीं खुल पा रही थी।

मैंने मुड़ के देखा तो पाया कि माँ ने अपना एक बूब अपने हाथ में पकड़ा हुआ था…..वो बहुत बड़ा था और उसके ऊपर ब्राउन कलर का निप्पल…..मेरी नज़र उसपे ही टिक गई….थी…. क्यूकी पहली बार मैंने एक नंगा बूब देखा वो भी अपनी माँ का…..

दीदी– क्यू याद आया तुझे बचपन में इसे मुंह लगाके दूध पिता था…. क्या अभी भी तुझे लगता है तेरी माँ एक कुतिया है….

अब दीदी की बाते मुझे पता नहीं पर अच्छी लग रही थी….क्यूकी वो बार 2 माँ को कुतिया और औरत जैसे शब्दों से पुकार रही थी। ऐसे शब्दों के कारण मुझे अजीब सा अहसास हो रहा था…दीदी के लाख गालिया देने के बावजूद मेरे मुंह से कुछ नहीं निकला, जिससे उनका ज्वालामुंखी फूट उठा और सीधे माँ को धक्का दिया और उनके पूरे ब्लाउज को नीचे कर दिया….ओह….माय गॉड…..अब तो माँ के दोनों बूब्स बाहर लटक रहे थे….उनके साइज से लग रहा था के वो 38 से भी बड़े होंगे…..इससे पहले के माँ कुछ बोल पाती दीदी ने मेरे बाल पकड़ के माँ के बूब्स में घुसा दिया…..और अगले ही पल मेरा मुंह माँ के बूब्स पर था….. Maa Beta Sex Story chudai kahani

बेटे ने माँ को चोदा

दीदी- ले कुत्ते इस कुतिया का दूध पी…..ले चाट इसका…..दूध….चाट……

मेरा मुंह और नाक माँ के बूब्स में धसे हुए थे, जिससे मुझे सास लेने में तकलीफ हो रही थी। इसलिए मैंने अपने सर को थोड़ा साइड में किया…..दीदी लगातार मुझे मारे जा रही थी….

माँ – बेटा छोड़ दे इसे अब क्या मार डालेगी….

दीदी- नहीं इसे तो आज मै ऐसा सबक सिखाऊंगी के ज़िंदगी में किसी औरत को गाली नहीं देगा….. अबे कुत्ते मुंह क्या घुमा रहा है चल इस दूध को चाट…

और एक ज़ोरदार मुंक्का मेरी पीठ पे दे मारा…

माँ- बेटा ये जैसा कहती है जल्दी कर डाल ये अब पागल हो गई हे और किसी की नहीं सुनने वाली है…..और वैसे भी मै तेरी माँ हूँ…..

ये सुनने के बाद मैंने बेमन से अपनी जुबान निकल के चाटना सुरु किया…..पर पता नहीं मुझे ये अच्छा लग रहा था …और 5 मिनिट बाद मैंने देखा कि माँ के बूब्स थोड़े सख्त हो रहे है और उनके जो निप्पल थे वो भी पहले से ज्यादा बड़े हो गए थे………और बूब्स चाटते चाटते कब मैंने उन्हें चूसना शुरू कर दिया मुझे पता ही नहीं चला और मैंने ज़ोर ज़ोर से उनके बूब्स चूसना शरू कर दिया….और मै ये भूल गया के मै क्या कर रहा हूँ…थोड़ी देर बाद माँ के भी मुंह से आवाज़े आ रही थी….मुझे लगा के वो दीदी के कारण रो रही है…पर नहीं ये आवाज़ थोड़ी अलग थी….क्यूकी मै जब भी जोर से चूसता तो माँ की सिसकारी बढ़ जाती….. अब माँ के बूब्स मुझे गरम लगने लगे थे…क्या….?? सच में माँ रो रही है या वो गरम हो गई है…हो भी सकता हे वो अभी भी एक जवान औरत है अगर उसका बूब्स कोई चूसेगा वो भी उसका सगा बेटा और ये उसकी बेटी उसे ज़बरदस्ती ये सब करने को बोल रही है तो उसपे क्या बीतेगी??? शायद मैंने माँ की भावनाएं भड़का दी??? ये सब सवाल मेरे दिमाग में चल रहे थे…..और मै लगातार माँ के बूब्स चूसता जा रहा था……साथ ही माँ के जिसम में जो गर्मी बढ़ रही थी में उसे महसूस कर पा रहा था……..अभी भी में माँ क बूब चूसता जा रहा था कि तभी दीदी ने पीछे से मुझे एक जोरदार लात मारी…. और मै सीधा माँ के साथ फर्श पर गिर पड़ा….धड़ाममम…..मैंने पीछे मुड़ के दीदी की तरफ देखा….. Maa Beta Sex Story chudai kahani

दीदी- देखता क्या है कुत्ते….आ…..गाली दे मुझे….दे…..

