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Maa bete ki mast chudai: हेलो दोस्तों ये कहानी जो मै आपको सुनाने जा रहा हूँ ये कहानी बहुत ही मादक और सेक्सी होने वाली है इसलिए अपने अपने हथियार अपने हाथों मे थाम लो क्यूंकी इस कहानी को पढ़कर बिना हिलाये आप रह नहीं पाएंगे। तो चलिये अप आप लोगो का ज्यादा टाइम वेस्ट ना करते हुए सीधे अपनी स्टोरी पर आता हूँ। इस कहानी के 3 मुख्य पात्र है तीनो मेरे फॅमिली मेंबर्स है बाकि पात्र भी स्टोरी में होंगे लेकिन जब उनकी जरुरत होगी तब वो आते जाएंगे। दोस्तों हमारी फॅमिली एक हाई क्लास फॅमिली है, हम लोग मुंबई के मे रहते है पिछले 30 सालो से. यही पर मेरे मम्मी पापा की शादी हुयी और यही पर मै पैदा हुआ। मेरे पापा रमेश प्रधान, 51 साल के है। पापा मुंबई में एक ऑटोमोबाइल कंपनी ओनर है पापा ने बहुत कम सालो में काफी तरक्की की है इसके चलते अक्सर पापा को बिज़नेस ट्रिप पे विदेश में जाते रहना पड़ता है। पापा क्वालिफिकेशन के लिए ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग से डिग्री कर कर है.
Maa bete ki mast chudai
पापा एक गाँव से बिलोंग करते है लेकिन काफी सालो से मुंबई में है. पापा नेचर से एक बहुत अच्छे इंसान है पापा बहुत हार्ड वर्किंग, लॉयल, केयरिंग और लविंग पर्सन है। उनकी मम्मी और मेरे साथ रिलेशनशिप बहुत नार्मल है हमारी फॅमिली लोकैलिटी में बहुत अच्छी तरह स्थित है। पापा अपनी स्कोडा कार में हमेशा ऑफिस जाते थे, finencialy हम लोग हाई क्लास है इसीलिए हमारे रहने का स्टैण्डर्ड बहुत हाई क्लास है। पापा की हाइट लगभग 5.8 इंच है और पापा का वेट लगभग 73 किलो है ।
मेरी मम्मी संगीता प्रधान(कहानी की हीरोइन) 45 की है और एक हाउस वाइफ है। ओरिजनली मम्मी पुणे से है लेकिन शादी के बाद से मम्मी मुंबई में है। मम्मी होटल मैनेजमेंट पूरा कर चुकी है क्वालिफिकेशन के तौर पर मम्मी को किसी भी कंपनी में आसानी से जॉब लग सकती थी, लेकिन मम्मी ने कभी जॉब करने का सोचा नहीं. मम्मी शादी के बाद से ही सिर्फ घर सँभालने में लगी रही, पापा भी कभी नहीं चाहते थे कि मम्मी जॉब करे, क्युकी पापा नहीं चाहते थे की मम्मी पे कोई घिनौनी नज़रे डाले। मम्मी के लुक्स आज भी जानलेवा है जबकि मम्मी 45 की है .हालांकि मम्मी का वक़्त बीत गया है लेकिन आज भी मम्मी का फिगर जानलेवा है। मम्मी का चेहरा बहुत अट्रैक्टिव है आज भी मम्मी बम शैल है उनके आगे मर्दो के साथ साथ, यंग लड़को का भी पानी छूट जाता है। मम्मी गोरे रंग की है और उनकी आँखे भूरी है, मम्मी के होठ बिलकुल गुलाब की पंखुड़ियों जैसे है। मम्मी के बूब्स बहुत बड़े बड़े और गोल है, मम्मी के ब्रा की साइज 39D है। मम्मी के बड़े बड़े बूब्स पे लाइट ब्राउन निप्पल्स बहुत लाजवाब लगते है, जिससे देखने में मम्मी के बूब्स जन्नत की सैर कराते है।
