मुझे आपका लंड चाहिए बाबूजी 2

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Sasur bahu chudai sex story hindi:- दोस्तों ससुर बहू की चुदाई कहानी के पहले पार्ट मे आप लोगों ने पढ़ा कि सुमन जोकि अपने पति से संतुष्ट नही है और एक दिन जब वह अपने पति से लड़ाई के बाद अपने ससुर से अपने मायके जाने कि बात बोलती है तो ससुर उसको समझाते है। ससुर किशोरीलाल के समझाने से सुमन को बहुत अच्छा लगता है और वह अपने ससुर की तरफ खिंची चली जाती है। धीरे धीरे वह अपने ससुर किशोरीलाल के करीब और करीब होती चली जाती है। यहाँ तक कि अब उनके बीच मे कुछ भी सीक्रेट नहीं था बस ये था कि उन दोनों ने अभी तक चुदाई नहीं कि थी। तो अब पढ़िये इस कहानी का अगला पार्ट। पिछला पार्ट अगर आपने नहीं पढ़ा है तो यहाँ पढ़िये => मुझे आपका लंड चाहिए बाबूजी भाग-1

Sasur bahu chudai sex story hindi

सुबह किशोरीलाल ने सुमन का दरवाज़ा सुबह सात बजे खुला पाया, उन्होनें बाहर से खटखटाया.

सुमन: आ जाईये बाबूजी..

किशोरीलाल अंदर गए तो महसूस किया की सुमन कप्बोर्ड के खुले दरवाज़े की आड़ में खड़ी होगी वह वहाँ तक गए और सुमन को सिर्फ चड्डी में देखके एकदम से चेहरा घुमा दिए.

किशोरीलाल: बहु कहना तो था तूने कुछ पहना नहीं है..

सुमन घूमी और किशोरीलाल को पीछे से अपनी बाहों में जकड के अपने गाल उनकी नंगी पीठ पे रख दी। किशोरीलाल सिर्फ अपने ट्रैक्स में थे.

सुमन: पहना तो है ऊपर का आप कल रात देख चुके थे अब यह मत कहिये के आपको मेरी चड्डी के आर पार दिखता है..

किशोरीलाल ने उसके हाथ अलग किये और पालते अपने हाथ उसकी कमर में रखते हुए.

किशोरीलाल: तुझसे मैं जीत नहीं पाऊंगा सुन मैं जा रहा हूँ कसरत करने, तुझे आना है तो आ जा! तेरी कमर का दर्द भी देख लेंगे..

सुमन ने उनके सीने पे अपना हाथ फिराया.

सुमन: ऐसे ही चलूँ.. चड्डी में..

किशोरीलाल: भाई जैसे तेरी मर्ज़ी.. मैं जाता हूँ..

किशोरीलाल वहाँ से चले गए, सुमन कुछ देर बाद जिम में दाखिल हुई, किशोरीलाल पुशअप्स कर रहे थे। सुमन ने अब ट्रैक्स और टैंक टॉप चढ़ा लिया था, किशोरीलाल उसे देख के रुक गए.

किशोरीलाल: चल अच्छा है तूने ढंग के एक्सरसाइज के कपडे तो पहन लिए…

सुमन थोड़ी उखड़ी उखड़ी सी थी.

सुमन: आपने दोस्त बना लिया पर दोस्त की मज़ाक बर्दाश्त नहीं कर सकते ना.. इसीलिए कपडे पहन लिए..

किशोरीलाल: अरे बाबा तेरा मज़ाक समझ भी लिया और तुझे पक्का दोस्त मान भी लिया.. सुमन झट्ट से उनके करीब आ गयी.

सुमन: तो उतार दूँ.. किशोरीलाल ने अपना सर पकड़ लिया, सुमन मुस्कुरा दी.

किशोरीलाल: चल बता तुझे दर्द है या चला गया..

सुमन: थोड़ा है बाबूजी पर कमर से नीचे उतर गया है, पर आपको बताउंगी तो आपको लगेगा मैं फिर से मज़ाक मस्ती कर रही हूँ, छोड़ दीजिये..

किशोरीलाल: अरे नहीं बहु मैं तुझे सीरियस लूँगा बस बता कहाँ नीचे उतरा है..

सुमन: बाबूजी रहने दीजिये न आप बात बात में बुरा मानते हैं, मैं हाथ से बता नहीं पाउंगी और ट्रैक नीचे किया तो आप कुछ और समझ बैठेंगे..

किशोरीलाल: नहीं कुछ और समझ बैठूंगा बता…

सुमन उनके सामने घूम गयी और पीछे हाथ ले जाके अपने ट्रैक के ऊपर से बताया, किशोरीलाल उसके हाथ को हटाके उसके निचली कमर यानी गांड के बीचों बीच अपनी एक ऊँगली दबायी.

किशोरीलाल: देख यहां है क्या..