मै- दीदी….सॉरी…वो गुस्से…में बोल दिया दिया था….

दीदी- गुस्सा….तुझे बहुत गुस्सा… आता है ना…बहुत गर्मी है ना…तेरे खून में….कुत्ते….आज तेरी सारी गर्मी निकालती हूँ….

और ये बोलके दीदी ने मुझे पीटना शुरू कर दिया ….मैने दीदी के पैर पकड़ लिए…

दीदी- पैर क्या पकड़ता है साले ….चल इस कुतिया का दूध पी जो तूने बचपन में पिया था और जवान होते हुए भूल गया….आज तुझे फिर से याद दिलाना पड़ेगा…

और दीदी ने एक थप्पड़ मेरे मुंह पे मार दिया ….और अब मेरा मुंह फिर से माँ के बूब्स में था और मैने उन्हें चूसना शुरू कर दिया… मेरा पूरा शरीर माँ के ऊपर होने से माँ मेरा वजन नहीं संभाल पा रही थी तो उन्होंने वजन कम करने के लिए अपने पैर फैला दिए….और मेरे दोनों पैर माँ की जांघों के बीच आ गए….पर मेरा उसपे कोई ध्यान नहीं था….क्यूकी मुझे पता था के मेरा वजन कम करने के लिए उन्होने ऐसा किया था…..मैंने चूसना जारी रखा.. मैंने देखा के …मेरे लगातार चूसने से माँ के बूब्स लाल हो गए थे और निप्पल पूरे तने हुए थे….मुझे वो बहुत प्यारे लग रहे थे….अब मै माँ के बूब दीदी के कहने से नहीं बल्कि अपनी मर्ज़ी से चूसने लगा था…..और मुझे वही गर्मी महसूस होने लगी जो पहले हुई थी…शायद माँ फिर से गरम हो रही थी….अब तो मेरा पूरा शरीर माँ के ऊपर था…इसी बीच मुझे ध्यान आया के माँ के पैर तो पूरी तरह फैले हुए है और मेरी कमर उनके बीच में है……..मै तो ऐसे पोजिसन में था जैसे मै माँ को चोद रहा हूँ….यही मै सोच रहा था के तभी मुझे माँ की जांघों के बीच से गर्मी का एहसास होने लगा था….मेरी धड़कने भी अब बढ्ने लगी थी और साँसे भी तेज हो गई थी….क्यूकी उनकी जांघों के बीच से आनेवाली गर्मी ने मेरे बरमूडा में हलचल मचा दी थी….. मुझे ये डर लग रहा था के कही मेरा हथियार खड़ा ना हो जाये….इसलिए मैंने उसपर अब तक कण्ट्रोल रखा हुआ था…..पर ये ज्यादा समय मुमकिन नहीं था। Maa Beta Sex Story chudai kahani

माँ की भी साँसे तेज़ हो गई थी …..और उनके हाथ अब मेरे सर के ऊपर थे…..यानि माँ पर भी ये खुमारी चढ़ गई थी….माँ ने अब अपनी जांघें और चौड़ी कर दी…..और इसके बाद जो हुआ वो मैंने सोचा भी नहीं था…मेरे सोये हुए लंड का मुंह सीधा माँ की गरमा गरम चूत के ऊपर टिक गया…..ओह……..ये…..क्या…..माँ की चूत तो पूरी तरह से तप रही थी…..तप क्या वो तो जल रही थी…..क्या….????? यानि माँ कब की गरम थी ……..अब मेरे लंड पे जो गर्मी लगने लगी उसे खड़ा होने में शायद कुछ सेकंड ही लगे होंगे….अब मेरा लंड अपने पुरे जोर पे था….मुझे अब मज़ा और डर दोनों लगने लगा था ….डर इस बात का था के माँ को अब तक मेरे खड़े हुए लंड के बारे में पता चल चुका होगा….पर ये भी सोच रहा था के माँ तो खुद गरम है तो शायद उन्हें भी अच्छा लग रहा होगा… मेरा लंड अब माँ की चूत पर ठोकरे मार रहा था…और हर ठोकर के साथ माँ के मुँह से एक सिसकारी निकल रही थी….. अब मै भी बहुत गरम हो गया था और अपने आप पर काबू रखना मुश्किल हो रहा था…..मै ऊपर से ही अपनी कमर पर जोर लगाके अब माँ की चूत के ऊपर अपना लंड रगड़ रहा था….और अब माँ भी मेरा साथ देने लगी थी शायद…..क्यूकी माँ ने भी अपने कूल्हों को दो तीन बार उछाला था….यानि माँ को भी मज़ा आ रहा होगा…..