मम्मी की बढ़ती उम्र के साथ भी मम्मी की कमर लाजवाब है 28 की साइज की मम्मी की पतली कमर के कर्व्स बहुत सेक्सी लगते है। मम्मी के पास सुपर सेक्सी गांड है 39 के साइज की, जब भी मम्मी चलती है तो मम्मी की गांड बहुत मस्त हरकत करती है। मम्मी की गांड की सेक्सी हरकते मर्दो का ध्यान खींचती है, मम्मी की गांड को देखकर मर्दो के मन में बुरे ख्याल आने लगते है। ऊपर से मम्मी के लम्बे बाल उनकी गांड तक आते है। मम्मी 5.5 फीट लंबी है और 57 किलो वेट है। मम्मी एक बला की खूबसूरत औरत है। मम्मी को देखके तो बुड्ढों के लंड में भी आग लग जाती है. मम्मी नेचर से एक घरेलु औरत है। मेरे लिए मम्मी एक लविंग और डेडिकेटेड हाउस वाइफ है। मम्मी का ड्रेसिंग सेंस तो लाजवाब है, मम्मी हाई सोसाइटी के हिसाब से मॉडर्न इंडियन ट्रेडिशनल ड्रेस ही ज्यादातर पहनती है, जैसे की साड़ी, सलवार सूट। मम्मी पापा की लव मैरिज हुयी थी, तब से आज तक मम्मी पापा के सेक्स रिलेशनशिप बेहद अच्छे है।
पापा मम्मी के साथ काफी समय बिताते है, पापा अक्सर मम्मी को घुमाने ले जाते है। मम्मी को पार्टियों में ले जाते है, जिससे पापा का आधा टाइम ऑफिस में और बाकि मम्मी के साथ ही बीतता है। पापा के बहुत से दोस्त मम्मी के दीवाने है और मम्मी को पटाने की कोशिश में रहते है। जब भी मम्मी हमारे मोहल्ले मे निकलती है तो बुड्ढों से लेके जवान लड़के तक मम्मी को घूरते है। कई लड़को ने तो मम्मी को ट्राई किया है, लेकिन मम्मी आज तक किसी के हाथ नहीं आयी ।
तीसरा और सेंट्रल करैक्टर स्टोरी मे हूँ मै, यानि राहुल प्रधान(हीरो)। एकदम यंग एंड हैंडसम बॉय! मै 22 साल का हूँ और मेरी हाइट 6 फ़ीट है। मेरी बॉडी वेल मैनटैन है मेरे मस्त 6 पैक निकले हुए है जिसकी लड़कियां दीवानी है मेरे डोले और चेस्ट भी मस्त है मै अपने पेरेंट्स का एकलौता लड़का हूं जिससे मेरी परवरिश बहुत अच्छे से हुई है। मेरी मेरे मम्मी पापा के साथ बहुत बनती है आईटी इंजीनियरिंग का स्टूडेंट हूँ वैसे लड़कियां मेरे तरफ बहुत अटरेक्ट होती है जिससे मेरी एक प्लेबॉय की इमेज है। कई लड़कियां मेरे नीचे आ चुकी है। उनमे से कुछ लड़कियां तो मेरी सीनियर भी थी। मैंने अपनी किसी भी गर्लफ्रेंड को बिना चुदाई के नहीं छोड़ा है मैंने अपनी किसी भी गर्लफ्रेंड का एक भी छेद नहीं बक्शा है सारे अपने वीर्य से भर दिए। आप लोग देखेंगे इस स्टोरी में कैसे मेरे यानि राहुल के डीसायर्स अपनी मम्मी संगीता के लिए बढ़ते है और वो क्या क्या करता है अपनी मम्मी को पटाने के लिए। कैसे अपने प्लान एक्सक्यूट करता है और आखिर कैसे मेरी यानि राहुल की मम्मी संगीता उससे चुद जाती है और फिर कैसे कैसे वह अपनी मम्मी को अपने फैंटसी के हिसाब से चोदता है।
“आआह आआह प्लीज थोड़ा धीरे करो! वो चीखते चिल्लाते हुए बोल रही थी, लेकिन राहुल पूरे जोश में उसे चोदने में लगा हुआ था राहुल किसी घोड़े की रफ़्तार से उसकी चुदाई किये जा रहा था तभी राहुल के कानो में एक आवाज गूंजी! “राहुल!…राहुल…उठो बेटा…..कॉलेज नहीं जाना क्या? देखो सूरज सर चढ़ रहा है….जल्दी उठो बेटा” राहुल ने हड्बड़ाते हुए अपनी आँखें खोली। राहुल ने देखा उसकी मम्मी उसके सामने खड़ी है राहुल अपनी आँखें पोछते हुए उठा।
राहुल : गुड मॉर्निंग मम्मी!