सुमन: हां बाबूजी बस वहीँ…

किशोरीलाल: ठीक है कुछ ऐसी कसरत करते हैं जिससे तेरी मसल्स ढीली हो जाएंगी फिर दोपहर में मैं तेरी मालिश कर दूंगा…

Sasur bahu ki chudai sex story hindi

सुमन घूमी और हाँ में सर हिला दिया. किशोरीलाल ने रूम में पड़ी एक कुर्सी ली और सुमन को बैठने का इशारा किया। सुमन बैठी और किशोरीलाल उसके पैरों के पास बैठ गए। उसकी एक टांग उठायी और अपने काँधे तक ले गए। दूसरे हाथ से सुमन की दूसरी टांग नीचे दबायी, ताकि वह उठे नहीं, सुमन को उठाये हुए पैर में दर्द हुआ.

किशोरीलाल: उठा थोड़ा और, बहु पीठ में असर पड़ेगा..

किशोरीलाल के हाथ सुमन की जांघ पे थे सुमन को दर्द होने लगा.

सुमन: आआह बाबूजी दर्द हो रहा है बस कीजिये बाद में मालिश कर दीजिये..

किशोरीलाल ने उसका पैर नीचे छोड़ा.

किशोरीलाल: ठीक है पर कुछ फ्री हैंड स्ट्रेचिंग तो कर ले..

सुमन: इतना मुश्किल तो नहीं होगा ना..

किशोरीलाल: खड़े हो जा कल वाले एक्सरसाइज करते हैं..

मेरे सामने खड़ी खड़ी ही और अपने हाथ अपने सर के ऊपर उठा दे सीधे.. सुमन उनके सामने आ गयी और किशोरीलाल उसके पीछे, सुमन ने हाथ उठा दिए और किशोरीलाल पीछे से उससे सट गए.

किशोरीलाल: अब ऐसे बांये साइड दोनों हाथ और ऊपरी बदन धीरे धीरे कर दे.. अब दूसरी तरफ.. अब सीधी हो जा जैसे पहले थी हाथ ऊपर.. अब मेरे बदन पे अपना बदन ले आ पीछे दोनों हाथ भी पीछे की तरफ आने दे, मैं तेरी कमर को सहारा देता हूँ पीछे से..

सुमन ने वैसा ही किया, किशोरीलाल उसे अपने बदन पे ले रहे थे और दोनों पीछे की तरफ झुक रहे थे। किशोरीलाल उसकी कमर दोनों हाथों से पकडे थे.

किशोरीलाल: यह ठीक है के यह भी मुश्किल लग रहा है..

सुमन: यह अच्छा है बाबूजी पीछे से अच्छा लगता है..

किशोरीलाल समझे नहीं और सुमन को अफ़सोस हुआ के वह समझे नहीं, दोनों फिर से सीधे हुए और फिर पीछे की तरफ झुके. इस बार किशोरीलाल अपना हाथ नीचे उसकी गांड पे ले गए और दर्द वाली जगह को दबाया सुमन कराह उठी.

सुमन: आआह्ह्ह मर गयी बाबूजी..

किशोरीलाल: ज़रा बर्दाश्त कर बहु बाद में मालिश से ठीक हो जाएगा, अगर अब मसल्स ढीली हो गयी तो…

किशोरीलाल ने और दबाया और सुमन ने उनका बांया हाथ कस के पकड़ा और उनका बदन आगे से दबा दी अपने बदन से। किशोरीलाल और वह अब एक दूसरे के बदन को कस रहे थे, वह आगे से और किशोरीलाल पीछे से. कुछ सेकंड के बाद किशोरीलाल ने हाथ छोड़ा और सुमन घूम गयी और उनके बदन से चिपक के अपना चेहरा उनके सीने में रख दी, किशोरीलाल ने उसकी पीठ थपथपाई.

किशोरीलाल: कुछ फ़र्क़ लगा..

सुमन ने उनके सीने में ही सर हिला दिया.

किशोरीलाल: ठीक है अब बस कर नाश्ता लगा दे.. मैं स्नान करके आता हूँ..

सुमन वहाँ से चली गयी और आधे घंटे बाद किशोरीलाल नहाके हॉल में आये तो टेबल नाश्ते से सजा हुआ था। शॉर्ट्स और टी-शर्ट में आये वहाँ पे सुमन ने उन्हें परोसा.

किशोरीलाल: बहु कहीं घूम आ दोस्तों से मिल आ..

सुमन ने ना में सर हिला दिया. किशोरीलाल को लगा उसे गुस्सा तो नहीं आया.

किशोरीलाल: क्या हुआ बहु गुस्सा है क्या..

सुमन: बाबूजी मेरे कौनसे दोस्त है यहां दोस्त तो आप ही हैं आप ही दूर भेजना चाहतें हैं तो चली जाती हूँ..

किशोरीलाल ने इशारे से अपने पास बुलाया उसकी कलाई थामी और अपनी गोद में बिठाया। सुमन ख़ुशी ख़ुशी घुटनों के ऊपर तक की मैक्सी में बैठ गयी। किशोरीलाल ने उसके गाल पे हाथ फेरा.