ऐसा लग रहा था कि मै और माँ नंगे पड़े हुए है और मै माँ को जोर – जोर से चोद रहा हूँ…. माँ और मेरा ध्यान दीदी से हट गया था …..अब हम एक दूसरे में खोये हुए थे….अब कण्ट्रोल नहीं हो रहा था मुझसे और मैंने एक जोरदार धक्का मारा…..तभी माँ की चीख निकल पड़ी……

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आअअअअअअ……आआ…हहहह…

दीदी- माँ तुम रो रही हो इस कुत्ते के लिए….

पर दीदी को क्या पता था ककि वो चीख क्यू निकल थी…हम माँ- बेटे पूरी तरह से पसीने में भीग गए थे…अब मुझे लग रहा था के मै झड़ जाऊंगा….अगर आप अपनी माँ के बूब्स चूसते जा रहे हो और लंड माँ की चूत में जाने के लिए मरे जा रहा हो और आपकी गरम माँ आपके नीचे सोइ हुई हो …तो शायद किसी का भी पानी निकल जाये…..तभी अचानक से लाइट चली गई…..और पुरे कमरे में अँधेरा हो गया…..

दीदी- उफ़्फ़……ये लाइट ……को भी अभी जाना था……और तू ये मत सोचना के लाइट गई तो तू बच गया कमीने…

ये बोलकर दीदी ने एक मुक्का मुझे मारा…पर वो मुक्का मुझे लगकर मेरा झटका माँ को लगा …और उनके मुंह से आह निकली….शायद उनके पेट पर वो झटका लगा होगा….तो दर्द के मारे उन्होंने अपने घुटने मोड़ दिए….जैसे ही उन्होंने घुटने मोड़े उनका लहंगा सीधा कमर तक आ गया…..अँधेरे में मैं कुछ नहीं देख पा रहा था पर इतना जरूर दिखा के माँ का लहंगा उनकी कमर के ऊपर आ गया है…….यानि ……माँ…..अब सिर्फ मेरे नीचे एक पैंटी में थी ……मै अब उठने जा रहा था के तभी दीदी ने एक और मुक्का मारा……

दीदी- उठता कहा है कुत्ते…..लाइट गयी तो क्या हुआ तुझे आज नहीं छोड़ने वाली…

तभी दीदी ने एक और मुक्का मारा। लेकिन ये मुक्का मेरी गांड पे मारा और मेरी गांड साइड से नीचे गई ……जहा माँ अभी भी अपनी टाँगे चौड़ी करके पड़ी थी….और मेरा लंड साइड मे से माँ की चूत पर टकराया। Maa Beta Sex Story chudai kahani

आआआआआआ………..हहहहहहहह…………

माँ के मुँह से चीख निकली…….ओह….माय…….गॉड………क्या………माँ ने तो पैंटी ही नहीं पहनी है ………….. यानि माँ अब नीचे से भी पूरी तरह नंगी है…….क्यूकी मेरे बरमूडा का कपडा बहुत पतला था …….और लंड खड़ा होने के कारण कपडे के साथ साथ लंड 1 इंच तक अंदर चला गया था……मेरे लंड पर गरम पानी महसूस हो रहा था…..यानि माँ की चूत पानी छोड़ने लगी थी…..अब ना माँ के मुंह से कुछ आवाज़ आ रही थी ना ही मेरे मुंह से। मेरे लंड का सुपाड़ा अभी भी माँ की चूत में धसा हुआ था……माँ के दिल की धड़कन बढ़ गई थी ….मै उसे साफ तौर पे सुन सकता था…….तभी दीदी को पता नहीं क्या झटका सा लगा और उन्होंने मुझे लगातार मुक्के मारना चालू कर दिया……..

आआआआआ………….हहहह……ओओओओओ………. आआआआआ………..हहहहहह…हहह….

ये चीखें मेरी नहीं बल्कि माँ की निकलने लगी थी क्यूकी दीदी के हर मुक्के से मेरा लंड माँ की चूत के अंदर जा रहा था वो भी कपडे के साथ…… ओहह………..कितनी गरम थी माँ की चूत ….मेरा आधा लंड माँ के चूत के अंदर जा चुका था…..और माँ की चूत की गर्मी मुझे पागल बना रही थी अब मै पागलो की तरह माँ के बूब्स को चूसना शुरू कर और दांतो से उन्हें काटने लगा……माँ भी पुरे जोश में आ गयी थी क्यूकी उनके हाथ अब मेरे कूल्हों को दबा रहे थे यानि वो खुद चाह रही थी की मै अपना लंड और अंदर तक घुसाऊँ…..मैंने भी पुरे जोर से अपने कमर को हिलाना चालू कर दिया….और लगातार धक्के मारे जा रहा था। मै इतने जोश में आ गया था के मै भूल गया था के मै क्या कर रहा हूँ…..मुझे माँ की दबी दबी सी आवाज़े आ रही थी…..मेरे शरीर से सारा दर्द गायब हो गया था। अब मुझपर एक नशा सा छाने लगा था….मै अँधेरे मे माँ का चेहरा देख सकता था…माँ के चेहरे की तरफ देखा तो हैरान रह गया …..माँ का पूरा चेहरा लाल हो गया था उनकी आँखें लगभग बंद थी……और मुंह खुला था जिससे मुझे उनकी दबी दबी आवाज़े आ रही थी………वो मुझे बहुत कामुक और उत्तेजक लग रहा था…. .