संगीता – गुड मॉर्निंग बेटा! जल्दी से फ्रेश हो कर नीचे आओ मै तुम्हारे लिए चाय नाश्ता लगाती हूं।
राहुल :जी मम्मी!
संगीता राहुल के रूम से बाहर चली गयी। राहुल अपने बेड से उठ कर बैठा और सोचने लगा राहुल (मन में) साला पता नहीं ये कौनसी खूबसूरत बला है जो रोज मेरे सपने में चुदवाने आती है मुझे साली की चूत की लत लग गयी है जिस दिन ये मेरी ड्रीम गर्ल मेरे हाथ लग जाएगी साली की चूत में लंड डाल दूंगा। राहुल जल्दी से फ्रेश हो कर तैयार हो गया राहुल ने जूनियर इंजीनियरिंग पास कर आईटी इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लिया था और उसके कॉलेज का पहला दिन था। वो नीचे गया तो नीचे उसके पापा रमेश नाश्ता कर रहे थे और उसकी मम्मी संगीता खाना परोस रही थी। जब रमेश और संगीता की नज़र राहुल पर पड़ी तो दोनों के मुंह खुले रह गए क्युकी राहुल के आज ड्रेसिंग सेंस बिलकुल माचो था। राहुल डाइनिंग टेबल पर बैठते हुए बोला.
राहुल :गुड मॉर्निंग पापा!
रमेश :गुड मॉर्निंग बेटा…..वैसे कॉलेज में पढाई ही करना आवारा गिरी नहीं!
राहुल – जी पापा!
संगीता ने राहुल के लिए नाश्ता लगाया और राहुल नाश्ता करने लगा। रमेश का नाश्ता हो चुका था। रमेश, राहुल और संगीता को बाय बोलकर ऑफिस के लिए निकल गया.
संगीता : जल्दी करो बेटा वरना तुम्हारी बस छूट जाएगी.
राहुल :ओह्ह शिट! मै आलरेडी लेट हो गया हूं.
राहुल को कॉलेज बस से जाना था और वो पहले ही दिन लेट हो गया था, इसलिए वो उठा और दौड़ते हुए बस पकड़ने जाने लगा। तभी अचानक रोड पर वो अपनी मम्मी की ही उम्र की एक औरत से टकरा गया। राहुल और वो औरत दोनों रोड पर गिर गए। वो औरत चिढ़ाते हुए बोली-
औरत :तुम अंधे हो क्या? तुमने मेरे सारे कपडे गंदे कर दिए!
राहुल (मन में) ओह्ह वाओ ये तो बहुत ही खूबसूरत माल है तभी राहुल की बस आ गयी और वो चीखते हुए दौड़ा.
राहुल – मेरी बस आ गयी.
औरत : अरे कम से काम माफ़ी तो मांगो!
राहुल :सॉरी मैडम मै थोड़ा जल्दी में हूं!
राहुल ने दौड़ कर अपनी बस पकड़ ली। उसके दोस्त निखिल, उसके लिए बस में सीट पकड़े हुआ था। राहुल जाके निखिल के पास बैठ गया, तभी उसकी नज़र एक लड़की पे गयी, जो सामने वाली सीट पर एक लड़की के साथ थी। राहुल उस लड़की को देखते हुए रात के सपने के बारे सोच रहा था। राहुल(मन में) उफ़्फ़ साली क्या लड़की है! साली कल मेरे सपने में जो मेरे लंड पे खूब उछल रही थी कही ये वही तो नहीं? तभी निखिल की नज़र मुझपे गयी।
निखिल :क्या हुआ राहुल?
राहुल – यार क्या लड़की है!
निखिल – हाँ भाई लेकिन इस बार किसी लड़की की पुढी मत जमा!
राहुल – लड़की की पुढी मत जमा मतलब?
निखिल :किसी आंटी को पटा…..क्योंकी मैच्योर औरतो का बदन मस्त गठीला होता है जिसे मसलने का एक अलग ही मज़ा है।
राहुल :क्या बात कर रहा है लड़की को चोदने में जितना मज़ा आता है उतना क्या किसी आंटी को चोदने में आएगा?