किशोरीलाल: चल कहीं घूम आएं ससुर बहु दोनों..

सुमन ने मुस्कुरा के उनका गाल चूमा और अपना गाल आगे किया किशोरीलाल ने मुस्कुरा के उसका गाल चूमा.

सुमन: कोई अच्छी फिल्म लगी है बाबूजी..

किशोरीलाल: देखते हैं नहीं रही तो घूम ही लेंगे क्या इरादा है..

Sasur bahu chudai kahani hindi

दोनों तैयार हुए किशोरीलाल ने गाडी निकाली सुमन ने साडी पहनी हुई थी बहुत सुन्दर लग रही थी. गाडी निकली पास के सिनेमा हॉल के लिए रास्ता बातों में कट गया. सिनेमा हॉल पहुंचे.

किशोरीलाल: कौनसी निकालूँ बहु..

सुमन: बाबूजी बॉक्स की निकालिएगा..

किशोरीलाल: हाँ बहु बॉक्स की ही निकालूँगा कंजूसी नहीं करूंगा डर मत..

किशोरीलाल ने टिकट निकाली और बॉक्स में दोनों पहुंचे बॉक्स में अगल बगल दो बड़े सोफे होते हैं और कुछ नहीं. यानी चार लोग दो दो करके बैठ सकतें हैं काफी करीब में. दोनों एक सोफे पर बैठ गए फिल्म शुरू हुई और कुछ देर बाद दो और लोग आये एक जवान लड़का था और एक तीस पैंतीस साल की औरत उसके साथ, दोनों अच्छे घर के लगते थे। किशोरीलाल और सुमन ने दोनों को आते देखा और सोफे पे बैठे देखा. दोनों फुसफुसाते हुए बात करने लगे पर इतना था की सुमन और किशोरीलाल दोनों उनकी बातें सुन पा रहे थे.

लड़का: (फुसफुसाते हुए) भाभी यहां भी लोग है क्या करें..

औरत: अब मैं यहां से नहीं जाने वाली चार सिनेमा हॉल बदल चुके हैं अँधेरा है वह दोनों नहीं देखेंगे…

लड़का: लॉज में ही चल लेते!

भाभी.. औरत: हॉल गया भोसड़े में अब रहा नहीं जा रहा है सुरेश, बड़ा भाई गरम कर के रखता है और छोटे को लॉज में जाना है.. लंड निकाल मुझे चूसना है..

इतना सुनके सुमन ने किशोरीलाल के चेहरे पे देखा, वह भी उन दोनों की तरफ ही देख रहे थे, किशोरीलाल और सुमन दोनों मुस्कुराये. दोनों फुसफुसा के बात करने लगे दोनों की जाँघे चिपक गयी थी दोनों करीब में बैठके सट गए थे.

किशोरीलाल: बहु चल यहां से कहीं और चलते हैं..

सुमन: बाबूजी वह देवर भाभी भी घूम घूम के थक गए हैं अगर उनको हमसे तकलीफ नहीं हैं तो हमें क्या परेशानी। एक दाम में दो फिल्में दिख रही है…

किशोरीलाल: अब तो तू उन दोनों की फिल्म देखेगी..

सुमन: तो आप भी देखिये न बाबूजी फ़ोन पे कल आपकी फिल्म देखि आज इनकी..लाइव शो..

किशोरीलाल ने अपना हाथ माथे पे दे मारा सुमन ने किशोरीलाल का हाथ मीचा.

सुमन: बाबूजी इनके डायलाग सुनिए..

किशोरीलाल भी अब सुमन के साथ और सट गए.

सुरेश: आआह भाभी चूस बड़े दिन हो तेरी चूत के दर्शन लिए.. अपना ब्लाउज ढीला कर दे ज़रा..

लड़के की भाभी सोफे पे पेट के बल लेटकर उसके देवर का लंड चूस रही थी.

भाभी: तू हुक खोल दे पीछे..

ससुर बहू की चुदाई की सेक्स कहानी

लड़के ने हुक खोल दिया, भाभी ने अपना हाथ एक तरफ से अलग किया और किशोरीलाल और सुमन को अँधेरे में भी नज़र आ रहा था, कि एक चूचि भाभी की आज़ाद हो चुकी है, लड़के ने कस के दबा दिया.

किशोरीलाल: अब यह दोनों नंगे ही हो जाएंगे यहां..

सुमन: यह दोनों हो रहे हैं बाबूजी हम दोनों नहीं..

सुरेश: भाभी भैय्या तो कल रात भी चोदे थे तुझे खिड़की से देखा था, तो इतनी गरम क्यों है..

भाभी: बोला ना वह गरम करके छोड़ देता है चार पांच झटकों के बाद फुस्स… तेरे जैसे लम्बी रेस का घोडा नहीं है…

सुरेश: चूत चटवा के झड़वा लेती भैय्या से..

भाभी: क्यों आज मुझे चोदने का दिल नहीं है क्या रे..