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तभी दीदी ने मेरे बाल पकड़ लिए…और पीछे खींच लिया…..और अगले ही पल मेरा लंड जो कपडे के साथ माँ की चूत में फंसा हुआ था वो बाहर निकल गया…और मै माँ की जांघों के बीच घुटनो के बीच बैठा हुआ था…….मैंने ध्यान से देखा तो मेरे बरमूडा में एक बड़ा सा तब्बू बना हुआ था …..पर उसके नीचे अँधेरा होने के कारण मै माँ की चूत को नहीं देख पा रहा था……दीदी मुझे मेरे सर के बल पकडकर मुझे लगातार गालियां दिए जा रही थी….पर मै यही दुआ कर रहा था कि उनकी नज़र मेरे बरमूडा पे ना जाये नहीं तो शायद वो मेरा लंड ही मरोड़ देती….लेकिन इतने अँधेरे में देख पाना मुश्किल था। मै तो माँ को भी नहीं देख पा रहा था….तभी दीदी ने मेरे बाल छोड़ दिए…..मै अँधेरे में दीदी को भी नहीं देख पा रहा तथा कि वो कहा है…..और तभी किसी ने मेरा बरमूडा खींच लिया…… Maa Beta Sex Story chudai kahani

किसने खींचा और क्यूँ?

ये सोचने से पहले ही दीदी ने मुझे एक जोरदार लात दे मारी……और मै सीधा माँ के ऊपर गिरा……और मेरा खड़ा लंड फुल स्पीड में माँ की चूत मे पूरा का पूरा घुस गया….इसके साथ ही माँ के मुंह से एक जोरदार चीख निकली….

आआआआआ…………हहहहहहह मर गईईईईईईईई…………

क्यूंकी इस बार उनकी चूत मे आधा नहीं पूरा लंड घुस गया था……..जैसे ही मेरा लंड जड़ तक माँ की चूत में घुसा, मेरा लंड चूत के पानी से पूरी तरह भर गया था और चूत एक भट्टी की तरह जल रही थी……अब मेरा भी सबर टूट गया था और बिना किसी धक्के के साथ ही मै अंदर झड़ने लगा….अअअअअ….हहहह…..ओह….ओह……आहहहह….मै करीब एक मिनट तक झड़ता रहा और झड़ते ही माँ के ऊपर निढाल हो गया…..5 मिनट तक कमरे में कोई आवाज़ नहीं हो रही थी। केवल मेरी और माँ की साँसों के अलावा….मेरा लंड अभी भी माँ की चूत के अंदर ही पड़ा हुआ था…शायद दीदी भी कमरे से जा चुकी थी….हो सकता है माँ के चीखने से वो डर गई हो…पर सवाल ये था के मेरा बरमूडा खींचा किसने था??? दीदी ने या माँ ने???

हम माँ- बेटे उसी खुमारी में पड़े रहते है …पूरे घर में एक सन्नाटा सा फैला होता है….कही से कोई आवाज़ नहीं आती…मै इस तरह पड़ा हुआ था जैसे मेरे शरीर में कोई जान बाकि नहीं है…..तभी एक आहट होती है…..आह्ह्ह्ह……ये माँ थी…..उसने मुझे एक हल्का सा धक्का दिया और मै लुढ़क के फर्श पर आ गया…..तभी मैंने आँख खोली तो देखा माँ रूम से बाहर जा रही थी …..अँधेरे में सिर्फ माँ का बॉडी शेप देख पाया…. माँ अपने कूल्हों पे सारी लपेट के जा रही थी…..तभी….टन….टन…..टन………टनननं…..खड़ी में रात के दस बज गए थे ….मुझे लगा पापा के आने का समय हो गया। मै भी अपने रूम की ओर चला गया…..और जाते ही बेड पे सो गया……

इसके आगे की स्टोरी अगले भाग मे! अगर स्टोरी पसंद आई हो तो कमेंट करके ज़रूर बताना।

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