निखिल : हाँ बल्कि उससे भी ज्यादा मज़ा आएगा, लगता है तूने कभी औरतो को ध्यान से देखा नहीं! एक बार ध्यान से औरत को निहार तुझे खुद समझ में आएगा।
इस बीच बस कॉलेज पहुँच गयी। जैसे ही राहुल बस उतरता है चारो तरफ उसे एक से बढ़ कर एक खूबसूरत लड़कियां दिखती है। पिछले कॉलेज की वही पुरानी लड़कियां देख कर राहुल बोर हो गया था और उसके चारो तरफ उसे हरयाली नज़र आ रही थी। राहुल (मन में) ये कॉलेज नहीं बल्कि फूलों का बगीचा लग रहा है जितने चाहिए उतने फूल मै तोड़ सकता हूं यहाँ से! वैसे भी मै पैदाइशी ऐसे बगीचों का माली रहा हूं, ये मुझसे कहाँ बचने वाले है। राहुल और निखिल अपनी क्लास के तरफ चले गए। उनकी नज़र सारे रस्ते लड़कियों पर ही थी। तभी राहुल जानबूझ कर एक लड़की से अपना क्लास पूछता है, जैसे ही वो लड़की बता के जाती है राहुल और निखिल दोनों हस्ते हुए अपने क्लास में चले जाते है। दोनों अपनी सीट पर बैठ जाते है!
राहुल -क्या मस्त मस्त लड़कियां है भाई.
निखिल – स्कूल हो या कॉलेज पहले दिन सभी एक ही काम करते है, लड़के देखते सबसे सुन्दर हसीना कौन है, और लड़कियां देखती है सबसे हैंडसम बंदा कौन है।
राहुल – मतलब मेरा चांस पक्का है, काश वो बस वाली लड़की हमारे ही क्लास में हो।
तभी राहुल की नज़र एक लड़की पे जाती है वो कोई और वही बस वाली लड़की होती है। राहुल गौर से उसकी खूबसूरती देखने लगता है। उसकी खूबसूरत आँखें, उसके होठ, उसके बूब्स, जो मीडियम साइज के थे, सब ध्यान से देखता है। तभी उस लड़की की भी नज़र राहुल पर जाती है और फिर वो भी राहुल को भाव देते हुए तिरछी नज़रो से देखने लगती है। तभी सर क्लास में आते है और क्लास स्टार्ट हो जाती है। पूरी क्लास राहुल उसी लड़की से अँखियाँ मिलाता रहता है। सर सबसे एक क्वेश्चन पूछते है जिसका आंसर कोई नहीं दे पाता। लेकिन उसका आंसर राहुल देता है जिससे वो लड़की राहुल को देख कर मुस्कुराती है राहुल समझ जाता है वो लड़की उससे इम्प्रेस हो गयी है। तभी क्लास ख़तम हुई और एक लेडी टीचर क्लास में आयी, राहुल टीचर को देख के शॉक हो गया, राहुल अपना चेहरा छुपाते हुए.
राहुल : ओह शिट!
निखिल :क्या हुआ राहुल?
राहुल :ये वही औरत है जिसे मै सुबह टकराया था।
टीचर: सॉरी स्टूडेंट्स मै आज अपने पहले ही दिन लेट हो गयी, लेकिन मुझे वापस अपने घर कपडे बदलने जाना पड़ा, एक बतमीज़ लड़के की वजह से!
निखिल टीचर को घूर रहा था और राहुल अपना चेहरा छुपाये हुए बैठा था।
निखिल :वाओ क्या हॉट माल है मैम! साली के बड़े बड़े बूब्स को सारा दिन देखता रह सकता हूं।
राहुल :बस इसको मेरा चेहरा याद ना हो।
राहुल ने पूरा क्लास अपना चेहरा छुपाते हुए निकाला और निखिल ने पूरा क्लास टीचर को घूरते हुए निकाला। राहुल और निखिल दोनों कैंटीन में बैठे थे!
निखिल – यार हमारी टीचर मस्त पटाखा है, साली हाथ लग जाये तो खूब चोदूँगा साली को।
राहुल :मैंने तो उसे ठीक से देखा ही नहीं, मै अपना चेहरा छुपाये हुआ था.
निखिल :छोड़ यार सुबह वाली बात, हमारी कॉलेज की टीचर्स को देख कितनी हरी भरी है।
राहुल ने अपनी नज़र ऊपर उठा के देखा तो उनके कॉलेज की टीचर का एक ग्रुप सामने खड़ा था, जिसमे हमारी नयी टीचर भी खड़ी थी, जिसकी पीठ हमारे तरफ थी। निखिल हमारी नयी टीचर की गांड को घूर रहा था.
निखिल :वह क्या गांड है साली की!