सुरेश: भाभी रोज़ चुदवाती है फिर भी ऐसा बोलती है..

भाभी: तेरी गांड में दम है तो यहां नंगा करके चोद..

सुरेश: भाभी बगल के सोफे पे लोग बैठें हैं..

सुमन: (ज़ोर से कहती है दोनों से): ओह देवरजी ओह भाभीजी हमें कोई दिक्कत नहीं है अगर आप दोनों नंगे होके चोदना चाहो तो.. हम फिल्म देख रहे हैं..

किशोरीलाल( फुसफुसाते हुए): बहु यह कुछ ज़्यादा हो रहा है तुझसे यह उम्मीद नहीं थी..

सुमन: बाबूजी मुझे भी उमेश से बहुत उम्मीद थी, पर अपना न सही इन दोनों का भला हो जाए यह सोच रही हूँ और कुछ नहीं.. और उमेश से शादी करने का अफ़सोस है आपकी बहु बनने का नहीं, आप जैसा दोस्त किसी भी बहु को नहीं मिलता है बस आप मुझे दोस्त कहके भी दोस्त नहीं बना पाए..

किशोरीलाल ने उसकी आँखों को देखा दोनों की नज़रें बंध गयी थी, किशोरीलाल ने उसके गाल को हाथ लगाया.

किशोरीलाल: माफ़ कर दे मैंने तुझे गलत समझा आज से ही अपनी दोस्ती पक्की…

सुमन ने अपना चेहरा किशोरीलाल के सीने में दबा दिया. भाभी देवर दोनों नंगे हो रहे थे, किशोरीलाल और सुमन दोनों अँधेरे में उन्हें देखने लगे, भाभी देवर की गोद में बैठ गयी उसकी नज़रें किशोरीलाल और सुमन की नज़रों से मिली, देवर उसकी चूचियां चूस रहा था, भाभी उसकी चूत देवर के लंड पे घिस रही थी.

भाभी: आप दोनों कुछ नहीं करेंगे क्या भाई साहब..

किशोरीलाल: नहीं भाभी हम ठीक हैं..

भाभी: ठीक तो है इसीलिए कह रही हूँ हमें तो नंगे होने की इजाज़त दे दी, बॉक्स की कड़ी लगा देतें हैं आप अपनी पत्नी को चोदिए नंगे होके..

सुमन: हम अभी घर पे चोद के आएं हैं और खाना खाके हम दोनों फिर चुदाई करेंगे आप दोनों का प्रॉब्लम है आप चुदवाइए…

किशोरीलाल सुमन के गाल पे चूमती काट देता है, भाभी अब थोड़ा अपनी गांड उठाती है देवर चूत का निशाना लंड के सुपाड़े से बनाता है और किशोरीलाल और सुमन दोनों उसका लंड अपनी भाभी की चूत में गायब होते देखते हैं.

भाभी: आप लोग खुशकिस्मत हैं इसका बड़ा भाई आअह्ह्ह्ह मादरचोद धीरे, मेरा पति है पर साला अधूरा चोद देता है आप तो संतुष्ट लगती हैं भाभी, आपके पति बहुत खुश रखतें होंगे आपको..

सुमन किशोरीलाल के चेहरे पे देखके मुस्कुरायी.

सुमन: बहुत संतुष्ट रखतें हैं भाभी..

भाभी: हम थोड़ा झाड़ लेते हैं फिर बात करेंगे..

किशोरीलाल: झाड़िये मज़े से हम फिल्म देखते हैं..

सुमन ने किशोरीलाल का हाथ अपनी हथेली में ले लिया और अपना चेहरा उनके कंधे पे रख दिया.

सुमन: यह हुई न बात बाबूजी. इतना सीरियस होने की भी ज़रुरत नहीं है.. अगर आप चाहें तो कहीं खाने चलते हैं इन दोनों को लगे रहने दीजिये..

किशोरीलाल: पक्का तुझे और देखना नहीं है दोनों फिल्म..

सुमन: एक देख ली दूसरी तो कल भी आ सकतें हैं चलिए..

ससुर ने बहू जवान बहू को पेला

दोनों एक दूसरे का हाथ पकड़ के बाहर आये किशोरीलाल ने उसका हाथ छोड़के सुमन के कंधे पे रख दिया, सुमन ने अपनी हथेली उनके सीने पे रख दी और दोनों कार पार्किंग पे आये. खाना खाके दो बजे दोनों घर पहुंचे. ज़्यादा बात नहीं हुई दोनों के बीच में काफी चुप चुप से थे दोनों. घर में अंदर आकर किशोरीलाल ने दरवाज़ा बंद किया। सुमन ने पीछे से उन्हें गले लगाया, किशोरीलाल ने उसके हाथ छुडाके घूमके उसे अपने सीने से लगाया.

सुमन: थैंक यू बाबूजी इन शादी के दो सालों में आज बहुत मज़ा आया, आज़ादी सी महसूस हुई एक दोस्त का साथ महसूस हुआ..

किशोरीलाल: मुझे भी बहु जा आराम कर ले अब..

सुमन: आप मालिश करने वाले थे न मेरी.. अगर थक गए है तो..

किशोरीलाल: अरे ध्यान से उतर गया मेरे जा तू फ्रेश हो जा मैं अपने कमरे से तेल लाता हूँ और फ्रेश होके भी आता हूँ…

दोनों अपने अपने कमरे में चले गए. कुछ देर बाद किशोरीलाल शॉर्ट्स पहनके सुमन के कमरे में आये, सुमन वाशरूम से निकल रही थी चड्डी में, किशोरीलाल ने सर हिला दिया पर पलटे नहीं, सुमन उनके पास आयी.

सुमन: आपको पता है न दर्द उतरा है, ट्रैक्स में कैसे कर पाते मालिश बाबूजी..

किशोरीलाल: हाँ तेरी बात भी सही है या तो मालिश करके दर्द मिटाओ या तो शर्म करके दर्द पालो..

सुमन: अच्छा हुआ आप भी शॉर्ट्स में ही आ गए बाबूजी कल आपका टी-शर्ट चिपचिपा हुआ था ना..

दोनों बिस्तर की तरफ चले सुमन ऊपर चढ़ी और बैठ गयी किशोरीलाल की शॉर्ट्स में उभार आ गया. सुमन ने देखा. किशोरीलाल उसकी चूचियां और नंगी जांघें दोनों देख रहा था. सुमन पेट के बल लेट गयी और किशोरीलाल तेल की शीशी लेके उसकी जाँघों पे चढ़ गया। उसने तेल की शीशी खोली सुमन थोड़ा पलटी.

सुमन: बाबूजी जितना चाहिए चड्डी नीचे कीजिये दर्द और नीचे न उतर जाए..

किशोरीलाल: हाँ बहु आज इसका इलाज कर ही देतें हैं पीठ का दर्द अच्छा नहीं होता…

किशोरीलाल ने दांये तरफ से सुमन की चड्डी नीचे की सुमन की अधोई गोरी गांड उनके नज़रों के सामने थी। उन्होनें तेल अपनी एक हथेली पे लिया और सुमन की गांड पे डाल दिया और कस के रगड़ने लगे। सुमन अपने हाथों की कवियों पे टेका लेके ऊपर हो गयी.

सुमन: आआअह्ह्ह बाबूजी वही दर्द है आअह्ह्ह्ह…

किशोरीलाल: बोलती जा अगर फैलने लगे तो…

सुमन: हाँ बाबूजी बताउंगी…बाबूजी एक बात पूछूं..

किशोरीलाल: अब क्या तुझे इजाज़त लेनी पड़ेगी मुझसे..

सुमन: बाबूजी वह देवर भाभी कब तक ऐसा करेंगे किसी न किसी दिन तो पकडे भी जा सकतें हैं…

किशोरीलाल का हाथ धीरे धीरे जाने अनजाने में सुमन की गांड की दरार में भी घुस रहा था पर दोनों वह सीमा पार कर चुके थे.

किशोरीलाल: बहु जब तक चलता है चलाएंगे फिर देवर की पत्नी आएगी चीज़ें बदलेंगी.. सुमन: थोड़ा नीचे बाबूजी.. किशोरीलाल: ठीक है.. किशोरीलाल ने उसकी चड्डी और नीचे की अब तकरीबन पूरी एक तरफ की गांड उनके सामने थी दरार के साथ.

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सुमन: बाबूजी क्या वह दोनों घर पे भी चोदते होंगे…

किशोरीलाल चोदना शब्द सुनके चुप रहे हॉल में भी सुमन के मुँह से सुने थे पर अब दोनों अकेले थे.

सुमन: क्या हुआ बाबूजी..

किशोरीलाल: चोदते होंगे बहु पर घर में और भी लोग होते होंगे पकडे जाने का डर होता होगा..

सुमन: पर देवर तो खुदकी शादी के बाद भी उसकी भाभी को चोद सकता है न..

शोरीलाल: शायद चोदेगा भी और शायद उसकी बीवी उसके भाई के साथ चुदेगी..

सुमन: पर भाभी ने तो कहा उसका पति सही नहीं चोदता उसे..

किशोरीलाल: पर उसने यह भी तो नहीं कहा के वह चोदता नहीं है रोज़..

सुमन: हाँ उसने यह भी नहीं कहा के उसका लंड…

सुमन यह कहके अपना चेहरा तकिये में छुपा दी, किशोरीलाल कुछ सेकंड चुप रहे.

किशोरीलाल: के उसका लंड छोटा है या बड़ा..

सुमन ने धीरे से पीछे देखा किशोरीलाल और उसकी नज़रे मिली, सुमन ने हाँ में सर हिलाया. किशोरीलाल ने कसके उसकी गांड दबायी.

सुमन: हाँ उसने यह नहीं कहा बाबूजी शायद दोनों भाई के लंड बराबर हो बस..