मै :साले वो तेरे माँ की उम्र की है!
निखिल :अबे साले, लेकिन औरत तो है न! फिर चाहे वो माँ ही क्यों न हो.
मै :साले तू क्या बोल रहा है जानता है?
निखिल :मुझे बता अगर माँ की चूत में बेटे का लंड गया तो क्या माँ प्रेग्नेंट नहीं हो सकती? क्या जब भगवान ने कोई फर्क नहीं किया है औरत और मर्द में, तो हम इंसान कौन है.
राहुल निखिल की बातें सुन कर कन्फ्यूज्ड था। राहुल समझ नहीं पा रहा था की क्या सही है और क्या गलत है?
राहुल – निखिल मुझे घर निकलना चाहिए, बहुत देर हो गयी।
निखिल – ठीक है मै थोड़ी हमारी टीचर के साथ जान पहचान बढ़ा के आता हूं।
राहुल निखिल के पास से निकला और अपने कॉलेज की बस से घर के लिए निकल गया, राहुल बस में बैठ कर घर जा रहा था उसके दिमाग में निखिल की ही उट पटांग बातें चल रही थी, तभी उसकी नज़रे उनके ही कॉलेज की एक टीचर जो बस में खड़ी थी, उसकी गांड पे गयी उसकी गांड मस्त चौड़ी और बाहर निकली हुई थी, साड़ी में मस्त लग रही थी. राहुल (मन में) वाओ निखिल सही कहता है औरतो की गांड लड़कियों से काफी मस्त होती है. राहुल उस टीचर की ही गांड को देख रहा था की उसका स्टॉप आया, राहुल बस से उतरा और अपनी ही सोच में डूबा घर की तरफ जाने लगा, जब वो घर पहुंचा तो उसने देखा उसके घर का दरवाजा खुला है, वो सीधा घर में घुस गया, राहुल को उसकी मम्मी संगीता कही नहीं दिखाई दे रही थी।
तभी वो किचन के तरफ बढ़ा, जब वो किचन के डोर पे पहुंचा तो उसने देखा उसकी मम्मी संगीता किचन में अपना काम कर रही है। उसकी नज़र संगीता की गांड पर गयी जो साड़ी में गज़ब लग रही थी। संगीता की गांड मस्त गोल मटोल और बाहर निकली हुई थी, राहुल के पैर वही जम गए और उसकी नज़रे संगीता की गांड से हट नहीं रही थी. तभी संगीता रैक के तरफ बढ़ी, संगीता की गांड चलते वक़्त मस्त हरकत कर रही थी। संगीता रैक के ऊपर से कुछ निकालने के लिए कूदने लगी। तभी राहुल ने ध्यान से देखा तो वो आटे का डिब्बा था। राहुल ने देखा संगीता के हाथ से आटे का डिब्बा गिरा जिससे सारा आटा संगीता के ऊपर गिर गया था। संगीता साड़ी पर से आटा साफ करने लगी, ये सब संगीता हलकी सी झुक कर कर रही थी, जिससे संगीता की गांड मस्त बाहर निकली हुई थी.
संगीता की साड़ी संगीता की गांड से पूरी चिपक गयी थी, जिससे संगीता की गांड के कटाव साफ दिख रहे थे. संगीता की लाजवाब गांड देख कर राहुल का मन डोल गया था। राहुल ने आज तक अपनी मम्मी को इतनी गन्दी नज़र से नहीं देखा था, उसके लंड में हलचल होने लगी थी। तभी संगीता अपना पल्लू अपने जिस्म से हटाते हुए राहुल के तरफ मुड़ी और अपने ब्लाउज और साड़ी से आटा साफ करने लगी। राहुल पहली बार अपनी मम्मी को ऐसे देख रहा था। संगीता के बूब्स ब्लाउज में कैद थे जो काफी बड़े बड़े थे। संगीता का पेट बहुत गोरा और सेक्सी था, जो मस्त चमक रहा था और संगीता की नाभि मस्त गहरी और बेहद सेक्सी थी। संगीता को इस हाल में देख कर राहुल का लंड खड़ा हो गया था. राहुल इमेजिन करने लगा कि उसने पीछे से जा कर संगीता को अपनी बाहों में भर लिया, जिससे उसका लंड सीधा संगीता की गांड की दरार में साड़ी के ऊपर से घुस गया। संगीता की एक मधुर सी सिसकारी निकल गयी और उसने संगीता को उठाते हुए घुमाया जिससे उसके लंड ने संगीता की गांड को अधिक फील किया। संगीता मुस्कुराते मुस्कुराते हुए बोली.