किशोरीलाल: बड़ा भाई थक के आता होगा इसीलिए ज़्यादा टिकता नहीं है..

सुमन: शादी के बाद दोनों अदला बदली करके एक ही कमरे में एक दूसरे की पत्नी को चोद सकतें हैं न बाबूजी…

अब किशोरीलाल का हाथ दरार में बार बार घुस रहा था, उसने दूसरी तरफ की भी चड्डी थोड़ी उतार दी और और तेल लिया.

किशोरीलाल: अगर ऐसा हो जाए तो चारों का भला होगा उस घर में कोई असंतुष्ट नहीं सोयेगा.. सुमन थोड़ा उठी.

सुमन: बाबूजी एक मिनट.

किशोरीलाल उठे उसकी जांघ पे से और साइड में बैठ गए सुमन बिस्तर पे बैठी और अपनी चड्डी उतार दी और उनकी तरफ देखि.

सुमन: तेल के दाग बाद में निकलेंगे नहीं बाबूजी.. अब आराम से लगाईये मेरी पूरी गांड पे..

यह कहके वह फिर से पेट के बल लेट गयी किशोरीलाल उसकी जांघ पे फिर से चढ़ गए. दोनों हाथों में तेल लेके अब दोनों तरफ बेझिझक दबाने लगे। उंगलियां दरार में फिसलने लगी और चिकनी बिना झांटों वाली चूत से टकराने लगी. किशोरीलाल पूरी तरह से तन चुके थे और पतली शॉर्ट्स में तम्बू बन्न गया था.

सुमन: बाबूजी ज़रा पीठ तक मालिश कीजिये ना अब बदन टूटने लगा है..

किशोरीलाल: ठीक है खूब सेवा करवा ले अपने ससुर से..

सुमन: बाबूजी सेवा करवाउंगी और आपकी सेवा करुँगी भी..

किशोरीलाल: तो क्या अब मेरी मालिश करेगी तू..

सुमन: क्यों नहीं बाबूजी मगर आपने अभी तक पूरे बदन को तेल लगाया कहाँ है..

किशोरीलाल: तेरी गांड की कर ली दर्द भी गया होगा अब बता कहाँ करू…

सुमन फिर थोड़ा उठी किशोरीलाल भी उठके साइड में हो गया. सुमन नंगी चित उनके सामने लेट गयी.

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सुमन: अब कीजिये.. बहुत हो गया गांड और पीठ की मालिश अब असली माल की मालिश कीजिये बाबूजी रगड़ रगड़ के ताकि पूरा बदन ढीला हो जाए..

सुमन के घुटने आधे मुड़े हुए थे, किशोरीलाल ने उसके एक घुटने पे हाथ रखा और नीचे किया दोनों टांगें अब फैल चुकी थी और चिकनी चूत साफ़ नज़र आ रही थी.

किशोरीलाल: तेरा पति अगर आ गया और देख लिया के मैं उसकी पत्नी के बदन की नंगी मालिश कर रहा हूँ तो क्या सोचेगा..

सुमन बिस्तर पे उठके बैठ गयी किशोरीलाल के तम्बू को देखते हुए.

सुमन: और अगर आपके बेटे ने देखा के उसकी नंगी पत्नी को देखके उसके बाप का लंड तन गया है तो..

किशोरीलाल: अब बाप का लंड तनेगा ही न अपनी नंगी बहु देखके…

सुमन ने किशोरीलाल के लंड को शॉर्ट्स के ऊपर से मुट्ठी में भर ली.

सुमन: और मेरे पति ने देख लिया के उसके बाप का लंड उससे कई ज़्यादा बड़ा है तो..

किशोरीलाल: उमेश का लंड मेरे से छोटा है क्या बहु..

सुमन ने शॉर्ट्स को सामने से नीचे करके किशोरीलाल के लंड को आज़ाद किया और उनकी गोटियां अपनी हथेली में भर दी.

सुमन: लंड तो बड़ा है ही उसके बाप की गोटियां भी उसकी गोटियों से बड़ी हैं..

किशोरीलाल ने अपनी चड्डी उतार दी सुमन उनके लंड को मुट्ठी में भर ली थी, किशोरीलाल उसकी बगल में बैठे और उसकी चूत पे हाथ फेर दिया.

किशोरीलाल: कितना छोटा है उसका लंड मेरे से..

सुमन: अब छोड़िये न बाबूजी बस इतना सुन लीजिये के जब मेरी बुर में घुसता है तो दम छोड़ देता है…

किशोरीलाल उसकी चूत के होंठों में एक ऊँगली फिराने लगा और दूसरे हाथ से एक चूचि कस लिया। सुमन किशोरीलाल के लंड और गोटियों को बारी बारी मुट्ठी में भर रही थी. किशोरीलाल ने करीब जाके उसका माथा चूमा.

किशोरीलाल: हरामी है साला इतनी अच्छी बहु को छोड़ के दूर गया है और आज मालूम पड़ा तेरे मुँह से सच..

सुमन: अपनी बात करते हैं बाबूजी उसकी छोड़िये आईये मैं आपकी और आप मेरी मालिश कर दीजिये..

किशोरीलाल: तेल ले ले..

सुमन ने किशोरीलाल से तेल अपने दोनों मुट्ठी में भर लिया और किशोरीलाल ने अपनी हथेलियों में तेल भर दिया सुमन उनके सामने घुटने मोड़ के बैठ गयी और किशोरीलाल भी, सुमन ने एक हाथ से किशोरीलाल के सीने पे तेल लगाया और दूसरे से उनके लंड और गोटियों पे किशोरीलाल ने अपने एक हाथ का तेल उसकी दोनों चूचियों पे लगाया और दुरी का उसकी चूत पे मल दिया. सुमन उसका लंड मुट्ठियाने लगी और किशोरीलाल उसकी चूत को अपनी मुट्ठी से दबाने लगा.

किशोरीलाल: अब पीठ का दर्द चला गया होगा..

सुमन मुस्कुरायी.

सुमन: वह तो कब का गया बाबूजी..

किशोरीलाल: झांटें कब साफ़ की बहु तू ने..

सुमन: आज सुबह बाबूजी आपको चिकनी बुर अच्छी लगती है..

किशोरीलाल: हाँ बहु चूत चिकनी हो तो मज़ा आता है अगली बार मैं तेरी झांटें खुद साफ़ कर दिया करूँगा..

Sasur bahu ki chudai ki kahani

सुमन मुस्कुरायी और अपने घुटनों के बल आ गयी, उनके सामने अब दोनों टांगें उनके कमर के दांये बांये रखके उनकी गोद में बैठ गयी। किशोरीलाल उसकी एक निप्पल मुँह में ले लिया और दोनों हाथों से उसकी गांड पकड़ लिया. सुमन ने उनका चेहरा ऊपर किया और उनके होंठों को किश किया दोनों फ्रेंच किश में उलझ गए. सुमन अपने चूत के होंठ उनके तने हुए लंड के सुपाड़ी से रगड़ रही थी. किशोरीलाल के होंठों से अलग होकर उसने किशोरीलाल को चित लिटा दिया और आँखें बंद करके ज़ोर ज़ोर से अपनी चूत के दाने को किशोरीलाल के लंड से रगड़ने लगी. उसकी कमर थरथराने लगी, सर एक तरफ से दूसरी तरफ होने लगा और वासना के तूफ़ान में वह झूलने लगी। किशोरीलाल उसके चेहरे और बंद आँखों को देख रहा था उसने उसके दोनों निप्पल अपनी दो उँगलियों के बीच दबा दिए और उसे और मज़ा दिया। सुमन अब अपनी मंज़िल के करीब थी रगड़ रही थी और झूल रही थी. कुछ सेकंड के बाद उसकी कमर टाइट हो गयी और ऊपरी हिस्सा नागिन की तरह हिलने लगा, बाल उड़ने लगे, उसके सर के हिलने की वजह से और सुमन एक दम से पीछे बिस्तर पे गिर गयी. बदन ने दो बार झटके लिए और वह शांत पड़ गयी, आँखें बंद रही और किशोरीलाल धीरे से उठे और उसे देखे. सुमन का बदन ढीला हो चुका था.

किशोरीलाल बिस्तर पे पड़ी चादर को उठाये और सुमन के नंगे बदन पे रखकर वहाँ से चले गए. सुमन का न बात करने जैसी हालत थी न उठने की. दो साल बाद उसे वह तृप्ति मिली थी जिसका उसे भी अंदाजा नहीं था. उसकी आँख लग गयी. शाम को करीब सात बजे किशोरीलाल बरामदे में अपनी शॉर्ट्स में बैठे अपनी ड्रिंक ले रहे थे, हाथ में फ़ोन था और पैर लम्बे करके आराम से कुर्सी पे शाम की ठंडक का मज़ा लिया जा रहा था. सुमन बाहर आयी हाथों में पकोड़े की प्लेट थी और बाल गीले और खुले हुए थे. उसने किशोरीलाल के बगल के टेबल पे रख दिया किशोरीलाल और उसकी नज़रें मिली और दोनों मुस्कुराये. सुमन भी पतली सी शॉर्ट्स में थी और टैंक टॉप पहना हुआ था जिस में से उसकी निप्पल साफ़ नज़र आ रही थी.

किशोरीलाल: अच्छी नींद मिली?

सुमन: अच्छी और चैन की बाबूजी पकोड़े लीजिये..

वह किशोरीलाल के मुँह में एक पकोड़ा डालके सीधे उनकी गोद में आ बैठी। किशोरीलाल ने उसकी पीठ पे हाथ रखा और सुमन ने अपना चेहरा उनके सीने में रख दिया.

सुमन: थैंक यू बाबूजी.. और सॉरी के मैं इतनी देर तक सो गयी..

किशोरीलाल: इसमें न थैंक यू की ज़रुरत है न सॉरी की जो उस बेवक़ूफ़ को करना था तुझे मिल गया..