संगीता – आह!….क्या कर रहे हो राहुल? तुम्हारे पापा आ जायेंगे!
राहुल – आने दो मम्मी तुम्हारे मजे पापा के सामने ही लूट लूंगा.
राहुल अपना लंड संगीता की गांड पे मसल रहा था और साथ ही संगीता के गले को चूम रहा था, संगीता आहे भर रही थी तभी उससे अहसास हुआ कि वो जिसे इतनी गन्दी नज़र से देख रहा है वो उसकी मम्मी है। तभी राहुल को खुद पर गिलटी फील होने लगी। राहुल वहाँ से अपने रूम में चला गया, राहुल ने अपने रूम में जा कर कुछ देर आराम किया। शाम हो चुकी थी और वो नीचे हॉल में गया (राहुल और उसके मम्मी पापा का रूम फर्स्ट फ्लोर पे बना था, हॉल किचन और गेस्ट रूम नीचे थे)। राहुल ने देखा पापा ऑफिस से आ चुके थे और सोफे पे बैठ कर टीवी देख रहे थे, राहुल भी अपने पापा के साथ बैठ कर टीवी देखने लगा.
रमेश :बेटा तुम्हारी पढाई कैसे चल रही है?
राहुल: अच्छी चल रही है पापा!
रमेश: बेटा तुम्हे इस बार अच्छे परसेंटेज लाने है!
राहुल: जी पापा!
तभी संगीता किसी काम से किचन से बाहर आयी, राहुल संगीता के ब्लाउज में हिलते हुए बड़े बड़े बूब्स को ही देख रहा था। संगीता अपने रूम में चली गयी.
रमेश :तुम्हारे कॉलेज में कोई स्पोर्ट होते है कि नहीं?
राहुल: होते है न पापा अगले महीने में ही है!
रमेश : तुम सारे स्पोर्ट्स में हिस्सा लिया, करो ताकि उसका फायदा आगे चल कर हो।
राहुल :जी पापा.
तभी संगीता रूम से वापिस आयी और राहुल की नज़र संगीता की गांड पे गयी! संगीता की गांड मस्त हरकत कर रही थी संगीता की गांड जिस तरह स्विंग कर रही थी राहुल की नज़र नहीं हट रही थी। जब तक संगीता किचन में नही गयी, तब तक राहुल उसकी हिलती हुई गांड को देखता रहा. कुछ देर तक राहुल और रमेश टीवी देखते रहे रात के 8 बज रहे थे, संगीता ने डाइनिंग टेबल पे खाना लगाया, राहुल और रमेश खाना खाने डाइनिंग टेबल पे बैठे थे, संगीता खाना परोस रही थी। तभी राहुल की नज़र संगीता के ब्लाउज में गयी, संगीता के बूब्स के क्लीवेज राहुल को साफ दिख रहे थे। जो बहुत गोरे और मिल्की थे।
राहुल (मन में) वाह! मम्मी के बूब्स कितने बड़े और मिल्की है! मै ये क्या सोच रहा हूं, मै अपनी ही मम्मी को ऐसे कैसे देख सकता हूं!
संगीता :बेटा तुम्हे और चावल दू ?
राहुल :नहीं मम्मी बस हो गया।
संगीता :क्यों तुम्हारी तबियत तो ठीक है? इतना कम खाना खाया.
राहुल :अरे मम्मी मेरी तबियत ठीक है बस भूख कम लगी थी।
राहुल ने अपना खाना ख़तम किया और हाथ धो कर अपने बेड रूम में चला गया। राहुल को खुद पर बहुत गिलटी फील हो रहा था। राहुल सोच रहा था की वो अपनी ही मम्मी को इतनी गन्दी नज़रो से कैसे देख सकता है। राहुल (मन में) मम्मी मेरी कितनी केयर करती है और मै मम्मी को इतनी गन्दी नज़रो से देखता हूं इस साले निखिल ने मेरे दिमाग में अनाप शनाप बातें भर दी है. राहुल बेड पर लेट गया और अपना मन स्थिर करने की कोशिश करने लगा, कुछ देर बाद वो एक मीठी सी नींद के आगोश में चला गया..
कहानी जारी रहेगी… बाकी की कहानी अगले भाग मे।
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