सुमन: मिला नहीं आपने दिया..

किशोरीलाल: मैंने क्या दिया..

सुमन: आपका साथ..

किशोरीलाल: ले तू भी खा..

किशोरीलाल ने उसके मुँह में एक पकोड़ा रख दिया, सुमन ने अपने होंठों में पकड़ के किशोरीलाल के होंठों के पास ले गयी उन्हें भी शरारत सूझी थी उन्होनें भी अपने होंठों से वह पकोड़ा पकड़ लिया दोनों के होंठ मिले और पकोड़ा गायब हो गया पर होंठ अलग नहीं हुए. सुमन के हाथ उनके कंधे पे थे किशोरीलाल ने अपना हाथ उसके टैंक टॉप में डालके उसकी एक चूचि पकड़ ली और उसे सहलाने लगे, कुछ देर बाद उनके होंठ अलग हुए, किशोरीलाल का एक हाथ चूचि पे ही था.

किशोरीलाल: कमर का दर्द कैसा है.. सुमन मुस्कुरा दी.

सुमन: नहीं है..पर रात तक आ जाएगा..

किशोरीलाल ने उसकी चूचि दबा दी और मुस्कुरा दिए उसकी बात पे.

किशोरीलाल: मतलब आज रात को फिर मालिश करवाएगी तू..

सुमन ने हाँ में सर हिला दिया और अपनी टांगें उनके कमर के दांये बांये फैला दी और अपनी टैंक टॉप उतार दी.

सुमन: अब तो रोज़ मालिश होगी बाबूजी दोपहर में और रात में भी…

किशोरीलाल ने उसकी दोनों चूचि पकड़ ली और उसे अपने बदन पे चिपका दिया.

किशोरीलाल: वह साला कितना बेवक़ूफ़ है इतनी गरम पत्नी मिली है और वह विदेश में बैठा है चूतिया साला..

सुमन: पर ससुर भी तो गरम मिला है मुझे…

किशोरीलाल: ससुर अपनी ज़िन्दगी काट रहा था कि तूने गरम कर दिया.. अब रामवती जल्दी आये तो कुछ..

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इतने में फ़ोन बजा सुमन का उसने अपनी शॉर्ट्स में रखा था, उसने जवाब दिया, किशोरीलाल बैठे बैठे उसकी निप्पल को मीस रहे थे। सुमन नीचे अपनी गांड से उनका लंड रगड़ रही थी.

सुमन(फ़ोन पे): ठीक है रामवती कोई बात नहीं मैं संभाल लूंगी सब, तुम अपना काम खत्म करके ही आना..

किशोरीलाल उसकी बात सुन रहे थे, सुमन फ़ोन काट के मुसकुराई. सुमन: अब आपका वह सहारा भी गया रामवती को कुछ काम है तीन चार दिन के बाद आएगी..

किशोरीलाल: और तू ने हाँ कह दिया..

सुमन: अगर ज़बरदस्ती आप बुला भी देते तो क्या उसका मन लगता चुदाई में आपके साथ, उसका ध्यान तो कहीं और होता इसीलिए हाँ कह दिया..

किशोरीलाल ने लम्बी आह भरी और चुप रहे सुमन ने एक और पकोड़ा उनके मुँह में डाल दिया उनका गिलास खाली था.

किशोरीलाल: उठ जा मैं एक और ड्रिंक पी लेता हूँ इस गम में…

सुमन साइड में हो गयी और अपना टॉप पहन लिया। किशोरीलाल उठते उठते रुक गए.

किशोरीलाल: अरे यह क्यों एक दम से पहन लिया रहने दे न… नाराज़ हो गयी मेरी बात से.. सुमन ने फिर से निकाल दिया और ना में सर हिलाया.

सुमन: नहीं बाबूजी मैं आपसे नाराज़ हो ही नहीं सकती.. आप ड्रिंक बनाईये आपका..

किशोरीलाल: तू भी ले एक और चल हॉल में बैठते हैं साथ में, तुझे मेरी और तेरी सास के वीडियो देखना है एक अलग चीज़ है.. सुमन झट्ट से उनके करीब सरक गयी.

सुमन: कौनसी है बाबूजी दिखाईये न प्लीज.. हाँ और वह ड्रिंक भी दीजिये..

किशोरीलाल: चल तू अंदर चल और टीवी और डीवीडी प्लेयर ऑन कर मैं वह ख़ास सीडी लेके आता हूँ कमरे से..

सुमन: आप लाईये मैं ड्रिंक बना देती हूँ और सब तैयार रखती हूँ हॉल में..

किशोरीलाल अंदर गए सुमन ने सब तैयारी कर दी हॉल में कुछ सेकंड बाद किशोरीलाल वह सीडी लेके आये.

तो दोस्तों आपको ये कहानी कैसी लग रही है? पढ़ने मे मज़ा आ रहा है या नहीं कमेंट मे ज़रूर बताएं। आगे कि कहानी अगले भाग मे॥

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